Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set with Solutions Set 1 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड- ‘क’ में वस्तुपरक /बहुविकल्पीय और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और दोनों खंड़ों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘क’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
हमारे देश में हिंदी फिल्मों के गीत अपने आरंभ से ही आम दर्शक के सुख-दुःख के साथी रहे हैं। वर्तमान समय में हिंदी फिल्मों के गीतों ने आम जन के हृदय में लोकगीतों सी आत्मीय जगह बना ली है। जिस तरह से एक जमाने में लोकगीत जनमानस के सुख-दुख, आकांक्षा, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते थे, आज फिल्मी गीत उसी भूमिका को निभा रहे हैं। इतना ही नहीं देश की विविधता को एकता के सूत्र में बाँधने में हिंदी फिल्मों का योगदान सभी स्वीकार करते हैं। हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का जो काम राजभाषा विभाग तत्सम शब्दों की सहायता से कर रहा है वही कार्य फिल्मी गीत और संवाद लिखने वाले विविध क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। यह गाने जन-जन के गीत इसी कारण बन सके क्योंकि इनमें राजनीति के उतार-चढ़ाव की अनुगूँजों के साथ देहाती, कस्बायी और नए बने शहरों का देशज जीवन दर्शन भी आत्मसात किया जाता रहा है। भारत की जिस गंगा-जमुनी संस्कृति का महिमामंडन बहुधा होता है उसकी गूँज भी इन गीतों में मिलती है। आजादी की लड़ाई के दौरान लिखे प्रदीप के गीत हों या स्वाधीनता प्राप्ति के साथ ही होनेवाले देश के विभाजन की विभीषिका, सभी को भी इन गीतों में बहुत संवेदनशील रूप से व्यक्त किया गया है।
हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका । प्रदीप, नीरज जैसे शानदार हिंदी कवियों, इंदीवर तथा शैलेंद्र जैसे श्रेष्ठ गीतकारों और साहिर, कैफी, मजरूह जैसे मशहूर शायरों को हिंदी सिनेमा में हमेशा एक ही बिरादरी का माना जाता रहा है। यह सिनेमा की इस दुनिया की ही खासियत है कि एक तरफ गीतकार साहिर ने ‘कहाँ हैं कहाँ हैं/मुहाफिज खुदी के / जिन्हें नाज है हिंद पर/वो कहाँ हैं’ लिखा तो दूसरी तरफ उन्होंने ही संसार से भागे फिरते हो / भगवान को तुम क्या पाओगे ! / ये भोग भी एक तपस्या है / तुम प्यार के मारे क्या जानोगे/अपमान रचयिता का होगा / रचना को अगर ठुकराओगे !’ जैसी पंक्तियाँ भी रची हैं। परवर्तियों में गुलजार ऐसे गीतकार हैं। जिन्होंने उर्दू, हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी के साथ पुरबिया बोलियों में मन को मोह लेने वाले गीतों की रचना की है। बंदिनी के ‘मोरा गोरा अंग लइले, मोहे श्याम रंग दइदे’, ‘कजरारे-कजरारे तेरे कारे-कारे नयना !’, ‘यारा सिली सिली रात का ढलना’ और ‘चप्पा चप्पा चरखा चले’ जैसे गीतों को रचकर उन्होंने भारत की साझा संस्कृति को मूर्तिमान कर दिया है। वस्तुतः भारत में बनने वाली फिल्मों में आने वाले गीत उसे विश्व-सिनेमा में एक अलग पहचान देते हैं। ये गीत सही मायने में भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
(1) हिंदी फिल्मी गीतों और लोकगीतों में क्या समानता है?
(क) ये जनमानस के रीति-रिवाजों और कल्पनाओं को स्वर देते हैं।
(ख) ये जनमानस के जीवन के अनुभवों और विचारों को स्वर देते हैं ।
(ग) ये जनमानस के सुख – दुःख, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते हैं।
(घ) ये जनमानस के जीवन के यथार्थ और कठोरताओं को स्वर देते हैं।
उत्तर:
(ग) ये जनमानस के सुख-दुःख, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते हैं।
(2) हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का काम फिल्मी गीतों ने किस प्रकार किया ?
(क) राजभाषा विभाग के सहयोग से
(ख) विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से
(ग) विविध भाषाओं की फिल्मों को प्रोत्साहित करके
(घ) विविध भाषाओं की फिल्मों को हतोत्साहित करके
उत्तरः
(ख) विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) – हिंदी फिल्मों के गाने जन-जन के गीत बन गए हैं।
कारण (R) – इन गीतों में राजनीति की अनुगूँजों के साथ, देहाती, कस्बायी और नए बने शहरों का जीवन दर्शन भी आत्मसात किया जाता रहा है।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(4) ‘हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका।’ इस कथन के पक्ष में निम्नलिखित में से कौन-सा / कौन-से तर्क सही हैं ?
(i) यहाँ हिन्दी कवियों और ऊर्दू शायरों को एक ही बिरादरी का माना जाता है।
(ii) ये गीतकार ऊर्दू, तत्सम प्रधान हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में समान रूप से गीत लिखते हैं।
(iii) इन गीतकारों में प्रतिस्पर्धा का भाव नहीं है।
(क) (i) सही है।
(ख) (ii) सही है।
(ग) (iii) सही है।
(घ) (i) और (ii) सही हैं ।
उत्तर:
(क) (i) और (ii) सही हैं।
(5) उपर्युक्त गद्यांश में हिंदी फिल्मी गीतों की किस विशिष्टता पर सर्वाधिक बल दिया गया है ?
(क) ये गीत कलात्मक श्रेष्ठता को अभिव्यक्त करते हैं।
(ख) ये गीत सांप्रदायिक सद्भाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(ग) ये गीत पारस्परिक प्रेम को अभिव्यक्त करते हैं।
(घ) ये गीत सांस्कृतिक खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
उत्तरः
(घ) ये गीत सांस्कृतिक खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
‘फिर क्या होगा उसके बाद?’
