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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देशः
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘अ’ और ‘ब’ ।
- खंड- ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
- खंड- ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए ।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खण्ड – ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए – [1 × 5 = 5]
आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है और भाषा संस्कार से बनती है। जिसके जैसे संस्कार होंगे, वैसी उसकी भाषा होगी। जब कोई आदमी भाषा बोलता है, तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं। यही कारण है कि भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत गुरुतर और चुनौतीपूर्ण है। परंपरागत रूप में शिक्षक की भूमिका इन तीन कौशलों …………………. बोलना, पढ़ना और लिखना तक सीमित कर दी गई है। केवल यांत्रिक- कौशल किसी जीती-जागती भाषा का उदाहरण नहीं हो सकते हैं। सोचना और महसूस करना दो ऐसे कारक हैं, जिनमें भाषा सही आकार पाती है। इनके बिना भाषा, भाषा नहीं है, इनके बिना भाषा संस्कार नहीं बन सकती, इनके बिना भाषा युगों-युगों का लंबा सफर तय नहीं . कर सकती, इनके बिना कोई भाषा किसी देश या समाज की धड़कन नहीं बन सकती । केवल संप्रेषण ही भाषा नहीं है। दर्द और मुस्कान के बिना कोई भाषा जीवंत नहीं हो सकती ।
भाषा हमारे समाज के निर्माण, विकास, अस्मिता, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का भी महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना मनुष्य पूर्ण नहीं है। भाषा में ही हमारे भाव, राज्य, संस्कार, प्रांतीयता झलकती है। इस झलक का संबंध व्यक्ति की मानवीय संवेदना और मानसिकता से भी होता है। जिस व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य और मानसिकता जिस स्तर की होगी, उसकी भाषा के शब्द और मुख्यार्थ भी उसी स्तर के होंगे। साहित्यकार ऐसी भाषा को आधार बनाते हैं, जो उनके पाठकों एवं श्रोताओं की संवेदना के साथ एकाकार करने में समर्थ हों । (1) आदमी की पहचान उसकी भाषा से होती है, क्योंकि-
(क) मनुष्य की पूर्णता भाषा द्वारा ही संभव है ।
(ख) व्यक्ति के मनोभाव भाषा से ही व्यक्त होते हैं।
(ग) भाषा का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता ।
(घ) दर्द और मुस्कान के बिना भाषा जीवित नहीं हो सकती ।
उत्तर:
(ख) व्यक्ति के मनोभाव भाषा से ही व्यक्त होते हैं।
(2) निम्नलिखित कथन (A) और कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए |
कथन (A) : जब कोई आदमी बोलता है, तो साथ में उसके संस्कार भी बोलते हैं ।
कारण (R) : भाषा शिक्षक का दायित्व बहुत चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उसे कौशलों का विकास करना होता है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तरः
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(3) गद्यांश में साहित्यकार द्वारा किए गए कार्य का उल्लेख इनमें से कौन-से विकल्प से ज्ञात होता है- (क) साहित्य समाज का दर्पण है।
(ख) साहित्यकार साहित्य सृजन में व्यस्त रहता है।
(ग) साहित्यकार सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान बनाता है।
(घ) साहित्यकार जन सामान्य की अस्मिता का परिचायक होता है।
उत्तरः
(घ) साहित्यकार जन सामान्य की अस्मिता का परिचायक होता है।
(4) ‘दर्द और मुसकान के बिना भाषा जीवंत नहीं हो सकती।’ लेखक द्वारा ऐसा कथन दर्शाता है-
(क) यथार्थ की समझ
(ख) सामाजिक समरसता
(ग) साहित्य-प्रेम
(घ) भाषा – कौशल
उत्तर:
(क) यथार्थ की समझ
(5) भाषा तब सही आकार पाती है, जब-
(क) मनुष्य निरंतर उसका अभ्यास करता रहता है।
(ख) भाषा को सरकारी समर्थन भी प्राप्त होता है।
(ग) भाषा सामाजिक संस्थाओं से प्रोत्साहन प्राप्त करती है।
(घ) भाषायी कौशलों के साथ मनुष्य सोचता और महसूस भी करता है।
उत्तर:
(घ) भाषायी कौशलों के साथ मनुष्य सोचता और महसूस भी करता है।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- [1×5=5]
साहित्य को समाज का प्रतिबिंब माना गया है अर्थात् समाज का पूर्णरूप साहित्य में प्रतिबिंबित होता रहता है । अनादि काल से साहित्य अपने इसी धर्म का पूर्ण निर्वाह करता चला आ रहा है। वह समाज के विभिन्न रूपों का चित्रण कर एक ओर तो हमारे सामने समाज का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है और दूसरी ओर अपनी प्रखर मेधा और स्वस्थ कल्पना द्वारा समाज के विभिन्न पहलुओं का विवेचन करता हुआ यह भी बताता है कि मानव समाज की सुख-समृद्धि, सुरक्षा और विकास के लिए कौन-सा मार्ग उपादेय है? एक आलोचक के शब्दों में – “कवि वास्तव में समाज की व्यवस्था, वातावरण, धर्म-कर्म, रीति-नीति तथा सामाजिक शिष्टाचार या लोक व्यवहार से ही अपने काव्य के उपकरण चुनता है और उनका प्रतिपादन अपने आदर्शों के अनुरूप करता है।”
साहित्यकार उसी समाज का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें वह जन्म लेता है। वह अपनी समस्याओं का सुलझाव, अपने आदर्श की स्थापना अपने समाज के आदर्शों के अनुरूप ही करता है । जिस सामाजिक वातावरण में उसका जन्म होता है, उसी में उसका शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक विकास भी होता है । अतः यह कहना सर्वथा असंभव और अविवेकपूर्ण है कि साहित्यकार समाज से पूर्णतः निरपेक्ष या तटस्थ रह कर साहित्य सृजन करता है। वाल्मीकि, तुलसी, सूर, भारतेंदु, प्रेमचंद आदि का साहित्य इस बात का सर्वाधिक सशक्त प्रमाण है कि साहित्यकार समाज से घनिष्ठ रूप से संबंध रखता हुआ ही साहित्य सृजन करता है। समाज की अवहेलना करने वाला साहित्य क्षणजीवी होता है।
(1) साहित्य समाज का प्रतिबिंब है क्योंकि यह-
(क) समाज की वास्तविकता का द्योतक है।
(ख) समाज में लोक व्यवहार का समर्थक है।
(ग) व्यक्ति की समस्याओं का निदान करता है।
(घ) साहित्य को दिशा प्रदान करता है।
उत्तर:
(क) समाज की वास्तविकता का द्योतक है।
(2) गद्यांश दर्शाता है-
(क) समाज एवं साहित्य का पारस्परिक संबंध
(ख) समाज एवं साहित्य की अवहेलना
(ग) साहित्यकार की सृजन शक्ति
(घ) सामाजिक शिष्टाचार एवं लोक व्यवहार
उत्तर:
(क) समाज एवं साहित्य का पारस्परिक संबंध
(3) साहित्य की क्षणभंगुरता का कारण होगा-
(क) सामाजिक अवज्ञा
(ख) सामाजिक समस्या
(ग) सामाजिक सद्भाव
