CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 2
Board | CBSE |
Class | 10 |
Subject | Social Science |
Sample Paper Set | Paper 2 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
- प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
- प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
- प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
- प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
- पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।
प्र० 1.
‘हिन्द स्वराज’ पुस्तक के लेखक का नाम लिखिए। 1
प्र० 2.
लेटराइट मृदा भारत के किन-किन क्षेत्रों में पाई जाती है? 1
प्र० 3.
भारत के किसी एक राजनीतिक दल का नाम लिखिए जिसका जन्म आंदोलन से हुआ हो। 1
प्र० 4.
लोकतंत्र के अर्थ को स्पष्ट कीजिए। 1
प्र० 5.
“यह आवश्यक नहीं की जेब में रखा रुपया वे सब वस्तुएँ एवं सेवाएँ खरीद सके, जिनकी आपको एक बेहतर जीवन के लिए आवश्यकता हो सकती है। ऐसी दो आवश्यकताएँ बताइए जो रुपयों से खरीदी नहीं जा सकतीं। 1
प्र० 6.
केरल में शिशु मृत्यु दर कम होने के कारण बताइए।
प्र० 7.
पैकेटों पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य आपके लिए किस प्रकार लाभकारी है? 1
प्र० 8.
‘कॉर्न लॉ’ क्या था? उसे क्यों समाप्त किया गया? उसकी समाप्ति के क्या परिणाम हुए? 3
अथवा
“खाद्य पदार्थों ने दूर देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया।” इस कथन को तीन उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
आदि-औद्योगीकरण ने किसानों और दस्तकारों को किस प्रकार लाभान्वित किया? 3
प्र० 9.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने किन-किन तीन स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया? (1 x 3 = 3)
प्र० 10.
संसार भर में पुस्तकों की बढ़ती हुई माँग को पूरा करने के लिए अपनाए गए किन्हीं तीन उपायों की व्याख्या कीजिए। (1 x 3 = 3)
अथवा
चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यासों में दर्शाए गए 19वीं सदी के यूरोप के शहरी जीवन का वर्णन कीजिए। 3
प्र० 11.
1919 में प्रस्तावित रॉलट एक्ट के खिलाफ गाँधीजी ने राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला क्यों लिया? कोई तीन कारण स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 12.
जीन क्रांति किसे कहते हैं? कार्बनिक कृषि का आज अधिक प्रचलन क्यों है? दो कारण दीजिए। (1 + 2 = 3)
प्र० 13.
हमारे जीवन को समृद्ध तथा आरामदायक बनाने में परिवहन एवं संचार के साधनों की भूमिका की उदाहरण सहित परख कीजिए। 3
अथवा
भारत में दुर्ग-बस्तर-चंद्रपुर लौह-अयस्क पेटी की किन्हीं तीन विशेषताओं का वर्णन कीजिए। (3 x 1 = 3)
प्र० 14.
भारत में बहुदलीय व्यवस्था ने प्रजातंत्र को किस प्रकार मज़बूत किया है? स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 15.
लोकतांत्रिक व्यवस्था से किन मूल्यों के आधार पर यह उम्मीद करना उचित है कि वह सद्भावपूर्ण सामाजिक जीवन उपलब्ध कराएगी? स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 16.
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए। 3
प्र० 17.
भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्वीकरण के प्रभाव की भूमिका की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए। 3
प्र० 18.
उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम (कोपरा), 1986 के अंतर्गत उपभोक्ता विवादों के निपटारे के लिए त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र के महत्त्व का विश्लेषण कीजिए। 3
प्र० 19.
“राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 में ‘फ्रांसीसी क्रांति’ के साथ हुई।” कथन की परख कीजिए। 5
अथवा
उन कारणों की परख कीजिए जिन्होंने अमेरिका को वियतनाम के विरुद्ध युद्ध से हटने के लिए मजबूर किया। 5
प्र० 20.
सामान्यतः खनिजों को किन दो वर्गों में बांटा गया है? प्रत्येक वर्ग के खनिजों की तीन-तीन विशेषताएँ दीजिए। (2 + 3 = 5)
प्र० 21.
भारतीय अर्थव्यवस्था में रसायन उद्योगों की भूमिका को विश्लेषण कीजिए। 5
प्र० 22.
