Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set with Solutions Set 4 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 4 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देशः
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘अ’ और ‘ब’ ।
- खंड- ‘अ’ में उपप्रश्नों सहित 45 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए कुल 40 प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
- खंड- ‘ब’ में वर्णनात्मक प्रश्न पूछे गए हैं, आंतरिक विकल्प भी दिए गए हैं।
- निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए ।
- दोनों खंडों के कुल 18 प्रश्न हैं। दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव दोनों खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमशः लिखिए।
खण्ड ‘अ’
(वस्तुपरक प्रश्न)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए-
अधिकतर यह देखा जाता है कि महापुरुष सम्पन्न परिवार में बहुत कम ही जन्म लेते हैं । बहुधा ऐसे लोगों का जन्म मध्यम वर्ग में या निम्न वर्ग में होता है। ऐसे लोग संघर्षशील होते हैं एवं अपनी प्रतिकूल परिस्थितियों में स्वयं को निखार कर जीवन संघर्ष में आगे बढ़ते जाते हैं। इनके जीवन का मुख्य लक्ष्य होता है सादा जीवन उच्च विचार । मनुष्य में विनय, उदारता, कष्ट – सहिष्णुता, साहस आदि चारित्रिक गुणों का विकास अत्यावश्यक है। इनका ही विशेष प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। ये गुण व्यक्ति को अहंकारहीन, सादा व सरल बनाते हैं। सादा जीवन या सादगी का अर्थ है रहन-सहन, वेशभूषा, आचार-विचार आदि के किसी भी प्रकार का दिखावा न होना। जीवन में सादगी लाने के लिए दो विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए पहला, कठिन से कठिन परिस्थितियों में धैर्य को न छोड़ना एवं दूसरा, अपनी आवश्यकताओं को न्यून बनाना ।
सादगी का विचारों से घनिष्ठ संबंध है । सादा जीवन व्यतीत करना चाहिए और अपने विचारों को उच्च रखना चाहिए । व्यक्ति की सच्ची पहचान उसके विचारों और कर्म से होती है। मनुष्य के विचार उसके आचरण पर प्रभाव डालते हैं और उसके विवेक को जाग्रत रखते हैं। विवेकशील व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखता है। उन्हें अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। सादा जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति को कभी भी अपने आत्मसम्मान पर आँच नहीं आने देनी चाहिए। सादगी मनुष्य के चरित्र का अंग है, वह बाहरी चीज नहीं है। महात्मा गाँधी सादा जीवन पसंद करते थे और हाथ के कते और बुने खद्दर के मामूली वस्त्र पहनते थे, किंतु अपने उच्च विचारों के कारण वे संसार में वंदनीय हो गए ।
(1) महापुरुषों के जीवन पर किसका प्रभाव होता है?
(क) संघर्ष का
(ख) पढ़ाई का
(ग) समय का
(घ) संघर्ष और प्रतिकूल परिस्थितियों का
उत्तरः
(घ) संघर्ष और प्रतिकूल परिस्थितियों का
(2) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): विनय, उदारता, कष्ट – सहिष्णुता, साहस आदि चारित्रिक गुणों का विकास आवश्यक है।
कारण (R): ये सभी गुण मनुष्य के व्यक्तित्व को निखारने में तथा विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध होते हैं।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(3) व्यक्ति की सही पहचान किससे है ?
(क) कर्म और विचारों से
(ख) पहनावे से
(ग) रहन-सहन से
(घ) सभी से
उत्तर:
(क) कर्म और विचारों से
(4) कैसा व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखता है ?
(क) विवेकशील व्यक्ति
(ख) अहंकारी व्यक्ति
(ग) कायर व्यक्ति
(घ) धूर्त व्यक्ति
उत्तर:
(क) विवेकशील व्यक्ति
(5) जीवन को सरल बनाने के लिए क्या-क्या करना चाहिए ?
(क) धैर्य नहीं खोना
(ख) सादा जीवन जीना
(ग) आवश्यकताओं को सीमित करना
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तरः
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इसके आधार पर सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए-
देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद सादगी और ईमानदारी के लिए शुरु से विख्यात थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गाँधीजी ने उन्हें मीडिया प्रभारी बनाया। कांग्रेस की गतिविधियों की कौन-सी खबर प्रकाशित होनी है, कौन-सी नहीं इसका निर्णय राजेंद्र बाबू को करना होता था। वह अखबार में खबरें भी खुद ही पहुँचाते थे। एक बार वह इलाहाबाद के लीडर प्रेस गए। उस समय लीडर प्रेस के संपादक श्री सी.वाई. चिंतामणि थे। उनकी राजेंद्र बाबू से गहरी दोस्ती थी । जब राजेंद्र बाबू पहुँचे तो गेट पर बैठे चपरासी ने कहा कि इस समय आप उनसे नहीं मिल सकते। उनके पास कई नेता बैठे हैं। आपको इंतजार करना होगा। राजेंद्र बाबू ने अपना कार्ड देते हुए कहा ठीक है, ‘यह उन्हें दे दो जब वह खाली हो जाएँगे तो मुझे बुला लेंगे।’ चपरासी ने कार्ड चिंतामणि की मेज पर रख दिया। उस समय ठंड ज्यादा थी और हल्की बूंदाबांदी भी हो रही थी ।
राजेंद्र बाबू भीग गए थे। कार्यालय के बाहर कुछ मजदूर अंगीठी जलाकर आग ताप रहे थे। राजेंद्र बाबू भी वहीं बैठ गए। काफी देर बाद चिंतामणि की नजर उस कार्ड पर पड़ी, वह नंगे पाँव दौड़ते बाहर आए और उन्होंने चपरासी से पूछा, ‘ये कार्ड देने वाले सज्जन कहाँ हैं?’ ‘वहाँ बैठकर आग ताप रहे हैं। मैंने उन्हें रोक लिया था।’ चिंतामणि को देखकर राजेंद्र बाबू भी आ गए। दोनों मिले। चिंतामणि ने कहा कि, ‘आज इसकी गलती से आपको बहुत तकलीफ हुई। फिर चपरासी को डाँटते हुए बोले, ‘तुमने राजेंद्र बाबू को रोका क्यों नहीं? राजेंद्र बाबू का नाम सुनते ही चपरासी काँपने लगा और माफी माँगते हुए बोला, ‘मैंने आपको पहचाना नहीं साहब । आप मुझे माफ कर दें ।’ राजेंद्र बाबू बोले, ‘तुमने कोई गलती नहीं की तो माफी क्यों माँगते हो ?’ तुमने तो अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई है आगे भी इसी तरह निभाते रहना ।
(1) राजेंद्र बाबू की किन दो विशेषताओं का उल्लेख गद्यांश में किया गया है ?