उत्सुक होकर शिशु ने पूछा
‘माँ, क्या होगा उसके बाद?’
‘रवि से उज्ज्वल, शशि से सुंदर
नव किसलयदल से कोमलतर।
वधू तुम्हारी घर आएगी,
उस विवाह-उत्सव के बाद।’
पल भर मुख पर स्मित की रेखा
खेल गई, फिर माँ ने देखा
कर गंभीर मुखाकृति, शिशु ने
फिर पूछा, “माँ, उसके बाद?”
“फिर नभ के नक्षत्र मनोहर,
स्वर्ग-लोक से उतर-उत्तर कर,
तेरे शिशु बनने को मेरे
घर आएँगे उसके बाद।”
“मेरे नए खिलौने लेकर,
चले न जाएँ वे अपने घर।”
चितित हो कह उठा, किंतु फिर
पूछा शिशु ने, “उसके बाद?”
अब माँ का जी ऊब चुका था।
हर्ष श्रांति में डूब चुका था।
बोली, “फिर मैं बूढ़ी होकर,
मर जाऊँगी उसके बाद।”
(क) इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सबसे सही विकल्प चुनिए।
1. शिशु की संवेदनशीलता को स्पष्ट किया गया है।
2. मां-शिशु के परस्पर संबंध को दर्शाया गया है।
3. संसार क्षणिक होता है तथा अंतिम स्थिति मृत्यु है।
4. जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते है। कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) केवल 2 सही है
उत्तर :
(iii) 3 और 4 सही हैं संसार क्षणिक होता है तथा अंतिम स्थिति मृत्यु ही है। जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते हैं, परंतु फिर भी मानव भावी योजनाओं के प्रति लगातार चिंतित रहता है।
(ख) शिशु माँ से बार-बार क्या प्रश्न कर रहा है कि ……..
(i) रवि से उज्ज्वल कौन है
(ii) फिर क्या होगा उसके बाद
(iii) शशि से सुंदर कौन है
(iv) मेरा विवाह कैसे होगा
उत्तर :
(ii) फिर क्या होगा उसके बाद प्रस्तुत काव्यांश में शिशु माँ से बार-बार उत्सुक होकर यही प्रश्न कर रहा है कि फिर क्या होगा उसके बाद, क्योंकि शिशु की बालसुलभ जिज्ञासा कभी शांत नहीं होती। वह बार-बार यही प्रश्न करता है कि इसके बाद क्या होगा?
(ग) बालक के चेहरे पर मुस्कान क्यों आ गई?
(i) विवाह के पश्चात् तुम्हारी वधू घर आएगी सुनकर
(ii) स्वयं को रवि से उज्ज्वल बताने पर
(iii) माँ की मुखाकृति को देखकर
(iv) माँ के उत्तर को सुनकर
उत्तर :
(i) विवाह के पश्चात् तुम्हारी वधू घर आएगी सुनकर प्रस्तुत पंक्ति में जब माँ ने बालक को उसके प्रश्न का उत्तर देते हुए समझाया कि जब वह बड़ा हो जाएगा तो उसका विवाह होगा और वधू घर आएगी, यह सुनकर बालक के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
(घ) ‘फिर में बूढ़ी होकर, मर जाऊँगी उसके बाद’ काव्यांश में माँ ने ऐसा क्यों कहा है?
(i) एक दिन सबको मरना होता है इसलिए
(ii) शिशु को डराने के लिए
(iii) शिशु के प्रश्नों से ऊब कर
(iv) शिशु की जिज्ञासा को शांत करने के लिए
उत्तर :
(iii) शिशु के प्रश्नों से ऊब कर प्रस्तुत पंक्ति में ‘ फिर मैं बूढ़ी होकर, मर जाऊँगी उसके बाद’ मीं ने ऐसा शिशु के प्रश्नों से ऊब कर कहा।
(ङ) शिशु द्वारा बार-बार प्रश्न पूछना क्या दर्शाता है?
(i) शिशु की चितित प्रवृत्ति
(ii) शिशु की खेलने की प्रवृत्ति
(iii) शिशु की प्रश्न करने की प्रवृत्ति
(iv) शिशु की बालसुलभ जिज्ञासा प्रवृत्ति
उत्तर :
(iv) शिचु की बाल सुलम जिज्ञासा प्रवृत्ति शिशु द्वारा बार-बार प्रश्न करने से उसकी जिज्ञातु प्रवृत्ति प्रकट होती है, क्योंकि शिशु की बालसुलभ जिज्ञासा कभी शांत नहीं होती।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- [1 × 4 = 4]
(1) ‘रसूलन और बतूलन जब गाती हैं तब अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।’ इस वाक्य का सरल वाक्य होगा-
(क) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(ख) रसूलन और बतूलन जैसे ही गाती हैं अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(ग) रसूलन और बतूलन गाती हैं और अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(घ) रसूलन और बतूलन के गीतों से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
उत्तरः
(क) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(2) ‘दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।’ इस मिश्रित वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा।
(क) जैसे ही दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे, उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(ख) दूसरी बार उधर से गुजरते समय हालदार साहब को मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(ग) दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(घ) जब भी हालदार साहब उधर से गुजरते हैं मूर्ति में अंतर दिखायी देता है।
उत्तरः
(ग) दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(3) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य का उदारहण है-
(क) अजमेर से पहले पिता जी इंदौर में थे ।
(ख) हुड़दंग तो इतना मचाया कि कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।
(ग) हमने हुडदंग मचाया और कॉलेज वालों ने थर्ड इयर खोल दिया ।
(घ) हमारे हुड़दंग मचाने के कारण कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा ।
उत्तरः
(ख) हुड़दंग तो इतना मचाया कि कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।
(4) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाला विकल्प चुनकर लिखिए ।
(i) असफल होने पर शोक करना व्यर्थ है।
(ii) मैं एक दिन अमेरिका जाऊँगी तथा अपना शेष जीवन वहीं बिताऊँगी ।
(iii) जैसे ही रमेश आया, वैसे ही मोहन चल दिया।
(iv) विद्यार्थी परिश्रमी है, वह अवश्य सफल होगा।
(क) (i) और (ii) सही है ।
(ख) (ii) और (iii) सही है ।
(ग) (i) और (iv) सही है।
(घ) (ii) और (iv) सही है ।
उत्तर:
(घ) (ii) और (iv) सही है।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) सुरेश के आ जाने से सब प्रसन्न हो गए। | (i) मिश्र वाक्य |
(2) मैं युवा थी और शीला अग्रवाल की जोशीली बातों ने रगों में बहते खून को लावे में बदल दिया था । | (ii) सरल वाक्य |
(3) कुछ लोग इसलिए दान करते हैं कि उनका नाम हो । | (iii) संयुक्त वाक्य |
(क) 1-i, 2-ii, 3-iii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-i, 2-iii, 3-ii
(घ) 1-ii, 2-i, 3-iii
उत्तर:
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. रुचि द्वारा अपना कार्य नहीं किया गया। | 1. कर्तृवाच्य |
B. रुचि से चला नहीं जाता। | 2. भाववाच्य |
C. रुचि अपने घर जा रही है। | 3. कर्मवाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 2 3 1
(iii) 3 2 1
(iv) 1 3 2
उत्तर :
(iii) A-3, B-2, C-1
