Contents
हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘हिंदी व्याकरण‘ हमने व्याकरण के सिद्धांतों, नियमों व उपनियमों को व्याख्या के माध्यम से अधिकाधिक स्पष्ट, सरल तथा सुबोधक बनाने का प्रयास किया है।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द की परिभाषा भेद और उदाहरण | Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd in Hindi Examples
नवीनतम पाठ्यक्रम में अनेक शब्दों अर्थात् वाक्य अथवा वाक्य-खण्डों के लिए उपयुक्त एक शब्द लिखने को सम्मिलित किया गया है। इस प्रकार के दो वाक्य-खण्डों के उत्तर लिखने होंगे। इसके लिए कुल 2 अंक निर्धारित हैं।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द की परिभाषा
अनेक साधन (संकेत, लिपि आदि) होते हुए भी ‘भाषा’ ही भावों/विचारों की अभिव्यक्ति का सर्वोत्तम साधन है। ‘भाषा’ में भावों/विचारों की वही अभिव्यक्ति अधिक प्रभावकारी होती है, जिसमें स्पष्टता के साथ-साथ कुशलता भी हो। किसी भाव/विचार की अभिव्यक्ति हम एक व्यंजक शब्द द्वारा भी कर सकते हैं। और एक बड़े वाक्य द्वारा भी। साहित्यिक भाषा में ही नहीं, दैनिक व्यवहार की भाषा में भी ऐसे व्यंजक शब्दों का महत्त्व स्वीकार किया जाता है, जिनका प्रयोग एक वाक्य या वाक्य-खण्ड के लिए सफलतापूर्वक किया जा सकता है। अनेक शब्दों अर्थात् वाक्य अथवा वाक्य-खण्ड के लिए प्रयोग में लाये जा सकने वाले ऐसे व्यंजक और सटीक शब्दों की विस्तृत सूची यहाँ दी जा रही है।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द के उदाहरण | One Word Substitution Examples
1 | नाटक का एक भाग/पत्र पत्रिकाओं की निश्चित समय पर प्रकाशित होने वाली प्रति। | अंक |
2 | हाथी हाँकने का लोहे का दण्डाकार काँटा। | अंकुश |
3 | न करने योग्य। | अकरणीय |
4 | अण्डे से उत्पन्न होने वाला। | अण्डज |
5 | जिसका कहीं भी अन्त न होता हो। | अनन्त |
6 | किसी के पीछे आँख मूंदकर चलना। | अन्धानुकरण |
7 | पद्य-पाठ की ऐसी प्रतियोगिता, जिसमें पहले पढ़े हुए पद्य के अन्तिम अक्षर से आरम्भ होने वाला पद्य प्रतियोगी दल को पढ़ना होता है। | अन्त्याक्षरी |
8 | धरती आकाश के बीच का स्थान। | अन्तरिक्ष |
9 | जिसे तर्क/प्रमाण से काटा न जा सके। | अकाट्य |
10 | जो नेत्रों से देखा व समझा न जा सके, जो इन्द्रियों का विषय न हो। | अगोचर |
11 | जिसकी कल्पना न की जा सके। | अकल्पनीय |
12 | जो खाने योग्य न हो। | अखाद्य |
13 | सबसे पहले गिना जाने वाला। | अग्रगण्य |
14 | समाचार पत्र का मुख्य लेख। | अग्रलेख |
15 | पहले उत्पन्न होने वाला। | अग्रज |
16 | बाद में उत्पन्न होने वाला। | अनुज |
17 | जो सबसे आगे रहे। | अग्रणी |
18 | जो कभी बूढ़ा न होता हो। | अजर |
19 | जिसके शत्रु का जन्म ही न हुआ हो। | अजातशत्रु |
20 | जिसे कोई जीत ही न सके। | अजेय |
21 | जिसे जाना न जा सके। | अज्ञेय |
22 | जो अपने स्थान से डिगे नहीं। | अडिग |
23 | बहुत अधिक वर्षा होना। | अतिवृष्टि |
24 | वर्षा का बिल्कुल न होना। | अनावृष्टि |
25 | किसी बात को बढ़ा चढ़ाकर कहना। | अतिशयोक्ति |
26 | जिसका इन्द्रियों से अनुभव न हो सके। | अतीन्द्रिय |
27 | जो व्यक्ति जन्म न ले। | अजन्मा |
28 | जिस पद्य के अन्त में तुक न मिले। | अतुकान्त |
29 | जिसके समान दूसरा न हो। | अद्वितीय |
30 | जो देखने योग्य न हो। | अदर्शनीय |
31 | किसी पक्ष का समर्थन करने वाला। | अधिवक्ता |
32 | जिसको माता पिता का आश्रय न मिला हो। | अनाथ |
या जिसका कोई पालन पोषण करने वाला न हो या जिसका कोई दूसरा न हो। |
||
33 | जिसका कोई स्वामी या रक्षक न हो। | असहाय/अशरण |
34 | जिसका आदर न किया गया हो। | अनादृत |