“कानून बनाकर राजनीति को सुधारना अति कठिन है।” कथन का मूल्यांकन कीजिए। 5
प्र० 23.
लोकतांत्रिक की किन्हीं पाँच विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 5
प्र० 24.
उदारीकरण किसे कहते हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के किन्हीं चार प्रभावों का वर्णन कीजिए। (1 + 4 = 5)
प्र० 25.
संगठित और अंसगठित क्षेत्रकों की रोज़गार परिस्थितियों की तुलना कीजिए। 5
प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ था। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरूआत हुई थी। 1
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर
पहचानिए :
(c) से अंकित किया गया एक प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) तापीय ऊर्जा संयंत्र : रामागुंडम
(ii) सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क : मोहाली (1 + 1 = 2)
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस शहर का नाम लिखिए जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ था।
(b) उसे स्थान का नाम लिखिए जहाँ नील उगाने वाले किसानों का आंदोलन हुआ था।
(c) राष्ट्रीय राजमार्ग 7 (N.H. 7) के उत्तरी स्टेशन का नाम लिखिए।
(d) कैगो आणविक संयंत्र किस राज्य में स्थित है?
(e) दुर्गापुर लोहा और इस्पात संयंत्र कहाँ पर स्थित है?
Answers
उत्तर 1.
महात्मा गाँधी।
उत्तर 2.
लेटराइट मृदा भारत के पश्चिमी तटीय प्रदेशों, प्रायद्वीपीय पठार के पूर्वी भागों तथा मेघालय में पाई जाती है।
उत्तर 3.
आम आदमी पार्टी (AAP)।
उत्तर 4.
ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें देश का शासन जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाता है तथा जो जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
उत्तर 5.
प्रदूषण रहित वातावरण एवं बिना मिलावट वाले खाद्य-पदार्थ।
उत्तर 6.
केरल में शिशु मृत्यु दर कम है क्योंकि वहाँ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर एवं पर्याप्त हैं।
उत्तर 7.
अधिकतम खुदरा मूल्य उत्पाद के अधिकतम मूल्य को दर्शाता है। उपभोक्ता के लिए यह लाभकारी है क्योंकि यदि कोई विक्रेता छपे मूल्य से अधिक कीमत पर वस्तु को बेचे तो उपभोक्ता इस पर आपत्ति जता सकता है।
उत्तर 8.
18वीं शताब्दी के अंतिम दशक में ब्रिटेन की आबादी तेजी से बढ़ने लगी। इससे देश में भोजन की मांग भी बढ़ने लगी। सरकार ने बड़े भूस्वामियों के दबाव में कानून पास करके मक्के के आयात पर रोक लगा दी। जिस कानून की सहायता से मक्के के आयात पर रोक लगाई थी, उसे ही ‘कॉर्न-लॉ’ कहा जाता था। कॉर्न-लॉ की समाप्ति तथा उसके परिणाम-खाद्य पदार्थों की ऊँची कीमतों से परेशान उद्योगपतियों और शहरी नागरिकों ने सरकार को इस कानून को तुरंत वापिस लेने के लिए बाध्य कर दिया। कॉर्न-लॉ के निरस्त होने का परिणाम यह हुआ कि अब बहुत कम कीमत पर खाद्य पदार्थों का आयात किया जाने लगा। आयातित खाद्य पदार्थों की लागत ब्रिटेन में पैदा होने वाले खाद्य पदार्थों से भी कम थी। फलस्वरूप ब्रिटिश किसानों की स्थिति दयनीय हो गई क्योंकि वे आयातित माल की कीमत का मुकाबला नहीं कर सकते थे। विशाल भू-भागों पर खेती बंद हो गई। हजारों लोग बेरोजगार हो गए तथा गाँवों से उजड़ कर वे या तो शहरों या दूसरे देशों में जाने लगे।
अथवा
आधुनिक युग से पहले खाद्य पदार्थ दूर देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम बन गए थे :
- जब भी व्यापारी और मुसाफिर किसी नए देश में जाते थे तब वे वहाँ नई फ़सलों के बीज बो देते थे।
