Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set with Solutions Set 3 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 3 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड- ‘क’ में वस्तुपरक /बहुविकल्पीय और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और दोनों खंड़ों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड ‘क’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए-
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया को 2025 तक टी. बी. मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है। उसके उपरांत, भारत ने संकल्प लिया है कि टी.बी. को 2023 तक जड़ से खत्म कर देंगे। पहले भी भारत ने कुछ ऐसा ही संकल्प लिया था जिसके अंतर्गत ‘पोलियो’ की दवा कोने-कोने तक पहुँचाकर पोलियो खत्म करना चाहा था और भारत को सफलता भी मिली। सफलता तभी हाथ लगती है जब कर्मठता एवं सबका पूर्ण सान्निध्य हो ।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में पिछले साल टी.बी. के करीब साढ़े पाँच लाख मामले दर्ज हुए। इसमें एक तो अनुतोष है कि 2018 में टी.बी. के मरीजों में पचास हज़ार की कमी आई। भारत में टी.बी. आज भी गंभीर समस्या है। हर वर्ष लाखों लोग इससे मर जाते हैं और लाखों लोग इस बीमारी की गिरह में आ जाते हैं । इस बीमारी का सीधा सम्बन्ध स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य से जुड़ा है । दुःख की बात यह है कि इन दोनों ही मोर्चों में भारत की स्थिति दयनीय है। जहाँ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2025 का लक्ष्य रखा, वहीं भारत ने श्रेष्ठता साबित करने के लिए 2 साल कम कर 2023 का लक्ष्य बता दिया। अब बात लाज की है।
यह समस्या बहुत गंभीर है और इसके मुकाबले हमारे पास संसाधन बहुत कम हैं। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य हम सभी की बराबर जिम्मेदारी है। यह जिम्मेदारी पूरी तभी हो सकती है जब अधिक-से-अधिक साक्षरता एवं ज्ञान फैले। हम सोचते हैं कि शहर तो बड़े होते जा रहे हैं, परन्तु शहरों में जितना कूड़ा पाया जाता है, उतना गाँवों में चार कस्बों का मिलाकर भी नहीं हो पाता। हमें स्वच्छता के प्रति अपना निजी योगदान देना होगा, अन्यथा एक दिन ये टी.बी. के लिए दिए आँकड़े और दुगुनी जनता को न जकड़ लें। टी. बी. से संक्रमित एक मनुष्य से लोगों में टी. बी. फैल सकती है। अगर टी.बी. को मिटाने के लिए संकल्प पूरा करना है तो घर-घर जाकर जागरूकता फैलानी होगी। स्वच्छ भारत का स्तर भी बढ़ाना होगा ।
(1). टी. बी. को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए क्या-क्या करने की आवश्यकता है?
(क) अधिक-से-अधिक लोगों को साक्षर करने की
(ख) लोगों को जागरूक करने की
(ग) स्वच्छता के प्रति निजी योगदान देने की
(घ) ये सभी कार्य करने की
उत्तरः
(घ) ये सभी कार्य करने की
(2) भारत ने क्या संकल्प लिया है?
(क) 2025 तक देश को टी. बी. मुक्त करने का
(ख) 2023 तक टी.बी. को जड़ से खत्म करने का
(ग) भारत के कोने-कोने से पोलियो खत्म करने का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
(ख) 2023 तक टी.बी. को जड़ से खत्म करने का
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) : भारत ने संकल्प लिया कि टी. बी. को 2025 तक जड़ से खत्म कर देंगे ।
कारण (R) : टी.बी. से संक्रमित एक मनुष्य से लोगों में टी.बी. फैल सकती है।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(4) भारत के गाँवों के मुकाबले शहरों में अधिक मात्रा में कूड़ा पाया जाता है – इस कथन का सीधा सम्बन्ध और परिणाम नीचे दिए हुए उचित विकल्प में से चुनिए-
कथन
(i) शहरों में संसाधनों की वजह से भारत को पोलियोमुक्त करने में सफलता मिली।
(ii) स्वच्छता के अभाव से टी.बी. का फैलाव दुगना होने की सम्भावना है।
(iii) शहरों में टी.बी. के करीब साढ़े पाँच लाख मामले दर्ज हुए।
(iv) स्वच्छता के प्रति हमें निजी योगदान देने की जरूरत है। विकल्प
(क) कथन (ii) व (iv) सही हैं।
(ख) कथन (iii) सही है।
(ग) कथन (i) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (ii) सही है ।
उत्तर:
(क) कथन (ii) व (iv) सही हैं।
(5) टी.बी. का सीधा सम्बन्ध किससे है ?
(क) निरक्षरता से
(ख) गंदगी से
(ग) स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य से
(घ) इनमें से किसी से नहीं
उत्तरः
(ग) स्वच्छता और सामान्य स्वास्थ्य से
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
एक दिन तने ने भी कहा था,
जड़?
जड़ तो जड़ ही है,
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है उसका सारा इतिहास
कि ज़मीन में मुँह गड़ाए पड़ी रही है;
लेकिन मैं ज्ञमीन से ऊपर उठा,
बाहर निकला, बढ़ा हूँ.
इसी से तो तना हूँ.
एक दिन डालों ने भी कहा था
तना?
किस बात पर है तना?
जहाँ बिठाल दिया गया था वहीं पर है बना,
प्रगतिशील जगती में तिल भर नहीं डोला है,
खाया है, मोटाया है, सहलाया चोला है,
लेकिन हम तने से फूटीं,
दिशा-दिशा में गई
ऊपर उठीं, नीचे आईं,
हर हवा के लिए ढोल बनीं, लहराईं
इसी से तो डाल कहलाई
एक दिन पत्तियों ने भी कहा था,
डाल?
डाल में क्या है कमाल?
माना वह झूमी है, झुकी, डोली है
ध्वनि प्रधान दुनिया में
एक शब्द भी वह कभी बोली है?