35 | जिस पेड़ के पत्ते झड़ गये हों। | अपर्ण |
36 | जिसे रोका न गया हो। | अनिरुद्ध |
37 | जिसका निर्देश न किया गया हो। | अनिर्दिष्ट |
38 | जो वचन से परे हो। | अनिर्वचनीय |
या जिसका वचन या वाणी द्वारा वर्णन न किया जा सके। | ||
39 | जो उत्तीर्ण न हुआ हो। | अनुत्तीर्ण |
40 | विशेष कार्य हेतु दी जाने वाली शासकीय आर्थिक सहायता। | अनुदान |
41 | किसी प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया। | अनुमोदन |
42 | किसी का अनुसरण करने वाला/वाले। | अनुयायी |
43 | जो पहले न पढ़ा गया हो। | अपठित |
44 | आधा दिन दोपहर बीतने के बाद का समय। | अपराह्न |
45 | जिसका अनुवाद किया गया हो। | अनूदित |
46 | जो पूरा न हो/जो भरा हुआ न हो। | अपूर्ण |
47 | जिसकी प्रतीक्षा/आवश्यकता/चाह हो। | अपेक्षित |
48 | जिसकी आशा न की गयी हो। | अप्रत्याशित |
49 | जो सदा से चला आ रहा हो। | अनित्य |
50 | जिस पर विश्वास न किया जा सके। | अविश्वसनीय |
51 | जिस पर अभियोग लगाया गया हो। | अभियुक्त |
52 | अभिनय करने वाला व्यक्ति। | अभिनेता |
53 | जो नायिका प्रिय मिलन के लिए स्वयं जाये। | अभिसारिका |
54 | किसी कार्य को बार बार करना। | अभ्यास |
55 | जो कभी न मरता हो। | अमर |
56 | जिसकी कीमत न लगायी जा सके। | अमूल्य |
57 | कभी निष्फल न होने वाला। | अमोघ |
58 | जिसका ज्ञान अत्यन्त कम हो/थोड़ा जानने वाला | अल्पज्ञ |
59 | बहुत कम बोलने वाला। | अल्पभाषी/मितभाषी |
60 | द्वार/चौक में रंगों से बनाया गया चित्र। | अल्पना |
61 | जो स्थिर न हो। | अस्थिर |
62 | जिसका वर्णन न हो सके। | अवर्णनीय |
63 | बिना विचार के काम करने वाला व्यक्ति। | अविचारी |
64 | जो बाँटा न जा सके। | अविभाज्य |
65 | जिसका विवाह न हुआ हो। | अविवाहित |
या जो परिणय सूत्र में न बँधा हो। | ||
66 | जहाँ जाया न जा सके। | अगम |
67 | भला बुरा समझने की शक्ति न होना। | अविवेक |
68 | बिना वेतन लिये काम करने वाला। | अवैतनिक |
69 | जो संविधान/नियम के विरुद्ध प्रतिकूल हो। | अवैध/अवैधानिक |
70 | जो पढ़ा लिखा न हो। | अशिक्षित |
71 | ऐसा रोग, जिसका इलाज सम्भव न हो। | असाध्य |
72 | फेंककर चलाया जाने वाला हथियार। | अस्त्र |
73 | किसी प्राणी को हानि न पहुँचाना। | अहिंसा |
74 | ईश्वर या उसकी शक्ति का जन्म ग्रहण करना। | अवतार |
75 | जिस मेहमान के आगमन की तिथि निश्चित न हो। | अतिथि |
76 | जो पहले कभी न हुआ हो। | अभूतपूर्व |
77 | जिसकी उपमा न दी जा सके। | अनुपम/अनुपमेय |
या जिसकी उपमा के योग्य कोई न हो। | ||
78 | जो कम खाता हो। | अल्पाहारी/मिताहारी |
79 | जिसकी सीमा न हो। | असीम |
80 | जो मापा न जा सके। | अमापनीय |
81 | जिसमें कुछ भी करने की क्षमता न हो। | अक्षम |
82 | जिसमें आसक्ति न हो। | अनासक्त |
83 | जिसका निवारण न हो सके/जिसे करना आवश्यक हो। | अनिवार्य |
या जिसके बिना काम न चल सके। | ||
84 | जिस पर नियम काम न दे। | अपवाद अनभिज्ञ |
85 | किसी विषय में कुछ न जानने वाला। | |
86 | व्यर्थ ही व्यय करने वाला व्यक्ति। | अपव्ययी |
87 | जिसका नाश न हो। | अनश्वर |
88 | पीछे पीछे चलने वाला। | अनुगामी |
89 | भोजन ग्रहण न करना। | अनशन |
90 | अवसर के अनुसार कार्य करने वाला व्यक्ति। | अवसरवादी |
91 | नीचे उतरने की क्रिया। | अवरोहण |
92 | जिस पर सन्देह न हो सके। | असन्दिग्ध |
93 | जिसका अपहरण कर लिया गया हो। | अपहृत |
94 | हिसाब के आय व्यय आदि के आँकड़ों की जाँच करने वाला। | अंकेक्षक |
95 | हाथ या पैर की पहली और सबसे मोटी अँगुली। | अँगूठा |
96 | शरीर के किसी अवयव का टूटना। | अंग-भंग |
97 | महल के भीतर का वह भाग जिसमें स्त्रियाँ रहती हैं। | अन्तःपुर |
