Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set with Solutions Set 1 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड- ‘क’ में वस्तुपरक /बहुविकल्पीय और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और दोनों खंड़ों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘क’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
हमारे देश में हिंदी फिल्मों के गीत अपने आरंभ से ही आम दर्शक के सुख-दुःख के साथी रहे हैं। वर्तमान समय में हिंदी फिल्मों के गीतों ने आम जन के हृदय में लोकगीतों सी आत्मीय जगह बना ली है। जिस तरह से एक जमाने में लोकगीत जनमानस के सुख-दुख, आकांक्षा, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते थे, आज फिल्मी गीत उसी भूमिका को निभा रहे हैं। इतना ही नहीं देश की विविधता को एकता के सूत्र में बाँधने में हिंदी फिल्मों का योगदान सभी स्वीकार करते हैं। हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का जो काम राजभाषा विभाग तत्सम शब्दों की सहायता से कर रहा है वही कार्य फिल्मी गीत और संवाद लिखने वाले विविध क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। यह गाने जन-जन के गीत इसी कारण बन सके क्योंकि इनमें राजनीति के उतार-चढ़ाव की अनुगूँजों के साथ देहाती, कस्बायी और नए बने शहरों का देशज जीवन दर्शन भी आत्मसात किया जाता रहा है। भारत की जिस गंगा-जमुनी संस्कृति का महिमामंडन बहुधा होता है उसकी गूँज भी इन गीतों में मिलती है। आजादी की लड़ाई के दौरान लिखे प्रदीप के गीत हों या स्वाधीनता प्राप्ति के साथ ही होनेवाले देश के विभाजन की विभीषिका, सभी को भी इन गीतों में बहुत संवेदनशील रूप से व्यक्त किया गया है।
हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका । प्रदीप, नीरज जैसे शानदार हिंदी कवियों, इंदीवर तथा शैलेंद्र जैसे श्रेष्ठ गीतकारों और साहिर, कैफी, मजरूह जैसे मशहूर शायरों को हिंदी सिनेमा में हमेशा एक ही बिरादरी का माना जाता रहा है। यह सिनेमा की इस दुनिया की ही खासियत है कि एक तरफ गीतकार साहिर ने ‘कहाँ हैं कहाँ हैं/मुहाफिज खुदी के / जिन्हें नाज है हिंद पर/वो कहाँ हैं’ लिखा तो दूसरी तरफ उन्होंने ही संसार से भागे फिरते हो / भगवान को तुम क्या पाओगे ! / ये भोग भी एक तपस्या है / तुम प्यार के मारे क्या जानोगे/अपमान रचयिता का होगा / रचना को अगर ठुकराओगे !’ जैसी पंक्तियाँ भी रची हैं। परवर्तियों में गुलजार ऐसे गीतकार हैं। जिन्होंने उर्दू, हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी के साथ पुरबिया बोलियों में मन को मोह लेने वाले गीतों की रचना की है। बंदिनी के ‘मोरा गोरा अंग लइले, मोहे श्याम रंग दइदे’, ‘कजरारे-कजरारे तेरे कारे-कारे नयना !’, ‘यारा सिली सिली रात का ढलना’ और ‘चप्पा चप्पा चरखा चले’ जैसे गीतों को रचकर उन्होंने भारत की साझा संस्कृति को मूर्तिमान कर दिया है। वस्तुतः भारत में बनने वाली फिल्मों में आने वाले गीत उसे विश्व-सिनेमा में एक अलग पहचान देते हैं। ये गीत सही मायने में भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
(1) हिंदी फिल्मी गीतों और लोकगीतों में क्या समानता है?
(क) ये जनमानस के रीति-रिवाजों और कल्पनाओं को स्वर देते हैं।
(ख) ये जनमानस के जीवन के अनुभवों और विचारों को स्वर देते हैं ।
(ग) ये जनमानस के सुख – दुःख, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते हैं।
(घ) ये जनमानस के जीवन के यथार्थ और कठोरताओं को स्वर देते हैं।
उत्तर:
(ग) ये जनमानस के सुख-दुःख, उल्लास और उम्मीद को स्वर देते हैं।
(2) हिंदी भाषा की शब्द संपदा को समृद्ध करने का काम फिल्मी गीतों ने किस प्रकार किया ?
(क) राजभाषा विभाग के सहयोग से
(ख) विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से
(ग) विविध भाषाओं की फिल्मों को प्रोत्साहित करके
(घ) विविध भाषाओं की फिल्मों को हतोत्साहित करके
उत्तरः
(ख) विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के मेल से
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) – हिंदी फिल्मों के गाने जन-जन के गीत बन गए हैं।
कारण (R) – इन गीतों में राजनीति की अनुगूँजों के साथ, देहाती, कस्बायी और नए बने शहरों का जीवन दर्शन भी आत्मसात किया जाता रहा है।
(क) कथन (A) गलत है, किन्तु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(4) ‘हिंदी फिल्मी गीतों के इस संसार में हिंदी-उर्दू का ‘झगड़ा’ भी कभी पनप नहीं सका।’ इस कथन के पक्ष में निम्नलिखित में से कौन-सा / कौन-से तर्क सही हैं ?
(i) यहाँ हिन्दी कवियों और ऊर्दू शायरों को एक ही बिरादरी का माना जाता है।
(ii) ये गीतकार ऊर्दू, तत्सम प्रधान हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में समान रूप से गीत लिखते हैं।
(iii) इन गीतकारों में प्रतिस्पर्धा का भाव नहीं है।
(क) (i) सही है।
(ख) (ii) सही है।
(ग) (iii) सही है।
(घ) (i) और (ii) सही हैं ।
उत्तर:
(क) (i) और (ii) सही हैं।
(5) उपर्युक्त गद्यांश में हिंदी फिल्मी गीतों की किस विशिष्टता पर सर्वाधिक बल दिया गया है ?