लेकिन हम हर-हर स्वर करती हैं,
मर्मर स्वर मर्म भरा भरती हैं
नूतन हर वर्ष हुई,
पतझर में झर
बहार-फूट फिर छहरती हैं,
विथकित-चित्त पंथी का
शाप-ताप हरती हैं।
(क) इस कविता के केंदीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए
1. जड़ें सदैव जमीन के ऊपर रहती हैं।
2. मनुष्य सदैव अपनी ही उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहता है।
3. इस मार्ग में अनेक लोग आते हैं।
4. सफलता के लिए सहभागिता की आवश्यकता होती है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 2, 3 और 4 सही हैं
(iv) 1, 2, 3 और 4 सही है
उत्तर :
(iii) 2,3 और 4 सही हैं काव्यांश में सहभागिता के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया है अर्थात् मनुष्य अपने जीवन में उन्नति के मार्ग पर 1 सदैव अग्रसर रहता है और इस मार्ग में अनेक लोग आते हैं, जिनकी वह सहायता लेता है, क्योंकि सफलता के लिए सहभागिता की आवश्यकता होती है।
(ख) पत्तियाँ डाल की किस कमी की ओर संकेत करती हैं?
(i) डाल के दिशा-दिशा में घूमने की
(ii) डाल के प्रगतिशील होने की
(iii) डाल के बोल न पाने की
(iv) डाल का हवा के लिए ढोल बनने की
उत्तर :
(iii) डाल के बोल न पाने की पत्तियाँ डाल के बोल न पाने की कमी की ओर संकेत करती है। वे कहती हैं कि माना डाल झूमती हुई सभी दिशाओं में घूमती है, परतु ध्वनि प्रधान दुनिया में वह कभी एक शब्द भी नहीं बोलती है।
(ग) ‘लेकिन हम हर-हर स्वर करती हैं का अर्थ है कि
(i) हवा चलने पर पत्तियाँ हिलती है
(ii) हृवा से ध्वनि उत्पन्न होती है
(iii) पत्तियाँ हिलने से हर की ध्वनि उत्पन्न होती है
(iv) पत्तियाँ एक शब्द भी नहीं बोलतीं
उत्तर :
(iii) पत्तियाँ हिलने से हर की ध्वनि उत्पन्न होती है ‘लेकिन हम हर-हर स्वर करती हैं’ का आशय हवा चलने पर पत्तियों के हिलने से हर-हर की ध्वनि उत्पन्न होती है।
(घ) ‘डाल ने अपनी क्या सार्थकता बताई है?
(i) उस पर पत्ते हैं
(ii) डालियाँ संख्या में बहुत अधिक होती हैं
(iii) गतिशील होती हैं
(iv) पक्षी घर बना सकते हैं
उत्तर :
(iii) गतिशील होती हैं डाल अपनी सार्थकता बताते हुए कहती है कि में चारों दिशाओं में फैली हूँ अर्थात् गतिशील हूँ। तने की भाँति एक ही स्थान पर स्थिर नहीं रहती हूँ।
(ङ) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए।
कथन (A) तने ने जड़ को निर्जीव कहा, क्योंकि वह सदैव जमीन के नीचे रहती है।
कारण (R) वह अंधेरे में रहती है और उसने बाहर निकलर विश्व को नहीं देखा है।
(i) कथन (A) सही है तथा कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनो सही है तथा कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या करता है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, किंतु कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या नही करता है।
उत्तर :
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है तथा कथन (A) कारण (R) की सही व्याख्या करता है। प्रस्तुत कविता के अनुसार, तने के जड़ को निर्जीव कहा है, क्योंकि वह सदेव जमीन में दबी रहती है उसने कभी बाहर की दुनिया नहीं देखी। वह हमेशा अँधेरे में अपना जीवन-यापन करती है तथा वह एक ही स्थान पर जीवनपर्यंत स्थिर होकर जर्मी रहती है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) स्कूल की घंटी बजी और प्रार्थना शुरू हो गई- सरल वाक्य में बदलिए-
(क़) जैसे ही स्कूल की घंटी बजी, प्रार्थना शुरू हो गई।
(ख) स्कूल की घंटी बजते ही प्रार्थना शुरू हो गई।
(ग) स्कूल की घंटी बजती है और प्रार्थना शुरू हो जाती है।
(घ) प्रार्थना शुरू हो गई क्योंकि स्कूल की घंटी बज गई थी ।
उत्तर:
(ख) स्कूल की घंटी बजते ही प्रार्थना शुरू हो गई।
(2) संतोषी व्यक्ति सदा सुखी रहता है-सही विकल्प बताइए-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) प्रधान उपवाक्य
उत्तर:
(क) सरल वाक्य
(3) वर्षा बंद होते ही किसान खेतों में जाने लगे- संयुक्त वाक्य में बदलिए-
(क) जैसे ही वर्षा बंद हुई, किसान खेतों में जाने लगे
(ख) किसान खेतों में जाने लगे क्योंकि वर्षा बंद हो गई थी।
(ग) वर्षा बंद हुई और किसान खेतों में जाने लगे।
(घ) वर्षा हो रही थी, इसलिए किसान खेतों में नहीं गए।
उत्तरः
(ग) वर्षा बंद हुई और किसान खेतों में जाने लगे।
(4) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए-
(i) उसने अतिरिक्त मेहनत की क्योंकि उसे इस बार पहली श्रेणी पानी थी।
(ii) मेरे घर आने के लिए अनुमति की क्या जरूरत ?