98 | जिसका जन्म निम्न जाति में हुआ हो। | अन्त्यज |
99 | जिसके पास कुछ न हो। | अकिंचन |
100 | जिसका खण्डन न किया जा सके। | अखण्डनीय |
101 | जो कहा न जा सके। | अकथनीय |
102 | जिसका चिन्तन न किया जा सके। | अचिन्त्य |
103 | जो खाली न जाए। | अचूक |
104 | जो अपने स्वरूप, सामर्थ्य, स्थान आदि से विचलित न हो। | अच्युत |
105 | जो छुआ न गया हो। | अछूता |
106 | जिसे कोई जीत न सका हो। | अजित |
107 | न टूटने वाला। | अटूट |
108 | पदार्थ का सबसे छोटा इन्द्रिय ग्राह्य विभाग या मात्रा। | अणु |
109 | जिसकी तौल माप न हो सके। | अतुल |
110 | जिसकी तुलना न हो सके। | अतुलनीय |
111 | जो दबाया न जा सके। | अदम्य |
112 | जो दूर की बात न सोच सके। | अदूरदर्शी |
113 | जिसका अनुभव किया गया हो। | अनुभूत |
114 | जिसे आँखों से न देखा गया हो। | अदृष्ट |
115 | जो पहले न देखा गया हो। | अदृष्टपूर्व |
116 | धर्म विरुद्ध कार्य, शास्त्र विरुद्ध कार्य। | अधर्म |
117 | अधिकार या कब्जे में आया हुआ। | अधिकृत |
118 | सर्वाधिकार सम्पन्न शासक या अधिकारी। | अधिनायक |
119 | विधानमण्डल द्वारा पारित या स्वीकृत विधि। | अधिनियम |
120 | वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाए। | अधिपत्र |
121 | अंकित या वास्तविक मूल्य से अधिक ली जाने वाली राशि या शल्क। | अधिशुल्क |
122 | सरकार द्वारा प्रकाशित या सरकारी गजट में छपी सूचना।। | अधिसूचना |
123 | किसी कार्यालय या विभाग का वह अधिकारी, जो अपने अधीन काम करने वाले समस्त कर्मचारियों पर निगरानी रखे। | अधीक्षक |
124 | नीचे की ओर मुख किये हुए। | अधोमुख |
125 | किसी सभा अथवा संस्था का प्रधान। | अध्यक्ष |
126 | राज्य के अधिपति द्वारा जारी किया गया वह आधिकारिक आदेश जो किसी आकस्मिक या विशेष परिस्थिति में कुछ समय तक लागू हो। | अध्यादेश |
127 | जिसकी अपेक्षा, चाह या परवाह न हो। | अनपेक्षित |
128 | दूसरे के गुणों में दोष ढूँढ़ने की प्रवृत्ति का न होना। | अनसूया |
129 | जिसके आर पार न देखा जा सके। | अपारदशी |
130 | जो पहले कभी न हुआ हो। | अभूतपूर्व |
131 | ऐसा क्षेत्र जहाँ बिल्कुल वर्षा न हुई हो। | सूखाग्रस्त |
132 | जिसका कोई निश्चित निवास स्थान न हो। | अनिकेत |
133 | जिसका उच्चारण न किया गया हो। | अनुच्चरित |
135 | नीचे की ओर खींचना या लाना। | अपकर्ष |
136 | बिना पलक झपकाये हुए। | अपलक |
137 | जिसको क्षमा न किया जा सके | अक्षम्य |
138 | दोपहर के बाद का समय। | अपराह्न |
139 | व्यक्ति के लिए जितना अत्यावश्यक हो उससे अधिक धन न लेना। | अपरिग्रह |
140 | जिसकी परीक्षा न हुई हो। | अपरीक्षित |
141 | जो आंखों के सामने हो। | प्रत्यक्ष |
142 | जो दिखाई न दे। | अदृश्य |
143 | जो नहीं हो सकत/जिसका किया जाना सम्भव न हो। | असम्भव |
144 | किसी वस्तु को प्राप्त करने की उत्कट अभिलाषा या इच्छा। | अभीप्सा |
145 | किसी वस्तु का भीतरी भाग। | अभ्यन्तर |
146 | अच्छी तरह सीखा हुआ। | अभ्यस्त |
147 | जो काव्य, संगीत आदि का रस न ले। | अरसिक |
148 | शरीर का कोई भाग। | अवयव |
149 | जिस पर विचार न किया गया हो। | अविचारित |
150 | जिसे भुलाया न जा सके। सदा स्मरण रखने योग्य। | अविस्मरणीय |
151 | जो शोक करने योग्य नहीं है। | अशोक्य |
152 | जिसे सहन न किया जा सके। | असहनीय |
153 | जिसे मारना उचित न हो। | अवध्य |
154 | किसी प्राणी को न मारना। | अहिंसा |
155 | स्त्री जो अभिनय करती हो। | अभिनेत्री |
156 | जिसकी कोई उपमा न हो। | अनुपम |
157 | जिसका सम्बन्ध किसी विशेष क्षेत्र से हो। | आंचलिक |
158 | धूलभरी जोर की हवा। | आँधी |
159 | आकाश में उड़ने वाला जीव। | आकाशचारी |