(ख) कर्मवाच्य का उदाहरण है
1. सीता से पढ़ा नहीं जाता है।
2. सीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
3. सीता पुस्तक पढ़ती है।
4. सीता ने पुस्तक पढ़ी।
कूट
(i) केवल 1
(ii) केवल 1
(iii) 1 और 2
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(ii) सीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
(ग) कर्तृवाच्य का उदाहरण है
1. मैं अब चल नहीं सकता
2. मेरे द्वारा अब चला नहीं जाता
3. मैं अब चल नहीं पाऊँगा
4. मुझसे चला जाता है
(i) केवल 1
(ii) केवल 1
(iii) 1 और 2
(iv) 3 और 4
उत्तर :
(i) केवल 1
(घ) ‘लइकी खेल नहीं सकी’ का भाववाच्य होगा कूट
(i) लड़की खेल नहीं सकती
(ii) लडकी से खेला नहीं जा सका
(iii) लड़की खेल नहीं पा रही
(iv) लड़की द्वारा खेला नहीं गया
उत्तर :
(ii) लड़की से खेला नहीं जा सका
(ङ) ‘रामदयाल ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया’ प्रस्तुत वाक्य को कर्मवाच्य में बदलिए
(i) रामद्याल द्वारा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया जाता है
(ii) रामद्याल से संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया जाता
(iii) रामदयाल संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाता है
(iv) रामदयाल के द्वारा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया गया
उत्तर :
(iv) रामदयाल के द्वारा संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया गया
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- [1 × 4 = 4]
(1) हम देहरादून घूमने गए। रेखांकित पद का परिचय है-
(क) संज्ञा, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
(ख) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
(ग) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता
(घ) सर्वनामिक विशेषण, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
उत्तरः
(ख) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
(2) शशि दसवीं कक्षा में पढ़ती है। ….. रेखांकित पद का परिचय है-
(क) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(ख) क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक, पढ़ना’ क्रिया
(ग) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(घ) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
उत्तरः
(क) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(3) वह स्कूल से अभी-अभी आया है। रेखांकित पद का परिचय है-
(क) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, करण कारक
(ख) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
(ग) संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
(घ) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
उत्तरः
(घ) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
(4) वह मेरी बात पर बहुत हँसा । ………………… रेखांकित पद का परिचय है-
(क) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हँसना क्रिया का विशेषण
(ख) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(ग) विशेषण, परिमाणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(घ) विशेषण, परिमाणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
उत्तरः
(क) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हँसना क्रिया का विशेषण
(5) योग्य पिता की संतान भी योग्य होती है। ……………….. रेखांकित पद का परिचय है- [1 × 4 = 4]
(क) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
(ख) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
(ग) संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
(घ) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘पिता’ विशेष्य
उत्तरः
(क) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘नित्य ही नहाता क्षीर-सिन्धु के कलाधर है।
सुंदर तवानन की समता की इच्छा से।।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्प्रक्षा इन पंक्तियों में कलाधर (चंद्रमा) के क्षीर निधि में नहाने का कारण उसकी उत्पत्ति हेतु क्षीर-निधि नहीं बताया गया बल्कि स्नान करने में इस अभिप्राय (फल) की सभावना की गई है कि वह नायिका के मुख की समानता प्राप्त करने के लिए क्षीर सागर में नहा रहा है। अतः उत्मेक्षा अलंकार है।
(ख) ‘जो चाहो चटक न घटे, मैलो होय न नित्त राज राजस न छुवाइये नेह चीकने चित्त।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत काव्य पंक्ति में रज शब्द से दो अर्थ निकलते हैं प्रथम अलंकार, दूसरा धूल। एक शब्द से दो अर्थ निकल रहे हैं पहला प्रेम तथा दूसरा तेल अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ग) बीती विभावरी जागरी
अंबर पनघट में डुबो रही, तारा घट उषा नागरी।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण यहाँ उषा के नागरी होने तथा तारा घट को अंबर पनघट में डुयोने आदि मानवीय क्रियाओं का वर्णन किया गया है। अत: यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(घ) ‘यह हरा ठिगना चना, बाँधे मुरेठा शीश पर
छोटे गुलाबी फूल का सजकर खड़ा है।
इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण यहाँ चने को हरा ठिगना बताकर उस पर मानवीय क्रिज्याओं का आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ङ) ‘हनुमान की पूँछ में लगन न पाई आग, सगरी लंका जरि गई, गए निशाचर भाग। इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति यहाँ हनुमान की पूँछ में आग लगने से पहले ही सारी लंका का जलना, राक्षसों का भागना आदि का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई तब भी हालदार साहब उस मूर्ति के बारे में ही सोचते रहे, और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज़ होती जा रही है। दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है। पहले मोटे फ्रेमवाला चौकोर चश्मा था, अब तार के फ्रेमवाला गोल चश्मा है। हालदार साहब का कौतूहल और बढ़ा। वाह भई क्या आइडिया है ! मूर्ति कपड़े नहीं बदल सकती लेकिन चश्मा तो बदल ही सकती है।
(1) ‘जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई’ अर्थात्
(क) जीप कस्बे से आगे की ओर बढ़ गई।
(ख) जीप कस्बे में रुक कर आगे बढ़ गई।
(ग) जीप कस्बे में रुक गई।
(घ) जीप कस्बे में नहीं गई ।
उत्तर:
(क) जीप कस्बे से आगे की ओर बढ़ गई।
(2) हालदार साहब किसके विषय में सोचते रहे?