(iii) जो पंडाल के बिल्कुल पास खड़ी है वो मेरी बहन है ।
(iv) ये घर मेरी माताजी और पिताजी ने मेहनत से बनाया है।
विकल्प
(क) कथन (i) और (iii) सही है।
(ख) केवल (ii), (iii) और (iv) सही हैं ।
(ग) कथन (i), (iii) और (iv) सही हैं।
(घ) कथन (iii) और (iv) सही हैं ।
उत्तरः
(क) कथन (i) और (iii) सही है।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) मैनेजर स्वयं उपस्थित रहे और भंडार कक्ष का निरीक्षण किया | (i) मिश्र वाक्य |
(2) जादूगर का जादू देख दर्शक दंग रह गए | (ii) सरल वाक्य |
(3) जैसे ही रोशनी ने माँ के हाथ का खाना खाया, उसका मन तृप्त हो गया। | (iii) संयुक्त वाक्य |
विकल्प
(क) 1-iii, 2-1, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-i, 3-iii
(ग) 1-iii, 2-ii, 3-i
(घ) 1-i, 2-iii, 3-ii
उत्तर:
(ग) 1-iii, 2-ii, 3-i
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकत्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. बच्चों से चुप नहीं बैठा जाता | 1. कर्तृवाच्य |
B. बच्चों द्वारा बाग में फूल चुने जाते हैं | 2. कर्मवाच्य |
C. बच्चे बाग में फूल चुनते हैं। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 2 1 3
(ii) 1 3 2
(iii) 2 3 1
(iv) 3 2 1
उत्तर :
(iv) A-3, B-2, C-1
(ख) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) अध्यापक के द्वारा हमें आज नया पाठ पढ़ाया गया
(ii) अध्यापक ने हमें नया पाठ पढ़ाया
(iii) अध्यापक से हमें पढ़ाया जा सका
(iv) अध्यापक से पढ़ाया नहीं जाता
उत्तर :
(i) अध्यापक के द्वारा हमें आज नया पाठ पढ़ाया गया
(ग) इसमें कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जा सकता है
(ii) पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाता है
(iii) पुलिस ने लाठीचार्ज किया
(iv) पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया
उत्तर :
(iii) पुलिस ने लाठीचार्ज किया
(घ) मोहन चल नहीं सकता। इसका भाववाच्य होगा
(i) मोहन द्वारा चला नहीं गया
(ii) मोहन से चला नहीं जाता
(iii) मोहन से नहीं चला गया
(iv) मोहन चल नहीं सका
उत्तर :
(ii) मोहन से चला नहीं जाता
(ङ) ‘माँ ने भिखारी को भोजन दिया’ इसका कर्मवाच्य होगा
(i) माँ द्वारा भिखारी को भोजन नहीं दिया जाता
(ii) माँ द्वारा भिखारी को भोजन दिया गया
(iii) माँ से भिखारी को भोजन मिला
(iv) माँ द्वारा भिखारी को भोजन दिया जाता है
उत्तर :
(ii) मों द्वारा भिखारी को भोजन दिया गया
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) हमें माता-पिता का सम्मान करना चाहिए – रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग
(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा, बहुवचन, पुल्लिंग
(ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग
(घ) भाववाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग
उत्तरः
(घ) भाववाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग
(2) राखी कल फ्रांस गई – रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) क्रिया, सकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, कर्मवाच्य
(ख) क्रिया, सकर्मक, बहुवचन, स्त्रीलिंग, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य
(ग) क्रिया, अकर्मक, बहुवचन, पुल्लिंग, भविष्यकाल, कर्तृवाच्य
(घ) क्रिया, अकर्मक, एकवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य
उत्तरः
(घ) क्रिया, अकर्मक, एकवचन, स्त्रीलिंग, भूतकाल, कर्तृवाच्य
(3) हमें अपने देश पर नाज़ है- रेखांकित अंश का पद परिचय होगा-
(क) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन
(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन
(ग) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन
(घ) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन
उत्तर:
(क) जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन
(4) देर मत करो, वे सब पहुँचते ही होंगे – रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक
(ख) निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक
(ग) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, बहुवचन, कर्ता कारक
(घ) निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, बहुवचन, कर्ता कारक
उत्तरः
(क) पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, बहुवचन, कर्ता कारक
(5) कुछ लोग काफी बुद्धिमान होते हैं- रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) निश्चित संख्या विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन
(ख) निश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन
(ग) अनिश्चित संख्यावाचक, विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘लोग’
(घ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन
उत्तर:
(ग) अनिश्चित संख्यावाचक, विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘लोग’
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) पायी अपर्वू थिरता मृदु वायु न भी,
मानो अचचंल विमोहित हो बनी थी।
इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रेक्षा उपर्युक्त काब्य पंक्तियों में वायु के अचंचल (स्थिर) होने के कारण ही संभायना की गई कि वह विमोहित हो गई है, परंतु निर्जीव वायु विमोहित हो ही नहीं सकती है। इस प्रकार हेतु (मोहित) न होने पर भी मोहित की संभावना की गई है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।
(ख) ‘बलिहारी नृप कूप की, गुन बिन बूँद न देइ।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत काव्य पंक्ति में ‘गुन’ शब्द में श्लेष अलंकार है। ‘गुन’ शब्द के यही दो अर्थ ग्रहण किए गए हैं। नृप (राजा) के पक्ष में ‘गुन’ का अर्थ है-गुण या विशिष्टता तथा कूप (कुएँ) के पक्ष में ‘गुन’ का अर्थ है-रस्सी।