(क) सादगी एवं सच्चाई
(ख) सच्चाई व नेकी
(ग) ईमानदारी व साफगोई
(घ) सादगी व ईमानदारी
उत्तरः
(घ) सादगी व ईमानदारी
(2) ‘लीडर प्रेस’ के चपरासी ने राजेंद्र बाबू को अंदर जाने नहीं दिया क्योंकि-
(क) संपादक प्रेस में नहीं थे।
(ख) मिलने का समय खत्म हो गया था ।
(ग) संपादक ने मना किया था ।
(घ) संपादक के पास अन्य लोग बैठे थे
उत्तर:
(घ) संपादक के पास अन्य लोग बैठे थे।
(3) चपरासी द्वारा रोकने पर राजेंद्र बाबू पर क्या प्रभाव पड़ा ?
(क) चुपचाप वापस लौट गए
(ख) चपरासी की कर्तव्यनिष्ठा से प्रभावित हुए
(ग) जबरदस्ती प्रेस में दाखिल हो गए
(घ) चपरासी के व्यवहार से क्रोधित हो गए
उत्तर:
(ख) चपरासी की कर्तव्यनिष्ठा से प्रभावित हुए
(4) ठंड में भीग जाने पर राजेंद्र बाबू द्वारा मजदूरों के साथ आग तापना बताता है-
(क) राजेंद्र बाबू की कष्ट सहिष्णुता
(ख) राजेंद्र बाबू का क्रोध
(ग) राजेंद्र बाबू की सादगी
(घ) राजेंद्र बाबू का बड़प्पन
उत्तर:
(ग) राजेंद्र बाबू की सादगी
(5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए |
कथन (A) : चपरासी राजेंद्र प्रसाद को नहीं पहचानता था ।
कारण (R) : चिंतामणि के व्यस्त होने के कारण राजेंद्र प्रसाद से नहीं मिल सके ।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं ।
(ख) कथन (A) गलत है, लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तरः
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘पदबंध’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) पिंजड़े से छूटकर भागे हुए पक्षी कभी पकड़ में नहीं आते। (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए)-
(क) सर्वनाम पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) संज्ञा पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(ख) विशेषण पदबंध
(2) योग-ध्यान करने वाले आप कैसे बीमार हो गए ? (वाक्य में सर्वनाम पदबंध है) –
(क) योग-ध्यान करने
(ख) करने वाले आप कैसे
(ग) बीमार हो गए
(घ) योग-ध्यान करने वाले आप
उत्तरः
(घ) योग-ध्यान करने वाले आप
(3) मीना के घर के बगीचे में रंग-बिरंगे फूल खिले हैं। (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए ) –
(क) सर्वनाम पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) संज्ञा पदबंध
उत्तर:
(घ) संज्ञा पदबंध
(4) मेघा कहानी पढ़ते-पढ़ते सो गई । (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए ) –
(क) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया-विशेषण पदबंध
(घ) संज्ञा पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
उत्तरः
(ग) क्रिया-विशेषण पदबंध
(5) पिछले दो घंटे से गाड़ी नहीं मिल रही है। (रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए ) –
(क) सर्वनाम पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) संज्ञा पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तर:
(ख) विशेषण पदबंध
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए-
(क) जो मेहनती हैं वो सब कुछ कर सकते हैं।
(ख) मेहनती लोग सब कुछ कर सकते हैं।
(ग) सब कुछ कर सकते हैं मेहनती
(घ) सभी गलत हैं ।
उत्तर:
(क) जो मेहनती हैं वो सब कुछ कर सकते हैं।
(2) मेरे कहने पर भी वह नहीं आई । (संयुक्त वाक्य में बदलिए) –
(क) कहने पर वह नहीं आयी ।
(ख) मैंने उसे आने के लिए कहा फिर भी वह नहीं आई ।
(ग) मेरे कहने पर वह नहीं आई।
(घ) सभी त्रुटिपूर्ण हैं।
उत्तरः
(ख) मैंने उसे आने के लिए कहा फिर भी वह नहीं आई ।
(3) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) परिश्रमी बालक सफल होते हैं। | (i) मिश्र वाक्य |
(2) वह काम हो गया जो आपने कहा था | (ii) संयुक्त वाक्य |
(3) वह गया तो था परन्तु रास्ते से लौट आया विकल्प | (iii) सरल वाक्य |
(क) 1-ii, 2-i, 3-iii
(ख) 1-i, 2-ii, 3-iii
(ग) 1-ii, 2-i, 3-iii
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii
उत्तर :
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii
(4) निम्नलिखित वाक्यों में से सरल वाक्य छाँटकर लिखिए-
(क) उसने कहा कि चुप हो जाओ ।
(ख) मैं घर आया और सो गया ।
(ग) मैंने एक दिव्यांग को साइकिल चलाते देखा ।
(घ) उसके घर से निकलते ही वर्षा होने लगी।
उत्तर:
(ग) मैंने एक दिव्यांग को साइकिल चलाते देखा ।
(5) आशा बाजार जूते लेने गई । (संयुक्त वाक्य में बदलिए) –
(क) आशा बाजार गई और उसने जूते लिए।
(ख) आशा ने बाजार से जूते लिए ।
(ग) बाजार जाकर आशा ने जूते लिए ।
(घ) आशा ने जूते लिए बाजार जाकर ।
उत्तरः
(क) आशा बाजार गई और उसने जूते लिए ।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार समास पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) ‘माता के लिए भक्ति’ समस्त पद बताइए-
(क) मात्रभक्ति
(ख) मात्रीभक्ती
(ग) मानृभक्ति
(घ) मातृभक्ति
उत्तरः
(घ) मातृभक्ति
(2) ‘ऋणमुक्त’ में कौन-सा समास है?