(क) नेता जी के बारे में
(ख) मूर्ति के बारे में
(ग) चौराहे के बारे में
(घ) कस्बे के बारे में
उत्तर:
(ख) मूर्ति के बारे में
(3) ‘वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज़ होती जा रही है। ‘से आशय है-
(क) आजकल देशभक्त होना संभव नहीं है
(ख) आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है
(ग) आजकल सभी देशभक्त हो गए हैं
(घ) आजकल देशभक्ति की प्रासंगिकता नहीं है
उत्तरः
(ख) आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है
(4) दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में क्या अंतर दिखाई दिया ?
(क) मूर्ति पर कोई चश्मा नहीं था
(ख) मूर्ति पर पुराना चश्मा था
(ग) मूर्ति पर एक नया चश्मा था
(घ) मूर्ति क्षतिग्रस्त थी
उत्तर:
(ग) मूर्ति पर एक नया चश्मा था
(5) ‘नेता जी का चश्मा’ पाठ …………………. .
(क) देशभक्ति के भाव पर व्यंग्य करता है
(ख) देशभक्ति की प्रासंगिकता पर सवाल उठाता है
(ग) देशभक्ति के महत्व को स्थापित करता है |
(घ) देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है
उत्तरः
(घ) देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) बालगोबिन भगत की संगीत-साथना का उत्कर्ष किस दिन देखा गया?
(i) जिस दिन खेत में कुछ पैदा नहीं हुआ
(ii) जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई
(iii) पतोहूू के भाई के घर आने पर
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई बालगोबिन भगत की संगीत-साधना का उत्कर्व उस दिन देखा गया था, जिस दिन उनके पुत्र की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने अपने मृत बेटे को औगन में एक चटाई पर लिटाकर सफेद कपड़े से ढक दिया और सिरहाने एक चिराग जला दिया और उसके सामने ही एक आसन पर बैठकर गीत गाने लगे। साथ ही बहु से भी उत्सव मनाने को कहा।
(ख) खीरा न खाने पर भी नवाब साहब को इकार आ गई। इस पर लेखक ने क्या सोचा?
(i) बिना खाए भी आदमी का पेट कैसे भर सकता है
(ii) नवाब साहब ज्यादा थक गए थे
(iii) नवाब साहब का पेट पहले से ही भरा हुआ था
(iv) नवाब साहब को खीरे पसंद नहीं थे, इसलिए उन्होंने पानी पी लिया
उत्तर :
(i) बिना खाए भी आदमी का पेट कैसे भर सकता है खीरा न खाने पर भी नवाब साहब को डकार आ गई। इस पर लेखक ने सोचा कि बिना खाए भी आदमी का पेट कैसे भर सकता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
बिंहसि लखन बोले मृदु बानी । अहो मुनीसु महाभट मानी ।।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू । चहत उड़ावन फूँकि पारू ।।
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं । जे तरजनी देखि मरि जाहीं ।
देखि कुठारु सरासन बाना । मैं कछु कहा सहित अभिमाना ।।
भृगुसुत समुझि जनेउ विलोकी । जो कछु कहहु सह रिस रोकी।।
सुर महिसुर हरिजन अरु गाई । हमरे कुल इन्ह पर न सुराई ।।
बधे पापु अपकीरति हारें । मारतहूँ पा परिअ तुम्हारे ।।
(1) परशुराम बार-बार अपना कुठार किसे और क्यों दिखा रहे हैं?
(क) राम को भयभीत करने के लिए
(ख) लक्ष्मण को भयभीत करने के लिए
(ग) विश्वामित्र को भयभीत करने के लिए
(घ) महाराज जनक को भयभीत करने के लिए
उत्तर:
(ख) लक्ष्मण को भयभीत करने के लिए
(2) निम्नलिखित पंक्तियों में से किस पंक्ति से लक्ष्मण के शक्तिशाली होने का पता चलता है-
(क) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी । अहो मुनीसु महाभट मानी ।।
(ख) पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू । चहत उड़ावन फूँकि पहारू ।।
(ग) देखि कुठारु सरासन बाना । मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।
(घ) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं । जे तरजनी देखि मरि जाहीं।।
उत्तरः
(घ) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं । तरजनी देखि मरि जाहीं ।।
(3) रघुकुल में किन-किन के प्रति अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं किया जाता है?
(क) देवता, ब्राह्मण, ईश्वर भक्त और गाय पर
(ख) स्त्रियों, बच्चों, ईश्वर भक्त और गाय पर
(ग) देवता, राजा, वीर योद्धा और स्त्रियों पर
(घ) स्त्रियों, बच्चों, राजा और गाय पर
उत्तरः
(क) देवता, ब्राह्मण, ईश्वर भक्त और गाय पर
(4) ‘बिहसि लखन बोले मृदु बानी । अहो मुनीसु महाभट मानी’ यह कथन ………………………. का उदाहरण है।
(क) व्यंग्य का
(ख) हास्य का
(ग) क्रोध का
(घ) वैराग्य का
उत्तर:
(क) व्यंग्य का
(5) उपर्युक्त पद्यांश में लक्ष्मण के चरित्र की कौन-सी विशेषता उजागर होती है?