(ग) ‘हैंसमुख हरियाली हिम आतप, सुख से अलसाए-से सोए’ प्रस्तुत काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण प्रस्तुत पंक्ति में हैंसती हरियाली हिम और आतप (धूप) को अलसाया और सोया हुआ दिखाया गया है। अतः यहों मानवीकरण अलंकार है।
(घ) ‘चरन धरत चिता करत, चितवत चारिहुं ओर। सुबरन को ढूँढ़त फिरत, कवि, व्यभिचारी, चोर।।’ इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत दोहे की दूसरी पंक्ति में ‘सुबरन’ का प्रयोग किया गया है, जिसे कवि व्यभिचारी एवं चोर तीनों ही खोज रहे हैं। यहा सुबरन के तीन अर्थ हैं-कवि अच्छे बर्ण को, व्यभिचारी अच्छे रूप-रंग को तथा चोर स्वर्ण को ढूँढ रहा है। अतः यही श्लेष अलंकार है।
(ङ) ‘अचल हिमगिरि के हुदय में आज चाहे कंप हो ले या प्रलय के औसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले। इन काव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण प्रस्तुत काव्य पंक्तियों में हिमगिरि निर्जीव वस्तु है पर उसके हृदय में कंपन होना मानवीय चेष्टा है। इसी प्रकार प्रलय एक निर्जीव वस्तु है, इसके आँसुओं में मौन होकर व्योम (आकाश) जो निर्जीव है, का मौन होना, अलसाना और रोना सभी मनुष्य संबंधित गुण है। इस प्रकार यहाँ हिमगिरि तथा व्योम पर (जो कि जड़ है) मानवीय क्रियाएँ आरोप किया गया।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज करता है; किंतु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है। जिस व्यक्ति की बुद्धि ने अथवा उसके विवेक ने किसी भी नए तथ्य का दर्शन किया, वह व्यक्ति ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है और उसकी संतान जिसे अपने पूर्वज से वह वस्तु अनायास ही प्राप्त हो गई है, वह अपने पूर्वज की भाँति सभ्य भले ही बन जाए, संस्कृत नहीं कहला सकता । एक आधुनिक उदाहरण लें। न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया । वह संस्कृत मानव था। आज के युग का भौतिक विज्ञान का विद्यार्थी न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण से तो परिचित है ही; लेकिन उसके साथ उसे और भी अनेक बातों का ज्ञान प्राप्त है जिनसे शायद न्यूटन अपरिचित ही रहा। ऐसा होने पर भी हम आज के भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सके; पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते। आग के आविष्कार में कदाचित पेट की ज्वाला की प्रेरणा एक कारण रही।
सुई-धागे के आविष्कार में शायद शीतोष्ण से बचने तथा शरीर को सजाने की प्रवृत्ति का विशेष हाथ रहा। अब कल्पना कीजिए उस आदमी की जिसका पेट भरा है, जिसका तन ढँका है, लेकिन अब वह खुले आकाश के नीचे सोया हुआ रात के जगमगाते तारों को देखता है, तो उसको केवल इसलिए नींद नहीं आती क्योंकि वह यह जानने के लिए परेशान है कि आखिर यह मोती भरा थाल क्या है ? पेट भरने और तन ढँकने की इच्छा मनुष्य की संस्कृति की जननी नहीं हैं। पेट भरा और तन ढँका होने पर ऐसा मानव जो वास्तव में संस्कृत है, निठल्ला नहीं बैठ सकता। हमारी सभ्यता का एक बड़ा अंश हमें ऐसे संस्कृत आदमियों से ही मिला है, किन्तु उसका कुछ हिस्सा हमें मनीषियों से भी मिला है जिन्होंने तथ्य-विशेष को किसी भौतिक प्रेरणा के वशीभूत होकर नहीं, बल्कि उनके अपने अंदर की सहज संस्कृति के ही कारण प्राप्त किया है। रात के तारों को देखकर न सो सकने वाला मनीषी हमारे आज के ज्ञान का ऐसा ही प्रथम पुरस्कर्ता था ।
(1) न्यूटन कैसा मानव था?
(क) संस्कृत
(ख) असंस्कृत
(ग) संवेदनशील
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
(क) संस्कृत
(2) संस्कृति के उदाहरण कौन से हैं?
(क) आग का आविष्कार
(ख) सुई-धागे का आविष्कार
(ग) न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपरोक्त सभी
(3) ……………….. ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत दिया ।
(क) चार्ल्स डार्विन
(ख) न्यूटन
(ग) आइंस्टाइन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) न्यूटन
(4) हमारी सभ्यता का एक बड़ा अंश हमें आदमियों से ही मिला है-
(क) अशिक्षित
(ख) शिक्षित
(ग) अभद्र
(घ) संस्कृत
उत्तरः
(घ) संस्कृत
(5) आग के आविष्कार का क्या कारण रहा होगा ?
(क) पेट की ज्वाला
(ख) पैसे की भूख
(ग) मन की ज्वाला
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) पेट की ज्वाला
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘एक कहानी यह भी’ पाठ लेखिका की आत्मकथा का हिस्सा नहीं है, क्योंकि
(i) इसमें लेखिका के परिवार के सभी व्यक्तियों का वर्णन किया गया है
(ii) इसमें लेखिका ने अपने से संबंधित किसी भी व्यक्ति का वर्णन नहीं किया है
(iii) इसमें उन्होंने उन व्यक्तियों या घटनाओं के बारे में लिखा है, जिनका संबंध उनकी रचनाओं से रहा है
(iv) इसमें लेखिका की निजी घटनाओं का वर्णन किया गया है
उत्तर :
(iii) इसमें उन्होंने उन व्यक्तियों या घटनाओं के बारे में लिखा है, जिनका संबंध उनकी रचनाओं से रहा है ‘एक कहानी यह भी’ पाठ लेखिका की आत्मकथा का हिस्सा नहीं है, क्योकि इसमें लेखिका ने केवल उन्हीं व्यक्तियों या घटनाओं का वर्णन किया है, जिनका संबंध उनके लेखकीय जीवन से रहा है।
(ख) वालगोबिन भगत’ के संगीत के जादू का प्रभाव किस-किस पर पड़ता है?
(i) किसानों व आस-पास खेलते हुए बच्चों पर
(ii) संत कबीर पर, हलवाहों के पैर ताल पर
(iii) कार्तिक पर, मेड पर खड़ी औरतों पर
(iv) किसानों, बच्चों, मेड़ पर खड़ी औरतों, हलवाहों तथा रोपण करने वालों की अँगुलियों पर
उत्तर :
(iv) किसानों व आस-पास खेलते हुए बच्चों मेड़ पर खड़ी औरतों, हलवाहों तथा रोपण करने वालों की अँगुलियों पर पाठ में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि भगत के संगीत का जादू किसानों व आस-पास खेलते हुए बच्चों मेड़ पर खड़ी औरतों, हलवाहों तथा रोपण करने वालों की अँगुलियों पर पड़ता है। बालगोबिन भगत का संगीत संपूर्ण वातावरण को मुग्ध कर देता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
जिसके अरुण – कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की ।
सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की ?
