प्रदूषण की समस्या संकेत बिंदु:
- प्रदूषण के दुष्परिणाम
- प्रदूषण के कारण
- प्रदूषण के प्रकार
- समाधान।
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प्रदूषण पर अनुच्छेद लेखन | Paragraph on Pollution in Hindi
प्रदूषण पर छोटे तथा बड़े निबंध Essay on Pollution in Hindi
आज के विज्ञान-युग में प्रदूषण की समस्या एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है। उद्योगों के विस्तार के साथ-साथ प्रदूषण भी और अधिक बढ़ा है। धरती का वायुमंडल इतना विषैला हो गया है कि किसी भीड़ भरे चौराहे पर साँस लेने में भी दिक्कत महसूस होने लगती है। प्रकृति में जब तक संतुलन बना हुआ था, तब तक जल और वायु दोनों ही शुद्ध थे। उपयोगितावाद के हाथों प्राकृतिक साधनों का अंधाधुंध दोहन हुआ है, परिणामस्वरूप वातावरण में निरंतर प्रदूषण बढ़ा ही है। आज स्थिति यह हो गई है कि न केवल हवा, बल्कि जल-स्रोत भी दूषित हो गए हैं। इतना ही नहीं अब तो ध्वनि-प्रदूषण के भी दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। यदि हम अब भी नहीं संभले तो उसके विनाशकारी परिणाम शीघ्र सामने आएंगे। संसार में जो कुछ भी है वह मनुष्य से जुड़ा हुआ है। अपने व्यवहार से मनुष्य उसे अच्छा या बुरा जो चाहे बना सकता है। मानव का भला तो अच्छा करने और बनाने में ही है। यह सोचकर हमें जंगलों की रक्षा कर नए पेड़ उगाने हैं। धुआँ-धुंध फैलाने वाले उन उपकरणों से छुटकारा पाने का प्रयास करना है, जो कि वायु को प्रदूषित कर दमघोंटू सिद्ध हो रहे हैं। अपने चारों ओर की सफाई का ध्यान रखना है। नदियों के जल की शुद्धता और पवित्रता बनाए रखनी है। सबसे बढ़कर अपने मन-मस्तिष्क को वैयक्तिक स्वार्थों के प्रदूषण से मुक्त रखकर ऐसे कार्य करने हैं जो समूची मानवता के हित में हों।