(क) ये गीत कलात्मक श्रेष्ठता को अभिव्यक्त करते हैं।
(ख) ये गीत सांप्रदायिक सद्भाव को अभिव्यक्त करते हैं।
(ग) ये गीत पारस्परिक प्रेम को अभिव्यक्त करते हैं।
(घ) ये गीत सांस्कृतिक खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
उत्तरः
(घ) ये गीत सांस्कृतिक खूबसूरती को अभिव्यक्त करते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित दिए गए प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं।
भरी थकन में सोते फिर भी-
उठते बड़े सवेरे हैं।
धरती की सेवा करते हैं
कभी न मेहनत से डरते हैं
लू हो चाहे ठण्ड सयानी
चाहे झर-झर बरसे पानी
ये तो मौसम हैं हमने
तूफानों के मुँह फेरे हैं।
खेत लगे हैं अपने घर से
हमको गरज नहीं दफ्तर से
दूर शहर से रहने वाले
सीधे-सादे, भोले-भाले
रखवाले अपने खेतों के
जिनमें बीज बिखेरे हैं।
हाथों में लेकर हल-हँसिया
गाते नई फ़सल के रसिया
धरती को साड़ी पहनाते
दूर-दूर तक भूख मिटाते
मुट्ठी पर दानों को रखकर
कहते हैं बहुतेरे हैं।
हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं।
भरी थकन में सोते फिर भी-
उठते बड़े सवेरे हैं।।
(1) ‘हम धरती के बेटे बड़े कमेरे हैं । ‘ से आशय है-
(क) हम धरती के बहुत परिश्रमी बेटे हैं।
(ख) हम धरती के बहुत आलसी बेटे हैं।
(ग) हम धरती के बहुत बुद्धिमान बेटे हैं।
(घ) हम धरती के बहुत अज्ञानी बेटे हैं।
उत्तर:
(क) हम धरती के बहुत परिश्रमी बेटे हैं।
(2) कवि ने किसानों को ‘फ़सलों का रसिया’ क्यों कहा है?
(क) किसान फसलों को उगाते हैं ।
(ख) किसान फसलों को काटते हैं।
(ग) किसान फसलों से प्रेम करते हैं।
(घ) किसान फसलों को बेच देते हैं।
उत्तर:
(ग) किसान फसलों से प्रेम करते हैं।
(3) किसान ‘धरती की सेवा’ करते हैं ।
(क) खेतों में फसल उगाकर
(ख) सर्दी, गर्मी, बरसात सहकर
(ग) बिना विश्राम परिश्रम कर
(घ) खेतों के पास घर बनाकर
उत्तरः
(क) खेतों में फसल उगाकर
(4) कथन (A) और कारण (R) पर विचार करते हुए सही विकल्प चुनिए-
(A) – हमारे घर खेतों के पास स्थित होते हैं।
(R) – हमारे घर शहरों से दूर होते हैं।
(क) कथन (A) सही है, किन्तु कारण (R) गलत है।
ख) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ग) कथन (A) व (R) सही हैं, और कथन (A), (R) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं, और कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(घ) कथन (A) व (R) सही हैं, और कथन (A), (R) की सही व्याख्या नहीं है।
(5) ‘हम किसानों ने धरती को फसलों के आवरण से ढक दिया है।’ कविता की पक्ति …………………… का आशय है-
(क) तूफानों के मुँह फेरे हैं
(ख) रखवाले अपने खेतों के
(ग) धरती को साड़ी पहनाते
(घ) दूर-दूर तक भूख मिटाते
उत्तर:
(ग) धरती को साड़ी पहनाते
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- [1 × 4 = 4]
(1) ‘रसूलन और बतूलन जब गाती हैं तब अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।’ इस वाक्य का सरल वाक्य होगा-
(क) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(ख) रसूलन और बतूलन जैसे ही गाती हैं अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(ग) रसूलन और बतूलन गाती हैं और अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(घ) रसूलन और बतूलन के गीतों से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
उत्तरः
(क) रसूलन और बतूलन के गायन से अमीरुद्दीन को खुशी मिलती है।
(2) ‘दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।’ इस मिश्रित वाक्य का संयुक्त वाक्य होगा।
(क) जैसे ही दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे, उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(ख) दूसरी बार उधर से गुजरते समय हालदार साहब को मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(ग) दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(घ) जब भी हालदार साहब उधर से गुजरते हैं मूर्ति में अंतर दिखायी देता है।
उत्तरः
(ग) दूसरी बार हालदार साहब उधर से गुजरे और उनको मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।
(3) निम्नलिखित वाक्यों में से मिश्र वाक्य का उदारहण है-
(क) अजमेर से पहले पिता जी इंदौर में थे ।
(ख) हुड़दंग तो इतना मचाया कि कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।
(ग) हमने हुडदंग मचाया और कॉलेज वालों ने थर्ड इयर खोल दिया ।
(घ) हमारे हुड़दंग मचाने के कारण कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा ।
उत्तरः
(ख) हुड़दंग तो इतना मचाया कि कॉलेज वालों को थर्ड इयर भी खोलना पड़ा।
(4) निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाला विकल्प चुनकर लिखिए ।
(i) असफल होने पर शोक करना व्यर्थ है।
(ii) मैं एक दिन अमेरिका जाऊँगी तथा अपना शेष जीवन वहीं बिताऊँगी ।
(iii) जैसे ही रमेश आया, वैसे ही मोहन चल दिया।
(iv) विद्यार्थी परिश्रमी है, वह अवश्य सफल होगा।
(क) (i) और (ii) सही है ।
(ख) (ii) और (iii) सही है ।
(ग) (i) और (iv) सही है।
(घ) (ii) और (iv) सही है ।
उत्तर:
(घ) (ii) और (iv) सही है।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) सुरेश के आ जाने से सब प्रसन्न हो गए। | (i) मिश्र वाक्य |
(2) मैं युवा थी और शीला अग्रवाल की जोशीली बातों ने रगों में बहते खून को लावे में बदल दिया था । | (ii) सरल वाक्य |
(3) कुछ लोग इसलिए दान करते हैं कि उनका नाम हो । | (iii) संयुक्त वाक्य |
(क) 1-i, 2-ii, 3-iii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-i, 2-iii, 3-ii
(घ) 1-ii, 2-i, 3-iii
उत्तर:
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- [1 × 4 =4]
(1) बालगोबिन भगत कबीर को ‘साहब’ मानते थे । (कर्म वाच्य में बदलिए)
(क) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता था।
(ख) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता है।
(ग) बालगोबिन भगत कबीर को ‘साहब’ मानते हैं।
(घ) बालगोबिन भगत से कबीर को ‘साहब’ माना जाता है।