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ ?
क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ ?
सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्म – कथा ?
अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा ।
(1) कवि की प्रेयसी के कपोलों की क्या विशेषता थी?
(क) मखमली
(ख) अरुणिम
(ग) कठोर
(घ) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(ख) अरुणिम
(2) कवि ने किसको पाथेय माना है?
(क) जीवन के सुखद क्षणों की स्मृतियों को
(ख) जीवन के दुखों को
(ग) जीवन की सफलता को
(घ) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर:
(क) जीवन के सुखद क्षणों की स्मृतियों को
(3) कवि मौन क्यों रहना चाहते हैं?
(क) कवि के पास अपनी व्यथा सुनाने के लिए कुछ नहीं है ।
(ख) कवि को बात करना पसंद नहीं है।
(ग) कवि दूसरों की सुनना ज्यादा अच्छा समझते हैं ।
(घ) (क) और (ग) दोनों
उत्तर:
(घ) (क) और (ग) दोनों
(4) इस कविता के कवि का नाम है-
(कं) जयशंकर प्रसाद
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(घ) प्रेमचंद
उत्तर:
(क) जयशंकर प्रसाद
(5) ‘सीवन’ को उधेड़ने से कवि का आशय है-
(क) पुरानी बातों को भूलना
(ख) नई बातों का स्वागत करना
(ग) पुरानी बातों को दोहराना
(घ) ये सभी
उत्तरः
(ग) पुरानी बातों को दोहराना
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) परशुराम सहस्रबाहु को अपना शत्रु क्यों मानते थे?
(i) सहस्रबाहु ने शिव-धनुष को भंग कर दिया था
(ii) सहस्रबाहु ने उनके पिता जमदग्नि से कामधेनु गाय का अपहरण कर लिया था
(iii) परशुराम सहस्रबाहु से उसके क्षत्रिय होने के कारण ईष्ष्या करते थे
(iv) सहस्रबाहु ने परशुराम की तपस्या भंग की थी
उत्तर :
(ii) सहम्रबाहु ने उनके पिता जमदग्नि से कामधेनु गाय का अपहरण कर लिया था परशुराम सहसबाहु को अपना शत्रु इसलिए मानते थे, क्योंकि सहस्रबाहु ने उनके पिता जमदग्नि से कामधेनु गाय का अपहरण कर लिया था
(ख) ‘विद्युत-छबि उर में’ पंक्ति से कवि का आशय क्या है?
(i) बादलों के हदय में बिजली रूपी ऊर्जा की रेखा है
(ii) बिजली की परछाई धरती तक दिख रही है
(iii) बिजली बादलों के साथ ही चमकती है
(iv) बादलों की छाया धरती पर पड़ रही है
उत्तर :
(i) बादलों के द्रदय में बिजली रूपी ऊर्जा की रेखा है ‘ विद्युत-छबि उर में’ से कवि का आशय है कि बादलों के हृदय में बिजली रूपी ऊर्जा की रेखा है।
खण्ड ‘ख’ (वर्णनात्मक प्रश्न)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(क) बालगोबिन भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तरः
बालगोबिन भगत की पुत्रवधू बहुत सुशील थी। वह बालगोबिन भगत को अकेले नहीं छोड़ना चाहती थी । उसे चिंता थी कि भगत के लिए भोजन कौन बनाएगा? यदि वे बीमार पड़े तो उनकी देखभाल कौन करेगा ? इसीलिए वह अपना शेष जीवन उनकी सेवा करते हुए बिताना चाहती थी।
(ख) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए ।
उत्तरः
‘लखनवी अंदाज़’ पाठ में एक नवाब साहब के द्वारा खीरा खाने के बेहद नजाकत भरे अंदाज़ का लेखक ने अत्यंत रोचक शैली में वर्णन किया है। लखनवी नवाब खीरों को खाए बिना केवल उन्हें सूँघकर ही तृप्त हो जाते हैं इसी दिखावे को वे अपनी शान समझते हैं। पाठ का शीर्षक व्यंग्यात्मक रूप में उनकी इसी बनावटी जीवन-शैली पर आधारित है । अतः सार्थक है।
(ग) बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर ईश्वर से क्या माँगते रहे, और क्यों ? इससे उनकी किस विशेषता का पता चलता है?
उत्तर:
बिस्मिल्ला खाँ जीवन भर ईश्वर से अच्छा सुर माँगते रहे क्योंकि वह जानते थे कि उनकी पहचान, उनका सम्मान, शहनाई के सुर में ही है। यदि सुर एक बार फट गया तो उसे बदला नहीं जा सकता है। इससे उनकी अपने कार्य के प्रति श्रद्धा व आस्था दिखाई देती है।
(घ) आशय स्पष्ट कीजिए-
” बार – बार सोचते क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी – जवानी – जिन्दगी का सब कुछ होम देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है । ”
उत्तरः
पानवाले द्वारा कैप्टन का मज़ाक उड़ाया जाना हालदार साहब को अच्छा नहीं लगा। वे सोचने लगे कि कैप्टन जैसे लोग ही सच्चे देशभक्त होते हैं, जो निःस्वार्थ भाव से राष्ट्र के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते हैं। स्वार्थी एवं लालची जाति के लोगों द्वारा ऐसे देशभक्तों का मजाक उड़ाया जाना हालदार साहब को आहत करता है, जो अपने देश की खातिर अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं। उन्हें बार-बार यह चिन्ता सताती है कि जहाँ ऐसे स्वार्थी जाति के लोग रहते हैं, उस देश का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा ?