(घ) सामाजिक समरसता
उत्तर:
(क) सामाजिक अवज्ञा
(4) वाल्मीकि, तुलसी, सूर के उदाहरण द्वारा लेखक चाहता है-
(क) भाव साम्यता
(ख) प्रत्यक्ष प्रमाण
(ग) सहानुभूति
(घ) शिष्टाचार
उत्तर:
(ख) प्रत्यक्ष प्रमाण
(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए |
कथन (A) : कवि अपने काव्य के उपकरणों का प्रतिपादन अपने आदर्शों के अनुरूप करता है।
कारण (R) : कवि हृदय अत्यधिक संवेदनशील होता है एवं सदैव देशहित चाहता है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- [1 × 4 = 4]
(1) ‘सुलेमान केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे।’ रेखांकित पदबंध का भेद है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) विशेषण पदबंध
उत्तर:
(क) संज्ञा पदबंध
(2) ‘जीने-मरने वाले मनुष्य तो हो सकते हैं पर सही अर्थों में नहीं।’ इस वाक्य में विशेषण पदबंध होगा-
(क) मनुष्य तो हो सकते हैं
(ख) सही अर्थों में नहीं
(ग) जीने-मरने वाले मनुष्य
(घ) जीने-मरने वाले
उत्तर:
(घ) जीने-मरने वाले
(3) क्रियाविशेषण पदबंध का उदाहरण छाँटिए-
(क) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं।
(ख) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं ।
(ग) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं ।
(घ) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं ।
उत्तरः
(ख) ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्टों’ के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं।
(4) ‘अकसर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं।’ रेखांकित पदबंध का भेद है-
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(घ) क्रिया पदबंध
(5) ‘खिड़की के बाहर अब असहाय दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।’ रेखांकित पदबंध का भेद है—
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तर:
(क) संज्ञा पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- [1 × 4 = 4]
(1) निम्नलिखित में से उपयुक्त सरल वाक्य छाँटिए-
(क) जो कहोगे उसका परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा।
(ख) नूह ने जब उनकी बात सुनी तो दुःखी हो मुद्दत तक रोते रहे।
(ग) दूसरे गाँव के युवक के साथ संबंध परंपरा के विरुद्ध था।
(घ) मैं उनकी लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता ।
उत्तर:
(ग) दूसरे गाँव के युवक के साथ संबंध परंपरा के विरुद्ध था ।
(2) ‘जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभा ऐसे मैदान में नहीं की गई थी।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद है-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्रित वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तरः
(ग) मिश्रित वाक्य
(3) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) भाई साहब और मैं कनकौआ लूटने के लिए दौड़ रहे थे । | (i) संयुक्त वाक्य |
(2) क्योंकि मुझे और भाईसाहब को कनकौआ लूटना था इसलिए हम | (ii) सरल वाक्य दौड़ रहे थे। |
(3) मुझे कनकौआ लूटना था और भाईसाहब मेरे साथ दौड़ रहे थे। | (iii) मिश्र वाक्य विकल्प |
(क) 1-iii, 2-i, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-i, 2-ii, 3-iii
(घ) 1-ii, 2-i, 3-iii
उत्तर:
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(4) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्रित वाक्य है-
(क) जैसे ही वे घर से बाहर निकले, वैसे ही जोर से धमाका हुआ ।
(ख) वे लोग घर से बाहर निकले और ज़ोर से धमाका हुआ।
(ग) धमाका होते ही घर से बाहर निकले।
(घ) उनके घर से निकलते ही ज़ोर से धमाका हुआ।
उत्तरः
(क) जैसे ही वे घर से बाहर निकले, वैसे ही जोर से धमाका हुआ।
(5) ‘शैलेंद्र का दृढ़ मंतव्य था कि दर्शकों की रुचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए।’ रचना के आधार पर इस वाक्य का भेद होगा-
(क) सरल वाक्य.
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(ग) मिश्र वाक्य
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- [1 ×4=4]
(1) ‘मार्गव्यय’ शब्द / समस्तपद कौन-से समास का उदाहरण है ?
(क) द्विगु समास
(ख) कर्मधारय समास
(ग) तत्पुरुष समास
(घ) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
(ग) तत्पुरुष समास
(2) ‘महाजन ‘ समस्त पद का विग्रह होगा-
(क) महान है जो जन
(ख) महा है जो जन
(ग) महान का जन
(घ) जन की महानता
उत्तर:
(क) महान है जो जन
(3) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए –
समस्तपद | समास |
(i) पराधीन | (i) तत्पुरुष समास |
(ii) महात्मा | (ii) अव्ययीभाव समास |
(iii) नीलकंठ | (iii) बहुव्रीहि समास |
(iv) सज्जन | (iv) द्विगु समास |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं-
(क) (i) और (ii)
(ख) (i) और (iii)
(ग) (ii) और (iv)
(घ) (iii) और (iv)
उत्तर:
(ख) (i) और (iii)
(4) ‘यथाशक्ति’ शब्द के लिए सही समास – विग्रह और समास का चयन कीजिए-
(क) यथा और शक्ति – द्वंद्व समास
(ख) यथा की शक्ति-तत्पुरुष समास
(ग) शक्ति के अनुसार – अव्ययीभाव समास
(घ) यथा शक्ति का धनी अर्थात् व्यक्ति विशेष – बहुव्रीहि समास
उत्तर:
(ग) शक्ति के अनुसार – अव्ययीभाव समास
(5) ‘तिरंगा’ का समास विग्रह एवं भेद होगा-
(क) तीन में रंगा – तत्पुरुष समास
(ख) तीन रंग – द्विगु समास
(ग) तीन रंगों के समान – कर्मधारय
(घ) तीन रंगों वाला अर्थात् भारत का राष्ट्र ध्वज-बहुव्रीहि समास
उत्तरः
(घ) तीन रंगों वाला अर्थात् भारत का राष्ट्र ध्वज – बहुव्रीहि समास
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘मुहावरे’ पर आधारित छह बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- [1 × 4 = 4]
(1) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए-
(क) तूती बोलना – मुसीबत में फँसना
(ख) दूध की मक्खी – अनुपयोगी
(ग) लोहा मानना – कठिन काम करना
(घ) टूट पड़ना – काम शुरू करना
उत्तर:
(ख) दूध की मक्खी – अनुपयोगी
(2) ‘गहरी नींद से जाग जाना / होश आना’ के लिए उपयुक्त मुहावरा है-
(क) सुध-बुध खोना
(ख) अलख जगाना
(ग) दिमाग होना
(घ) तंद्रा भंग होना
उत्तर:
(घ) तंद्रा भंग होना
(3) ‘आड़े हाथों लेना’ मुहावरे का अर्थ है-
(क) घमंड करना
(ख) विरोध करना
(ग) खिंचाई करना
(घ) बेराह चलना
उत्तर:
(ग) खिंचाई करना
(4) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा ?