(क) तत्पुरुष समास
(ख) बहुव्रीहि समास
(ग) कर्मधारय समास
(घ) द्विगु समास
उत्तर:
(क) तत्पुरुष समास
(3) निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
समस्तपद | समास |
(i) पंचवटी | (i) बहुव्रीहि समास |
(ii) भरपेट | (ii) तत्पुरुष समास |
(iii) घनश्याम | (iii) कर्मधारय समास |
(iv) हस्तलिखित | (iv) तत्पुरुष समास |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन सही सुमेलित हैं-
(क) (iii) और (i)
(ख) (iv) और (i)
(ग) (iii) और (iv)
(घ) (i) और (ii)
उत्तर:
(ग) (iii) और (iv)
(4) कौन-से समास में पहला पद संख्यावाची होता है?
(क) द्विगु
(ख) तत्पुरुष
(ग) द्वंद्व
(घ) कर्मधारय
उत्तरः
(क) द्विगु
(5) ‘प्रधानमंत्री’ का विग्रह बताइए –
(क) प्रधान है जो मंत्री
(ख) प्रधानों का मंत्री
(ग) मंत्री है जो प्रधान
(घ) कोई भी नहीं
उत्तर:
(क) प्रधान है जो मंत्री
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार मुहावरे पर आधारित छः बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) मुहावरे और अर्थ के उचित मेल वाले विकल्प का चयन कीजिए-
(क) आँख उठाकर देखना-सामना करना
(ख) आटे-दाल का भाव मालूम होना – कठिनाई का अनुभव होना
(ग) अक्ल चरने जाना – मूर्ख बनाकर काम निकालना
(घ) ज़मीन पर पाँव न रखना – घबरा जाना
उत्तरः
(ख) आटे-दाल का भाव मालूम होना – कठिनाई का अनुभव होना
(2) ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ मुहावरे का अर्थ है-
(क) बढ़ा-चढ़ाकर बात करना
(ख) दोषी व्यक्ति शंकित रहता है
(ग) गायब होना
(घ) बाधा डालना
उत्तर:
(ख) दोषी व्यक्ति शंकित रहता है
(3) “नीरज चोपड़ा द्वारा ओलम्पिक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर देश को ………………|” रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे से कीजिए:
(क) आँखें नम हो जाना
(ख) छाती फैल जाना
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(घ) लॉटरी लग जाना
उत्तर:
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना
(4) रेखांकित अंश के लिए कौन-सा मुहावरा प्रयुक्त करना उचित रहेगा? तुम कोई नौकरी क्यूँ नहीं कर लेते, कब तक जूतियाँ चटकाते फिरोगे ?
(क) मारा-मारा फिरना
(ख) हरा देना
(ग) पैर मारना
(घ) पैर जमाना
उत्तर:
(क) मारा-मारा फिरना
(5) “आँखों से काजल चुराना” मुहावरे का अर्थ है-
(क) सफाई से चोरी करना
(ख) काजल की चोरी करना
(ग) आँखों को नुकसान पहुँचाना
(घ) प्यार का इज़हार करना
उत्तर:
(क) सफाई से चोरी करना
(6) इस वर्ष मेरा बैल भी मर गया और चोरी भी हो गई, इसी को कहते हैं ……………… | रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त मुहावरे का चयन कीजिए-
(क) दाल में कुछ काला है
(ख) कंगाली में आटा गीला
(ग) काला अक्षर भैंस बराबर
(घ) एक पंथ दो काज
उत्तर:
(ख) कंगाली में आटा गीला
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए-
ऐसी बाँणी बोलिए मन का आपा खोए ।
अपना तन सीतल करै औरन को सुख होय ॥
निंदक नेड़ा राखिये, आँगणि कुटी बँधाइ
बिन साबण पाँणी बिना, निरमल करै सुभाइ
(1) मन का आपा खोने से क्या अभिप्राय है?
(क) मन से अज्ञान दूर होना
(ख) मन का अहंकार नष्ट होना
(ग) मन में विरक्ति का भाव आना
(घ) मानसिक नियंत्रण खोना
उत्तरः
(ख) मन का अहंकार नष्ट होना
(2) प्रथम दो पंक्तियों में महत्ता दर्शाई गई है-
(क) मधुर वाणी की
(ख) अहंकारयुक्त वाणी की
(ग) अहंकाररहित वाणी की
(घ) ईश्वर भक्ति की
उत्तर:
(क) मधुर वाणी की
(3) निंदक को कहाँ रखना हितकर होता है?
(क) समीप
(ख) घर के अंदर
(ग) दूर
(घ) आँगन में
उत्तर:
(क) समीप
(4) ‘निर्मल करै सुभाइ’ से क्या तात्पर्य है?
(क) दोषों को दूर करना
(ख) आत्मीय संबंध बनाना
(ग) रहने के लिए स्थान प्रदान करना
(घ) दया दिखाना
उत्तर:
(क) दोषों को दूर करना
(5) निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
(i) मनुष्य को अहंकारपूर्ण वाणी नहीं बोलनी चाहिए।
(ii) अपना तन स्वच्छ होने से दूसरों को अच्छा लगता है।
(iii) बुराई करने वाले को अपने पास रखना चाहिए ।
(iv) निंदक, मनुष्य के व्यक्तित्व को निखार देता है।
(v) निंदक से जितना हो सके दूर रहना चाहिए ।
पद्यांश से मेल खाते वाक्यों के लिए उचित विकल्प चुनिए-
(क) (i), (ii) और (iv)
(ख) (i), (ii) और (v)
(ग) (i), (iii) और (iv)
(घ) (ii), (iii) और (v)
उत्तर:
(ग) (i), (iii) और (iv)
प्रश्न 8.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(1) ‘बिरह भुवंगम तन बसै मन्त्र न लागे कोय ।’ का भाव स्पष्ट कीजिए ।
(क) जब शरीर में किसी से बिछुड़ने का दुःख हो तो कोई दवा या मन्त्र काम नहीं करता।
(ख) मन्त्र जपने से सेहत अच्छी होती है।
(ग) जब दुःख हो तो मन्त्र काम करते हैं।
(घ) कोई नहीं
उत्तरः
(क) जब शरीर में किसी से बिछुड़ने का दुःख हो तो कोई दवा या मन्त्र काम नहीं करता
(2) श्रीकृष्ण के माथे पर कौन – सा मुकुट सुशोभित है ?