उत्तरः
(क) बालगोबिन भगत द्वारा कबीर को ‘साहब’ माना जाता था।
(2) भोर में लोगों से बालगोबिन भगत का गीत नहीं सुना गया । वाक्य में वाच्य है-
उत्तर:
(क) कर्म वाच्य
(ख) भाव वाच्य
(क) कर्मवाच्य
(ग) कर्तृ वाच्य
(घ) कर्तृ और कर्म वाच्य दोनों
Note : बोर्ड द्वारा जारी मार्किंग स्कीम में उत्तर गलत [(ख) भाव वाच्य] दर्शाया गया है, सही उत्तर (क) होगा।
(3) ‘धान के पानी भरे खेतों में बच्चे उछल रहे हैं। ‘ उदाहरण है-
(क) भाव वाच्य
(ख) कर्तृ वाच्य
(ग) कर्म वाच्य
(घ) विचार वाच्य
उत्तर:
(ख) कर्तृ वाच्य
(4) निम्नलिखित वाक्यों में भाव वाच्य का उदाहरण है-
(i) माता जी मिठाई बना सकती हैं।
(ii) मुझसे बैठा नहीं जाता ।
(iii) भगवान द्वारा हमारी रक्षा की जाती है ।
(iv) गर्मियों में छत पर सोया जाता है।
(क) (i) और (ii) सही है ।
(ख) (ii) और (iii) सही है ।
(ग) (i) और (iv) सही है।
(घ) (ii) और (iv) सही है ।
उत्तर:
(घ) (ii) और (iv) सही है।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए ।
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) गर्मियों में लोग खूब नहाते हैं । | (i) भाव वाच्य |
(2) गोपाल से पत्र लिखा जाता है। | (ii) कर्तृ वाच्य |
(3) धूप में चला नहीं जाता । | (iii) कर्म वाच्य |
विकल्प
(क) 1-1, 2-ii, 3-iii
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
(ग) 1-i, 2-iii, 3-ii
(घ) 1-ii, 2-i, 3-iii
उत्तर:
(ख) 1-ii, 2-iii, 3-i
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- [1 × 4 = 4]
(1) हम देहरादून घूमने गए। रेखांकित पद का परिचय है-
(क) संज्ञा, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
(ख) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
(ग) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता
(घ) सर्वनामिक विशेषण, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
उत्तरः
(ख) सर्वनाम, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता
(2) शशि दसवीं कक्षा में पढ़ती है। ….. रेखांकित पद का परिचय है-
(क) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(ख) क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक, पढ़ना’ क्रिया
(ग) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(घ) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
उत्तरः
(क) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(3) वह स्कूल से अभी-अभी आया है। रेखांकित पद का परिचय है-
(क) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, करण कारक
(ख) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
(ग) संज्ञा, जातिवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
(घ) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
उत्तरः
(घ) संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, अपादान कारक
(4) वह मेरी बात पर बहुत हँसा । ………………… रेखांकित पद का परिचय है-
(क) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हँसना क्रिया का विशेषण
(ख) विशेषण, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(ग) विशेषण, परिमाणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
(घ) विशेषण, परिमाणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘हँसना’ विशेष्य
उत्तरः
(क) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण, हँसना क्रिया का विशेषण
(5) योग्य पिता की संतान भी योग्य होती है। ……………….. रेखांकित पद का परिचय है- [1 × 4 = 4]
(क) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
(ख) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
(ग) संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन
(घ) विशेषण, गुणवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘पिता’ विशेष्य
उत्तरः
(क) संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए-
(1) ‘सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी’ में अलंकार है-
(क) उत्प्रेक्षा
(ख) श्लेष
(ग) यमक
(घ) अनुप्रास
उत्तर:
(क) उत्प्रेक्षा
(2) ‘कहीं साँस लेते हो घर-घर भर देते हो’ पंक्ति में निहित अलंकार है-
(क) उपमा
(ख) रूपक
(ग) यमक
(घ) मानवीकरण
उत्तर:
(घ) मानवीकरण
(3) ‘उस काल मारे क्रोध के, तन काँपने उसका लगा। मानो हवा के जोर से, सोता हुआ सागर जगा । ‘में अलंकार है-
(क) उत्प्रेक्षा
(ख) रूपक
(ग) श्लेष
(घ) उपमा
उत्तरः
(कं) उत्प्रेक्षा
(4) निम्नलिखित में उत्प्रेक्षा अलंकार है-
(क) बादल, गरजो !
(ख) घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
(ग) ललित ललित, काले घुँघराले
(घ) चित्रकूट जनु अचल अहेरी
उत्तर:
(घ) चित्रकूट जनु अचल अहेरी
(5) ‘सुबरन को खोजत फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर । ‘में अलंकार है-
(क) उपमा
(ख) रूपक
(ग) यमक
(घ) श्लेष
उत्तर:
(घ) श्लेष
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई तब भी हालदार साहब उस मूर्ति के बारे में ही सोचते रहे, और अंत में इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि कुल मिलाकर कस्बे के नागरिकों का यह प्रयास सराहनीय ही कहा जाना चाहिए। महत्व मूर्ति के रंग-रूप या कद का नहीं, उस भावना का है वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज़ होती जा रही है। दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। ध्यान से देखा तो पाया कि चश्मा दूसरा है। पहले मोटे फ्रेमवाला चौकोर चश्मा था, अब तार के फ्रेमवाला गोल चश्मा है। हालदार साहब का कौतूहल और बढ़ा। वाह भई क्या आइडिया है ! मूर्ति कपड़े नहीं बदल सकती लेकिन चश्मा तो बदल ही सकती है।
(1) ‘जीप कस्बा छोड़कर आगे बढ़ गई’ अर्थात्
(क) जीप कस्बे से आगे की ओर बढ़ गई।
(ख) जीप कस्बे में रुक कर आगे बढ़ गई।
(ग) जीप कस्बे में रुक गई।
(घ) जीप कस्बे में नहीं गई ।
उत्तर:
(क) जीप कस्बे से आगे की ओर बढ़ गई।
(2) हालदार साहब किसके विषय में सोचते रहे?