160 | अचानक हो जाने वाला। | आकस्मिक |
161 | जिसकी बाँहें घुटनों तक हों। | आजानुबाहु |
162 | सारे जीवन/जीवन भर। | आजीवन |
163 | आगे आने वाला। | आगामी |
164 | लेखक द्वारा लिखित अपनी जीवनी। | आत्मकथा |
या अपने जीवन का स्वलिखित इतिहास। | ||
165 | अपनी हत्या आप करने वाला व्यक्ति। | आत्मघाती |
166 | अपने आपको धोखा देने वाला। | आत्मवंचक |
167 | किसी वस्तु/व्यक्ति का गुण दोष विवेचन। | आलोचना |
168 | विदेशों से बड़ी मात्रा में माल मँगवाने वाला। | आयातक |
169 | जो एकदम नयी चीज बनाये। | आविष्कारक |
170 | आदर करने योग्य। | आदरणीय |
171 | ईश्वर वेदों में विश्वास रखने वाला व्यक्ति। | आस्तिक |
172 | आशा से अधिक। | आशातीत |
173 | जिसने आक्रमण किया हो। | आक्रामक |
174 | जिस पर हमला किया गया हो। | आक्रान्त |
175 | आदि से अन्त तक। | आद्योपान्त/आद्यन्त |
176 | आराधना किये जाने योग्य। | आराध्य |
177 | रोगहीन होने की स्थिति। | आरोग्य |
178 | आवेदन करने वाला व्यक्ति/प्रार्थना पत्र भेजने वाला। | आवेदक |
179 | किसी वस्तु को अपनी ओर खींचने का गुण। | आकर्षण शक्ति |
180 | ऊपर चढ़ने की क्रिया। | आरोहण |
181 | बालक से बूढ़े तक सभा। | आबालवृद्ध |
182 | किसी को ऐसी तसल्ली देना, जिससे वह चैन की साँस ले सके। | आश्वासन |
183 | किसी के कथन, व्यवहार आदि के सम्बन्ध में ऐसी बात कहना, जिससे वह दोषी जान पड़े। | आक्षेप |
184 | किसी बात पर बार बार जोर देना। | आग्रह |
185 | शासन या प्रशासनिक अनुशासन की क्रूरता से उत्पन्न स्थिति। | आतंक |
186 | दूसरे के हित के लिए अपने को संकट में डालना। | आत्मोत्सर्ग |
187 | पैर से सिर तक। | आपादमस्तक |
188 | ऐसा व्रत, जो मरने पर ही समाप्त हो। | आमरण |
189 | करुण स्वर में चिल्लाने की ध्वनि। | आर्तनाद |
190 | किसी पात्र आदि के अन्दर का स्थान, जिसमें कोई चीज आ सके। | आयतन |
191 | शीघ्र प्रसन्न होने वाला। | आशुतोष |
192 | तत्काल कविता करने वाला। | आशुकवि |
193 | रुपये पैसे से सम्बन्ध रखने वाला। | आर्थिक |
194 | जिसे ढाढ़स बंधाया गया हो। | आश्वस्त |
195 | इतिहास का विशेषज्ञ। | इतिहासज्ञ |
196 | जिस वस्तु की इच्छा हो। | इच्छित |
197 | प्रायः वर्षा ऋत में आकाश में दिखाई देने वाला सात रंगों वाला धनुष। | इन्द्रधनुष |
198 | दूसरे की वृद्धि देखकर जलन करने का भाव। | ईर्ष्या |
199 | पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा। | ईशान |
200 | दूसरों की उन्नति से जलने वाला व्यक्ति। | ईर्ष्यालु |
201 | जिसका हृदय उदार हो। | उदार हृदय |
202 | जिसकी उपेक्षा की गयी हो वह स्त्री। | उपेक्षिता |
203 | जिसने अपना ऋण उतार दिया हो। | उऋण |
204 | पहाड़ के नीचे की समतल भूमि। | उपत्यका |
205 | जल और भू पर समान रूप से चलने वाला। | उभयचर |
206 | आकाश से किसी पिण्ड का जलते हए गिरना। | उल्कापात |
207 | खाने के बाद बचा हुआ जूठा भोजन। | उच्छिष्ट |
208 | बहत अधिक परिश्रमी व लगनशील व्यक्ति। | उद्यमी |
209 | जिसका उल्लेख किया गया हो। | उल्लिखित |
210 | ऊपर कहा हुआ। | उपर्युक्त |
211 | जिस भूमि में बहुत अन्न पैदा होता हो। | उर्वरा |
212 | सूर्य निकलने का स्थान। | उदयाचल |
213 | जिस पर उपकार किया गया हो। | उपकृत |
214 | जो ऊपर की ओर भुजा उठाये हो। | ऊर्ध्वबाहु |
215 | जिस भूमि में कुछ उत्पन्न न होता हो। | ऊसर/बंजर |
216 | जिसका करना इच्छा पर निर्भर हो | ऐच्छिक |
217 | इतिहास से सम्बन्ध रखने वाले तथ्य | ऐतिहासिक |
218 | जिसका एकमात्र अधिकार हो | एकाधिकारी |
219 | जो इच्छा के अधीन हो। | ऐच्छिक |
220 | जिस पर किसी अन्य को कुछ अधिकार न हो। | एकाधिकार |
221 | जिसका चित्त एक जगह स्थिर हो। | एकाग्रचित्त |