(क) श्रीकृष्ण के माथे पर सोने का मुकुट सुशोभित है।
(ख) श्रीकृष्ण के माथे पर रत्नजड़ित मुकुट सुशोभित है।
(ग) श्रीकृष्ण के माथे पर सुंदर मुकुट सुशोभित है।
(घ) श्रीकृष्ण के माथे पर मोर पंखों से बना मुकुट सुशोभित है।
उत्तर:
(घ) श्रीकृष्ण के माथे पर मोर पंखों से बना मुकुट सुशोभित है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए-
मेरा जी पढ़ने में बिल्कुल न लगता था । एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था । मौका पाते ही होस्टल से निकलकर मैदान में आ जाता और कभी कंकरियाँ उछालता, कभी कागज की तितलियाँ उड़ाता और कहीं कोई साथी मिल गया, तो पूछना ही क्या। कभी चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूद रहे हैं। कभी फाटक पर सवार उसे आगे-पीछे चलाते हुए मोटरकार का आनंद उठा रहे हैं, लेकिन कमरे में आते ही भाई साहब का वह रुद्र – रूप देखकर प्राण सूख जाते । उनका पहला सवाल यह होता – ‘कहाँ थे ?
(1) किसका जी पढ़ने में न लगता था ?
(क) लेखक का
(ख) बड़े भाई का
(ग) मित्र का
(घ) सभी का
उत्तर:
(क) लेखक का
(2) लेखक का जी पढ़ने में न लगने का क्या कारण हो सकता है ? विचार करके उचित विकल्प चुनिए ।
(i) बालसुलभ चंचलता
(ii) पढ़ाई में कमजोर होने के कारण
(iii) भाईसाहब से डर के कारण
(iv) (i) व (ii) दोनों
विकल्प
(क) केवल (i)
(ख) केवल (ii)
(ग) (iii) व (iv)
(घ) केवल (iv)
उत्तर:
(क) केवल (i)
(3) निम्नलिखित कथन – कारण को पढ़कर उचित विकल्प का चयन कीजिए-
कथन (A) : मौका पाते ही मैं हॉस्टल से निकलकर मैदान में आ जाता और कभी कंकड़ियाँ उछालता कभी कागज की तितलियाँ उड़ाता ।
कारण (R) : मेरा जी पढ़ने में बिल्कुल नहीं लगता ।
(क) कंथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कांरण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तरः
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
(4) छोटा भाई किससे डरता था ?
(क) पिता से
(ख) बड़े भाई से
(ग) माँ से
(घ) लोगों से
उत्तरः
(ख) बड़े भाई से
(5) छोटा भाई कैसी तितलियाँ उड़ाता था ?
(क) तालाब की
(ख) कुएँ की
(ग) कागज की
(घ) नदी की
उत्तर:
(ग) कागज की
प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए-
(1) निम्नलिखित वाक्यों में से किस वाक्य को ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ के संदर्भ में सही कहा जा सकता है ?
(i) देश के स्वतंत्रता संग्राम में स्त्रियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
(ii) बंगाल में प्रारम्भ से ही देशविरोधी कार्य हो रहे थे।
(iii) अंग्रेजी सरकार ने सभी आंदोलनकारियों को नोटिस भेजकर सभा न करने का निर्देश दिया था ।
(iv) इस सभा में भाग लेने वाले लोग भारी संख्या में गिरफ्तार हुए थे।
(क) (i), (ii) और (iv)
(ख) (i), (ii) और (iii)
(ग) (i), (iii) और (iv)
(घ) (ii), (iii) और (iv)
उत्तर:
(ग) (i), (iii) और (iv)
(2) लेकिन हज़ारों बातें ऐसी हैं, जिनका ज्ञान उन्हें हमसे और तुमसे ज्यादा है- यह कथन जिस उचित सन्दर्भ में नहीं किया गया है उसका चयन करें।
(क) अपने छोटे भाई के अव्वल नंबर आने से नाराज होने के सन्दर्भ में
(ख) अपने छोटे भाई को अपने माता-पिता का उदाहरण देने के सन्दर्भ में
(ग) अपने छोटे भाई को जिंदगी के अनुभव की ताकत की नसीहत देने के विषय में
(घ ) अपना छोटा भाई पढ़ाई छोड़कर गलत रास्ते पर न भटके, यह उपदेश देने के सन्दर्भ में
उत्तर:
(क) अपने छोटे भाई के अव्वल नंबर आने से नाराज होने के सन्दर्भ में
खण्ड – ‘ब’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
प्रश्न 11.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए-
(1) साहित्य समाज का दर्पण होता है। एक सच्चे साहित्यकार का यह कर्त्तव्य होता है कि वह समाज का परिष्कार करे। आपके पाठ्यक्रम में पढ़े गए किस पाठ में लेखक ने यह बात स्पष्ट की है ? यह विशेषता पाठ के किस व्यक्ति के बारे में बताती है ? पाठ के आधार पर उनकी अन्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तरः
साहित्य समाज का दर्पण होता है। एक सच्चे साहित्यकार का यह कर्तव्य होता है कि वह समाज का परिष्कार करे । ‘तीसरी कसम’ के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ के माध्यम से इस कथन को स्पष्ट किया गया है। फिल्म निर्माता ने फिल्म की सफलता, असफलता और व्यावसायिक लाभ से अधिक महत्व अपने आदर्श को दिया। हमारी फिल्मों में लोक तत्त्व का अभाव होता है। वे वास्तविकता से दूर हैं। शैलेंद्र ने अपने गीतों में दुःख को ग्लोरिफाई न कर उसका वास्तविक रूप ही हमारे समक्ष रखा है। फिल्म निर्माता के रूप में शैलेंद्र संवेदनशील निर्माता थे। धन कमाना व यश प्राप्ति उनका उद्देश्य नहीं था । वे भाव प्रवण गीत व जिंदगी की वास्तविकता को दर्शाने के पक्षधर थे। जीवन की वास्तविकता से समाज को रूबरू करवाना ही उनका उद्देश्य था ।