‘तू मित्र है या शत्रु ? जहाँ भी जाता हूँ, वहीं मेरे सामने बाधा उत्पन्न कर देता है। ‘
(क) मज़ा चखवाना
(ख) दीवार खड़ी करना
(ग) हावी होना
(घ) राह न सूझना
उत्तर:
(ख) दीवार खड़ी करना
(5) सेठ दीनदयाल अपने क्षेत्र के जाने-माने व्यापारी हैं। ……………………… के द्वारा ही उनकी गिनती चुने हुए धनवानों में होती है। रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
(क) सातवें आसमान पर होने
(ख) नतमस्तक होने
(ग) हवा में उड़ने
(घ) दो से चार बनाने के गणित
उत्तर:
(घ) दो से चार बनाने के गणित
(6) ‘परेशानी देखकर घबरा जाना’ अर्थ के लिए उपयुक्त मुहावरा है-
(क) हाथ-पाँव फूल जाना
(ख) प्राण ले लेना
(ग) सिर फिरना
(घ) ठंडा पड़ना
उत्तरः
(क) हाथ-पाँव फूल जाना
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- [1 × 5 = 5]
साँस थमती गई, नब्ज़ ज़मती गई,
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया,
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं,
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया,
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो ।
ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रूसवा करे
वो जवानी जो खून में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
(1) ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’ का अर्थ है-
(क) हिमालय को सजाना
(ख) हिमालय की हिफाजत करना
(ग) भारत के गौरव को बनाए रखना
(घ) भारत का गुणगान करना
उत्तर:
(ग) भारत के गौरव को बनाए रखना
(2) कवि द्वारा ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग …………………. के लिए किया गया है।
(क) कवियों
(ख) शहीदों
(ग) सैनिकों
(घ) देशवासियों
उत्तर:
(घ) देशवासियों
(3) ‘मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो’ कवि ने ऐसा कहा है क्योंकि-
(क) सैनिक धरती को दुल्हन की तरह सजा हुआ देखकर प्रसन्न हो गए।
(ख) सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा हेतु जोश और साहस से युद्ध किया।
(ग) देशवासियों को बार-बार पुकारकर सैनिकों ने उनमें देशभक्ति का भाव जगाया।
(घ) सैनिकों ने कभी भी टेढ़ेपन से बातचीत नहीं की, देश रक्षा ही एकमात्र उद्देश्य रहा।
उत्तरः
(ख) सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा हेतु जोश और साहस से युद्ध किया ।
(4) ‘जान देने की रुत रोज़ आती नहीं’ का भाव है-
(क) सैनिकों के हृदय में जीवित रहने की इच्छा नहीं
(ख) जीवित रहने का समय आनंददायक होना चाहिए
(ग) आत्म बलिदान द्वारा भी देश की रक्षा के लिए तत्पर
(घ) जीवन और मरण सब कुछ ईश्वर की इच्छा पर निर्भर
उत्तरः
(ग) आत्म बलिदान द्वारा भी देश की रक्षा के लिए तत्पर
(5) इस काव्यांश का संदेश यह है कि हमें-
(क) हुस्न और इश्क को रुसवा करना चाहिए
(ख) देश को दूसरों के हवाले कर देना चाहिए
(ग) धरती को दुल्हन की तरह सजाना चाहिए
(घ) देश पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहना चाहिए
उत्तर:
(घ) देश पर कुर्बान होने के लिए तैयार रहना चाहिए
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए- [1 × 2 = 2]
(1) तोप के अतीत और वर्तमान का वर्णन करने के उपरांत कवि ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि-
(क) स्थिति सदैव एक जैसी नहीं रहती |
(ख) गौरैया जैसे पक्षी भी खेलते हैं।
(ग) कंपनी बाग में भी सजावट की गई है।
(घ) तोप बड़े-बड़े योद्धाओं के पसीने छुटा देती है।
उत्तर:
(क) स्थिति सदैव एक जैसी नहीं रहती ।
(2) निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए और उपयुक्त कथन चुनिए-
(क) पशु – प्रवृत्ति को बनाए रखना ही सुमृत्यु है ।
(ख) सच्ची मनुष्यता ही सुमृत्यु के समान है।
(ग) सुमृत्यु वही है जिसमें व्यक्ति को कष्ट न हो।
(घ) सुमृत्यु वही है जिसे मरने के बाद भी लोग याद करें।
उत्तर:
(घ) सुमृत्यु वही है जिसे मरने के बाद भी लोग याद करें।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए- [1 × 5 = 5]
क्रोध में उसने तलवार निकाली और कुछ विचार करता रहा । क्रोध लगातार अग्नि की तरह बढ़ रहा था। लोग सहम उठे। एक सन्नाटा-सा खिंच गया। जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा। वह पसीने से नहा उठा । सब घबराए हुए थे। वह तलवार को अपनी तरफ खींचते – खींचते दूर तक पहुँच गया। वह हाँफ रहा था। अचानक जहाँ तक लकीर खिंच गई थी, वहाँ एक दरार होने लगी। मानो धरती दो टुकड़ों में बँटने लगी हो । एक गड़गड़ाहट सी गूँजने लगी और लकीर की सीध में धरती फटती ही जा रही थी । द्वीप के अंतिम सिरे तक तताँरा धरती को मानो क्रोध में काटता जा रहा था। सभी भयाकुल हो उठे। लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्पना न की थी, वे सिहर उठे। उधर वामीरो फटती हुई धरती के किनारे चीखती हुई दौड़ रही थी – तताँरा …. तताँरा …. तताँरा उसकी करुण चीख मानो गड़गड़ाहट में डूब गई । तताँरा दुर्भाग्यवश दूसरी तरफ था । द्वीप के अंतिम सिरे तक धरती को चाकता वह जैसे ही अंतिम छोर पर पहुँचा, द्वीप दो टुकड़ों में विभक्त हो चुका था। एक तरफ तताँरा था दूसरी तरफ वामीरो।
(1) लोगों का सहम जाना किस बात का परिचायक है ?