(क) वीरता
(ख) धैर्य
(ग) शिष्टता
(घ) विनम्रता
उत्तरः
(क) वीरता
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वधधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को किस दिशा से आने वाला कहकर पुकारा है?
(i) पूर्व दिशा से
(ii) पश्चिम दिशा से
(iii) अज्ञात दिशा से
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) अझ्ञात दिशा से ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों को अझात दिशा से आने वाला कहकर पुकारा है। कवि बादलों से आग्रह कर रहा है कि वे अज्ञात दिशा से आकर लोगों की बेचैनी को दूर कर दें एवं दु:ख से पीड़ित धरती पर वर्षा कर सुख प्रदान करें।
(ख) कवि ने फसल को किसके स्पर्श की महिमा बताया है?
(i) पानी
(ii) सूरज
(iii) हाथ
(iv) मिट्टी
उत्तर :
(iii) हाथ कवि ने फसल को हाथ के स्पर्श की महिमा बताया है।
खण्ड – ‘ख’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – [2 × 3 = 6]
(क) क्या आपको नवाब साहब का व्यवहार सामान्य लगा ? क्यों ? युक्तियुक्त उत्तर दीजिए ।
उत्तरः
हमें नवाब साहब का व्यवहार सामान्य नहीं लगा । सर्वप्रथम लेखक के डिब्बे में आने पर नवाब साहब ने उनसे उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया फिर बाद में लेखक को अभिवादन करके उनसे खीरा खाने का आग्रह करने लगे, जिसका कोई औचित्य नहीं था । लेखक द्वारा आग्रह अस्वीकार करने पर उन्होंने अपनी झूठी शान का प्रदर्शन करते हुए खीरों को धोया, छीला और फाँकों को काटकर उन पर जीरा मिला नमक-मिर्च बुरक दिया। इसके पश्चात् उन फाँकों को केवल सूँघकर ट्रेन की खिड़की से बाहर फेंकते गए । नवाब साहब का यह व्यवहार उनके अहंकार, आडंबर और दिखावटी जीवन शैली को प्रदर्शित करता है।
(ख) महानगरों के ‘फ्लैट – कल्चर’ और लेखिका मन्नू भंडारी के ‘पड़ोस कल्चर’ में क्या अंतर दिखाई देता है ? विचार करते हुए लिखिए ।
उत्तरः
आजकल महानगरों के फ्लैट में रहने वाले लोग अत्यंत संकुचित और एकाकी हो गए हैं। किसी भी विपत्ति के समय वे स्वयं को बहुत असहाय और असुरक्षित अनुभव करते हैं । व्यक्ति पास-पड़ोस में सामान्य बातें करने और कुशलता पूछने जैसी परंपराओं को भी भूलता जा रहा है। जबकि लेखिका मन्नू भंडारी के परंपरागत ‘पड़ोस कल्चर’ में पूरा मोहल्ला ही अपने घर जैसा था। सभी परिवारों में पारिवारिक संबंध थे, इस आत्मीय वातावरण में ही बच्चों में पारस्परिक सद्भाव, स्नेह और संस्कारयुक्त सहज जीवन की आधारशिला रखी जाती थी।
(ग) मंगल ध्वनि का क्या अभिप्राय है? बिस्मिल्ला खान को शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक क्यों कहा गया है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तरः
मांगलिक वातावरण का सृजन करने हेतु बजाई जाने वाली ध्वनि मंगल ध्वनि कहलाती है। शहनाई शुभ, मंगलमय वातावरण का सृजन करने वाला वाद्य है। कृत्रिमता से दूर सहज जीवन जीने वाले, भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ ने सामान्य मांगलिक कार्यों से लेकर देश-विदेश के मांगलिक कार्यक्रमों में शहनाई बजाई थी । उनके मन में बनारस और बाबा विश्वनाथ के प्रति सच्ची आस्था थी। वे लगभग अस्सी वर्षों तक निरंतर रियाज करते हुए खुदा से सच्चे सुर की प्रार्थना करते रहे। उनकी इन्हीं विशेषताओं के आधार पर लेखक ने उन्हें ‘शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक’ कहा है।
(घ) सच्चे अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जाता है ? ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर तर्क सहित लिखिए ।
उत्तरः
‘संस्कृति’ पाठ के अनुसार जो व्यक्ति अपनी बुद्धि और विवेक के आधार पर किसी नए तथ्य के दर्शन अर्थात् उसकी खोज करता है, वही वास्तविक ‘संस्कृत’ व्यक्ति है। जिस प्रकार न्यूटन ने सर्वप्रथम गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया था, इसलिए लेखक ने उसे ‘संस्कृत मानव’ कहा है। इसी प्रकार अपनी योग्यता से आग और सुई-धागे की खोज करने वाले भी ‘संस्कृत’ व्यक्ति रहे होंगे।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25 – 30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बादलों का दूसरा पक्ष बताइए।
उत्तर :
बादलों का एक पक्ष यदि यह है कि वे वर्षा करके एक ओर लोगों को नया जीवन प्रदान करते हैं, तो दूसरा पक्ष उनका यह भी है कि इनके अंदर विध्वंस, विप्लव और विनाश छिपा हुआ है, जिससे नवीन सृष्टि का निर्माण हो सके, इस प्रकार कवि ने एक ओर बादलों को नया जीवन प्रदान करने वाला माना है तथा दूसरी ओर विनाशकारी भी कहा है।
(ख) ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ के आधार पर ‘मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीस किसोर’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘राम-लक्षमण-परशुराम संवाद’ के आधार पर “मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीस किसोर” पंक्ति का आशय है कि लक्ष्मण की व्यंग्यपूर्ण उक्तियों से परशुराम का क्रोध बढ़ने लगता है और वे लक्ष्मण को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अरे राजकुमार! तू अपने माता-पिता के विषय में सोचकर स्वर्य को वश में कर ले अर्थात् यदि मैंने क्रोधवश तेरा वध कर दिया, तो तेरे माता-पिता की दशा चितनीय हो जाएगी।
(ग) ‘संगतकार’ कविता के आधार पर ‘संगतकार’ किस प्रकार के व्यक्ति का प्रतीक है?