(2) ‘गिन्नी का सोना’ पाठ में किस प्रकार के आदर्शों की बात की गई है ? किस प्रकार के लोग समाज को उच्च आदर्शों तक ले जाने में सक्षम होते हैं और कैसे ? हमारे देश के इतिहास को ध्यान में रखते हुए उदाहरण सहित अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
‘गिन्नी का सोना’ पाठ में लेखक ने शुद्ध आदर्श की बात कही है। शुद्ध आदर्श से लेखक का तात्पर्य वह आदर्श है जो अपने लाभ-हानि से अधिक समाज की उन्नति को महत्व देता है। आदर्शवादी लोगों ने बताया कि जीने की कौन-सी राह ठीक है जो समाज को आदर्श रूप में रख सकती है। इसलिए लोगों ने उनके नेतृत्व को स्वीकार भी कर लिया। हमारे इतिहास में कई ऐसे महापुरुष हैं जिन्होंने समाज की उन्नति के लिए अपने जीवन के सुखों को त्याग दिया । महर्षि दधीचि ने लोक कल्याण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। श्रीराम ने राजा का धर्म निभाने के लिए; प्रजा की सुख-शांति के लिए अपने व्यक्तिगत जीवन का भी बलिदान कर दिया । महात्मा गाँधी, सरदार भगत सिंह तथा चंद्रशेखर आज़ाद ने भी देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया । ये सभी महापुरुष मनुष्य को आदर्शपूर्ण जीवन जीने की सीख देते हैं।
(3) ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में अगर आप बड़े भाई होते तो क्या करते ?
उत्तरः
यदि मैं ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में बड़े भाई साहब की भूमिका अदा करता तो वही करता जो उन्होंने किया है। बड़े भाई होने के नाते अपने छोटे भाई के लिए, उसके भविष्य के लिए जितना बन पड़े करता । अपनी इच्छाओं, आकांक्षाओं को न्यून कर उसे दुनिया की खुशी देता, उसे बेराह न होने देता, उसका पथ-प्रदर्शन करता जैसा बड़े भाई साहब ने किया था।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए-
(1) पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?
उत्तरः
पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को प्रकट करने के लिए देख रहे थे। ये वृक्ष प्रतिबिंबित करते हैं कि मानो ये बादलों की घनघोर वर्षा को देखकर गंभीर और चिंतन में लीन हो गए हों। आकाश की ओर एकटक देखते हुए अपनी कामनाओं को पूर्ण करने के लिए अपेक्षित हों। वे मानव की महत्त्वाकांक्षा को प्रतिबिंबित करते हैं।
(2) कवि ने ‘कर चले हम फिदा’ कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है ?
उत्तर:
कवि ने इस कविता में देश के लिए अपने प्राणों के बलिदान करने के लिए तैयार रहने वाले काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है। कवि चाहता है कि यदि सैनिकों की एक टोली देश के लिए शहीद हो जाए, तो सैनिकों की दूसरी टोली युद्ध की राह पर आगे बढ़ जाए। इस प्रकार यहाँ कवि द्वारा देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के समूह के लिए ‘काफ़िले’ शब्द का प्रयोग किया गया है।
(3) कवि किन दिनों में प्रभु की याद बनाए रखना चाहता है ? ‘आत्मत्राण’ कविता के आधार पर लिखिए ।
उत्तरः
आत्मत्राण कविता के आधार पर हम कह सकते हैं कि व्यक्ति को दुःखों और मुसीबतों में ईश्वर को याद रखना चाहिए लेकिन दूसरी तरफ यह भी कहना है कि यदि हमारे पास सुख है तो भी हमें ईश्वर को भूलना नहीं चाहिए। परमात्मा को याद करना, धन्यवाद देना तथा उनके प्रति विनय प्रकट करना न भूलें।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए-
(1) जीवन में अंधविश्वास मनुष्य को हानि ही पहुँचाता है। ईश्वर पर विश्वास करना सही है क्योंकि वह मनुष्य को धर्म के प्रति जागरूक करता है तथा सही और गलत की पहचान करने की क्षमता प्रदान करता है। धर्म के ठेकेदार अंधविश्वास का सहारा लेकर मनुष्य की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर अपनी स्वार्थ सिद्धि करते हैं। गाँव में ठाकुरबारी के विकास का कारण बताते हुए ठाकुरबारी की आड़ में महंत के इरादों का पर्दाफाश कीजिए।
उत्तरः
गाँव के लोगों के लिए ठाकुरबारी किसी वरदान से कम नहीं थी । कोई भी सुख – दुःख, विवाह, जन्म, मृत्यु, कोई उत्सव त्योहार कुछ भी हो सबसे पहले ठाकुरबारी की मनौती आती है। यह सब उन्हीं की कृपा से हुआ ऐसा माना जाता है । अतः ठाकुरबारी के प्रति लोगों के मन में अपार भक्ति भावना भरी थी। इन्हीं लोगों के चंदे से ठाकुरबारी का विस्तार हुआ। महंत तथा ठाकुरबारी के पुजारियों ने गाँव वालों की इस भक्ति भावना तथा विश्वास का फायदा अपने स्वार्थ के लिए उठाना शुरू किया तथा उनके मन में अंधविश्वास का बीज बो दिया । ‘हरिहर काका ́ की जमीन हथियाने के लिए भी महंत ने उन्हें तरह-तरह के धार्मिक लालच दिए । लेखक महंत तथा ठाकुरबारी के पुजारियों के स्वार्थ को पहचानते थे। इसीलिए वे उन्हें पसंद नहीं करते थे । वे लोग ठाकुरजी के नाम पर स्वयं आरामपूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहते थे। उन्होंने ठाकुरबारी का प्रयोग एक व्यापार के रूप में किया।