(क) नेता जी के बारे में
(ख) मूर्ति के बारे में
(ग) चौराहे के बारे में
(घ) कस्बे के बारे में
उत्तर:
(ख) मूर्ति के बारे में
(3) ‘वरना तो देशभक्ति भी आजकल मजाक की चीज़ होती जा रही है। ‘से आशय है-
(क) आजकल देशभक्त होना संभव नहीं है
(ख) आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है
(ग) आजकल सभी देशभक्त हो गए हैं
(घ) आजकल देशभक्ति की प्रासंगिकता नहीं है
उत्तरः
(ख) आजकल देशभक्त होना हास्यास्पद हो गया है
(4) दूसरी बार जब हालदार साहब उधर से गुजरे तो उन्हें मूर्ति में क्या अंतर दिखाई दिया ?
(क) मूर्ति पर कोई चश्मा नहीं था
(ख) मूर्ति पर पुराना चश्मा था
(ग) मूर्ति पर एक नया चश्मा था
(घ) मूर्ति क्षतिग्रस्त थी
उत्तर:
(ग) मूर्ति पर एक नया चश्मा था
(5) ‘नेता जी का चश्मा’ पाठ …………………. .
(क) देशभक्ति के भाव पर व्यंग्य करता है
(ख) देशभक्ति की प्रासंगिकता पर सवाल उठाता है
(ग) देशभक्ति के महत्व को स्थापित करता है |
(घ) देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है
उत्तरः
(घ) देशभक्ति के प्रति उम्मीद जगाता है
प्रश्न 8.
‘क्षितिज’ के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 2 = 2]
(1) बालगोबिन भगत के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
(क) आडंबर से दूर रहकर ईश्वर भक्ति करने की
(ख) कृषि आधारित जीवन व्यतीत करने की
(ग) सामाजिक रुढ़ियों का समर्थन करने की
(घ) पूजा-पाठ और यज्ञ आदि करने की
उत्तरः
(क) आडंबर से दूर रहकर ईश्वर भक्ति करने की
(2) अमीरउद्दीन को रसूलनबाई और बतूलनबाई के घरवाला रास्ता क्यों पसंद था ?
(क) संगीत के प्रति असीम रुचि के कारण
(ख) संगीत के प्रति अरुचि के कारण
(ग) वह छोटा रास्ता था
(घ) वह रास्ता साफ-सुथरा था
उत्तरः
(क) संगीत के प्रति असीम रुचि के कारण
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 5 = 5]
बिंहसि लखन बोले मृदु बानी । अहो मुनीसु महाभट मानी ।।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू । चहत उड़ावन फूँकि पारू ।।
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं । जे तरजनी देखि मरि जाहीं ।
देखि कुठारु सरासन बाना । मैं कछु कहा सहित अभिमाना ।।
भृगुसुत समुझि जनेउ विलोकी । जो कछु कहहु सह रिस रोकी।।
सुर महिसुर हरिजन अरु गाई । हमरे कुल इन्ह पर न सुराई ।।
बधे पापु अपकीरति हारें । मारतहूँ पा परिअ तुम्हारे ।।
(1) परशुराम बार-बार अपना कुठार किसे और क्यों दिखा रहे हैं?
(क) राम को भयभीत करने के लिए
(ख) लक्ष्मण को भयभीत करने के लिए
(ग) विश्वामित्र को भयभीत करने के लिए
(घ) महाराज जनक को भयभीत करने के लिए
उत्तर:
(ख) लक्ष्मण को भयभीत करने के लिए
(2) निम्नलिखित पंक्तियों में से किस पंक्ति से लक्ष्मण के शक्तिशाली होने का पता चलता है-
(क) बिहसि लखनु बोले मृदु बानी । अहो मुनीसु महाभट मानी ।।
(ख) पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू । चहत उड़ावन फूँकि पहारू ।।
(ग) देखि कुठारु सरासन बाना । मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।
(घ) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं । जे तरजनी देखि मरि जाहीं।।
उत्तरः
(घ) इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं । तरजनी देखि मरि जाहीं ।।
(3) रघुकुल में किन-किन के प्रति अपनी वीरता का प्रदर्शन नहीं किया जाता है?
(क) देवता, ब्राह्मण, ईश्वर भक्त और गाय पर
(ख) स्त्रियों, बच्चों, ईश्वर भक्त और गाय पर
(ग) देवता, राजा, वीर योद्धा और स्त्रियों पर
(घ) स्त्रियों, बच्चों, राजा और गाय पर
उत्तरः
(क) देवता, ब्राह्मण, ईश्वर भक्त और गाय पर
(4) ‘बिहसि लखन बोले मृदु बानी । अहो मुनीसु महाभट मानी’ यह कथन ………………………. का उदाहरण है।
(क) व्यंग्य का
(ख) हास्य का
(ग) क्रोध का
(घ) वैराग्य का
उत्तर:
(क) व्यंग्य का
(5) उपर्युक्त पद्यांश में लक्ष्मण के चरित्र की कौन-सी विशेषता उजागर होती है?
(क) वीरता
(ख) धैर्य
(ग) शिष्टता
(घ) विनम्रता
उत्तरः
(क) वीरता
प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- [1 × 2 = 2]
(1) ‘दंतुरित मुस्कान’ कविता में कवि को शिशु का धूल-धूसरित शरीर प्रतीत होता है-
(क) स्नान करवाने योग्य ।
(ख) वस्त्र – आभूषण से सजाने योग्य।
(ग) खिले हुए सुंदर कमल के समान
(घ) मिट्टी से सने हुए पौधे के समान
उत्तर:
(ग) खिले हुए सुंदर कमल के समान
(2) संगतकार पाठ के अनुसार संगतकार की मुख्य विशेषता क्या होती है ?