(क) भय
(ख) करुणा
(ग) क्रोध
(घ) प्रसन्नता
उत्तर:
(क) भय
(2) तताँरा को कोई राह न सूझने के कारणों पर विचार कीजिए और उचित विकल्प का चयन कीजिए।
(i) आत्मसमर्पण का भाव
(iii) तलवार की दैवीय शक्ति
(ii) वामीरो से अत्यधिक प्रेम
(iv) गाँव वालों के प्रति रोष
(क) (i) और (iii)
(ख) (i), (iii), (iv)
(ग) केवल (iii)
(घ) (i), (ii) और (iv)
उत्तरः
(घ) (i), (ii) और (iv)
(3) निम्नलिखित कथन – कारण को पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए-
कथन (A): लोगों ने ऐसे दृश्य की कल्पना न की थी।
कारण (R): ग्रामवासियों ने यह कदापि न सोचा था कि तताँरा की प्रतिक्रिया इतनी विनाशकारी सिद्ध हो सकती है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तरः
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(4) तताँरा और वामीरो अलग कैसे हुए?
(क) अपमान के डर से
(ख) गाँव वालों के दबाव में
(ग) पशु मेले की भीड़ के कारण
(घ) भूमि के दो भागों में कटने से
उत्तर:
(घ) भूमि के दो भागों में कटने से
(5) गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-सा विचार मेल खाता है-
(क) जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने वश में कर लेता है, वह दूसरों के क्रोध से स्वयंमेव बच जाता है। – सुकरात
(ख) क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुःखाना चाहता है। -प्रेमचंद
(ग) वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है जो क्रोध में भी गलत बात मुँह से नहीं निकालता। शेख सादी
(घ) ईर्ष्या, लोभ, क्रोध एवं कठोर वचन – इन चारों से सदा बचते रहना ही वस्तुतः धर्म है। – तिरुवल्लुवर
उत्तर:
(ख) क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुःखाना चाहता है। – प्रेमचंद
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(1) निम्नलिखित में से कौन-से वाक्य ‘डायरी का एक पन्ना’ से मेल खाते हैं-
(i) पुरानी सभ्यता के बारे में ज़्यादा किस्से-कहानियाँ सुनने को मिलते हैं।
(ii) एक संगठित समाज कृत संकल्प हो तो वह कुछ भी कर सकता है।
(iii) यह पाठ हमारे क्रांतिकारियों की याद दिलाता है और देशभक्ति का भाव भरता है ।
(iv) 26 जनवरी 1930 को गुलाम भारत में पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था ।
(क) केवल (i)
(ख) (i) और (ii)
(ग) केवल (iv)
(घ) (ii), (iii), (iv)
उत्तर:
(घ) (ii), (iii), (iv)
(2) ग्वालियर से मुंबई के बीच लेखक ने एक बदलाव महसूस किया कि- [1 × 2 = 2]
(क) बस्ती ने जंगल का रूप ले लिया है।
(ख) जंगल ने बस्ती का रूप ले लिया है।
(ग) वर्सोवा नाम का शहर बस गया है।
(घ) पशु-पक्षी जंगलों को छोड़कर चले गए हैं
उत्तर:
(ख) जंगल ने बस्ती का रूप ले लिया है।
खण्ड – ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- [3 × 2 = 6]
(क) परिवार के अनुभवी जनों द्वारा दी गई सीख भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होती है। आपके द्वारा स्पर्श पाठ्यपुस्तक में पढ़े गए पाठ के माध्यम से भी यह ज्ञात होता है। कहानी के पात्रों के माध्यम से कथन को सिद्ध कीजिए ।
उत्तरः
परिवार के अनुभवी लोगों द्वारा दी गई सीख भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होती है। ‘बड़े भाई साहब’ पाठ हमें यही संदेश देता है कि हमें अपने बड़ों के द्वारा दी गई सीख को जीवन में अपनाना चाहिए। परिवार के बड़ों के पास शिक्षा भले ही कम हो परंतु जीवन का अनुभव अधिक होता है। यदि छोटे इस अनुभव से सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ें तो यही अनुभव उन्हें कभी हारने नहीं देता । बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ केवल किताबी ज्ञान से नहीं आती बल्कि अनुभव से आती है। इसके लिए उन्होंने अम्माँ, दादा व हैडमास्टर की माँ के उदाहरण भी दिए हैं कि वे पढ़े-लिखे न होने पर भी सभी समस्याओं का समाधान आसानी से कर लेते हैं। अनुभवी व्यक्ति को जीवन की समझ होती है, वे हर परिस्थिति में अपने को ढालने की क्षमता रखते हैं ।
(ख) पाठ्यक्रम में पढ़ी एकांकी द्वारा सिद्ध कीजिए कि मुट्ठी भर आदमी भी बड़ी फौज पर काबू पा सकते हैं।
उत्तरः
मुट्ठीभर आदमी भी बड़ी फौज पर काबू पा सकते हैं। यदि मनुष्य में साहस हो तो वह विकट से विकट परिस्थिति का भी सामना निडरतापूर्वक कर सकता है। वजीर अली एक नीतिकुशल योद्धा था । अंग्रेजी सरकार उसे पकड़ने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही थी परन्तु उसे पकड़ने में असमर्थ थी । वह जंगलों में इस तरह रहता था कि किसी के हाथ नहीं आता था । उसकी नीति – कुशलता का ही प्रमाण है कि कुछ जाँबाज सिपाहियों के ही दम पर वह वर्षों तक अंग्रेजी सरकार को चकमा देता रहा । अपनी इसी निर्भयता के कारण अपने शासनकाल में वह अवध को पूरी तरह से अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त रखने में कामयाब रहा। बिना किसी भय के वह अकेले ही अंग्रेजी सरकार के खेमे में दाखिल होता है और अपनी सूझ-बूझ से उन्हें चकमा देकर कारतूस लेने में कामयाब भी हो जाता है । वह अंग्रेजों को खुली चुनौती भी देकर आता है कि वजीर अली को पकड़ना बहुत मुश्किल है।
(ग) आशय स्पष्ट कीजिए – ‘ व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।’
उत्तरः