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) शिवजी का धनुष टूटने पर क्रोधित परशुराम को शांत करने के लिए लक्ष्मण ने क्या कहा? ‘राम लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
लक्ष्मण ने अपनी व्यंग्योक्ति (वह उक्ति जिसमें व्यंग्य का भाव हो) द्वारा परशुराम को विनम्नतापूर्वक कहा कि श्रीराम ने तो केवल शिव के पुराने धनुष को मात्र छुआ था, अब यदि वह छूने मात्र से टूट गया, तो इसमें उनका कोई दोब नहीं है। लक्ष्मण ने अपने इस कथन को सत्य ठहराने के लिए इसी प्रकार के अनेक व्यंग्य क्थनों का प्रयोग किया।
(ख) गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में किस प्रकार बसाया हुआ है? ‘सूरदास के पद’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हुदय में उसी प्रकार बसाया है, जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में दबाई लकड़ी को नहीं छोड़ता। उसी प्रकार मन, वचन और कर्म से गोपियों ने श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसाया हुआ है। उनका कहना है कि वे सोते-जागते, सपने में और दिन-रात श्रीकृष्ण के नाम को ही रटती रहती है।
(ग) कवि की ऑँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है? ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर :
चारों ओर फल्गुन का सौदर्य बिखरा हुआ है, जिसे देखकर प्रकृति प्रेमी कवि का मन प्रसन्न हो उठता है। इस समय डालियौ कहीं लाल तो कहीं हरे-हरे पत्तों से लदी दिखाई देती हैं तथा चारों ओर फूल खिले हैं। इसी कारण कवि की औँखें फालगुन की सुंदरता से नहीं हट रही है।
(घ) संगतकार मुख्य गायक का साथ देते समय अप्रत्यक्ष रूप से उसे क्या-क्या याद दिलाता है?
उत्तर :
कई बार जब मुख्य गायक स्थायी या टेक को छोड़कर अंतरे का चरण पकड़ता है और तानों के जंगल में खो जाता है या अपने सरगम को लाँघकर एक अनहद में भटक जाता है, तब संगतकार ही गाने के स्थायी को पकड़े रहता है, ऐसा लगता है जैसे वह उसे उसका बचपन याद दिला रहा हो, जब वह संगीत सीख रहा था और सरगम के स्वर से भटक जाया करता था।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए-
(क) भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है ? विचार करके लिखिए।
उत्तरः
भोलानाथ के खेल और खेलने की सामग्री से आजकल के खेल और खेल सामग्रियों में बहुत अंतर आ गया है। उस समय बच्चों को घर से बाहर खेलने की पूर्ण स्वतंत्रता थी । बच्चे बाहर और घर में पड़ी अनुपयोगी वस्तुओं से ही अपनी खेल सामग्री तैयार कर लेते थे। सभी बच्चों में बहुत आत्मीय सम्बन्ध थे। बच्चे धूल, मिट्टी में खेलकर अपार आनंद अनुभव करते थे । आज खेल सामग्री बाजार से खरीदी जाती है। धूल-मिट्टी से बच्चों का परिचय ही नहीं हो पाता। बच्चे घर में ही माता-पिता के सुरक्षा घेरे अत्याधुनिक महँगे स्वचालित खिलौनों से खेलते हैं।
(ख) लेखक ने आलसी प्रकृति के कृतिकार के विषय में क्या कहा है?
उत्तरः
लेखक ने कहा है कि ऐसा कृतिकार बाहरी दबाव के प्रति समर्पित नहीं हो पाता है, वह उसे केवल एक सहायक यन्त्र की तरह उपयोग में लाता है, जिससे उसका सम्बन्ध भौतिक यथार्थ के साथ बना रहे। इस सब से उनकी भीतर की विवशता प्रकट होती है। यह कुछ उस तरह की भावना है जैसे प्रात: काल नींद खुल जाने पर भी कोई बिछौने पर तब तक पड़ा रहे जब तक अलार्म ना बज जाए।
(ग) आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति से किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है? इसे रोकने में आप किस तरह की भूमिका निभा सकते हैं?
उत्तर:
वर्तमान पीढ़ी द्वारा प्रकृति का दोहन किया जा रहा है। वनों को काटा जा रहा है और नगरों और फैक्ट्रियों के कचरे से पवित्र नदियों के जल को दूषित किया जा रहा है। सुख-सुविधा के नाम पर पॉलीथीन के बढ़ते प्रयोग से; भूमि और वाहनों के ज़हरीले धुएँ से वायुमंडल प्रदूषित हो रहा है जिससे मौसम चक्र प्रभावित हो रहा है और ग्लेशियर तेज़ी से पिघल रहे हैं। इसे रोकने के लिए हम अनेक प्रकार से सहयोग दे सकते हैं – हरे-भरे वृक्षों को न काटें और न किसी को काटने दें, गंदे जल और अपशिष्ट पदार्थों को नदियों में न डालें, पॉलिथीन का प्रयोग बंद कर दें तथा वाहनों का प्रयोग भी कम करें।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (6 × 1 = 6)
(क) G20
संकेत बिंदु
- प्रस्तावना
- G20 के सदस्य
- G20 के कार्य
- G20 क्या है?
