दहेज एक समस्या संकेत बिंदुः
- दहेज एक समस्या
- दहेज के दुष्परिणाम
- समाधान-लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना
- समस्या के समाधान।
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दहेज समस्या पर अनुच्छेद लेखन | Paragraph on Dowry Problem in Hindi
दहेज समस्या पर निबन्ध | Essay on Dowry Problem in Hindi
दहेज एक विकट समस्या है। आज दहेज एक बुराई का रूप धारण करती जा रही है। आज का विवाह दो परिवारों को जोड़ता नहीं बल्कि सौदेबाजी का व्यापार बन गया है। सौदा होने पर भी वर-पक्ष का लालची मन जब सौदे के पुनरावलोकन पर जिद करता है तो दहेज प्रबल समस्या’ बन जाता है। गरीब कन्याएँ तथा उनके माता-पिता दहेज के नाम से भी घबराते हैं। परिणामस्वरूप उनके जीवन में अशांति, भय और उदासी घर कर जाती है। माँ-बाप बच्चों का पेट काटकर पैसे बचाने लग जाते हैं। यहाँ तक कि वे रिश्वत, गबन जैसे अनैतिक कार्य करने से भी नहीं चूकते।
दूसरी ओर दहेज के लालच में बहुओं को परेशान किया जाता है। माँग पूरी न होने पर वधू को बेतहाशा मारना-पीटना, उसका अंग-भंग कर देना आज शिक्षित, सभ्य समाज में भी बेरहमी से चलता है। यदि बहू शारीरिक कष्ट और मानसिक पीड़ा देने पर भी दहेज पूरा न कर सकी, तो मिट्टी का तेल छिड़ककर, स्टोव फटने का बहाना बनाकर उसे अग्नि को समर्पित कर दिया जाता है। दहेज की समस्या के समाधान के लिए कानून भी बने।
दो-चार परिवार पुलिस की ज़्यादतियों और अदालतों के निर्णयों से दंडित भी हुए, पर इससे क्या? आज भी दहेज की समस्या कानून की खिल्ली उड़ाते हुए पूरे देश में महामारी की तरह फैल रही है। इस समस्या के दो ही समाधान हैं-
- प्रेम-विवाह, जहाँ दुल्हन ही दहेज के रूप में स्वीकार की जाती है तथा
- विवाह संबंधों की पवित्र भावना अर्थात् जो पुत्री का पिता स्वेच्छा से दे, वह दहेज स्वीकार करने की उदारता।