- आलू, सोयाबीन, मूंगफली, मिर्च, टमाटर, शकरकंद, मक्का और ऐसे बहुत-से पदार्थ लगभग पाँच सौ वर्ष पहले नहीं थे। यह खाद्य पदार्थ यूरोप और एशिया में तब आए जब कोलंबस गलती से अमेरिका महाद्वीप
पहुँच गया था। बहुत-से खाद्य पदार्थ अमेरिका से हमारे पास आए। - स्पेघेटी (Spaghetti) और नूडल्स की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण रही। चीन से नूडल्स पश्चिम में पहुँचा और वहाँ स्पेघेटी का जन्म हुआ। इसी प्रकार पास्ता अरबों के साथ पाँचवी सदी में सिसली पहुँचा जो अब इटली की ही एक टापू है। इसी तरह के आहार भारत और जापान में पाए जाते हैं। इसलिए यह कहना मुश्किल है इनका जन्म कैसे और कहाँ हुआ होगा। लेकिन यह कहा जा सकता है कि आधुनिक काल से पहले भी दूर देशों के बीच सांस्कृति आदान-प्रदान चल रहा होगा।
अथवा
वह मार्ग जिससे चीनी रेशम (सिल्क) पश्चिम की ओर भेजा जाता था, रेशम मार्ग कहलाता है। इतिहासकारों ने बहुत सारे सिल्क मार्गों के बारे में बताया है। जमीन या समुद्र से होकर गुजरने वाले ये रास्ते ने केवल एशिया के विशाल क्षेत्रों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम करते थे बल्कि एशिया को यूरोप और उत्तरी अफ्रीका से भी जोड़ते थे। इसी रास्ते से चीनी पॉटरी (Pottery)’ और भारत के दक्षिण-पूर्व एशिया के कपडे व मसाले दुनिया के दूसरे भागों तक पहुँचते थे। वापसी में सोने-चाँदी जैसी कीमती धातुएँ यूरोप से एशिया पहुँचती थीं। इस प्रकार विश्व को जोड़ने में रेशम मार्ग ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उत्तर 9.
भारत आने के बाद गाँधीजी ने कई स्थानों पर सत्याग्रह आंदोलन चलाया :
- 1916 में गाँधीजी ने बिहार के चम्पारन जिले में किसानों को संघर्ष के लिए प्रेरित किया।
- 1917 में उन्होंने गुजरात के खेड़ा जिले के किसानों की मदद के लिए सत्याग्रह का आयोजन किया।
- 1918 में गाँधीजी सूती कपड़ा कारखानों के मजदूरों के बीच सत्याग्रह आंदोलन चलाने अहमदाबाद गए।
उत्तर 10.
संसार भर में पुस्तकों की बढ़ती हुई माँग को पूरा करने के लिए अपनाए गए उपाय :
- किताबों की बढ़ती माँग के चलते यूरोप में 15वीं सदी में वुडब्लॉक प्रिटिंग का चलन हुआ जिसके द्वारा कपडे, ताश के पत्ते और छोटी-मोटी टिप्पणियाँ छापी जाने लगीं।
- सस्ती और तेज़ मुद्रण के जन्मदाता गुटेन्बर्ग थे जिन्होंने प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार कर किताबों की बढ़ती माँग को पूरा करने में सफलता प्राप्त की।
- 18वीं सदी के अंत तक छापेखाने की तकनीक में लगातार सुधार हुआ। 19वीं सदी के मध्य तक न्यूयार्क के रिचर्ड एम०हो० ने शक्ति चालित बेलनाकार प्रेस को कारगर बना दिया था। 19वीं सदी के अंत तक ऑफसेट प्रेस आ गया था, जिससे एक साथ छह रंग की छपाई संभव थी।
इस प्रकार विभिन्न खोजों व प्रयासों से 20वीं सदी तक संसार भर में पुस्तकों की बढ़ती माँग को पूरा किया जा सकने में सफलता प्राप्त हुई।
अथवा
चार्ल्स डिकेन्स ने अपने उपन्यासों में लोगों के जीवन व चरित्र पर औद्योगीकरण के दुष्प्रभावों का सजीव चित्रण किया था। 19वीं सदी में यूरोप ने औद्योगिक युग में प्रवेश किया। कारखानों का निर्माण हुआ और व्यवसाय में लाभ बढे। अर्थव्यवस्था विकसित हुई। परंतु साथ ही मजदूर वर्ग की समस्याएँ भी बढ़ीं। शहर अधिक काम और कम मजदूरी के लिए भटकते श्रमिकों से भर गए। गरीब व बेरोजगार काम की तलाश में सड़कों की खाक छानने लगे और वर्क हाउस या रैन-बसेरों में पनाह लेने लगे। उद्योगों की प्रगति के साथ-साथ मुनाफाखोरों को सही व मजदूरों को कमतर इंसान मानने की प्रवृत्ति चल पड़ी। डिकेन्स ने न केवल लाभ के लोभ की आलोचना की बल्कि उन विचारों को भी आड़े हाथों लिया जो इन्सानों को महज उत्पादन का औज़ार मानते थे।
उत्तर 11.