(क) उसकी मानवीयता
(ख) उसकी कलात्मक श्रेष्ठता
(ग) उसकी प्रतिभा प्रदर्शन की आकांक्षा
(घ) उसकी आत्ममुग्धता
उत्तरः
(क) उसकी मानवीयता
खण्ड – ‘ख’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए – [2 × 3 = 6]
(क) क्या आपको नवाब साहब का व्यवहार सामान्य लगा ? क्यों ? युक्तियुक्त उत्तर दीजिए ।
उत्तरः
हमें नवाब साहब का व्यवहार सामान्य नहीं लगा । सर्वप्रथम लेखक के डिब्बे में आने पर नवाब साहब ने उनसे उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया फिर बाद में लेखक को अभिवादन करके उनसे खीरा खाने का आग्रह करने लगे, जिसका कोई औचित्य नहीं था । लेखक द्वारा आग्रह अस्वीकार करने पर उन्होंने अपनी झूठी शान का प्रदर्शन करते हुए खीरों को धोया, छीला और फाँकों को काटकर उन पर जीरा मिला नमक-मिर्च बुरक दिया। इसके पश्चात् उन फाँकों को केवल सूँघकर ट्रेन की खिड़की से बाहर फेंकते गए । नवाब साहब का यह व्यवहार उनके अहंकार, आडंबर और दिखावटी जीवन शैली को प्रदर्शित करता है।
(ख) महानगरों के ‘फ्लैट – कल्चर’ और लेखिका मन्नू भंडारी के ‘पड़ोस कल्चर’ में क्या अंतर दिखाई देता है ? विचार करते हुए लिखिए ।
उत्तरः
आजकल महानगरों के फ्लैट में रहने वाले लोग अत्यंत संकुचित और एकाकी हो गए हैं। किसी भी विपत्ति के समय वे स्वयं को बहुत असहाय और असुरक्षित अनुभव करते हैं । व्यक्ति पास-पड़ोस में सामान्य बातें करने और कुशलता पूछने जैसी परंपराओं को भी भूलता जा रहा है। जबकि लेखिका मन्नू भंडारी के परंपरागत ‘पड़ोस कल्चर’ में पूरा मोहल्ला ही अपने घर जैसा था। सभी परिवारों में पारिवारिक संबंध थे, इस आत्मीय वातावरण में ही बच्चों में पारस्परिक सद्भाव, स्नेह और संस्कारयुक्त सहज जीवन की आधारशिला रखी जाती थी।
(ग) मंगल ध्वनि का क्या अभिप्राय है? बिस्मिल्ला खान को शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक क्यों कहा गया है ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तरः
मांगलिक वातावरण का सृजन करने हेतु बजाई जाने वाली ध्वनि मंगल ध्वनि कहलाती है। शहनाई शुभ, मंगलमय वातावरण का सृजन करने वाला वाद्य है। कृत्रिमता से दूर सहज जीवन जीने वाले, भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ ने सामान्य मांगलिक कार्यों से लेकर देश-विदेश के मांगलिक कार्यक्रमों में शहनाई बजाई थी । उनके मन में बनारस और बाबा विश्वनाथ के प्रति सच्ची आस्था थी। वे लगभग अस्सी वर्षों तक निरंतर रियाज करते हुए खुदा से सच्चे सुर की प्रार्थना करते रहे। उनकी इन्हीं विशेषताओं के आधार पर लेखक ने उन्हें ‘शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक’ कहा है।
(घ) सच्चे अर्थों में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जाता है ? ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर तर्क सहित लिखिए ।
उत्तरः
‘संस्कृति’ पाठ के अनुसार जो व्यक्ति अपनी बुद्धि और विवेक के आधार पर किसी नए तथ्य के दर्शन अर्थात् उसकी खोज करता है, वही वास्तविक ‘संस्कृत’ व्यक्ति है। जिस प्रकार न्यूटन ने सर्वप्रथम गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया था, इसलिए लेखक ने उसे ‘संस्कृत मानव’ कहा है। इसी प्रकार अपनी योग्यता से आग और सुई-धागे की खोज करने वाले भी ‘संस्कृत’ व्यक्ति रहे होंगे।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए- [2 × 3 = 6]
(क) गोपियों ने श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को किन उदाहरणों के द्वारा स्पष्ट किया है?
उत्तरः
श्री कृष्ण के प्रति अपने एकनिष्ठ प्रेम को प्रकट करने के लिए गोपियों ने स्वयं को हारिल पक्षी और श्री कृष्ण को उसकी लकड़ी की भाँति बताया है। गोपियाँ श्री कृष्ण के प्रति मन, वचन और कर्म से पूर्णतया समर्पित हैं । वे हारिल के समान श्री कृष्ण को दृढ़ता से पकड़े हुए हैं। श्री कृष्ण के बिना उनका कोई अस्तित्व नहीं है। वे गुड़ पर चिपकी हुई चींटियों के समान श्री कृष्ण को कभी भी अपने-आप से अलग नहीं होने देना चाहतीं हैं।
(ख) ‘साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है।’ इस कथन पर ‘राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
साहस और शक्ति के साथ यदि व्यक्ति में विनम्रता भी हो तो उसका व्यक्तित्व अद्वितीय हो जाता है। विनम्रता हमें दूसरों का आदर करना सिखाती है व व्यक्ति को सदाचारी व व्यवहार को मधुर बनाती है । विनम्र व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों को आसानी से सँभाल लेता है। जिस प्रकार शिव – धनुष भंग होने के पश्चात् स्वयंवर सभा में उपस्थित परशुराम के क्रोध को जब लक्ष्मण अपनी व्यंग्योक्तियों द्वारा और अधिक बढ़ा देते हैं, तब श्रीराम अपनी विनम्रता और शीतल वचनों द्वारा उन्हें शांत कर परिस्थिति को सँभाल लेते हैं।
(ग) आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है ?