(2) विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए अपनाई गई युक्तियों को आप सही मानते हैं? ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तरः
विद्यार्थियों को अनुशासन के दायरे में रखने की युक्तियाँ जो इस पाठ में बताई गई हैं वो काफी अनुचित हैं। अनुशासन मन से स्वीकार किया जाता है। शारीरिक यातनाओं द्वारा अनुशासन मनवाया नहीं जाता है । पाठ में प्रीतमचंद बच्चों को यातनाओं द्वारा अनुशासित रखना चाहते हैं। ऐसा करना कदापि उचित नहीं है क्योंकि इससे छात्रों की मानसिक क्षति होती है, वे अवसाद का शिकार तक हो जाते हैं। सरकार की ओर से भी शारीरिक दंड देना अपराध घोषित कर दिया गया है। प्रीतम चंद का अनुशासन अति कठोर था जो छात्रों के लिए बिल्कुल अनुचित है। शिक्षकों को चाहिए कि छात्रों के मनोविज्ञान को समझते हुए रचनात्मक तरीके से छात्रों को अनुशासन में लाएँ उन पर दबाव डालकर नहीं ।
(3) मनुष्य किसी के साथ मित्रता तब करता है जब भावनात्मक रूप से वह किसी से प्रभावित होता है। अतः सच्ची मित्रता के लिए भावना. त्मक रूप से समान होना अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त निस्वार्थ भाव भी सच्ची मित्रता का आधार है। इन तत्वों के अभाव में किसी भी मनुष्य के बीच मित्रता का संबंध स्थापित करना सम्भव नहीं है। इस कथन के आलोक में यह प्रमाणित कीजिए कि टोपी तथा इफ़्फ़न की मित्रता सच्ची है।
उत्तरः
टोपी शुक्ला दो अलग-अलग धर्मों से जुड़े बच्चों के बीच स्नेह की कहानी है। टोपी और इफ्फ़न की मित्रता समझाती है कि जीवन में एक सच्चा मित्र हर धर्म और सम्प्रदाय से ऊपर है। उसके साथ रहकर हमें और किसी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने मित्रता से बने रिश्ते व प्रेम से बने रिश्ते की सार्थकता को प्रस्तुत किया है । वह समाज के आगे उदाहरण पेश करता है कि मित्रता कभी धर्म व जाति की गुलाम नहीं होती अपितु वह प्रेम, आपसी स्नेह व समझ का प्रतीक होती है । बालमन किसी स्वार्थ या हिसाब से चलायमान नहीं होता । समाज जहाँ देश और धर्मों के नाम पर बँटा है, वहाँ इनकी दोस्ती समाज को प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है। इनकी मित्रता बताती है कि जीवन में प्रेम को महत्व दें । धर्म मनुष्य को अच्छे मार्ग पर चलाने के लिए बने हैं, उन्हें बाँटने के लिए नहीं ।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर संकेत – बिंदुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-
(1) विज्ञापन और हमारा जीवन
विज्ञापन का उद्देश्य
विज्ञापन के प्रकार
समाज पर प्रभाव
निष्कर्ष
उत्तर:
विज्ञापन और हमारा जीवन
विज्ञापन का उद्देश्य किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा विचारों का प्रचार-प्रसार करना होता है। जो विज्ञापन श्रोता, पाठक या उपभोक्ता के मन पर जितनी गहरी छाप छोड़ पाता है, वह उतना ही प्रभावशाली विज्ञापन कहलाता है। विज्ञापनों का संसार बहुत विस्तृत और मायावी है। सर्वाधिक विज्ञापन वस्तुओं के होते हैं। साबुन, तेल, कपड़े, टी. वी. आदि के विज्ञापन व्यापारिक विज्ञापन कहलाते हैं । सामाजिक-धार्मिक विज्ञापनों में सामाजिक कार्यक्रमों, महापुरुषों, कवि-सम्मेलनों आदि के विज्ञापन और शैक्षिक विज्ञापनों में पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं, कोचिंग, विद्यालयों आदि के विज्ञापन आते हैं। हमारी सारी दिनचर्या विज्ञापनों से प्रभावित होती है। हमारे टी. वी. और समाचार-पत्र दिन में बार-बार इन्हीं की रट लगाए रहते हैं। यहाँ कुरूप से कुरूप वस्तुओं को सुन्दर और बेकार सामग्री को भी प्रभावशाली बनाया जाता है।
संवादों के माध्यम से एक ऐसा भ्रम जाल फैलाया जाता है जैसे एक हफ्ते में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना सीखें, गंजे सिर में तेल द्वारा बाल उग आएँगे, दो महीने में कोई ताड़ के पेड़ जैसा लम्बा हो जाएगा, पन्द्रह दिनों में आपकी कमरा जैसी कमर पतली हो जाएगी आदि । ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर तुरन्त रोक लगनी चाहिए। इससे उपभोक्ता ठगे जाते हैं। विज्ञापनों में मसाला लाने के लिए बड़े-बड़े अभिनेता, नेता आदि ने भी कमर कस ली है। चाहे वे उस सामान का उपयोग न ही करें पर फिर भी उसका विज्ञापन जोर-शोर से करते हैं। विज्ञापनों ने अब अभद्रता का चोला भी ओढ़ लिया है। विज्ञापनदाता सामाजिक-मर्यादा का भी ध्यान नहीं रखते। विज्ञापन द्रुत प्रचार-प्रसार के लिए काम करते हैं, इन्हें भलाई और लाभ के लिए खूब काम में लाना चाहिए, किन्तु इनके अमर्यादित उपयोग पर रोक भी लगनी चाहिए।
(2) जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) और हम
प्रस्तावना
प्रचार-प्रसार
प्रभाव
उत्तरः
जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) और हम