गाँधीजी ने 1919 में रॉलट एक्ट के खिलाफ राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला लिया :
- भारतीय सदस्यों के भारी विरोध के बावजूद रॉलट एक्ट को इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ने बहुत जल्दबाजी में पारित कर दिया था।
- इस कानून द्वारा सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने और राजनीतिक कैदियों को दो साल तक बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया था।
- महात्मा गाँधी जी ने इसे बेहद अन्यायपूर्ण कानून माना तथा वे ऐसे कानून के विरुद्ध अहिंसक तरीके से नागरिक अवज्ञा चाहते थे।
उत्तर 12.
जीन क्रति, जिसमें जननिक इंजीनियरी सम्मिलित है, में जननिक इंजीनियरिंग द्वारा बीजों की नई संकर किस्मों का आविष्कार कर फसलों का उत्पादन बढ़ाया जाता है। कार्बनिक कृषि को आज अधिक प्रचलन है क्योंकि (i) यह उर्वरकों तथा कीटनाशकों के प्रयोग के बिना की जाती है; (ii) पर्यावरण में इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
उत्तर 13.
सुचारू परिवहन एवं संचार व्यवस्था के अभाव में आधुनिक जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। परिवहन एवं संचार के आधुनिक साधनों ने जीवन को अत्यधिक आरामदायक एवं समृद्ध बना दिया है :
- सड़क-यातायात, रेल-यातायात, जल-यातायात एवं वायुयानों द्वारा लोग गतिशील हो पाते हैं तथा एक स्थान से दूसरे स्थान तक बहुत कम समय में आसानी से आ-जा सकते हैं।
- डाक-तार एवं टेलीफोन संचार के व्यक्तिगत साधन हैं। जिनसे लोगों में परस्पर सम्पर्क आसानी से स्थापित हो जाता है। इनकी सहायता से हम विश्व के किसी भी कोने में रह रहे किसी भी व्यक्ति से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।
- जनसंचार के इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का भी तीव्र गति से विस्तार हो रहा है, जैसे-रेडियो, टी०वी०, फिल्में और नई इंटरनेट प्रणाली। इन सबकी सहायता से किसी भी नई सूचना का संपूर्ण विश्व में शीघ्र ही प्रसारण हो जाता है। इस प्रकार सभी लोग एक-दूसरे के साथ घनिष्ठता से जुड़े रहते हैं।
अथवा
भारत में दुर्ग-बस्तर-चंद्रपुर लौह-अयस्क पेटी की किन्हीं तीन विशेषताएँ :
- यह पेटी महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थित है। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में बेलाडिला पहाडी श्रृंखलाओं में अति उत्तम कोटि का हेमेटाइट पाया जाता है जिसमें इस गुणवत्ता के लौह के 14 जमाव मिलते हैं।
- इस हेमेटाइट में इस्पात बनाने में आवश्यक सर्वश्रेष्ठ भौतिक गुण विद्यमान होते हैं।
- इन खदानों का लौह अयस्क विशाखापट्टनम पत्तन से जापान और दक्षिण कोरिया को निर्यात किया जाता हैं।
उत्तर 14.