“व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।” इस कथन के माध्यम से शैलेंद्र ने बताया है कि दुःख मनुष्य को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जब मुश्किल आती है तो वह उससे छुटकारा पाने की बात सोचने लगता है अर्थात् वह जीवन में हार नहीं मानता है। वह जीवन की मुश्किलों का सामना करते हुए एक मजबूत शक्ति के रूप में उभरकर आता है। ऐसे व्यक्ति में आंतरिक शक्ति का संचार होता है। व्यथा मनुष्य को कठिनाइयों से घबराए बिना आगे बढ़ने का संदेश देती है। जीवन में दुःख, कष्ट और तकलीफें आतीं हीं रहतीं हैं परंतु हार न मानकर साहसपूर्वक उसका सामना करना चाहिए ।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- [3 × 2 = 6]
(क) कबीर ने निंदक को पास रखने की सलाह क्यों दी है ? क्या यह सलाह आपको उचित प्रतीत होती है ? कारण सहित स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
कबीर के विचार से निंदक को हमेशा अपने पास रखना चाहिए क्योंकि उसके द्वारा की गई आलोचना से आपका स्वभाव ठीक हो सकता है। इससे स्वभाव परिष्कृत हो जाता है। आपके अन्दर जो बुराइयाँ हैं उन्हें आप आसानी से दूर कर सकते हैं। निंदक को अपने समीप रखने की कबीर दास जी की यह सलाह हम सभी के लिए उचित प्रतीत होती है। यदि हम निंदक के सान्निध्य में रहेंगे तो हमारा व्यक्तित्व स्वच्छ हो जाएगा । निंदा के डर से हम गलत काम नहीं करेंगे और हमारा स्वभाव निर्मल हो जाएगा।
(ख) आपके द्वारा इस पाठ्यक्रम में पढ़ी गई किस कविता की अंतिम पंक्तियाँ आपको सर्वाधिक प्रभावित करतीं हैं और क्यों ? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
‘कर चले हम फिदा’ कविता को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों के बलिदान पर गर्व होता है। इस कविता में कवि ने यह संदेश दिया है कि देश की रक्षा करना हमारा सबसे बड़ा कर्त्तव्य है । हमारे मन में यह भावना होनी चाहिए कि भले ही हमारा सिर कट जाए परंतु देश का सिर ऊँचा रहे। हमारे देश के सैनिक इस भूमि की रक्षा हेतु दिन-रात प्रयास करते रहते हैं। इस कर्त्तव्य को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने प्राणों की भी कभी चिंता नहीं की। उनका यही प्रयास होता है कि शत्रु के नापाक कदम इस देश पर न पड़ पाएँ । इस कविता की अंतिम पंक्तियाँ हमें अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रेरित करतीं हैं। अंतिम पंक्तियों में कवि ने कहा है कि हमारे देश की पवित्रता पर हाथ उठाने वाले का हाथ तोड़ दिया जाना चाहिए । यह देश हम सभी का है और हम सभी को इस देश की रक्षा करनी चाहिए।
(ग) रवींद्रनाथ ठाकुर और मीरा की भक्ति का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए ।
उत्तरः
‘आत्मत्राण- कविता में कवि रवींद्रनाथ ठाकुर ने मनुष्य को भगवान के प्रति विश्वास बनाए रखने लिए कहा है और वह प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि चाहे कितना ही कठिन समय क्यों न हो या कितनी ही विपदाएँ जीवन में क्यों न हों प्रभु पर उनका विश्वास बना रहे। ईश्वर के प्रति रवींद्रनाथ ठाकुर की भक्ति में निस्वार्थ भाव है । वे किसी भी परिस्थिति में ईश्वर पर से अपना विश्वास कम नहीं होने देना चाहते हैं। वह अपनी प्रार्थना में भौतिक सुखों या सफलता की प्राप्ति नहीं माँगते । वह केवल मानव-मन की कमजोरियों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं। वहीं मीराबाई की भक्ति दैन्य व माधुर्य भाव की है। वह अपने आराध्य से मनुहार भी करती हैं व अवसर पड़ने पर उलाहना देने से भी नहीं चूकतीं। वह ईश्वर के साकार रूप को पूजती हैं इसी कारण उनके पदों में श्रीकृष्ण के सौंदर्य का अद्भुत वर्णन है । वे श्रीकृष्ण के एकनिष्ठ प्रेम से अभिभूत हैं।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए- [3 × 2 = 6]
(क) ठाकुर हरिनाम सिंह के तीनों लड़कों को एहसास था कि वे कलेक्टर के बेटे हैं। लेखक द्वारा ऐसा कहा जाना ठाकुर हरिनाम सिंह के तीनों बेटों और टोपी के विषय में किस विचारधारा को स्पष्ट करता है? टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तरः
ठाकुर हरिनाम सिंह के तीनों लड़कों को एहसास था कि वे कलेक्टर के बेटे हैं। इस कथन के माध्यम से कथाकार राही मासूम रजा जी ने समाज में व्याप्त आर्थिक विषमता तथा लोगों के भेदभावपूर्ण व्यवहार को उजागर किया है। ठाकुर हरिनाम सिंह वहाँ के नए कलेक्टर थे। वे इफ़्फ़न के पिता के स्थान पर नियुक्त होकर आए थे। टोपी से उनकी दोस्ती नहीं हो सकी क्योंकि वे स्वयं को कलेक्टर के बेटे मानकर अहंकार जताते थे। टोपी का पहनावा तथा बातचीत उनकी तरह नहीं था । उन्होंने टोपी के साथ अनुचित व्यवहार किया । उसका अपमान कर उसे कुत्ते से कटवा दिया। उन्हें अपने पिता के पद तथा आर्थिक स्थिति पर गुमान था। वहीं टोपी एक सरल हृदय का बालक था जो भेदभाव नहीं जानता था। दोनों की विचारधारा अलग थी। टोपी का सरल तथा निश्छल हृदय समाज के कटु सत्य को नहीं जानता था। वह छल-कपट तथा अहंकार से पृथक् था।
(ख) उनकी इस स्थिति ने मुझे चिंतित कर दिया है। जैसे कोई नाव बीच मझधार में फँसी हो और उस पर सवार लोग चिल्ला कर भी अपनी रक्षा ना कर सकते हों क्योंकि उनकी चिल्लाहट दूर तक फैले सागर के बीच उठती – गिरती लहरों में विलीन हो जाने के अतिरिक्त कर ही क्या सकती है। लेखक के इस कथन की संदर्भ सहित विवेचना कीजिए ।
उत्तरः