- G20 का उद्देश्य
- उपसंहार
उत्तर :
G20
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका गठन वर्ष 1999 में हुआ था। भारत भी 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक G 20 की अध्यक्षता करेगा।
G20 यूरोपियन यूनियन एवं 20 देशों का एक अनौपचारिक समूह है। G20 के शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य प्रत्येक वर्ष सम्मिलित होते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस विषय पर चर्चा करते हैं।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इण्डोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका तथा यूरोपीय देश शामिल हैं। सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। G20 के प्रमुख उद्देश्य ब्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु और अन्य मुद्दों पर वैश्विक नीति के समन्वय के लिए नियमित रूप से शिखर सम्मेलन करना, चर्चा करना तथा अर्थव्यवस्था में सुधार करना या वैश्विक मुद्दों का निपटान करना है। पिछले शिखर सम्मेलनों में भी Covid-19 महामारी, 2008 के वित्तीय संकट, ईरानी परमाणु कार्यक्रम और सीरियाई गृह युद्ध जैसे मुद्दों को भी संबोधित किया गया है। G20 अपने सदस्यों के अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और निर्णय करने हेतु एक प्रमुख मंच है। G20 के सदस्य वर्ष में एक बार बैठक अवश्य करते है। इसके अतिरिक्त देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरूरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से बेठक करते हैं।
उपसंहार G20 दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा तय करता है। G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एजेंडे तय किए जाते हैं। ये समूह मुख्य रूप से ग्लोबल इकोनॉमी, आर्थिक स्थिरता, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे सतत विकास इत्यादि प्रक्रियाओं पर काम करता है।
(ख) लोकतंत्र और चुनाव
संकेत बिंदु
- भूमिका
- टिकट पाने की होड़
- लोकतंत्र में चुनाव की प्रक्रिया
- अमर्यादित रूप से चुनाव का प्रचार-प्रसार
उत्तर :
लोकतंत्र और चुनाव
अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए कहा था-‘ लोकतंत्र जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता का शासन है।” लोकतंत्र सर्वोत्तम शासन प्रणाली है, जिसमें जनता की इच्छाओं को साकार करने के लिए जनता के प्रतिनिधि ही शासन संचालित करते है। भारतीय लोकतंत्र में जनता प्रत्येक चुनाव से अपने प्रतिनिधियों को प्रत्यक्ष मतदान द्वारा चुनती है। भारत में प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर चुनाव आयोजित किए जाते हैं। यह चुनाव का समय ही होता है, जब सभी नेता जनता से मिलने प्रत्यक्ष रूप से जाते हैं और उनसे हर काम को पूरा करने का वादा करते हैं। आजकल लोकतंत्र की वास्तविकता केवल सिद्धांतों तक सीमित रह गई है, उसका व्यावहारिक पक्ष अत्यंत घृणित एवं खराब हो गया है।
सभी अपने-अपने महत्त्व को दिखाने के लिए अपने नेता, अपने गुट एवं दल के सदस्य को चुनाव में खड़ा करते हैं। राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी के रूप में टिकट पाने के लिए अनेक लोगों के बीच प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाती है। अंततः टिकट पाने में सफलता प्राप्त करने वाले प्रत्याशी का उत्साह सातवें आसमान पर चढ़ जाता है। चुनाव-प्रचार का अराजकता भरा वातावरण शुरू हो जाता है। संपूर्ण परिवेश रंगीन झंडों, बैनरों, नारों, पोस्टरों, चीखते लाउडस्पीकरों, प्रचार करती गाड़ियों आदि से सराबोर हो जाता है। आजकल चुनाव-प्रचार के समय राजनीतिक दलों द्वारा न्यूनतम मर्यादाओं का भी पालन नहीं किया जाता है। सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए नैतिकता समाप्त होती जा रही है। इसके कारण पूरा वातावरण अत्यंत दूषित हो जाता है। अनेक सुधारों के पश्चात् भी लोकतंत्र में चुनाव-प्रणाली की जितनी सार्थक भूमिका होनी चाहिए, वह अभी भी नहीं दिखती है। आज भी जाति एवं धर्म के आधार पर मतदान होता है, आज भी बाहुबली लोग जेलों में रहते हुए चुनाव जीत जाते हैं।
(ग) इंटरनेट की दुनिया
संकेत बिंदु
- भूमिका
- इंटरनेट के लाभ
- भारत एवं विश्व में इंटरनेट की स्थिति
- इंटरनेट के दुष्परिणाम
उत्तर :
इंटरनेट की दुनिया
विज्ञान के कारण पहले कंप्यूटर का जन्म हुआ और फिर कंप्यूटर से इंटरनेट का। इंटरनेट न केवल मानव के लिए अति उपयोगी सिद्ध हुआ है, बल्कि संचार में गति एवं विविधता के माध्यम से इसने दुनिया को बिलकुल बदलकर रख दिया है। इंटरनेट ने भौगोलिक सीमाओं को समेट दिया है। भारत में इंटरनेट सेवा की शुरुआत बी.एस.एन.एल. ने वर्ष 1995 में की थी। अब एयरटेल, जियो, वोडाफ़ोन जैसी दूरसंचार कंपनियाँ भी इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती हैं। आज विश्व के कुल 6.8 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2 अरब लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। पूरे विश्व में इंटरनेट से जुड़ने वाले लोगों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। इंटरनेट ने विशेष लोगों से लेकर सामान्य लोगों तक सभी के जीवन को गति प्रदान की है।
इससे मानव को अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुई हैं; जैसे-पुस्तक ऑर्डर करना, रेल हवाई जहाज की टिकट बुक कराना, मित्रों से ऑनलाइन चैटिंग करना आदि। इंटरनेट न केवल हमारे कार्यों को सरल बनाता है, अपितु शिक्षा में भी यह अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका ज्वलंत उदाहरण कोरोना महामारी के समय देखा गया था। यदि आज इंटरनेट की सुविधा न होती तो शायद शिक्षक-छात्र आदि कोरोना महामारी के जाने की प्रतीक्षा कर रहे होते, किंतु इंटरनेट ने घर बैठे छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने व शिक्षकों द्वारा शिक्षा देने के काम को भी साकार कर दिया है। इंटरनेट के अनेक लाभ हैं, तो इसकी कुछ हानियाँ भी हैं। इसके माध्यम से अश्लील सामग्री की पहुँच बच्चों तक सरल हो गई है।