‘जी. एस. टी.’ एक अप्रत्यक्ष सेवा कर है । जो दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं पर लगाया जाता है। यह भारत में 1 जुलाई, 2017 से लागू हुआ। जी. एस. टी. एक उपभोग कर है जो उन राज्यों से लिया जाता है जहाँ वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग किया जाएगा न कि उस राज्य के द्वारा जहाँ यह वस्तुएँ एवं सेवाएँ निर्मित होंगी। जी. एस. टी. के अनुसार अलग-अलग वस्तुओं पर कर की दर लागू होगी। अगस्त 2009 में 13वें वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री विजय केलकर की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर पर विचार-विमर्श किया गया । केलकर महोदय के अनुसार वस्तु व सेवा कर लागू करने में केन्द्र व राज्य के मध्य सहयोग एवं तालमेल अनिवार्य है तथा केन्द्र सरकार को राज्यों की इस मुद्दे पर उत्पन्न चिंताओं के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने की भी सलाह दी।
वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी सरकार ने जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) सम्बन्धी 122वाँ संशोधन विधेयक लोकसभा के शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया । इस विधेयक में पूर्व में राज्यों द्वारा उठाई जाने वाली आपत्तियों के शमन का गम्भीर प्रयास किया गया । प्रस्तावित विधेयक में राज्यों में होने वाली सम्भावित नुकसान की क्षतिपूर्ति हेतु व्यापक प्रावधान करते हुए यह व्यवस्था की गई है कि वस्तु एवं सेवा कर लागू होने की दिशा में प्रत्येक राज्य को पहले 3 वर्ष तक 100% मुआवजा दिया जाएगा, जबकि चौथे वर्ष 75% एवं पाँचवें वर्ष 50% की राजस्व क्षतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
(3) हमारे त्योहार – हमारी संस्कृति
त्योहार: हमारी पहचान
मजबूत संस्कृति
उपसंहार
उत्तरः
हमारे त्योहार – हमारी संस्कृति
हमारे त्योहार हमारे राष्ट्र की पहचान हैं। ये राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना की धरोहर हैं। त्योहार, देश में रहने वाले नागरिकों की पहचान हैं, यह हमें संकेत देते हैं कि चाहे हमारे धर्म अलग हैं पर हम सभी एकता के एक सूत्र में बँधे हैं। त्योहार राष्ट्र के सामूहिक आनंद-भाव को उजागर करते हैं। परन्तु यह दुःखद है कि त्योहारों के हर्ष उल्लास के माहौल में कुछ शरारती व असामाजिक तत्व खलल डालते हैं। माहौल तनावपूर्ण बना देते हैं। उसको जातिगत व राजनीतिक रंग देते हैं। इससे त्योहारों का आनंद और उत्साह फीका पड़ जाता है। इस पर रोकथाम बहुत जरूरी है और इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए | त्योहार घर-परिवार के सभी सदस्यों को, रिश्तेदारों को समीप आकर मिल- -जुलकर बैठने व जाति व धर्म से ऊपर उठकर अलगाव की भावनाओं को समाप्त करने का सुअवसर प्रदान करते हैं। परस्पर एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। हमारे त्योहार कई प्रकार के आदर्श, मान एवं मूल्य को संजोए रखते हैं। राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के लिए त्योहार जरूरी हैं।
प्रश्न 15.
(1) आप अपने मोहल्ले की कमेटी के अध्यक्ष / अध्यक्षा हैं। आपके पड़ोसी की अनुपस्थिति में उनके घर में चोरी हो गई है। क्षेत्र के थाना प्रभारी को पत्र लिखकर लगभग 100 शब्दों में सूचित करें।
अथवा
(2) आप रीमा / रमेश हैं। अपनी योग्यता तथा खेलों में रुचि का परिचय देते हुए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित खेलों में भाग लेने की अनुमति के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए ।
उत्तर:
(1)
25 जुलाई 20XX
तिलक नगर,
नई दिल्ली
सेवा में, थाना प्रभारी,
थाना तिलक नगर,
नई दिल्ली-18
विषयः पड़ोस में हुई वारदात की सूचना देने हेतु
माननीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि गत रात हमारे पड़ोसी श्री आनंद गुलाटी के घर में चोरी हो गई है। वे किसी विवाह समारोह में शामिल होने अमृतसर गए हैं, इस अवसर का लाभ उठाते हुए चोरों ने उनके घर को निशाना बनाया एवं घर का ताला तोड़कर कीमती सामान ले गए। प्रातः उनका दरवाजा टूटा पड़ा था एवं घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था । उनके घर में किसी असामाजिक तत्व द्वारा और हानि न हो, इसलिए हम आपका ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहे हैं। अतः आपसे अनुरोध है कि घटनास्थल का निरीक्षण कर उचित कार्रवाई करें।
धन्यवाद
भवदीय
नीरज
सलूजा (अध्यक्ष)
मोहल्ला सुधार कमेटी
अथवा
(2) सेवा में,
प्रधानाचार्या,
दिल्ली पब्लिक स्कूल,
डागापुर, सिलीगुड़ी
दिनांक- 5 दिसम्बर, 20XX
विषयः वार्षिकोत्सव में आयोजित खेलकूद में भाग लेने हेतु पत्र ।
माननीय महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की दसवीं की छात्रा हूँ। आज ही कक्षाध्यापिका से वार्षिकोत्सव के आयोजन के विषय में सुना। मैं बताना चाहती हूँ कि कई खेलकूद प्रतियोगिताओं में मैंने भाग लिया है व पुरस्कार भी जीते हैं। खेलकूद प्रतियोगिताओं के प्रति मेरी अत्यधिक रुचि है तथा मैं इसमें अपना उज्ज्वल भविष्य भी देखती हूँ। मेरा आपसे यही निवेदन है कि मुझे आप विद्यालय की इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति प्रदान करें। आपकी अति कृपा होगी।