प्रस्तुत कथन के माध्यम से लेखक ने हरिहर काका की स्थिति का वर्णन किया है । हरिहर काका की स्थिति भी उस यात्री के समान है जो समंदर में फँस गया हो जिसे सुनने तथा समझने वाला कोई नहीं है। हरिहर काका किस मानसिक पीड़ा को झेल रहे हैं इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता। मनुष्य की सूक्ष्म संवेदना को हर कोई नहीं समझ सकता । अपनों द्वारा दिए गए विश्वासघात की चोट ने हरिहर काका के मन को ठेस पहुचाई है । इस आघात की चोट इतनी मार्मिक है कि इसे बयाँ कर पाना संभव नहीं है । हरिहर काका इस सदमे से उभर नहीं पाए हैं। हरिहर काका किसी के समक्ष अपना दर्द बाँट भी नहीं सकते क्योंकि कोई उनकी तकलीफ को नहीं समझ सकता। इसी कारण उन्होंने मौन धारण कर लिया है। वे जीवन के प्रति निराश हो चुके हैं। घर-परिवार, गाँव वालों के बीच भी वे खुद को अकेला व असहाय महसूस कर रहे हैं ।
(ग) ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर बताइए कि स्कूल की छुट्टियों के शुरू और आखिरी दिनों में बच्चों की दृष्टि में क्या अंतर होता था? क्या यही स्थिति आपकी भी होती है? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
उन दिनों विद्यार्थियों के लिए गर्मियों की छुट्टियाँ विशेष महत्व रखती थीं । छुट्टियों के शुरू के दिन सभी बच्चे घूमने-फिरने, खेल-कूद, मौज-मस्ती, तालाब में तैरना आदि में निकाल देते थे। परन्तु जैसे-जैसे स्कूल खुलने के दिन आते तो उन्हें गृहकार्य याद आता जो पूरा करने का समय नहीं मिलता। इससे बचने का वे बहुत प्रयास करते। वे हिसाब लगाते कि एक दिन में कितना कार्य करने से वे शिक्षकों की मार से बच सकेंगे। परंतु जैसे-जैसे समय बीतता जाता उनका कार्य पूरा नहीं हो पाता तो वे इसके लिए मास्टर से पिटाई खाना ज्यादा अच्छा समझते। उनके अनुसार गृहकार्य करने से एक दिन पिटाई खाना ज्यादा सस्ता सौदा होता था । अतः गर्मियों की छुट्टियों का पहले का समय जितना आनंददायक होता था उतना ही मुश्किल छुट्टियों का अंतिम समय होता था । हमारे लिए भी गर्मियों की छुट्टियों के शुरुआती दिन आनंददायक होते हैं और बाद के दिनों में गृहकार्य न कर पाने का भय सताता है परंतु छुट्टियों के अंतिम दिनों में कड़ी मेहनत करके गृहकार्य को पूरा कर लेना मार खाने से अधिक अच्छा होता है । अतः हम अपना गृहकार्य पूरा कर लेते हैं। कुछ विद्यार्थी शुरुआती दिनों में मेहनत कर गृहकार्य पूरा कर लेते हैं ताकि छुट्टियों के अंतिम दिनों का आनंद उठाया जा सके।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत – बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए- [5 × 1 = 5]
(क) प्रकृति की रक्षा मानव की सुरक्षा
संकेत बिन्दु-
मनुष्य प्रकृति का अंग
प्रकृति से खिलवाड़
दुष्प्रभाव और दूर करने के उपाय
उत्तरः
“धर्मो रक्षति रक्षितः “अर्थात् धर्म की रक्षा करने पर (रक्षा करने वाले की धर्म) रक्षा करता है। यदि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे तो प्रकृति भी हमारी रक्षा करेगी। प्रकृति अनमोल है। हर पेड़ मनुष्य का सच्चा मित्र है। पृथ्वी इसके बिना अधूरी है। पर्यावरण के कारण ही समस्त प्राणियों का अस्तित्व पनप पाता है। जल, पृथ्वी, आकाश, हवा तथा अग्नि इसके अंग हैं। प्रकृति और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा संबंध है। पर्यावरण प्रकृति की ही देन है। पर्यावरण पृथ्वी के चारों ओर के वातावरण को कहा जाता है। हमारे जीने के लिए आवश्यक तत्व पर्यावरण में पाए जाते हैं। पर्यावरण पृथ्वी को चारों ओर से ढककर हमारी रक्षा करता है। इस तरह प्रकृति हमारी हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं को पूरा करती है। प्रकृति इस बात का ध्यान भी रखती है कि पृथ्वी पर हो रही हर छोटी-बड़ी प्रक्रिया में संतुलन बना रहे। यदि प्रकृति के स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जाती है, तो इसका परिणाम हमें पर्यावरण में साफ तौर पर दिखाई देता है। वर्तमान समय में मानव स्वार्थ के वशीभूत होकर आर्थिक लाभ कमाने के लिए प्रकृति की अनमोल धरोहरों को ही नष्ट करने पर तुला हुआ है।
यदि बाग का माली ही बगीचे का दुश्मन हो तो उस बाग को कैसे बचाएँ ? सच्चाई यह है कि वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी धीरे-धीरे जंगलों को नष्ट कर रहे हैं। वन माफियाओं के साथ उनके आर्थिक संवाद हैं । तस्करी जोरों पर हो रही है। जानवरों की खाल के लिए जानवरों की निर्मम हत्या की जाती है। इस तरह की अनेकानेक अवैध गतिविधियाँ सामने देखी जा सकती हैं। यदि रक्षक ही भक्षक बन जाए तो पर्यावरण की रक्षा कैसे होगी? अगर अति खनन किया जाएगा तो धरती का संतुलन तो बिगड़ेगा ही और भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदाएँ भी आएँगी। यदि वनों को जलाया जाएगा तो हमारे भविष्य का नाश होना भी तय है। यदि जल को प्रदूषित किया जाएगा और जल संरक्षण नहीं होगा तो जल संकट का सामना भी हमें ही करना पड़ेगा। हवा में जहर घोला जाएगा तो वायु प्रदूषण के रूप में भयानक स्थिति हमें ही झेलनी है। विकास के नाम पर विनाश के इस चक्र को समय रहते यदि नहीं रोका गया तो ग्लोबल वार्मिंग के चलते देखते ही देखते सब कुछ तबाह हो जाएगा। समय की माँग है कि जल, जंगल, जमीन, आकाश, प्राणी आदि प्रकृति के सभी घटकों का सम्मान, सुरक्षा और संरक्षण किया जाए और इन्हें बचाने हेतु व्यापक स्तर पर आंदोलन चलाए जाएँ । यह अटल सत्य है कि यदि हम प्रकृति (पर्यावरण) की रक्षा करेंगे तो प्रकृति भी हमारी रक्षा करेगी।
(ख) जी-ट्वेंटी और भारत
संकेत बिन्दु-
जी-20 क्या है ?