222 | जो फूल खिला न हो। | कली |
223 | अकेला रहने वाला। | एकाकी |
224 | जिसे अपने कर्त्तव्य का बोध न हो। | कर्तव्यविद्ध |
225 | काँटों से भरा हुआ। | कँटीला |
226 | अपने कर्तव्य का निर्णय न कर सकने वाला। | किंकर्तव्यविमूढ़ |
227 | वृक्षों लताओं से घिरा हुआ स्थान। | कुंज |
228 | किशोरावस्था और युवावस्था के मिलन की आयु। | कुमारावस्था |
229 | बुरी संगति में रहने वाला। | कुसंगी |
230 | जो बात लोगों से सुनी गयी है। | किंवदन्ती |
231 | उच्च कुल में उत्पन्न। | कुलीन |
232 | बहुत तेज बुद्धि वाला। | कुशाग्रबुद्धि |
233 | उपकार को मानने वाला व्यक्ति। | कृतज्ञ |
234 | किये गये उपकार को न मानने वाला व्यक्ति। | कृतघ्न |
या जो अपने प्रति की गई भलाई को न माने। | ||
235 | जो धन खर्च न करे। | कृपण/कंजूस |
236 | जो मोल ले लिया गया हो। | क्रीत |
237 | जिसका कार्य पूरा हो गया हो। | कृतार्थ |
238 | जिसने काल पर विजय पायी हो। | कालजयी |
239 | महीने का वह भाग, जब रात्रि में अँधेरा रहता है। | कृष्ण पक्ष |
240 | जो स्त्री कविता लिखती हो। | कवयित्री |
241 | सारे शरीर की हड्डियों का ढाँचा | कंकाल |
242 | जिसकी कल्पना की जा सके। | कल्पनीय |
243 | क्षण में नष्ट होने वाला। | क्षणिक |
244 | धरती और आकाश के बीच का स्थान। | क्षितिज |
या वह स्थान जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते से दिखाई देते हैं। | ||
245 | जिसे क्षमा किया जा सके। | क्षम्य |
246 | तोड़कर टुकड़े टुकड़े किया हुआ। | खण्डित |
247 | आकाश में विचरण करने वाला। | खेचर |
248 | गंजे सिर वाला। | खल्वाट |
249 | ऐसा प्रबन्धकाव्य, जिसमें जीवन का आंशिक वर्णन हो। | खण्डकाव्य |
250 | किसी टूटी हुई वस्तु का अवशेष। | खण्ड |
251 | छिपाने के योग्य। | गोपनीय |
252 | हाथी जैसी चाल वाली स्त्री। | गजगामिनी |
253 | आकाश को छूने/चूमने वाला। | गगनचुम्बी/गगनस्पर्शी |
254 | गुप्त रूप से विचरने वाला राजकर्मचारी। | गुप्तचर |
255 | जिसका अनुभव इन्द्रियों से सम्भव हो। | गोचर |
256 | सन्ध्या और रात्रि के बीच का समय। | गोधूलि |
257 | जो गाँव में रहता हो। | ग्रामीण |
258 | जहाँ तक जाना है। | गन्तव्य |
259 | ग्रहण करने योग्य। | ग्राह्य |
260 | गदा धारण करने वाला। | गदाधर |
261 | जो एक जगह से दूसरी जगह घूमता रहे। | घुमक्कड़ |
262 | गद्य पद्य मय साहित्य रचना। | चम्पूकाव्य |
263 | जिसके हाथ में चक्र हो। | चक्रपाणि |
264 | चिन्ता करने योग्य। | चिन्तनीय |
265 | रोगियों की चिकित्सा का स्थान। | चिकित्सालय |
266 | हमेशा रहने वाला। | चिरस्थायी |
267 | चन्द्रमा के समान मुख वाली। | चन्द्रमुखी |
268 | जिसके चार मुख हों। | चतुरानन/चतुर्मुख |
269 | जिसके चार पैर हों। | चतुष्पद |
270 | जिसकी चार भुजाएँ हों। | चतुर्भुज |
271 | आँखों से सुनने वाला। | चक्षुःश्रवा |
272 | चित्र बनाने वाला व्यक्ति। | चित्रकार |
273 | जिस पर चिह्न लगाया गया हो। | चिह्नित |
274 | किसी को सावधान करने के लिए कही जाने वाली बात। | चेतावनी |
275 | बरसात के चार महीने। | चातुर्मास |
276 | करुण स्वर में चिल्लाने की ध्वनि। | चीत्कार |
277 | दूसरों के दोषों को खोजना। | छिद्रान्वेषण |
278 | छिप-छिपकर हमला करने वाला। | छापामार |
279 | जहाँ छात्र निवास करते हैं। | छात्रावास |
280 | नकली वेश धारण करने वाला। | छद्मवेशी |
281 | छोटे से छोटे दोषों की खोज करने वाला। | छिद्रान्वेषी |
282 | सेना के रहने का स्थान। | छावनी |
283 | आत्मा को जीतने वाला। | जितात्मा |
284 | जानने की इच्छा रखने वाला। | जिज्ञासु |
285 | जल से जन्म लेने वाला। | जलज |