धन्यवाद
आपकी आज्ञाकारी छात्रा
रीमा
कक्षा दसवीं ‘अ’
अनुक्रमांक – 5
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए-
(1) ग्रीष्मावकाश में ‘बाल – भवन’ द्वारा आयोजित ‘बाल चित्रकला कार्यशाला’ के लिए लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए ।
अथवा
(2) आप स्टेशन अधीक्षक हैं। तकनीकी खराबी के कारण द्वारका सेक्टर-21 से नोएडा सेक्टर-18 तक की मेट्रो सेवा दिनांक 5.08.XX को बाधित रहेगी। इस विषय पर लगभग 60 शब्दों में सूचना लिखिए।
उत्तरः
(1)
सूचना
बाल भवन, नई दिल्ली
आप सभी को सूचित किया जाता है कि ‘बाल भवन’ इस ग्रीष्मावकाश में दो विभिन्न आयुवर्ग समूहों (8 वर्ष से 12 वर्ष तथा 13 वर्ष से 15 वर्ष) के लिए ‘बाल चित्रकला कार्यशाला’ का आयोजन कर रहा है। सारी आवश्यक सामग्री संस्था द्वारा ही दी जाएगी।
कार्यशाला का आयोजन – 1 जून से 15 जून (15 दिन)
कार्यशाला का समय – प्रातः 10 बजे से 12 बजे तक
पंजीकरण की तिथि – 20 से 25 मई
पंजीकरण का स्थान – बाल भवन, द्वारका, नई दिल्ली
पंजीकरण का समय – प्रात: 9:30 बजे से 12:30 बजे तक
पंजीकरण शुल्क – 500 रुपए
पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रवेश ।
अथवा
(2)
सूचना
मेट्रो स्टेशन, तिलक नगर
समस्त यात्रियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 05-08-XX को प्रातः 6 बजे से सायं 8 बजे तक द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा सेक्टर 18 के | बीच किसी तकनीकी खराबी को ठीक करने के लिए मेट्रो लाइन की मरम्मत का काम होगा। जिस कारण द्वारका से वैशाली जाने वाली मेट्रो रेल सेवा बाधित रहेगी। यात्रियों की असुविधा के लिए खेद है।
दिनांक: 03-08-XX
स्टेशन अधीक्षक
दिल्ली मेट्रो
प्रश्न 17.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए-
(1) अपने विद्यालय की नई ब्रांच हेतु लगभग 40 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए ।
अथवा
(2) ‘लक्ष्य’ कोचिंग सेंटर हेतु विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार करें।
उत्तर:
(1)
अथवा
(2)
प्रश्न 18.
(1) राजन के लिए आज की रात निकालनी मुश्किल हो गई थी। वह समझ नहीं पा रहा था कि अपने पापा को इस बात की सूचना कैसे दे। वह जानता था कि उसके पापा टूट जाएँगे” ……………………………… (लघुकथा कम-से-कम 100 शब्दों में पूरी करें। )
अथवा
(2) आप अजय/अंजलि हैं। बस चालकों की असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं के विषय में सूचित करते हुए किसी समाचार-पत्र के संपादक को लगभग शब्दों 100 में ई-मेल कीजिए ।
उत्तरः
(1) राजन काफी मेहनती व होशियार बालक था, पर इस बार परीक्षा परिणाम को लेकर वह काफी चिंतित था, क्योंकि वह परीक्षा के समय बीमार पड़ गया था। कल परिणाम आने वाला था जिस कारण राजन के लिए आज की रात निकालनी मुश्किल हो रही थी, उसे समझ नहीं आ रहा था कि यदि वह अनुत्तीर्ण हो गया तो अपने परीक्षा का नतीजा पापा को कैसे बताएगा ? काफी मुश्किल से वे उसे पढ़ा रहे थे। एक छोटी-सी नौकरी और पूरे परिवार का भरण-पोषण पापा के ही हाथ था। यह सोचते-सोचते अचानक उसकी नींद खुल गई। उसने देखा कि सुबह हो गई है। वह जल्दी से उठा और स्नान आदि कर विद्यालय चला गया। उसके मन में परिणाम के लिए काफी डर था । विद्यालय छात्रों से भरा पड़ा था, राजन भी कक्षा में पहुँचा। सभी को अपना-अपना परिणाम मिलने लगा, राजन की बारी भी आ ही गई, वह शिक्षक के समीप पहुँचा, शिक्षक ने उसे मुस्कुराते हुए परिणाम पत्र दिया और कहा और मेहनत करों। परिणाम पत्र लेकर वह घर पहुँचा । परिणाम पहले की अपेक्षा अच्छा नहीं था पर बुरा भी नहीं था । पापा बोले कोई बात नहीं। अगली बार और मेहनत करना ।
अथवा
(2)
To : [email protected]
cc: [email protected]
Subject— बस चालकों की असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में
महोदय,
मैं आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से सरकार और आम जनता का ध्यान बस चालकों की बढ़ती लापरवाही और असावधानी की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ ताकि इस समस्या से छुटकारा पाने के सुदृढ़ उपाय किए जा सकें। बस चालक बसों को निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज चलाते हैं साथ ही अधिक-से-अधिक सवारियों को अपनी बस में बैठाने की होड़ में वे असावधानी बरतते हैं। इसी जल्दबाजी और सवारियों को चढ़ाने की आपा-धापी में बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को दुर्घटनाग्रस्त भी होना पड़ता है। कितनी बार तेज बस चलाने के कारण, वे लाल – बत्ती भी पार कर जाते हैं आम आदमी को इन सभी कारणों से परेशानी झेलनी पड़ रही है। जनता के सब्र का बाँध टूटने से पहले इन सभी को कड़ी से कड़ी चेतावनी दी जानी चाहिए, अन्यथा स्थिति बेकाबू हो जाएगी।
सधन्यवाद
भवदीया,
अंजलि गुप्ता
दिल्ली।