उत्तर :
‘संगतकार’ कविता के आधार पर संगतकार ऐसे व्यक्ति का प्रतीक है, जो स्वयं पृष्ठभूमि में रहकर संबद्ध व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उसके सर्वाधिक प्रभावी व्यक्ति की सफलता में हर सभव सहयोग करता है। उदाहरणार्थ-संगीत के कार्यक्रम की प्रस्तुति के दौरान संगतकार मुख्य गायक के स्वर में स्वर मिलाकर उसके गायन को प्रभावी व सफल बनाता है।
(घ) ‘सूरदास के पद’ के आधार पर कृष्ण भक्ति का महत्त्व बताने के लिए किन-किन प्रतीकों का प्रयोग किया गया है?
उत्तर :
‘सूरदास के पद’ के आधार पर गोपियों ने कृष्ण भक्ति का महत्त्व बताने के लिए प्रेम-नदी, गुड़, हारिल की लकड़ी आदि प्रतीकों का प्रयोग किया है, जिनके माध्यम से वे स्पष्ट करना चाहती हैं कि कृष्ण भक्ति ही इस सांसारिक भवबाधा से मुक्ति का एकमात्र साधन है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- [4 × 2 = 8]
(क) ‘माता का प्रेम, पिता के प्रेम की अपेक्षा अधिक गहन होता है । ”माता का अँचल’ पाठ के आधार पर विचार कीजिए ।
उत्तर:
‘माता शिशु को जन्म देती है, इसलिए शिशु का स्वाभाविक रूप से अपनी माँ से अधिक जुड़ाव होता है। माँ का हृदय ममता से परिपूर्ण होता है। वह भावनात्मक रूप से शिशु के साथ जुड़ी होती है। माँ अपने शिशु को नहलाती और सजाती – सँवारती है। उसे अपने हाथ से खाना खिलाए बिना वह संतुष्ट नहीं होती। माँ के आँचल में बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है । कोई भी विपदा आने पर माँ का प्यार भरा स्पर्श शिशु को स्नेह एवं सुरक्षा प्रदान करता है। यही कारण था कि भोलानाथ को अपने पिता से अपार स्नेह मिलने के बावजूद विपदा आने पर वह अपनी माँ की गोद में जाकर ही छिपता है ।
(ख) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ प्रश्न के उत्तर में लेखक क्या कारण बताता है ?
उत्तरः
लेखक के अनुसार जब अपनी व्यक्तिगत अनुभूति को प्रकट करने की उत्कंठा अत्यधिक बलवती हो जाती है तो उसकी आंतरिक विवशता उसे लिखने के लिए बेचैन कर देती है । लेखक स्वयं को जानने के लिए भी लिखता है। कई बार आर्थिक विवशता के वशीभूत होकर अथवा प्रसिद्धि पाने के लिए भी कुछ लेखक लिखते हैं। इसी प्रकार प्रसिद्धि पाने के उपरांत संपादक और प्रकाशक भी लेखक से बार-बार लिखने का आग्रह करते हैं ।
(ग) ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ किस शहर को कहा गया है और क्यों ?
उत्तरः
‘गंतोक’ को मेहनतकश बादशाहों का शहर कहा गया है। मेहनतकश का अर्थ है- कठिन परिश्रम करने वाला । ‘गंतोक’ एक दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र है। यहाँ की स्त्रियाँ अपने शिशुओं को पीठ पर लादकर चाय बागानों में काम करने के साथ- साथ पहाड़ी रास्तों का निर्माण करने और पत्थर तोड़ने जैसे दुष्कर कार्य भी करती हैं। इसी प्रकार वहाँ के बच्चे दुर्गम पहाड़ी रास्तों से स्कूल जाते हैं और लौटने के बाद मवेशी चराने, पानी भरने, लकड़ियों के भारी गट्ठर ढोने तथा घर के अन्य कामों में हाथ बँटाते हैं। अपनी प्रकृति और संस्कृति से प्रेम करने वाले गंतोक के निवासी इतनी विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करने के बाद भी अपने शहर को खूबसूरत बनाने के लिए निरंतर परिश्रम करते रहते हैं।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) हमारी सामाजिक समस्याएँ
संकेत बिंदु – भूमिका
- हमारी सामाजिक समस्याएँ
- कारण एवं निवारण
उत्तर :
हमारी सामाजिक चुनौतियाँ
किसी भी देश की प्रगति केवल भौगोलिक और आर्थिक स्थिति पर ही निर्भर नहीं होती, अपितु राष्ट्र की प्रगति और गतिशीलता व उसके समाज से भी प्रभावित होती है। एक स्वस्थ समाज ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माता होता है। भारत एक विशाल देश है। इसकी भौगोलिक तथा सामाजिक मिन्नता विश्वप्रसिद्ध है। हमारी सामाजिक समस्याएँ-धार्भिक कट्टरता, जाति-प्रथा, दहेज-मथा, अंधविश्वास, अशिक्षा, नारी शोषण, बेरोज़गारी, जनसंख्या वृद्धि, अ्रष्टाचार, गरीबी, आर्थिक आधार पर विभेदीकरण, बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति इत्यादि हैं। कुछ समस्याएँ हमारी धार्मिक असहिष्णुता से उत्पन्न हुई हैं, तो कुछ सदियों की गुलामी से। धीरे-धीरे ये समस्याएँ हमारे लिए चुनौती बनती जा रही हैं।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।
समाज उसके अस्तित्व का आधार है। वह समाज से अलग नहीं रह सकता। समाज में रहते हुए उसे समाज द्वारा बनाए गए नियमों का पालन भी अनिवार्य रूप से करना पड़ता है। यदि वह ऐसा नहीं करता, तो सामाजिक मूल्यों का ह्यास होता है, परिणामस्वरूप बहुत-सी iसामाजिक समस्याएँ उत्पन्न होने लगती हैं। ये सामाजिक समस्याएँ दीमक की भाति देश को भीतर से खोखला कर देती है और देश में अव्यवस्था का कारण बनती हैं। यदि हम अपने देश को विश्वशक्ति के रूप में देखना चाहते हैं, तो हमें सबसे पहले सामाजिक चुनौतियों से निपटना होगा। इन चुनौतियों का समाधान हो गया, तो शेष समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा। अतः हमें योजनाबद्ध तरीकों से इन पर विजय प्राप्त करनी होगी।
(ख) आत्मनिर्भर भारत
संकेत बिंदु – भूमिका
- आत्मनिर्भर भारत के लाभ
- सरकार के प्रयास
उत्तर :
आत्मनिर्भर भारत