इंटरनेट से जुड़ते समय वायरसों द्वारा सुरक्षित फाइलों के नष्ट होने का खतरा भी बना रहता है। इन सबके अतिरिक्त बहुत-से लोग इस पर अनावश्यक और गलत आँकड़े एवं तथ्य भी प्रकाशित करते रहते हैं। इस प्रकार इंटरनेट यदि ज्ञान का सागर है, तो इसमें ‘कूड़-कचरे’ की भी कमी नहीं है। इसलिए हमें इसका प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए। इसमें संदेह नहीं है कि इंटरनेट ने अनेक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई हैं, परंतु यह आवश्यक है कि मनुष्य इसका सही ढंग से प्रयोग करे। साथ ही इसका विस्तार क्षेत्र पूरे देश में बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
(क) आप छात्रावास में रहने वाले मनीष / मनीषा हैं। अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए, जिसमें शैक्षिक यात्रा पर जाने की अनुमति के साथ कुछ रुपए भेजने का अनुरोध किया गया हो ।
अथवा
(ख) वन-विभाग द्वारा लगाए गए वृक्ष सूखते जा रहे हैं। इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए किसी प्रसिद्ध दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को वसंत विहार आशुतोष की ओर से पत्र लिखिए ।
उत्तरः
(क) अ ब स छात्रावास
क ख ग नगर, नई दिल्ली
दिनांक : 24-03-20XX
पूज्य पिताजी,
सादर चरण स्पर्श |
आपके भेजे पत्र द्वारा ज्ञात हुआ कि वहाँ सब कुशलमंगल है। मैं भी यहाँ अपनी प्रथम सत्र की परीक्षा की तैयारी में लगा हुआ हूँ । पिताजी, इस दशहरावकाश में हमारे विद्यालय से छात्रों को एक सप्ताह के लिए शैक्षिक भ्रमण हेतु ले जाया जा रहा है। इसमें 40 छात्र, 4 अध्यापक तथा 2 व्यायाम शिक्षक जा रहे हैं। इस शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम में हमें उज्जैन, इंदौर, धार, मांडू आदि स्थानों को दिखाया जाएगा। भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को सामाजिक अध्ययन तथा भूगोल विषय से सम्बन्धित उपयोगी जानकारी देना है। इस अवधि में हमारा पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होगा। इसमें शामिल होने के लिए आपकी लिखित अनुमति के साथ मुझे खर्च के लिए ₹3000 की आवश्यकता है । आशा है आप मुझे इसमें शामिल होने के लिए सहर्ष अनुमति देंगे।
पूज्य माताजी को सादर चरण स्पर्श तथा छोटी बहन गायत्री को मेरा स्नेह कहिएगा ।
आपका आज्ञाकारी पुत्र
मनीष
अथवा
(ख) बसंत विहार
नई दिल्ली: 110092
दिनांक 24-03-20XX
संपादक,
दैनिक जागरण,
62ए गौतम बुद्ध नगर,
उत्तर प्रदेश ।
विषय- वन विभाग द्वारा रोपित वृक्षों के सूखने के सम्बन्ध में
महोदय,
आपके प्रसिद्ध समाचार-पत्र के माध्यम से मैं वन विभाग के अधिकारियों का ध्यान अपने क्षेत्र में सूखते वृक्षों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। दिनांक 5 जून, 20XX को हमारी कॉलोनी के निकट स्थित पार्क में बहुत धूमधाम से ‘वन महोत्सव’ मनाया गया था। इस अवसर पर वन विभाग द्वारा बहुत से पौधे लगाए गए थे किंतु बाद में न तो उनकी सुरक्षा का कोई उपाय किया गया और न ही उनकी देखभाल और सिंचाई पर कोई ध्यान दिया गया, जिससे बहुत से पौधे सूख गए और शेष भी सूखने की कगार पर हैं। उन पौधों की सुरक्षा के लिए भी कोई जाली नहीं लगाई गई जिस कारण गाय, भैंस आदि जानवर उन्हें नुकसान पहुँचाते हैं ।
अतः आपसे प्रार्थना है कि मेरे इस पत्र को अपने समाचार-पत्र में स्थान देने की कृपा करें ताकि सम्बन्धित अधिकारियों का ध्यान उन सूखते वृक्षों की ओर आकर्षित हो और वह उन्हें बचाने के लिए अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को यथोचित आदेश देकर उचित कार्यवाही करें | धन्यवाद सहित
भवदीय
आशुतोष
प्रश्न 16.
आप मीना सैनी हैं। आप बी. एड. कर चुकी हैं, आपको महावीर स्कूल मानसरोवर में हिंदी अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
आप पवन कुमार हैं। राजेंद्र नगर के निवासी हैं। आपके बिजली के बिल में अधिक राशि आई है, जो पिछले महीनों से बहुत अधिक है। इसके लिए कार्यपालक अभियंता को बिजली के बिल संबंधी शिकायत करने के लिए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त –
नाम : मीना सैनी
पिता का नाम : संतोष सैनी
माता का नाम : पार्वती सैनी
जन्म तिथि : 8 फरवरी, 19XX
वर्तमान पता : 5 / 22 गोदाम, औद्योगिक क्षेत्र, जयपुर।
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : +011592348
मोबाइल नंबर : 9753XXXXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- कंप्यूटर का ज्ञान C C C व DOEACC में ‘O’ Level सर्टिफिकेट
- अनुभव सरस्वती सीनियर सैकेंडरी शिक्षण में पाँच वर्ष का अनुभव
उपलब्धियाँ
- वाद-विवाद राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता, प्रथम पुरस्कार, 2013
- आशुभाषण प्रतियोगिता राष्ट्रीय स्तर पर (द्वितीय पुरस्कार) 2016
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- समाचार-पत्र का नियमित पठन
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- श्री गणेश लाल चौधरी, सरपंच ग्राम तिलोनिया
- श्रीमती रीता मल्होत्रा, प्रिंसिपल डी. ए. वी. कॉलेज, जयपुर
तिथि 7.10.20XX
स्थान जयपुर
मीना सैनी
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
(क) अपनी संस्था द्वारा बनाई गई हस्त शिल्प की वस्तुओं की बिक्री के लिए लगभग 60 शब्दों में विज्ञापन बनाइए ।
अथवा
(ख) आप नवनीत / नीता हैं। आपकी माताजी की अचानक तबियत खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा, इसकी सूचना देते हुए अपनी बहन को लगभग 60 शब्दों में संदेश लिखिए।
उत्तर:
(क)
अथवा
संदेश 10 अगस्त, 20XX प्रात: 8:00 बजे प्रिय निवेदिता, |