गठन का कारण
कार्यशैली और भारत की भूमिका
उत्तरः
वैश्विक अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को साथ लाने के लिए 1999 में बीस वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का एक समूह स्थापित किया गया था। इसी समूह को जी-2 -20 कहा जाता है। जी-20 की उद्घाटन बैठक का आयोजन जर्मन और कनाडाई वित्त मंत्रियों की मेजबानी में 15-16 दिसम्बर, 1999 को बर्लिन में किया गया। यह एक ऐसा समूह जिसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं। साल में एक बार जी-20 शिखर सम्मेलन होता है, जिसमें राज्यों के सरकार प्रमुखों के साथ उन देशों के केंद्रीय बैंक के गवर्नर भी शामिल होते हैं। सम्मेलन में मुख्य रूप से आर्थिक मामलों पर चर्चा होती है। जी-20 समूह में अर्जेटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। ये सभी सदस्य मिल कर दुनिया की जीडीपी का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं।
इसके अलावा इन देशों का वैश्विक व्यापार में हिस्सा भी 75 फीसदी है और दुनिया की दो-तिहाई आबादी यहीं निवास करती है। जी -20 का मुख्य कार्य वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाना है। इसके साथ ही यह वैश्विक-आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए सदस्य देशों के बीच नीति समन्वय बनाए रखने का कार्य भी करता है। भारत की जी – 20 की अध्यक्षता इन दिनों खूब चर्चा में है। दरअसल, हमारे देश ने पहली बार विश्व के सबसे शक्तिशाली समूह जी -20 की अध्यक्षता 1 दिसंबर, 2022 को ग्रहण की है। चारों ओर ये शोर है कि जी-20 में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो एक ‘अगुवा राष्ट्र’ की भूमिका निभाएगा। यह सभी भारतवासियों के लिए गर्व का विषय है।
(ग) करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान
संकेत बिन्दु-
सूक्त का
सफलता का मूलमंत्र
जीवन में अभ्यास का महत्व
उत्तर:
करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान ।
रसरी आवत जात ते, सिल पर परत निसान।।
यह प्रसिद्ध दोहा कवि वृंद द्वारा रचा गया है जो हमें जीवन में अभ्यास की महत्ता को दर्शाता है। इस दोहे का आशय है कि बार-बार अभ्यास करने से मंदबुद्धि व्यक्ति भी कई नई बातें सीख कर उनका जानकार हो जाता है। संसार में असंख्य लोग विद्यमान हैं। हर मनुष्य की अपनी अलग विशेषताएँ होती हैं और सभी के अपने अलग गुण हैं। इस संसार में जन्म से ही कोई विद्वान नहीं होता है। अपने बाल्यकाल में सभी एक से होते हैं। परन्तु धीरे-धीरे उनके सीखने के गुण और वस्तुओं को समझने की प्रवृत्ति उसे अन्य से अलग कर देती है। इस संसार ने कभी मूर्खों या आलसी लोगों को नहीं सराहा है। इसने सदैव विद्वान्, परिश्रमी और साहसी लोगों के आगे शीश झुकाया है। व्यक्ति में योग्यता का जन्म निरन्तर अभ्यास और परिश्रम करने से होता है। किसी वस्तु को समझने के लिए किया गया अभ्यास उस विषय में ज्ञानी बनाता है और उसका परिश्रम ज्ञान में लगातार वृद्धि करता है। यदि मूर्ख मनुष्य भी लगातार अभ्यास करता रहे और परिश्रम का दामन पकड़े रहे, तो वह भी मूर्खता से बाहर निकलकर विद्वानों की श्रेणी में सम्मलित हो जाता है । अभ्यास सफलता प्राप्त करने की कुँजी है। निरंतर अभ्यास करने से उस विषय में आने वाली कठिनाई और गलतियाँ समाप्त हो जातीं हैं।
मनुष्य स्वयं को उस विषय में अधिक सहज पाता है। यदि इतिहास में नजर डालें तो अनेक ऐसे उदाहरण विद्यमान हैं, जिन्होंने कठिन परिश्रम और निरंतर अभ्यास से असंभव को संभव बना दिया है। संस्कृत के महान कवि कालिदास निरे मूर्ख माने जाते थे। परन्तु अपने निरंतर अभ्यास और परिश्रम से वह कवि शिरोमणि कहलाए। विद्यार्थी जीवन में भी अभ्यास और परिश्रम का बहुत महत्व है। एक विद्यार्थी तभी सफलता प्राप्त कर सकता है, जब वह अभ्यास करता है। बिना अभ्यास और परिश्रम के किसी विषय को समझना संभव नहीं होता है। पढ़ाई करते समय आने वाली समस्याएँ अभ्यास और परिश्रम से हटाईं जा सकतीं हैं। किसी भी कौशल को सीखने के लिए इनकी आवश्यकता है। यही जीवन का परम सत्य है। जो लोग सफलता को भगवान या भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं, वे भाग्यवादी कहलाते हैं। ऐसे लोग जीवन में असफलता और दुःख के अतिरिक्त कुछ नहीं पाते ।
प्रश्न 15.
(क) आप विद्यालय के हिंदी संघ के सचिव रजत चट्टोपाध्याय / श्वेता चट्टोपाध्याय हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए जिसमें पुस्तकालय में हिंदी की अच्छी पुस्तकें व पत्रिकाएँ मँगवाने के लिए निवेदन किया गया हो । ( शब्द – सीमा – लगभग 100 शब्द) [5 × 1 = 5]
अथवा
(ख) आप शौर्य शर्मा / शारवी शर्मा हैं। नवभारत टाइम्स के संपादक को पत्र लिखिए जिसमें सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के सुझाव हों । (शब्द – सीमा – लगभग 100 शब्द)
उत्तर:
(क) सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय,
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
विकास पुरी,
नई दिल्ली।
विषय – विद्यालय के पुस्तकालय में हिंदी पत्रिकाएँ मँगवाने हेतु ।
महोदय,
मेरा नाम रजत चट्टोपाध्याय है। मैं आपके विद्यालय के हिंदी संघ का सचिव हूँ। मैं आपका ध्यान हमारे विद्यालय के पुस्तकालय की तरफ आकर्षित कराना चाहता हूँ । आपसे निवेदन है कि हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में ज्ञान – विज्ञान व खेल संबंधी हिंदी की पुस्तकों तथा पत्रिकाओं का अभाव है । यहाँ पर अंग्रेजी की अनेक पत्रिकाएँ आतीं हैं लेकिन कई बच्चे अंग्रेजी भली प्रकार नहीं समझते। उन्हें ज्ञान अर्जित करने के लिए हिंदी माध्यम की आवश्यकता है। अतः आप से अनुरोध है कि पुस्तकालय में क्रिकेट – सम्राट, प्रतियोगिता दर्पण, विज्ञान–प्रगति, नंदन आदि हिंदी की पत्रिकाएँ तथा हिंदी भाषा की पुस्तकें नियमित रूप से मँगवाईं जाएँ, ताकि अधिक से अधिक छात्र ज्ञान अर्जित कर सकें। आशा है आप मेरी प्रार्थना को स्वीकार करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
रजत चट्टोपाध्याय,
सचिव
हिंदी संघ
अथवा
(ख)
सेवा में, संपादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
नई दिल्ली – 110084
विषय- सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के बारे में।
महोदय,