उत्तरः
कवि जयशंकर प्रसाद का मानना है कि आत्मकथा लिखने से उसकी सुप्त पीड़ाएँ जीवंत हो उठेंगी और वह उन कष्टों को याद कर दुखी नहीं होना चाहते। कवि का जीवन संघर्षों से भरा था। वे अपने अभावग्रस्त जीवन के दुखों को स्वयं तक सीमित रखना चाहते हैं इसीलिए ‘अभी समय भी नहीं….’ कहकर कवि आत्मकथा लिखने से बचना चाहता है।
(घ) फसल ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा’ किस प्रकार है ? विचार कीजिए ।
उत्तरः
खेतों में लहलहाती फसलें श्रमशील किसानों के अथक परिश्रम और देखभाल का ही परिणाम हैं। मनुष्य के हाथों के परिश्रम के बिना फसल का उगना और फलना-फूलना संभव नहीं है। खेतों में बीज बोने से लेकर उनकी देखभाल और फसल कटने तक किसान दिन-रात परिश्रम करते हैं, इसीलिए कवि नागार्जुन ने फसल को ‘हाथों के स्पर्श की गरिमा और महिमा’ कहा है।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- [4 × 2 = 8]
(क) ‘माता का प्रेम, पिता के प्रेम की अपेक्षा अधिक गहन होता है । ”माता का अँचल’ पाठ के आधार पर विचार कीजिए ।
उत्तर:
‘माता शिशु को जन्म देती है, इसलिए शिशु का स्वाभाविक रूप से अपनी माँ से अधिक जुड़ाव होता है। माँ का हृदय ममता से परिपूर्ण होता है। वह भावनात्मक रूप से शिशु के साथ जुड़ी होती है। माँ अपने शिशु को नहलाती और सजाती – सँवारती है। उसे अपने हाथ से खाना खिलाए बिना वह संतुष्ट नहीं होती। माँ के आँचल में बच्चा स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है । कोई भी विपदा आने पर माँ का प्यार भरा स्पर्श शिशु को स्नेह एवं सुरक्षा प्रदान करता है। यही कारण था कि भोलानाथ को अपने पिता से अपार स्नेह मिलने के बावजूद विपदा आने पर वह अपनी माँ की गोद में जाकर ही छिपता है ।
(ख) ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ प्रश्न के उत्तर में लेखक क्या कारण बताता है ?
उत्तरः
लेखक के अनुसार जब अपनी व्यक्तिगत अनुभूति को प्रकट करने की उत्कंठा अत्यधिक बलवती हो जाती है तो उसकी आंतरिक विवशता उसे लिखने के लिए बेचैन कर देती है । लेखक स्वयं को जानने के लिए भी लिखता है। कई बार आर्थिक विवशता के वशीभूत होकर अथवा प्रसिद्धि पाने के लिए भी कुछ लेखक लिखते हैं। इसी प्रकार प्रसिद्धि पाने के उपरांत संपादक और प्रकाशक भी लेखक से बार-बार लिखने का आग्रह करते हैं ।
(ग) ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ किस शहर को कहा गया है और क्यों ?
उत्तरः
‘गंतोक’ को मेहनतकश बादशाहों का शहर कहा गया है। मेहनतकश का अर्थ है- कठिन परिश्रम करने वाला । ‘गंतोक’ एक दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र है। यहाँ की स्त्रियाँ अपने शिशुओं को पीठ पर लादकर चाय बागानों में काम करने के साथ- साथ पहाड़ी रास्तों का निर्माण करने और पत्थर तोड़ने जैसे दुष्कर कार्य भी करती हैं। इसी प्रकार वहाँ के बच्चे दुर्गम पहाड़ी रास्तों से स्कूल जाते हैं और लौटने के बाद मवेशी चराने, पानी भरने, लकड़ियों के भारी गट्ठर ढोने तथा घर के अन्य कामों में हाथ बँटाते हैं। अपनी प्रकृति और संस्कृति से प्रेम करने वाले गंतोक के निवासी इतनी विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करने के बाद भी अपने शहर को खूबसूरत बनाने के लिए निरंतर परिश्रम करते रहते हैं।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए- [6 × 1 = 6]
(क) स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव
संकेत बिन्दु-
भूमिका
अमृत महोत्सव का अर्थ
इस महोत्सव में होने वाले समारोह
इस महोत्सव का महत्व निष्कर्ष
उत्तर:
आजादी का अमृत महोत्सव
15 अगस्त, 2022 की भारत के आजादी के स्वर्णिम 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतवर्ष आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है। 12 मार्च, 2021 को महात्मा गांधी जी के नमक सत्याग्रह ( दांडी मार्च ) के 91 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात के साबरमती आश्रम से ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ का शुभारंभ किया, जिसका 75 सप्ताह पश्चात् 15 अगस्त, 2023 को समापन होगा। इस महोत्सव का उद्देश्य नागरिकों के मन में देशभक्ति और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान – भावना जाग्रत कर महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करना है। इस महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों में स्वतंत्रता सेनानियों से सम्बन्धित प्रदर्शनियाँ, साइकिल जत्था, वृक्षारोपण, जुलूस, हस्तशिल्प प्रदर्शनी तथा देश की संस्कृति को दर्शाने वाले अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही इसके लिए एक आत्मनिर्भर इनक्यूबेटर शुरू किया गया जो पारम्परिक कला में शामिल लगभग 40,000 परिवारों की मदद करेगा। इस महोत्सव के द्वारा निश्चय ही हम भारत की स्वतंत्रता की स्वर्णिम गाथा और सांस्कृतिक एकता और अखंडता को विश्व पटल पर दर्शाने में सक्षम हो पाएँगे।