286 | जनता द्वारा संचालित शासन। | जनतन्त्र |
287 | पेट के अन्दर रहने वाली आग। | जठराग्नि/जठरानल |
288 | जल में रहने वाले जीव जन्तु। | जलचर |
289 | किसी बात को जानने की इच्छा। | जिज्ञासा |
290 | जिसने इन्द्रियों को जीत लिया हो। | जितेन्द्रिय |
291 | जीवित रहने की इच्छा। | जिजीविषा |
292 | ऐसा पहाड़, जिससे आग धुआँ आदि निकले। | ज्वालामुखी |
293 | जिसे जानना चाहिए। | ज्ञातव्य |
294 | जो सब कुछ जानता हो। | ज्ञानमय |
295 | जो किसी का पक्ष न ले। | तटस्थ/निष्पक्ष |
296 | चोरी का माल लाने ले जाने वाला। | तस्कर |
297 | किसी पद या सेवा से मुक्ति पाने के लिए लिखा गया पत्र। | त्यागपत्र |
298 | तीनों कालों की बात जानने वाला व्यक्ति। | त्रिकालज्ञ |
299 | तीनों लोकों का समूह। | त्रिलोक |
300 | तीनों युगों में होने वाला। | त्रियुगी |
301 | तीन नदियों का संगम। | त्रिवेणी |
302 | तीन महीने में एक बार। | त्रैमासिक |
303 | दोनों भौंहों के बीच का स्थान। | त्रिकुटी |
304 | धरती पर चलने वाला। | थलचर |
305 | दर्शनशास्त्र का विद्वान्। | दार्शनिक |
306 | दिनभर का कार्य कलाप। | दिनचर्या |
307 | जिसने गुरु से दीक्षा ली हो। | दीक्षित |
308 | प्रतिदिन प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र। | दैनिक |
309 | बहुत दूर तक देखने और सोचने वाला। | दूरदर्शी |
310 | देखने योग्य। | दर्शनीय |
311 | एक दल छोड़कर दूसरे में सम्मिलित होने वाला। | दलबदलू |
312 | दस वर्ष का समय। | दशक |
313 | गोद लिया हुआ पुत्र। | दत्तक |
314 | वन में लगने वाली आग। | दावानल |
315 | जिसे दान करने की इच्छा हो। | दानशील |
316 | जो कठिनता से समझ में आये। | दुर्जेय |
317 | जहाँ पहुँचना कठिन हो। | दुर्गम |
318 | जिसका दमन करना कठिन हो। | दुर्दमनीय |
319 | जिसे प्राप्त करना कठिन हो/जो कठिनाई से मिलता हो। | दुल्र् |
320 | जिसका निवारण करना कठिन हो। | दुनिवार्य |
321 | जिसे पार करना कठिन हो। | दुस्तर |
322 | जिसे समझना कठिन हो। | दुर्बोध |
323 | अनुचित या बुरा आचरण करने वाला। | दुराचारी |
324 | जिस पर आक्रमण न हो सके। | दुराक्रम्य |
325 | अनचित बात के लिए आग्रह। | दुराग्रह |
326 | वह व्यक्ति जो अपने ऋणों को चुकता करने में असमर्थ हो गया है। | दिवालिया |
327 | दूर तक देखने वाला। | दूरदर्शक |
328 | धर्म में रुचि रखने वाला। | धर्मात्मा |
329 | शुभकार्य को विधि विधान से करना। | धर्मानुसार |
330 | यात्रियों के लिए धर्मार्थ बना हुआ भवन। | धर्मशाला |
331 | दूसरे के बच्चे का पालन पोषण करने वाली स्त्री। | धाय |
332 | नख से लेकर शिखा तक के सब अंग। | नखशिख |
333 | नया उत्पन्न हुआ। | नवजात |
334 | युवती जिसका विवाह शीघ्र ही हुआ हो। | नवविवाहिता |
335 | नया उदित होने वाला। | नवोदित |
336 | जो नष्ट होने वाला हो। | नश्वर |
337 | जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता। | नास्तिक |
338 | जहाँ कोई मनुष्य न रहता हो। | निर्जन |
339 | निन्दा करने योग्य/जो निन्दा के योग्य हो। | निन्दनीय |
340 | निश्चित तिथि पर आने वाला। | नियमित |
341 | जिसका कोई आकार न हो। | निराकार |
342 | जिसका कोई आधार न हो। | निराधार |
343 | जिसके हृदय में दया न हो। | निर्दय |
344 | जिसे कोई भय न हो। | निर्भय |
345 | जिसकी उपमा न दी जा सके। | निरुपम |
346 | जिसमें ममता न हो। | निर्मम |
347 | जिसने कोई अपराध न किया हो। | निरपराध |
348 | मध्यरात्रि का समय। | निशीथ |
349 | नीति को जानने व समझने वाला। | नीतिज्ञ |
350 | जो न्यायशास्त्र की बात जानता हो। | न्यायविद् |
351 | जिसके पाँच मुख हो। | पंचमखी |
352 | किसी बात को पंजिका में चढ़ाना। | पंजीकरण |