मेरा नाम शारवी शर्मा है। मैं आपके अखबार की नियमित पाठिका हूँ। मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के द्वारा सरकार और समाज का ध्यान बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ। आशा है कि आप इसे जनहित में अवश्य प्रकाशित करेंगे। इन दिनों सभी जगहों पर सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई है। इसका मुख्य कारण वाहन चालक द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन किया जाना है। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मेरी बातों को सरकार तथा जनता तक पहुँचाने का कष्ट करें। प्रातः 8:00 से 12:00 बजे तक और शाम को 5:00 से 8:00 बजे तक सभी व्यस्त चौराहों पर यातायात पुलिस के सिपाही तैनात रहें व नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों का चालान काटें और उन्हें सड़क दुर्घटनाओं से हानि के बारे में बताया जाए। अधिकारियों से मेरा यह अनुरोध है कि वाहनों की गति की सीमा को भी निर्धारित किया जाए। इसके माध्यम से अपने साथ-साथ दूसरों की भी जिन्दगी को बचाया जा सकता है।
धन्यवाद
भवदीय
शारवी शर्मा
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए- [4 × 1 = 4]
(क) विद्यालय द्वारा चिकित्सा जाँच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। स्वास्थ्य संगठन के सचिव होने के नाते कक्षा छठी से बारहवीं तक के सभी विद्यार्थियों को कार्यक्रम के विवरण सहित इसकी सूचना प्रदान कीजिए ।
अथवा
(ख) संस्कृति क्लब की ओर से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए तथा सहभागिता के लिए प्रेरित करते हुए अध्यक्ष की ओर से सूचना लिखिए।
उत्तरः
(क)
राजकीय उच्चतर विद्यालय
नई दिल्ली
महत्वपूर्ण सूचना
आप सभी को सविनय सूचित किया जाता है कि अगस्त महीने की 5 तारीख से पूरे सप्ताह के लिए हमारे विद्यालय में निःशुल्क चिकित्सा जाँच शिविर का आयोजन किया गया है जिसमें नेत्र विशेषज्ञ, हड्डियों के विशेषज्ञ, कानों के विशेषज्ञ तथा अन्य विशेषज्ञ आपके शरीर की जाँच करेंगे। शहर के कुशल विशेषज्ञ डॉक्टर इस शिविर में अपना सहयोग देंगे। आप लोग उपस्थित होकर इस शिविर का लाभ उठाएँ । इस शिविर में छठीं कक्षा से बारहवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों की जाँच मुफ्त में की जाएगी तथा दवाइयाँ भी मुफ्त दी जाएँगी ।
शिविर से संबंधित जानकारी :
स्थान – राजकीय उच्चतर विद्यालय, वीर सावरकर रोड, दिल्ली ।
दिनांक – 5/8/23 से 12/8/23 तक
समय – सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक
संपर्क करें –
स्वास्थ्य संगठन सचिव
विकास उपाध्याय – 9405522131
अथवा
(ख)
‘संस्कृति क्लब’
देहरादून
महत्वपूर्ण सूचना
सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि संस्कृति क्लब की ओर से एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए हमारी सांस्कृतिक संस्था ‘रंगमंच’ की ओर से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराया जा रहा है । इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक गीत एवं संगीत के साथ-साथ नाटक भी प्रस्तुत किया जायेगा । नाटक तथा संगीत के आयोजन के लिए ‘रंगमंच’ की ओर से स्वरपरीक्षा ली जाएगी । इच्छुक व्यक्ति 12 अगस्त, 2023 को दोपहर 2 बजे हमारे क्लब में उपस्थित रहें।
लतिका
अध्यक्ष, संस्कृति क्लब
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए- [3 × 1 = 3]
(क) योग को बढ़ावा देते हुए आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए ।
अथवा
(ख) अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के प्रचार-प्रसार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए ।
उत्तर:
(क)
करो योग, रहो निरोग
जो योग अपनाएगा परम सुख पाएगा
योग का एक ही काम, स्वस्थ शरीर पाए आराम
योग से लाभ –
आलस्य दूर करे
निरोग काया दे
ताजगी व स्फूर्ति दे
कार्य क्षमता बढ़ाए
तनाव मुक्त करे
एकाग्रता बढ़ाए
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जनहित में जारी
अथवा
(ख)
‘खाद्य और कृषि संगठन ‘
अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023
अन्न है जीवन का आधार, आओ बनाएँ इसे साकार
इस महोत्सव में कृषि संबंधित जानकारी दी जाएगी-
कृषक प्रशिक्षण
विशेष खाद्य पदार्थों की जानकारी
अनाज की उपयोगिता व महत्ता
मोटे अनाज की उपयोगिता
पोषण और स्वास्थ्य लाभ
प्रसंस्करण और पकाने की विधि
भारत सरकार द्वारा जनहित में जारी
प्रश्न 18.
(क) ‘पश्चात्ताप’ विषय पर लघुकथा लगभग 100 शब्दों में लिखिए । [5 × 1 = 5]
अथवा
(ख) आपके बैंक खाते में गलती से ₹5,000 की राशि अधिक आ गई है। इसकी जानकारी बैंक अधिकारी को ईमेल लिखकर दीजिए । (शब्द – सीमा लगभग 100 शब्द)
उत्तर:
पश्चात्ताप
एक समय की बात हैं। एक गाँव में एक किसान और उसके चार पुत्र रहते थे। किसान बहुत परिश्रमी था । कठिन परिश्रम से वह खेती-बाड़ी का काम कर अपना गुजारा करता था। उसके चारों बेटे खेती में उसका हाथ नहीं बटाते थे । यह चारों बहुत बड़े आलसी थे। किसान ने अपने खेत में बीज बोए, उसकी सिंचाई की परंतु फसल को काट नहीं सका। अधिक उम्र होने के कारण वह बीमार पड़ गया। समय बीतता गया और फसल पक गई। एक दिन उसने अपने बेटों को बुलाकर कहा कि वह अभी अस्वस्थ है। अतः सभी बेटे मिलकर फसल काट लें परंतु किसान के पुत्र बड़े आलसी थे फसल काटते ही नहीं थे । वे हर बार यही सोचते कि कल कर लेंगे, कल कर लेंगे। ऐसा होते-होते एक दिन गायों का दल आया और सारी फसल खा गया। किसान के पुत्र हताश होकर किसान के पास गए तब बूढ़े किसान ने बोला अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत । अब उनके सामने स्थिति खराब थी । उनके पास अपने खाने के लिए भी अनाज नहीं बचा। किसान के बच्चों को अपने किए पर बहुत पश्चात्ताप हो रहा था। उन्होंने यह निर्णय लिया कि फिर कभी आलस नहीं करेंगे। सही समय पर अपना कार्य कर लेंगे। परंतु अभी उनके हाथ में सिर्फ पश्चात्ताप था।
अथवा
From: [email protected]
To: [email protected]
Subject: अधिक रुपए आ जाने की जानकारी देने हेतु पत्र ।
प्रिय महोदय/महोदया,
मैं आपके बैंक में खाता संख्या 61266964XXXX का खाताधारक हूँ। मैं आपको यह जानकारी देना चाहता हूँ कि दिनांक 5-3-2023 को शाम 5 बजे मेरे खाते में ₹5,000 आए हैं। यह धनराशि मेरी नहीं है। मुझे लगता है कि गलती से यह धनराशि मेरे खाते में आ गयी है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि इस धनराशि को वापस किए जाने की प्रक्रिया में मेरा उचित मार्गदर्शन करें तथा इस धनराशि को इसके सही उम्मीदवार तक पहुँचाने में मेरी सहायता करें। मैं चाहूँगा कि इस विषय की जानकारी आप मुझे शीघ्र प्रदान करें ।
धन्यवाद सहित,
विकास पाठक
दिनांक-6 मार्च, 2023