बारहमासा – Maharashtra Board Class 9 Solutions for हिन्दी लोकभारती
AlgebraGeometryScience and TechnologyHindi
लघु उत्तरीय प्रश्न
Solution 1:
बारहमासा कविता में कवयित्री कीर्ति चौधरी ने बारह महीनों की ऋतुओं का सरल-सुंदर भाषा में यथार्थ वर्णन किया है।
चैत्र महीने में चारों ओर फूल खिल जाते हैं। बैशाख महीने में धरती तपने लगती है तथा गर्म हवा के झोंके आते है।
आषाढ़ महीने में रिमझिम-रिमझिम बरसात आती है। सावन महीने में बरसात से पेड़ -पौधे हरेभरे हो जाते है।
भादो महीने में बरसात अपने पूरे जोश में रहती है। नदी-नाले जल से भर जाते हैं। क्वार में काँस के फूल खिलते हैं। कार्तिक महीने में खेत ज्वार, बाजरे आदि फसल से लहलहाने लगते हैं।
अगहन महीने में गन्ने की फसल पक जाती है। गन्ने की मिठास जीवन में भर जाती है। पूस महीने में ठंड बढ़ जाती है। कहीं-कहीं बर्फ़ पड़ने लगती है।
माघ महीने में सरसों के फूल खिल जाते है, जिसे देख मन प्रसन्न हो जाता है। फागुन महीने में आम के पेड़ बौर से लद जाते हैं। बाग महकने लगते हैं।
Solution 2:
बारहमासा कविता में कवयित्री कीर्ति चौधरी ने बारह महीनों की ऋतुओं का सरल-सुंदर भाषा में यथार्थ वर्णन किया है।
आषाढ़ महीने में रिमझिम-रिमझिम बरसात आती है। यह महीना खुशियाँ लेकर आता है। सावन महीने में बरसात से पेड़ -पौधे हरेभरे हो जाते है। शीतल-मंद हवाएँ चलती हैं।
Solution 3:
बारहमासा कविता में कवयित्री कीर्ति चौधरी ने बारह महीनों की ऋतुओं का सरल-सुंदर भाषा में यथार्थ वर्णन किया है।
माघ महीने में सरसों के फूल खिल जाते है, जिसे देख मन प्रसन्न हो जाता है। फागुन महीने में आम के पेड़ बौर से लद जाते हैं। बाग महकने लगते हैं। प्रकृति की शोभा मनोहर हो जाती है।
Solution 4:
भारतवर्ष में कुल बारह महीने होते हैं :
चैत्र, बैशाख, जेठ(ज्येष्ठ), आषाढ़, सावन, भादों, क्वार(आश्विन), कार्तिक, अगहन (मार्गशीर्ष), पूस (पौष), माघ, फागुन (फाल्गुन)।
Solution 5:
बारहमासा कविता में कवयित्री कीर्ति चौधरी ने बारह महीनों की ऋतुओं का सरल-सुंदर भाषा में यथार्थ वर्णन किया है।
इस कविता में कवयित्री ने भारत देश की मुख्य तीन ऋतुओं, उसके विभाजन तथा उसमें होनेवाले मौसमानुसार बदलाव को दर्शाया है। जैसे –
चैत्र महीने में चारों ओर फूल खिल जाते हैं। बैशाख महीने में धरती तपने लगती है तथा गर्म हवा के झोंके आते है। अषाढ़ महीने में रिमझिम-रिमझिम बरसात आती है। सावन महीने में बरसात से पेड़-पौधे हरेभरे हो जाते है। भादो महीने में बरसात अपने पूरे जोश में रहती है। नदी-नाले जल से भर जाते हैं। क्वार में काँस के फूल खिलते हैं। कार्तिक महीने में खेत ज्वार, बाजरे आदि फसल से लहलहाने लगते हैं। अगहन महीने में गन्ने की फसल पक जाती है। गन्ने की मिठास जीवन में भर जाती है। पूस महीने में ठंड बढ़ जाती है। कहीं-कहीं बर्फ़ पड़ने लगती है। माघ महीने में सरसों के फूल खिल जाते है, जिसे देख मन प्रसन्न हो जाता है। फागुन महीने में आम के पेड़ बौर से लद जाते हैं। बाग महकने लगते हैं।
हेतुलक्ष्यी प्रश्न
Solution 1:
- चैत वर्षा की रिम -झिम बूँदे लेकर आता है।(x)
- पूस का महीना गर्मी लेकर आता है।(x)
- फागुन आम की बौर लेकर आता है।(√)
- अगहन गन्ना और घान लेकर आता है।(√)