समाचार पत्रों का महत्व संकेत बिंदु:
- समाचार-पत्र सूचना का साधन
- समाचार-पत्रों की सामग्री
- उपयोगिता
- महत्व
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
समाचार पत्रों का महत्व पर निबंध | Essay on Importance of Newspapers In Hindi
समाचार-पत्र सूचना का विश्वसनीय, सस्ता और सहज उपलब्ध साधन है। यह प्रतिदिन देश-विदेश के समाचारों एवं अन्य विविध सूचनाओं के साथ घर-घर पहुँच जाता है। इसका महत्व इसी से ज्ञात होता है कि यह प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति के जीवन का अंग बन चुका है। ‘उदंत मार्तंड’ कोलकाता से प्रकाशित होने वाला पहला हिंदी समाचार-पत्र था। इसके पश्चात् प्रजामित्र, भारतमित्र और बंगवासी आदि समाचार-पत्रों का प्रकाश हुआ।
आज हिंदी के समाचार-पत्र सबसे अधिक प्रकाशित होते हैं। समाचार-पत्रों के अनेक रूप हैं-दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक। इनके प्रकाशन की प्रक्रिया जटिल होती है। विज्ञान के नित नए आविष्कारों से समाचार-पत्रों के प्रकाशन में क्रांति आ गई है। ये दिन चढ़ते ही घर-घर में पहुँच जाते हैं। ये फुटपाथों, बस-अड्डों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और विभिन्न स्टॉलों पर उपलब्ध होते हैं।
समाचार-पत्र समाचारों की जानकारी के सर्वोत्तम साधन हैं। रेडियो और टेलीविज़न से समाचारों की जानकारी मिल जाती है परंतु उन्हें जानने का समय निर्धारित होता है। उन्हें केवल सुना या देखा जा सकता है। समाचार-पत्रों में प्रकाशित समाचारों को सुविधानुसार पढ़ा जा सकता है। इनका रूप लिखित होता है। इनमें स्थायित्व होता है। ये केवल एक दिन के लिए ही उपयोगी नहीं होते अपितु इन्हें विभिन्न जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। समाचार-पत्रों में मात्र समाचार ही प्रकाशित नहीं होते अपितु जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित सूचनाएँ भी प्रकाशित होती हैं।
आधुनिक युग को विज्ञान-युग कहा जाता है। भारत ने औद्योगिक क्षेत्र में तीव्र गति से विकास किया है। प्रतिदिन नई-नई वस्तुओं का उत्पादन हो रहा है। उत्पादनकर्ता इनका विज्ञापन समाचार-पत्रों में प्रकाशित कराते हैं। इससे उन वस्तुओं का प्रचार हो जाता है और बिक्री बढ़ जाती है। औद्योगिक घरानों और लघु-उद्यमियों के लिए समाचार-पत्र विज्ञापन का सस्ता और उपयोगी साधन है। छोटे-छोटे व्यापारी भी इसमें विज्ञापन देकर अपने व्यापार को बढ़ाते हैं। उपभोक्ताओं को इन विज्ञापनों के माध्यम से अपनी इच्छित वस्तुओं की जानकारी मिल जाती है।
समाचार-पत्रों में वैवाहिक विज्ञापन भी प्रकाशित होते हैं। इनके माध्यम से युवक-युवतियों के माता-पिता अपनी संतान के लिए इच्छित युवक या युवती की तलाश कर लेते हैं। आधुनिक युग में इनकी उपयोगिता अत्यधिक बढ़ गई है। सभी प्रमुख समाचार-पत्रों के रविवारीय संस्करणों के आठ-दस पृष्ठों में वैवाहिक विज्ञापन ही प्रकाशित होते हैं। समाचार-पत्रों में उपयोगी लेख प्रकाशित होते हैं। प्रत्येक समाचार-पत्र अपने विशिष्ट संस्करण निकालते हैं। इनमें साहित्यिक रचनाएँ-लघुकथाएँ, कहानियाँ, कविताएँ, बालगीत, पुस्तक समीक्षाएँ, कला एवं संस्कृति संबंधी लेखादि प्रकाशित होते हैं।
इनके अतिरिक्त सिनेमा संबंधी जानकारियाँ होती हैं। फ़िल्मी अभिनेताओं-अभिनेत्रियों के साक्षात्कार होते हैं। राजनेताओं के विषय में सामग्री होती है। धार्मिक तथा सामाजिक त्योहारों संबंधी लेख होते हैं। शिक्षा तथा स्वास्थ्य संबंधी सूचनाएँ होती हैं। युवाओं के लिए विभिन्न संस्थानों में प्रवेश तथा नौकरियों की सूचनाएँ होती हैं। समाचार-पत्र लोकतंत्र का चौथा आधार-स्तंभ होता है। इसमें भ्रष्टाचारियों के कृत्यों के समाचार प्रकाशित होते हैं।
सरकारी अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अवैध कार्यों का भंडाफोड़ किया जाता है। पुलिस के अमानवीय कार्यों का उल्लेख होता है। समाचार-पत्र मानवाधिकार संरक्षण के सर्वोत्तम माध्यम हैं। समाचार-पत्र बालक से लेकर वृद्ध तक सभी के लिए किसी-न-किसी रूप में उपयोगी होता है। इनके माध्यम से किसी समाज की वास्तविक झलक देखी जा सकती है। समाचार-पत्र सामाजिक मूल्यों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ये जनमत तैयार करने के सबसे सशक्त माध्यम हैं। ये समाज के विभिन्न वर्गों के लिए समान रूप से लाभदायक होते हैं। इनके बिना मनुष्य स्वयं को संसार से कटा हुआ महसूस करता है।