353 | अपने पद से हटाया हुआ। | पदच्युत |
354 | पानी में डूबकर चलने वाली नाव। | पनडुब्बी |
355 | परम लक्ष्य की कामना करने वाला। | परमार्थी |
356 | दूसरों के आश्रय में रहने वाला। | पराश्रयी |
357 | जो दूसरों पर उपकार करता हो। | परोपकारी |
358 | रास्ता दिखाने वाला। | पथ-प्रदर्शक |
359 | जो पत्र ले जाता हो/पत्र को ले जाने वाला। | पत्रवाहक |
360 | जो पांचाल देश की राजकुमारी हो। | पांचाली |
361 | पन्द्रहवें दिन वाला। | पाक्षिक |
362 | जिसके आर पार देखा जा सके। | पारदर्शी |
363 | पृथ्वी से सम्बन्धित। | पार्थिव |
364 | पिता की हत्या करने वाला। | पितृहन्ता |
365 | पीने की इच्छा रखने वाला पानी पीने का इच्छुक। | पिपासु |
366 | पैरों से जल पीने वाला। | पादप |
367 | किसी कार्य को बार बार करना। | पुनरावृत्ति |
368 | पूर्णिमा की रात्रि। | पूर्णमासी |
369 | जो तुरन्त किसी बात को सोच ले। | प्रत्युत्पन्नमति |
370 | समान रूप से आगे बढ़ने की चेष्टा। | प्रतिस्पर्धा |
371 | जो आँखों के सामने हो। | प्रत्यक्ष |
372 | जो आँखों के सामने न हो। | परोक्ष |
373 | जो लोट गया है। | प्रत्यावर्तित |
374 | विदेश में रहने वाला। | प्रवासी |
375 | इतिहासकाल से पूर्व का समय। | प्रागैतिहासिक |
या जो क्रमबद्ध इतिहास लिखे जाने के युग से पूर्व का हो। | ||
376 | प्राप्त करने योग्य। | प्राप्तव्य |
377 | प्रार्थना पत्र भेजने वाला। | प्रार्थी |
378 | प्रिय बोलने वाली। | प्रियंवदा |
379 | जो केवल फल खाकर रहता हो। | फलाहारी |
380 | बहुत से रूप धारण करने वाला। | बहुरूपिया |
381 | जल में लगने वाली आग। | बड़वाग्नि |
382 | जो भूखा हो। | बुभुक्षित |
383 | जिसने बहुत विद्वानों को सुना है। | बहुश्रुत |
384 | जो बहुत कुछ जानता हो। | बहुज्ञ |
385 | बहुत सी भाषाओं को जानने वाला। | बहुभाषाविद् |
386 | जहाँ से अनेक मार्ग चारों ओर जाते हों। | बहुमार्गी |
387 | जिसका मूल्य बहुत अधिक हो। | बहुमूल्य |
388 | वर्ष में एक बार प्रकाशित होने वाला। | वार्षिक |
389 | जिसके जोड़ का कोई दूसरा न हो। | बेजोड़ |
390 | छोटे कद का आदमी। | बौना |
391 | दीवारों पर बने हुए चित्र। | भित्तिचित्र |
392 | किसी मत को मानने वाला। | मतानुयायी |
393 | किसी बात का गढ़ रहस्य जानने वाला। | मर्मज्ञ |
394 | जो मृत्यु के समीप हो। | मरणासन्न |
395 | जो मान सम्मान के योग्य हो। | माननीय |
396 | संयम से और कम बोलने वाला। | मितभाषी |
397 | संयम से और कम खर्च करने वाला। | मितव्ययी |
398 | जो कम भोजन करता हो। | मितभोजी |
399 | मोक्ष की इच्छा रखने वाला। | मुमुक्षु |
400 | सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य घटा दिया जाना। | मुद्रा/अवमूल्यन |
401 | नये युग या नयी प्रवृत्ति को जन्म देने वाला। | युगप्रवर्तक |
402 | जो युद्ध में स्थिर हो। | युधिष्ठिर |
403 | किसी देश का दूसरे देश में नियक्त राजनीतिक प्रतिनिधि। | राजदूत |
404 | रात्रि में विचरण करने वाला। | रात्रिचर |
405 | राज्य के प्रधान शासक द्वारा दिया या निकाला गया आदेश। | राज्यादेश |
406 | जिसे देखकर या सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएँ। | रोमांचकारी |
407 | जिसके पास लाख रुपये की सम्पत्ति हो। | लखपति |
408 | किसी बात को लिख देना। | लिखित |
409 | परम्परा से चली आ रही उक्ति। | लोकोक्तिया कहावत |
410 | वन में रहने वाला। | वनवासी |
411 | जिसका वचन या वाणी के द्वारा वर्णन किया जा सके। | वर्णनातीत |
412 | जिस महिला की कोई सन्तान न हो। | वन्ध्या |
413 | जनसाधारण के गीत। | लोकगीत |
414 | किसी बात को लिख देना। | लिखित |