आत्मनिर्भर का सही अर्थ होता है कि कोई भी व्यक्ति, गाँव या देश किसी दूसरे के सहारे या किसी दूसरे पर निर्भर न होकर स्वयं पर निर्भर रहे। आत्मनिर्भर होना स्वयं के लिए अपने गाँय, शहर, जिले और देश के लिए बहुत आवश्यक है। यदि हमारा शहर या देश आत्मनिर्भर रहेगा तो हमें किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना होगा। कोई भी व्यक्ति यदि किसी दूसरे पर निर्भर है, हर काम या अपनी आवश्यकता के लिए दूसरे से सहायता की गुहार करता है, तो यह उसकी बहुत बड़ी कमी है। उसे स्वयं पर निर्भर होना चाहिए न कि किसी दूसरे पर। यदि व्यक्ति आत्मनिर्भर होगा तो किसी भी समय यह अपनी समस्या को स्वय ही सुलझा सकता है। उसे किसी दूसरे व्यक्ति से सहायता लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
यह बात किसी व्यक्ति के साथ-साथ राज्य और देश पर भी लागू होती है। यदि देश के पास संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, तो उसे किसी दूसरे देश से उस संसाधन की कमी को पूरा करना पड़ेगा। यदि उस संसाधन को बनाने की सारी सामग्री उसके पास उपलब्ध है तो वह उसका प्रयोग कर संसाधन का निर्माण स्वय कर सकता है। इससे वह आत्मनिर्भर भी बनेगा और किसी दूसरे देश पर निर्भर रहने की आवश्यकता भी नहीं होगी। देश में उयोगों की बढ़ोतरी होगी और देश के हर युवा को रोजगार मिलेगा तथा देश आत्मनिर्भर बन जाएगा। देश में अधिक मात्रा में उद्योग लगाए जाएँ तो बेरोजगारी कम होगी और साथ ही देश में फैली गरीबी भी समाप्त होगी। साथ ही देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा और अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत होगी, फिर हमारे देश को किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। अधिक सामज्री बनने से हम अपने देश की सामग्री को और भी देशों को निर्यात कर सकते हैं। इससे हमारे देश के आयात में कमी होगी और निर्यात में बहुत अधिक बढ़ोतरी होगी। आत्मनिर्भर भारत को लेकर अब सरकार भी बहुत अच्छे कदम उठा रही है, हमें भी सरकार का सहयोग करना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार की मदद करनी चाहिए।
(ग) मनोरंजन के हाई-टेक साथन
संकेत बिंदु – भूमिका
- टेलीविज़न
- रेडियो
- इंटरनेट
- सिनेमा
उत्तर :
मनोरंजन के हाई-टेक साधन
एक समय था जब मनोरंजन के लिए लोग शिकार खेला करते थे। सभ्यता के विकास के बाद अन्य खेल लोगों के मनोरंजन के साधन बने। आज भी खेल लोगों के मनोरंजन का प्रमुख साधन है, किंतु आजकल खेलों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से देखने वालों की संख्या बढ़ी है। इस समय टेलीविजन, रेडियो तथा इंटरनेट मनोरंजन के प्रमुख एवं हाई-टेक साधन हैं। टेलीविजन आजकल लोगों के मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बन चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि टेलीविजन पर प्रत्येक आयु वर्ग के लोगों के लिए कार्यक्रम उपलब्ध हैं।
आधुनिक काल में रेडियो मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बनकर उभरा है। रेडियो पर गीत-संगीत के अतिरिक्त सजीव क्रिकेट कमेंटरी श्रोताओं को आनंदित करने के कार्य करती है तथा जब से एक.एम. चैनलों का पदार्पण भारत में हुआ है, रेडियो की उपयोगिता और बढ़ गई है। आज विश्व के कुल 6.8 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2.8 अरब लोग इंटरनेट से जुड़े हुए हैं। इंटरनेट ने सरकार, ब्यापार और शिक्षा को नए अवसर प्रदान किए हैं। बात मनोरंजन के आधुनिक साधनों की हो या पूर्व साधनों की, यह सिनेमा के बिना अधूरी है। सिनेमा पहले भी लोगों के मनोरंजन का एक शक्तिशाली माध्यम था और आज भी है। इस प्रकार संचार क्राति की इस दौड़ में मनोरंजन के हाई-टेक साधनों ने मनुष्य को आधुनिक बना दिया है। अतः इन समस्त उपकरणों का सदा सकारात्मक उपयोग करने की आवश्यकता है।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। [5 × 1 = 5]
(क) आपका नाम दिशा / दक्ष है। आपकी आयु मतदान करने योग्य हो गई है। आपने मतदाता पहचान-पत्र बनवाने के लिए गरुण ऐप के द्वारा आवेदन कर दिया है। किन्तु काफी समय के बाद भी आपका मतदाता पहचान-पत्र आपको नहीं मिला। मतदाता पहचान-पत्र के वितरण में देरी की शिकायत करते हुए अपने क्षेत्र के बी.एल.ओ. (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) को पत्र लिखिए ।
अथवा
(ख) आपका नाम दिशा / दक्ष है। आप अपने आसपास अनेक अशिक्षित प्रौढ़ों को देखते हैं और उन्हें साक्षर बनाने हेतु कुछ प्रयास करते हैं। इस विषय में जानकारी देते हुए अपने मित्र मानव को पत्र लिखिए ।
उत्तरः
(क) सेवा में,
ब्लॉक लेवल ऑफिसर,
सिकंदरा रोड,
आगरा (उत्तर प्रदेश ) ।
दिनांक ……………………
विषय- मतदाता पहचान-पत्र प्राप्त न होने के संबंध में ।
महोदय,
निवेदन है कि मैं कु. दिशा अ.ब. स. क्षेत्र की निवासी हूँ। मतदान करने योग्य आयु पूर्ण होने पर मैंने गरुण ऐप के माध्यम से दिनांक 25 नवंबर 2022 को सभी औपचारिकताएँ पूर्ण करते हुए अपना मतदाता पहचान-पत्र बनवाने हेतु आवेदन किया था। किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि लगभग छः माह पश्चात् भी मुझे अपना मतदाता पहचान-पत्र प्राप्त नहीं हो सका है।
महोदय, स्थानीय निकाय चुनाव निकट ही हैं। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही करते हुए मेरा मतदाता पहचान-पत्र शीघ्र उपलब्ध करवाने की कृपा करें।
सधन्यवाद
निवेदिका
दिशा
म.सं 76,
गली नं 4,
राजीव विहार,
सिकंदरा रोड,
आगरा (उत्तर प्रदेश) ।
मो. 9412XXXXXX
अथवा
(ख) 232, साकेत विहार,
बरेली (उत्तर प्रदेश)
दिनांक …………………..