भारत विभिन्नताओं का देश है। विश्व में ऐसा अन्य कोई देश नहीं है जहाँ भारत जैसी विविधताएँ पाई जाती हैं। भारत में विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों, जातियों के व्यक्ति निवास करते हैं जिनके हित एक-दूसरे भिन्न हैं। ऐसी परिस्थिति में एकदलीय या द्विदलीय प्रतिनिधित्व प्रणाली सभी के हितों को पूरा नहीं कर सकती। अत: बहुदलीय व्यवस्था में प्रत्येक धर्म, सम्प्रदाय तथा जाति को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान कर प्रजातंत्र को मजबूत किया है।
उत्तर 15.
नागरिक की गरिमा और आज़ादी को सुरक्षित रखने के लिए लोकतंत्र अति महत्त्वपूर्ण है।” यह कथन निम्नलिखित कारणों से सिद्ध होता है :
- लोकतंत्र लोगों का शासन है। शासन की शक्तियाँ जनता में निहित होती हैं। इसमें समस्त जनता की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक उन्नति की जाती है। किसी विशेष वर्ग के हितों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता।
- लोकतंत्र समानता पर आधारित होता है। प्रत्येक व्यक्ति को शासन में भाग लेने का अधिकार होता है। जाति, धर्म, जन्म, वंश आदि का कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
- स्वतंत्रता भी लोकतंत्र का महत्त्वपूर्ण गुण है। समुदाय बनाने, धर्म के अनुसार पूजा-पाठ करने, भाषण देने, प्रेस आदि की स्वतंत्रता सबको प्राप्त होती है।
- लोकतंत्र में लोग कानूनों का पालन स्वाभाविक रूप से करते हैं। जनता स्वयं ही कानून बनाती है अथवा जनता की इच्छानुसार उनके चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा कानूनों का निर्माण किया जाता है।
- लोकतंत्र प्रगतिशील सरकार है। इसमें राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक सुधार किए जाते हैं। जनता के प्रतिनिधि इस बात का प्रयास करते हैं कि शासन में अधिक से अधिक सुधार किए जाएं, जिससे राजनीतिक और सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सके।
उत्तर 16.
आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके निम्न हैं :
- सरकार के तीन अंगों-विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में सत्ता का विभाजन सत्ता की साझेदारी का एक तरीका है। विधानपालिका कानून बनाती है, कार्यपालिका कानून लागू करती है और न्यायपालिका कानून को उल्लंघन करने वालों को दंडित करती है। प्रायः सभी लोकतांत्रिक देशों में ऐसी व्यवस्था पाई जाती है।
- केन्द्रीय सरकार तथा प्रांतीय सरकारों में सत्ता का विभाजन भी सत्ता की साझेदारी का एक तरीका है। भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे संघीय राष्ट्रों में सत्ता के विभाजन की ऐसी ही व्यवस्था है।
- संविधान द्वारा सत्ता को समाज के विभिन्न समूहों में बांटना सत्ता की साझेदारी का एक अन्य तरीका है। बेल्जियम में केन्द्रीय सरकार के मंत्रियों में आधे मंत्री फ्रेंच भाषाई और आधे मंत्री डच भाषाई हैं।
उत्तर 17.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण भिन्न-भिन्न प्रभाव पड़े हैं। वैश्वीकरण से उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्र में धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प उपलब्ध । हैं और वे अब अनेक उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और कम कीमत से लाभ उठा रहे हैं। इससे ये लोग पहले की तुलना में आज अपेक्षाकृत उच्चतर जीवन स्तर का आनंद ले रहे हैं, परंतु छोटे उत्पादकों व कुटीर उद्योगों को वैश्वीकरण से हानि हुई है।
बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के चलते छोटे उद्योग अब समाप्त होते जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में लगे लोगों के सामने आज बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। कई छोटे उद्योग बंद हो गए हैं एवं कई श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। निर्यातकों के बीच प्रतिस्पर्धा से बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को अधिक लाभ कमाने में मदद मिली है, परंतु वैश्वीकरण के कारण मिले लाभ में श्रमिकों को न्यायसंगत हिस्सा नहीं मिल पाया है।
उत्तर 18.
