अशोक का शस्त्रत्याग – Maharashtra Board Class 9 Solutions for हिन्दी लोकभारती
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लघु उत्तरीय प्रश्न
Solution 1:
‘अशोक का शस्त्र त्याग’ यह एकांकी लेखक बंसीधर श्रीवास्तव द्वारा लिखित है। इस एकांकी में कलिंग और मगध के युद्ध के बारे में बताया है।
चार वर्षों से मगध और कलिंग के मध्य युद्ध चल रहा था लेकिन अभी तक सम्राट अशोक कलिंग पर अपना आधिपत्य स्थापित नहीं कर पाए थे। इसी बात को लेकर सम्राट अशोक खिन्न रहते हैं। तभी संवाददाता आकर सूचना देता है कि कलिंग के महाराज युद्ध में मारे गए हैं लेकिन कलिंग दुर्ग के फाटक अभी तक बंद है इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि कलिंग राज्य को जीत लिया गया है।
इस प्रकार संवाददाता ने कलिंग राजा की मृत्यु और कलिंग के फाटक के बंद होने की सूचना का समाचार अशोक को सुनाया।
Solution 2:
‘अशोक का शस्त्र त्याग’ यह एकांकी लेखक बंसीधर श्रीवास्तव द्वारा लिखित है। यहाँ पर अशोक की वीर सैनिकों को दी गई शर्त का वर्णन किया है।
चार साल से युद्ध के बाद भी अभी तक मगध की पताका कलिंग के किसी भी दुर्ग पर नही फहरी थी। कलिंग के राजा के मारे जाने के बाद भी कलिंग के फाटक नहीं खुले थे। सेनापति पहले ही कैद हो चुका था फिर भी कलिंग आत्मसमर्पण नहीं कर रहा था। तब अशोक स्वयं सेना का संचालन करते हुए अपने वीर सैनिकों को संबोधित करते हुए कहते हैं कि वे मातृभूमि की शपथ लेकर प्रण करें कि या तो वे कलिंग पर अधिकार कर लेंगे या सदा के लिए मृत्यु की गोद में सो जाएँगे।
इस तरह अशोक ने अपने सैनिकों के सामने कलिंग पर अधिकार करने की शर्त रखी।
Solution 3:
‘अशोक का शस्त्र त्याग’ यह एकांकी लेखक बंसीधर श्रीवास्तव द्वारा लिखित है। यहाँ पर कलिंग के महाराज की बेटी पद्मा की चर्चा की गई है।
पद्मा कलिंग के राजा की पुत्री है। वह साहसी, दृढ-प्रतिज्ञ व वीर बाला है। अपने पिता की मृत्यु की खबर से वह विचलित हो जाती है। मगध के सैनिकों से युद्ध करने के लिए वह कलिंग की स्त्रियों को इकठ्ठा करके सेना का संगठन करती है। युद्ध में जब वह मगध के सैनिकों के सामने खड़ी होती है तो लगता है मानो साक्षात् दुर्गा ही कलिंग की रक्षा के लिए युद्धभूमि में उतर आई हो। पद्मा इतनी साहसी है कि वह अशोक को द्वंद्व युद्ध के लिए ललकारती है और अपने शास्त्रोक्त तर्कों से अशोक को निरुत्तर कर देती है।
Solution 4:
‘अशोक का शस्त्र त्याग’ यह एकांकी लेखक बंसीधर श्रीवास्तव द्वारा लिखित है। यहाँ पर कलिंग के महाराज की बेटी पद्मा ने किस प्रकार अशोक को निरुत्तर कर दिया यह समझाया गया है।
अशोक ने जब पद्मा के साथ शास्त्रों का तर्क देकर युद्ध करने से मना कर दिया। तब पद्मा अशोक को फटकारते हुए कहती है कि जो शास्त्र स्त्रियों पर शस्त्र चलाने से मना करता है, क्या वह निरपराधियों की हत्या की अनुमति देता है? क्या वही शास्त्र किसी की विजय की लालसा की पूर्ति के लिए माताओं की गोद सूनी, स्त्रियों की माँग सूनी करने की आज्ञा देता है? पद्मा की इस ललकार और फटकार से अशोक निरुत्तर हो गए और उन्होंने अपना सिर झुका लिया।
Solution 5:
अशोक का शस्त्र त्याग’ यह एकांकी लेखक बंसीधर श्रीवास्तव द्वारा लिखित है। यहाँ पर अशोक के हृदय परिवर्तन के बारे में बताया गया है।
कलिंग के युद्ध के अंत में सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन हो जाता है और वे आगे से कभी युद्ध न करने का निश्चय करते हैं। उसके बाद सम्राट अशोक ने बुद्ध धर्म को अपना लिया। उस समय बुद्ध भिक्षु ने उन्हें प्रतिज्ञा दिलवाई कि जब तक उनके शरीर में प्राण रहेंगे वे सदा अहिंसा का पालन करेंगे, सबसे प्रेम करेंगे और उनकी करुणा का सदाव्रत सभी को मिलेगा। जब तक जीवित रहेंगे, वे प्रजा की भलाई करेंगे। सभी प्राणियों को सुख-शांति पहुँचाने का प्रयास करेंगे। सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखेंगे।
इस प्रकार बुद्ध भिक्षु ने अशोक को बुद्ध धर्म की प्रतिज्ञा दिलवाई।
Solution 6:
अशोक का शस्त्र त्याग’ यह एकांकी लेखक बंसीधर श्रीवास्तव द्वारा लिखित है।
कलिंग के राजा के मारे जाने के बाद भी कलिंग हार मानने के लिए तैयार नहीं होता। कलिंग की राजकुमारी ने राज्य की वीर महिलाओं की सेना तैयार की और मगध से लड़ने के लिए युद्धभूमि में उतर आईं। उस समय पद्मा सबको संबोधित करते हुए कहती है कि जिस सेना ने उनके भाई, पिता, पुत्र और पति की हत्या की है वह सेना उनके सामने खड़ी है। वे सब प्रण करें कि अपनी जन्मभूमि को पराधीन देखने से पहले वे सदा के लिए अपनी आँखें बंद कर लेंगी।
हेतुलक्ष्यी प्रश्न
Solution 1:
- शस्त्रसज्जित स्त्रियों की विशाल सेना फाटक के बाहर निकलने लगती है।
- यह कलिंग के महाराज की लड़की पद्मा है।
- क्या अशोक को स्त्रियों का भी वध करना होगा?
- आज आपके भीषण युद्ध की पूर्णाहुति होगी।
- मुझे अपने पिता का बदला लेना है।
Solution 2:
- चार साल से कलिंग के राजा के साथ अशोक का युद्ध जारी था।
- गुप्तचर कलिंग के महाराज के युद्ध में मारे जाने का शुभ समाचार लाया था।
- युद्ध में कलिंग के राजा के मारे जाने के बावजूद कलिंग दुर्ग के फाटक बंद थे इसलिए संवाददाता यह न कह सका कि कलिंग जीत लिया गया है।
- कलिंग के किसी दुर्ग पर मगध की पताका नहीं फहरा रही थी।
- पद्मा अशोक से द्वंद्व युद्ध अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए करना चाहती थी।
- अशोक स्त्रियों पर शस्त्र नहीं चलाना चाहता था क्योंकि शास्त्रों में स्त्रियों पर शस्त्र चलाने की अनुमति नहीं थी।