प्रिय मित्र मानव,
नमस्कार,
आशा है तुम सपरिवार कुशलपूर्वक होगे । मित्र, जैसा कि तुम जानते ही हो कि मेरे निवास स्थान के निकट ही श्रमिकों की कुछ बस्तियाँ हैं, जिनमें अधिकतर श्रमिक निरक्षर हैं। इस बार मैंने अपने ग्रीष्मावकाश में अपने कुछ साथियों के सहयोग से अपनी कॉलोनी सामुदायिक केंद्र में इन प्रौढ़ श्रमिकों के लिए सांध्यकालीन कक्षाओं की व्यवस्था की है, जहाँ ये श्रमिक अपने कार्य-स्थल से लौटने के बाद शिक्षा ग्रहण करने आते हैं । यहाँ उन्हें अक्षर ज्ञान देकर हस्ताक्षर करना सिखाया जाता है।
मित्र, तुम्हें जानकर आश्चर्य होगा कि सभी श्रमिक बहुत उत्साहित हैं और कक्षाओं में इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। मुझे भी इस कार्य से बहुत आत्मिक संतोष मिलता है। तुम भी अपनी किसी ऐसी उपलब्धि के विषय में मुझे अवश्य लिखना। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना ।
तुम्हारा मित्र
दक्ष
प्रश्न 16.
आप नेहा वर्मा हैं। आप ने दिल्ली से एम.बी.ए. किया है। आपको सी.एम.जी. कंपनी में मार्केटिंग में एक्जीक्यूटिव पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप अजय प्रकाश हैं। आपके घर के आस-पास कल कारखानों एवं यातायात का दबाव बढ़ रहा है, जिससे ध्वनि प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है। अतः आप नगर योजना अधिकारी को ध्वनि प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने के लिए लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त
नाम : नेहा वर्मा
पिता का नाम : श्री महेंद्र वर्मा
माता का नाम : भ्रीमती किरण वर्मा
जन्म तिथि : 22 अप्रैल, 19XX
वर्तमान पता : मकान नंबर 402 , सेक्टर-14, पानीपत हरियाणा
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 01802478XX
मोबाइल नंबर : 9236X0XXXXX
ई-मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संबंधित योग्यताएँ
- अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान
- कंव्यूटर का ज्ञान (इंटरनेट व एम.एस. ऑफिस)
उपलब्धियाँ
- आशुभाषण प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय) द्वितीय पुरस्कार वर्ष 2011
- अखिल भारतीय बाद-विवाद प्रतियोगिता (2013) में प्रथम पुरस्कार, विद्यालय में हैड गर्ल
कार्येत्तर गतिविधियों तथा अभिरुचियाँ
- समाचार-पत्र व व्यापारिक पत्रिकाओं का नियमित पठन
- देश भ्रमण का शौक
- इंटरनेट सर्फिंग
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- डों. रमेश चंद्र शर्मा, प्रोफेसर, एम.डी.एस. विश्वविद्यालय, हरियाणा
- श्रीमती रशिम मिश्रा, प्रिंसिपल, ब्लू वेल्स स्कूल, पानीपत।
तिथि : 17.09.20X0
(नेहा वर्मा)
स्थान : गुरुग्राम
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
(क) आप अपना पुराना स्मार्टफोन बेचना चाहते हैं, उससे संबंधित एक आकर्षक विज्ञापन लिखिए । [4 ×1 =4]
अथवा
(ख) आप वीणा / विकास हैं। आपकी छोटी बहन ने विद्यालय की वार्षिक परीक्षा में पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उसे बधाई देते हुए 60 शब्दों में एक संदेश लिखिए ।
उत्तर:
(क)
बहुत कम दामों में अनेक विशेषताओं युक्त (लगभग नए जैसा) नोवा X2 स्मार्ट फोन उपलब्ध है –
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अथवा
(ख) बधाई संदेश
सांय – 5:00 बजे
31 मार्च, 20XX
प्रिय सुरभि
वार्षिक परीक्षा में पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। तुमने अपनी इस उपलब्धि से विद्यालय ही नहीं परिवार को भी गौरवान्वित किया है। मुझे विश्वास था कि तुम अवश्य चरम सफलता प्राप्त करोगी। सदैव इसी प्रकार उन्नति के पथ पर प्रशस्त रहो ।
तुम्हारा अग्रज
विकास