(ख) भाग्य और पुरुषार्थ
संकेत बिन्दु-
भूमिका
आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है
भाग्यवादी व्यक्ति उदासीन रहता है
परिश्रमी व्यक्ति अपने भाग्य को बदल लेता है
निष्कर्ष
उत्तर:
भाग्य और पुरुषार्थ
भाग्य और पुरुषार्थ एक-दूसरे के पूरक हैं। जीवन में सफलता भाग्य से नहीं वरन् कर्म और पुरुषार्थ से मिलती है। आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। कर्म का मार्ग पुरुषार्थ का मार्ग है । कर्मशील व्यक्ति जीवन की विषम परिस्थितियों में भी संघर्ष करते हुए निरंतर सफलता के पथ पर अग्रसर रहते हैं। इसके विपरीत अकर्मण्य अपने भाग्य को दोष देते हुए कर्महीन हो जीवन यापन करते हैं। आलसी व्यक्ति जीवन मार्ग में आने वाली बाधाओं से घबरा जाता है और निराश, उदास और पराश्रित रहता है जबकि परिश्रमी व्यक्ति अपने परिश्रम द्वारा भाग्य को बदल देता है। इतिहास साक्षी है कि पुरुषार्थी व्यक्तियों ने अपने परिश्रम के बल पर असाध्य को साध्य कर दिखाया है । महात्मा गाँधी ने सत्य और अहिंसा के बल पर भारतवर्ष को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराया। अब्राहम लिंकन अपने पुरुषार्थ द्वारा ही अमेरिका के राष्ट्रपति बने । विश्व के अग्रणी देशों के नागरिक भाग्यवादी नहीं पुरुषार्थी हैं । पुरुषार्थी व्यक्ति ही जीवन में यश अर्जित करते हैं । अत: हमें भाग्य के भरोसे अकर्मण्य न रहकर निरंतर पुरुषार्थ करते हुए जीवन में सफलता प्राप्त करनी चाहिए ।
(ग) पर्वतीय स्थल की यात्रा
संकेत बिन्दु-
भूमिका
प्राकृतिक सौंदर्य
यात्रा वर्णन
सांस्कृतिक महत्व
उत्तरः
पर्वतीय क्षेत्र की यात्रा
हमारे देश के खूबसूरत पर्वतीय स्थल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण अनेक देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। पिछले वर्ष ग्रीष्मावकाश में अपने मित्र के आमंत्रण पर मैंने अपने माता-पिता से अनुमति लेकर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला जाने का निश्चय किया। मैं ट्रेन द्वारा प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त घुमावदार रास्तों और सुरंगों से गुजरते हुए शिमला पहुँचा । चारों ओर ऊँची-ऊँची पर्वत श्रृंखलाएँ, उन पर घिरते सुंदर बादल, शीतल सुवासित मंद पवन और देवदार के ऊँचे वृक्ष मन को मोह रहे थे।
मेरा मित्र मुझे स्टेशन पर लेने आया था। घर में सभी ने मेरा हर्षोल्लास से स्वागत किया। शाम को हम दोनों ने वन क्षेत्रों की सैर की। चारों ओर चहचहाते पक्षी और फूलों से आच्छादित मनोरम घाटियाँ थीं। मैंने स्वास्थ्यवर्धक पहाड़ी हवा का भरपूर आनंद लिया । ऊँचे-नीचे पहाड़ी स्थानों पर चलने से हमारा व्यायाम भी हो जाता था । मैंने शिमला में संग्रहालय, अनाडेल मैदान में स्केटिंग रिंग देखा तथा कुफरी, तारा देवी मंदिर और जाखू मंदिर के भी दर्शन किए। उन दिनों शिमला के ‘रिज’ में हिमाचल प्रदेश के लोकनृत्यों, सांस्कृतिक परंपराओं, वेशभूषा और जनजीवन को दर्शाने वाले ‘समर फेस्टिवल’ का आयोजन भी हो रहा था । उसे देखना मेरे शिमला प्रवास का एक अविस्मरणीय अनुभव था।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए। [5 × 1 = 5]
(क) आपका नाम दिशा / दक्ष है। आपकी आयु मतदान करने योग्य हो गई है। आपने मतदाता पहचान-पत्र बनवाने के लिए गरुण ऐप के द्वारा आवेदन कर दिया है। किन्तु काफी समय के बाद भी आपका मतदाता पहचान-पत्र आपको नहीं मिला। मतदाता पहचान-पत्र के वितरण में देरी की शिकायत करते हुए अपने क्षेत्र के बी.एल.ओ. (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) को पत्र लिखिए ।
अथवा
(ख) आपका नाम दिशा / दक्ष है। आप अपने आसपास अनेक अशिक्षित प्रौढ़ों को देखते हैं और उन्हें साक्षर बनाने हेतु कुछ प्रयास करते हैं। इस विषय में जानकारी देते हुए अपने मित्र मानव को पत्र लिखिए ।
उत्तरः
(क) सेवा में,
ब्लॉक लेवल ऑफिसर,
सिकंदरा रोड,
आगरा (उत्तर प्रदेश ) ।
दिनांक ……………………
विषय- मतदाता पहचान-पत्र प्राप्त न होने के संबंध में ।
महोदय,
निवेदन है कि मैं कु. दिशा अ.ब. स. क्षेत्र की निवासी हूँ। मतदान करने योग्य आयु पूर्ण होने पर मैंने गरुण ऐप के माध्यम से दिनांक 25 नवंबर 2022 को सभी औपचारिकताएँ पूर्ण करते हुए अपना मतदाता पहचान-पत्र बनवाने हेतु आवेदन किया था। किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि लगभग छः माह पश्चात् भी मुझे अपना मतदाता पहचान-पत्र प्राप्त नहीं हो सका है।
महोदय, स्थानीय निकाय चुनाव निकट ही हैं। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपया इस संदर्भ में आवश्यक कार्यवाही करते हुए मेरा मतदाता पहचान-पत्र शीघ्र उपलब्ध करवाने की कृपा करें।
सधन्यवाद
निवेदिका
दिशा
म.सं 76,
गली नं 4,
राजीव विहार,
सिकंदरा रोड,
आगरा (उत्तर प्रदेश) ।
मो. 9412XXXXXX
अथवा
(ख) 232, साकेत विहार,
बरेली (उत्तर प्रदेश)
दिनांक …………………..