भारत में उपभोक्ता आंदोलन ने भिन्न-भिन्न संगठनों के निर्माण में पहल की है जिन्हें सामान्यतः उपभोक्ता अदालत या उपभोक्ता संरक्षण परिषद् कहा जाता है। ये उपभोक्ता का मार्गदर्शन करती हैं कि वह कैसे उपभोक्ता अदालत में मुकद्दमा दर्ज कराए। उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम (कोपरा) के अंतर्गत उपभोक्ता विवादों के निपटारे के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तरों पर एक त्रिस्तरीय न्यायिक तंत्र स्थापित किया गया है।
जिला स्तरीय अदालतें 20 लाख तक के मामलों से संबंधित मुकद्दमों पर विचार करती हैं। राज्य स्तरीय अदालतें 20 लाख से 1 करोड़ तक एवं राष्ट्र स्तरीय अदालतें 1 करोड़ से अधिक की दावेदारी से संबंधित मुकदमों को देखती हैं। यदि कोई मुकद्दमा जिला स्तरीय अदालत में रद्द कर दिया जाता है तो उपभोक्ता राज्य स्तरीय अदालत में और उसके बाद राष्ट्र स्तरीय अदालत में भी अपील कर सकता है।
उत्तर 19.
राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के साथ हुई। 1789 में फ्रांस एक ऐसी राज्य था जिसके सम्पूर्ण भू-भाग पर एक निरंकुश राजा का आधिपत्य हुआ करता था। फ्रांसीसी क्रांति से जो राजनीतिक और संवैधानिक बदलाव हुए उनसे प्रभुसत्ता राजतंत्र से निकल कर फ्रांसीसी नागरिकों के समूह में हस्तांतरित हो गई। फ्रांसीसी क्रांति ने घोषणा की कि अब लोगों द्वारा बनाए गए राष्ट्र का गठन होगा तथा वे ही उसके नियति तय करेंगे।
प्रारंभ से ही फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने ऐसे अनेक कदम उठाए जिनसे फ्रांसीसियों में एक सामूहिक पहचान की भावना पैदा हो सकती थी। पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों पर बल दिया गया जिसे एक संविधान के अंतर्गत समान अधिकार प्राप्त थे। एक नया फ्रांसीसी झंडा (तिरंगा) चुना गया जिसने पहले के राष्ट्रध्वज की जगह ले ली। स्टेट जनरल का चुनाव सक्रिय नागरिकों के समूह द्वारा किया जाने लगा और उसका नाम बदल कर नेशनल एसेंबली कर दिया गया। नयी स्तुतियाँ रची गईं, शपथे ली गईं, शहीदों का गुणगान हुआ और यह सब राष्ट्र के नाम पर हुआ।
एक केन्द्रीय प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई जिसने अपने भू-भाग में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाए। आंतरिक आयात-निर्यात शुल्क समाप्त कर दिए गए और भार तथा नापने की एक समान व्यवस्था लागू की गई। क्षेत्रीय बोलियों को हतोत्साहित किया गया। उस समय पेरिस में फ्रेंच बोली और लिखी जाती थी, वही राष्ट्र की सांझी भाषा बन गई।
अथवा
उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह के नेतृत्व वाली सरकार तथा गो दिन्ह दिएम के नेशनल लिबरेशन फ्रंट के आपसी गठबंधन की बढ़ती ताकत से अमेरिका भयभीत था। अमेरिकी नीति निर्माता इस बात को लेकर चिंतित थे कि यदि हो ची मिन्ह सरकार अपनी योजनाओं में कामयाब हो गई तो और देशों में भी साम्यवादी सरकारें स्थापित हो जाएंगी। इसी खतरे से निपटने के लिए अमेरिका ने अपनी सेनाएँ और गोला-बारूद वियतनाम में तैनात करना शुरू कर दिया। परंतु यह युद्ध अमेरिका के लिए महंगा साबित हुआ। रासायनिक तथा अत्याधुनिक हथियारों के होते हुए भी उसके बहुत सारे सैनिक मारे गए तथा अमेरिका पीछे हटने के लिए मजबूर हो गया।
अमेरिका के वियतनाम के विरुद्ध युद्ध से हटने के कारण :
- वियतनाम के साथ अमेरिका का यह युद्ध काफी संघर्षपूर्ण था। इस युद्ध में आधुनिक हथियारों से लैस हजारों अमेरिकी सैनिकों ने भाग लिया। अमेरिका ने वियतनाम की शक्ति को बहुत कम समझकर उस पर आक्रमण किया था परंतु राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत वियतनामियों ने जल्दी ही उसका यह भ्रम तोड़ दिया।
- अमेरिकी लोग सरकार का विरोध कर रहे थे कि उसने देश की फौजों को ऐसे युद्ध में झोंक दिया है। जिसे किसी भी हाल में जीता नहीं जा सकता था।
- अमेरिकी युवाओं की सेना में भर्ती ने लोगों के गुस्से को हवा दी। युद्ध में भेजे जाने वाले अधिकांश युवा अल्पसंख्यक और गरीब मेहनतकश वर्ग से संबंधित थे।
- इस युद्ध के प्रति विरोध के स्वरों को बुलंद करने में अमेरिकी मीडिया और फिल्मों ने अहम भूमिका निभाई।
उत्तर 20.