415 | जो व्यर्थ ही अधिक बोलता हो। | वाचाल |
416 | जिसके भीतर की हवा का तापमान सम स्थिति में रखा गया हो। | वातानुकूलित |
417 | जो विधान द्वारा मान्य हो। | वैधानिक |
418 | बीता हुआ। | विगत |
419 | विदेश से सम्बन्ध रखने वाला। | विदेशी |
420 | किसी विषय का प्रकाण्ड पण्डित। | विशेषज्ञ |
421 | विश्वास करने योग्य। | विश्वसनीय |
422 | जो अपने धर्म के विपरीत आचरण करता हो। | विधर्मी |
423 | वह पुरुष जिसकी पत्नी मर गयी हो। | विधुर |
423 | वह पुरुष जिसकी पत्नी मर गयी हो। | विधुर |
424 | वह स्त्री जिसका पति मर गया हो। | विधवा |
425 | जो वन्दना करने योग्य हो। | वन्दनीय |
426 | किसी दूसरी जाति का। | विजातीय |
427 | किसी विषय का विशेष ज्ञान रखने वाला। | विशेषज्ञ |
428 | जो विज्ञान जानता है। | वैज्ञानिक |
429 | विष्णु का उपासक। | वैष्णव |
430 | जो व्याकरण जानता है। | वैयाकरण |
431 | पुरुष जिसका विवाह हुआ हो। | विवाहित |
432 | सौ वर्ष का समय। | शताब्दी |
433 | जो शब्दों द्वारा व्यक्त न हो सके। | शब्दातीत |
434 | शरण में आया हुआ। | शरणागत |
435 | जो शाक खाता है। | शाकाहारी |
436 | सदैव रहने वाला। | शाश्वत |
437 | जो शक्ति का उपासक हो। | शाक्त |
438 | दो विद्वानों में किसी विषय पर तर्कपूर्ण वाद विवाद। | शास्त्रार्थ |
439 | सौ वर्ष की आयु पूरी करने वाला। | शतायु |
440 | शिष्टाचारवश किया गया कार्य। | शिष्टाचरण |
441 | जो शास्त्र जानता हो। | शास्त्रज्ञ |
442 | श्रद्धा करने योग्य।। | श्रद्धेय |
443 | जिसका शोषण किया गया हो। | शोषित |
444 | ईश्वर को साकार मानने वाला भक्त। | सगुणोपासक |
445 | जो संगीत जानता हो। | संगीतज |
446 | एक ही जाति का। | सजातीय |
447 | एक ही समय में उत्पन्न। | समकालीन |
448 | जो पत्र पत्रिकाओं का सम्पादन करता है। | सम्पादक |
449 | न बहुत ठण्डा और न बहुत गर्म। | समशीतोष्ण |
450 | जिसका आचार अच्छा हो/जो अपने आचरणों से पवित्र हो। | सदाचारी |
451 | अभी-अभी स्नान किया हुआ/की हुई। | सद्यःस्नात/सद्यःस्नाता |
452 | जो सभी प्राणियों को समान भाव से देखता हो। | समद्रष्टा/समदर्शी |
453 | जिसमें सहने की शक्ति हो। | सहनशील |
454 | समान आयु वाला। | समवयस्क |
455 | जो एक ही माता के उदर से उत्पन्न हुए हों। | सहोदर |
456 | जो सब कुछ जानता हो। | सर्वज्ञ |
457 | जो सबका प्यारा हो। | सर्वप्रिय |
458 | जो कार्य प्रयासपूर्वक हो। | सप्रयास |
459 | सप्ताह में एक बार होने वाली। | साप्ताहिक |
460 | सभी लोगों अथवा जनता से सम्बन्ध रखने वाला। | सार्वजनिक |
या सर्वसाधारण से सम्बन्धित। | ||
461 | किसी दसरे के स्थान पर काम करने वाला। | स्थानापन्न |
462 | जिसमें सबकी सम्मति है। | सर्वसम्मत |
463 | जो पढ़ना लिखना जानता हो। | साक्षर |
464 | गाय जिसके साथ बछड़ा हो। | सवत्सा |
465 | जिसका अन्त सुखमय हो। | सुखान्त |
466 | सदा सत्य बोलने वाला। | सत्यवादी |
467 | जिस स्त्री का पति जीवित हो। | सधवा |
468 | जो आसानी से मिल सके। | सुलभ |
469 | जो केवल अपने सुख के लिए किया जाए। | स्वान्तःसुखाय |
470 | स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद का। | स्वातन्त्र्योत्तर |
471 | अपने ही बल पर निर्भर रहने वाला। | स्वावलम्बी |
472 | अन्य स्थान को चले जाना। | स्थानान्तरण |
473 | अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला। | स्वयंसेवक/स्वयंसेवी |
474 | स्वयं उत्पन्न होने वाला। | स्वयम्भू |
475 | हाथ का लिखा हुआ। | हस्तलिखित |
476 | दूसरे हाथ में गया हुआ। | हस्तान्तरित |
477 | हित की कामना करने वाला। | हितैषी |
478 | करुण स्वर में चिल्लाने की ध्वनि। | करुणनंदन |