सामान्यतः खनिजों को धात्विक तथा अधात्विक खनिजों में बांटा गया है।
धात्विक खनिज वे खनिज होते हैं जिनसे धातु को प्राप्त किया जाता है। जैसे-लौह अयस्क, तांबा आदि।
धात्विक खनिज की विशेषताएँ :
- ये प्रायः सख्त होते हैं तथा इनमें अपनी चमक होती है। ये दबाव डालने पर टूटते नहीं हैं।
- इन्हें पिघलाकर नए उत्पाद, जैसे चद्दरें एवं छड़े, बनाए जाए सकते हैं। यह खनिज मुख्यत: आग्नेय तथा रूपांतरित शैलों में पाए जाते हैं।
- लोहा, मैंगनीज, तांबा, चांदी, एल्युमिनियम तथा टिन आदि धात्विक खनिज के उदाहरण हैं।
अधात्विक खनिज वे खनिज होते हैं जिनसे धातुएँ प्राप्त नहीं की जा सकतीं। जैसे-अभ्रक, कोयला आदि।
अधात्विक खनिज की विशेषताएँ :
- ये सख्त एवं चमकदार नहीं होते तथा दबाव डालने पर ये टुकड़ों में बदल जाते हैं।
- इन्हें पिघलाकर नए उत्पाद नहीं बनाए जा सकते। यह खनिज मुख्यतः परतदार शैलों में पाए जाते हैं।
- कोयला, नमक, सल्फर, हीरा, जिप्सम, चूने का पत्थर आदि अधात्विक खनिज के उदाहरण हैं।
उत्तर 21.
भारत में रसायने उद्योगों का तीव्रता से विकास एवं विस्तार हो रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में रसायन उद्योग की भागीदारी लगभग 3% है। यह उद्योग एशिया का तीसरा बड़ा तथा विश्व में आकार की दृष्टि से 12वें स्थान पर है। अकार्बनिक तथा कार्बनिक दोनों क्षेत्रों में तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है।
अकार्बनिक रसायनों में सल्फ्यूरिक अम्ल (उर्वरक, कृत्रिम वस्त्र, प्लास्टिक आदि के निर्माण में प्रयुक्त), नाइट्रिक अम्ल, क्षार, सोडा ऐश (काँच, साबुन, अपमार्जक, कागज़ में प्रयुक्त होने वाले रसायन) तथा कास्टिक सोडा आदि सम्मिलित हैं। कार्बनिक रसायनों में पेट्रो-रसायन शामिल है जिनका कृत्रिम वस्त्र, कृत्रिम रबर, प्लास्टिक, दवाईयाँ, औषध रसायनों के बनाने में प्रयोग किया जाता है। ये उद्योग तेल-शोधन शालाओं या पैट्रो-रसायन संयंत्रों के निकट स्थापित होते हैं।
रसायन उद्योग उत्पादक होने के साथ-साथ एक बड़ा उपभोक्ता भी है।
उत्तर 22.
राजनीतिक चुनौतियों के लिए कोई अंतिम सूची नहीं बनाई जा सकती क्योंकि प्रत्येक देश को भिन्न-भिन्न राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जिनका समाधान वे अपने ढंग से कानून बनाकर करते हैं। कानून बनाकर राजनीति को सुधारना निश्चित रूप से एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। सावधानी से बनाए कानून गलत राजनीतिक आचरणों को हतोत्साहित तथा अच्छे काम-काज को प्रोत्साहित कर सकते हैं। परंतु केवल विधिक संवैधानिक बदलावों को ला देने से लोकतंत्र की चुनौतियों को हल नहीं किया जा सकता।
उदाहरण के लिए, क्रिकेट में एल.बी.डब्ल्यु के नियमों में बदलाव से बल्लेबाजों द्वारा प्रयोग किए जा रहे नकारात्मक दावपेंचों को कम किया जा सकता है परंतु केवल नियमों में बदलाव से क्रिकेट का खेल नहीं सुधर सकता। इसे मुख्यतः खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और क्रिकेट बोर्डों द्वारा ही नियंत्रित करना होगा।
यह सत्य है कि प्रत्येक राजनीतिक समस्या का समाधान केवल कानून बनाकर नहीं किया जा सकता है क्योंकि राजनीतिक दलों को अनावश्यक नियमों में बांधना उचित नहीं जान पड़ता। राजनीतिक दल स्वयं भी ऐसे कानूनों को पारित करने की सहमति प्रदान नहीं करेंगे जिनसे उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके। निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि राजनीतिक सुधारों का काम मुख्यत: राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं, आंदोलनों और राजनीतिक रूप से सचेत नागरिकों द्वारा ही संभव है।
उत्तर 23.
लोकतंत्र तभी संभव है जब देश में समानता, स्वतंत्रता तथा भाईचारे की भावना विद्यमान हो। अतएव लोकतंत्र के निम्नलिखित मूलभूत आधार अथवा विशेषताएँ हैं :
- समानता लोकतंत्र का मुख्य आधार है। समानता में अमीर-गरीब, ऊँच-नीच, जात-पात, धर्म, रंग व लिंग आदि का भेदभाव नहीं होता। सभी नागरिकों को समानाधिकार प्राप्त हैं। कानून के समक्ष सब समान हैं।
- स्वतंत्रता लोकतंत्र का दूसरा मुख्य आधार है। नागरिकों को सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
- लोकतंत्र का तीसरा मुख्य आधार भ्रातृ-भाव है। सभी नागरिक मिलकर कार्य करते हैं। लोगों में अपनी जाति अथवा नस्ल की प्रभुसत्ता की भावना नहीं होनी चाहिए।
- लोकतंत्र में किसी एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह का शासन नहीं होता बल्कि कानून को शासन होता है। कोई भी व्यक्ति, चाहे उसका पद कितना भी बड़ा क्यों ना हो, कानून से ऊपर नहीं होता। कानून की दृष्टि में सभी व्यक्ति बराबर होते हैं।
- लोकतंत्र में प्रभुसत्ता लोगों में निहित होती है। सरकार लोगों की इच्छानुसार शासन चलाती है। सरकार की शक्तियों को अंतिम स्रोत जनता ही होती है।
उत्तर 24.
सरकार द्वारा विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर लगाए गए अवरोधों या प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहा जाता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव :
- उदारीकरण की नीति के परिणामस्वरूप देश में उद्योग एवं अवसंरचना क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में बहुत वृद्धि हुई। उदारीकरण ने औद्योगिक क्षेत्र में मंदी पर लगाम लगाई। सकल घरेलू उत्पाद में भी उदारीकरण की नीति के कारण उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
- उदारीकरण द्वारा करे दरों में गिरावट आई तथा अर्थव्यवस्था पर से अनावश्यक नियंत्रण को हटा दिया गया।
- विभिन्न परियोजनाओं की स्थापना में व्यापक निवेश और आधुनिकीकरण ने विशेष रूप से कपड़ा, ऑटामोबाइल, कोयला, धातु, सॉफ्टवेयर उद्योग इत्यादि में उन्नति की जिसके कारण रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हुई।
- उदारीकरण द्वारा आयात तथा निर्यात प्रक्रिया को और अधिक सरल बना दिया गया जिसके फलस्वरूप विदेशी पूंजी के निवेश तथा विदेशी तकनीक को बढ़ावा मिला।
उत्तर 25.
संगठित और अंसगठित क्षेत्रकों की रोज़गार परिस्थितियों की तुलना :
उत्तर 26.
(a) अमृतसर (पंजाब)
(b) चम्पारन (बिहार)
(c) वाराणसी
(a) कर्नाटक
(e) पश्चिम बंगाल
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