प्रिय मित्र मानव,
नमस्कार,
आशा है तुम सपरिवार कुशलपूर्वक होगे । मित्र, जैसा कि तुम जानते ही हो कि मेरे निवास स्थान के निकट ही श्रमिकों की कुछ बस्तियाँ हैं, जिनमें अधिकतर श्रमिक निरक्षर हैं। इस बार मैंने अपने ग्रीष्मावकाश में अपने कुछ साथियों के सहयोग से अपनी कॉलोनी सामुदायिक केंद्र में इन प्रौढ़ श्रमिकों के लिए सांध्यकालीन कक्षाओं की व्यवस्था की है, जहाँ ये श्रमिक अपने कार्य-स्थल से लौटने के बाद शिक्षा ग्रहण करने आते हैं । यहाँ उन्हें अक्षर ज्ञान देकर हस्ताक्षर करना सिखाया जाता है।
मित्र, तुम्हें जानकर आश्चर्य होगा कि सभी श्रमिक बहुत उत्साहित हैं और कक्षाओं में इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। मुझे भी इस कार्य से बहुत आत्मिक संतोष मिलता है। तुम भी अपनी किसी ऐसी उपलब्धि के विषय में मुझे अवश्य लिखना। अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम कहना ।
तुम्हारा मित्र
दक्ष
प्रश्न 16.
(क) आपका नाम सुनीता / सुरेश है। आप राजेन्द्र नगर के निवासी हैं। दैनिक समाचार-पत्र से पता चला है कि स्थानीय राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष का पद रिक्त है। आप उक्त पद की योग्यता (बी. लिब. / पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक) को धारण करते हैं । उक्त रिक्त पद हेतु राजकीय माध्यमिक विद्यालय के विद्यालय प्रमुख को आवेदन भेजने हेतु लगभग 80 शब्दों में अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त लिखिए । [5 × 1 = 5]
अथवा
(ख) आपका नाम सुनीता / सुरेश है। आप राजेन्द्र नगर के निवासी हैं। पिछले कुछ दिनों से आपके क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति अव्यवस्थित है। अपने क्षेत्र में अनियमित विद्युत आपूर्ति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए राज्य विद्युत आपूर्ति निगम के महानिदेशक के नाम एक शिकायती ई-मेल लिखिए ।
उत्तरः
(क) सेवा में,
विद्यालय प्रमुख,
राजकीय माध्यमिक विद्यालय,
राजेंद्र नगर ।
दिनांक 15 मार्च, 20XX
विषय – पुस्तकालय अध्यक्ष के रिक्त पद के आवेदन हेतु
महोदय,
निवेदन है कि दैनिक समाचार पत्र ‘अमर उजाला’, दिनांक 8 मार्च, 20XX में दिए गए विज्ञापन के अनुसार आपके विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष के रिक्त पद के आवेदन हेतु मैं अपना स्ववृत्त प्रेषित कर रहा हूँ-
नाम : सुरेश
पिता का नाम: श्री दिनेश चंद्र
माता का नाम: श्रीमती सरोजिनी देवी
जन्मतिथि: 25 अगस्त, 1999
वर्तमान पता : 12/02, घंटाघर चौक, राजेन्द्र नगर
मोबाइल नं. : 9644XXXXXX
ई-मेल पता : [email protected]
शैक्षणिक योग्यता
कार्यानुभव, रुचियाँ एवं अन्य योग्यताएँ: मॉर्डन पब्लिक स्कूल, राजेंद्र नगर में पुस्तकालय अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यानुभव
हिंदी भाषा में दक्षता और अंग्रेजी का कार्यसाधक ज्ञान
नवाचार प्रयोग में रुचि
उपलब्धियाँ – विद्यालय एवं कॉलेज स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त
हस्ताक्षर ………….
दिनांक. ……………….
स्थान. ………………
अथवा
संलग्नक – सभी शैक्षिक एवं अन्य प्रमाण-पत्रों की छायाप्रतियाँ
आशा है आप मेरी योग्यताओं के आधार पर मुझे साक्षात्कार में भाग लेने का अवसर अवश्य प्रदान करेंगे।
सधन्यवाद
सुरेश
अथवा
(ख) From: [email protected]
दिनांक: 27 मार्च, 20XX
To: [email protected]
Subject: अनियमित विद्युत् आपूर्ति के संबंध में शिकायत
महोदय,
निवेदन है कि लगभग एक माह से हमारे क्षेत्र राजेंद्र नगर में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है । कभी बिजली का वोल्टेज बहुत कम हो जाता है तो कभी-कभी पूरी रात के लिए बिजली गायब हो जाती है । इस समय विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएँ चल रही हैं, ऐसे में निरंतर अनियमित विद्युत् आपूर्ति से हमारी पढ़ाई में व्यवधान पड़ रहा है। बहुत लंबे समय तक विद्युत् आपूर्ति बाधित होने से इन्वर्टर भी चार्ज नहीं हो पा रहे हैं।
अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया इस संदर्भ में शीघ्र कार्रवाई करने की कृपा करें।
सधन्यवाद ।
निवेदिका
सुनीता
निवासी – राजेंद्र नगर
मो. 9897XXXXXX
प्रश्न 17.
(क) आप अपना पुराना स्मार्टफोन बेचना चाहते हैं, उससे संबंधित एक आकर्षक विज्ञापन लिखिए । [4 ×1 =4]
अथवा
(ख) आप वीणा / विकास हैं। आपकी छोटी बहन ने विद्यालय की वार्षिक परीक्षा में पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उसे बधाई देते हुए 60 शब्दों में एक संदेश लिखिए ।
उत्तर:
(क)
बहुत कम दामों में अनेक विशेषताओं युक्त (लगभग नए जैसा) नोवा X2 स्मार्ट फोन उपलब्ध है –
विशेषताएँ –
- रंग- नीला
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संपर्क करें- मो. 9645XXXXXX
पता 24, मोहित नगर, नई दिल्ली
अथवा
(ख) बधाई संदेश
सांय – 5:00 बजे
31 मार्च, 20XX
प्रिय सुरभि
वार्षिक परीक्षा में पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। तुमने अपनी इस उपलब्धि से विद्यालय ही नहीं परिवार को भी गौरवान्वित किया है। मुझे विश्वास था कि तुम अवश्य चरम सफलता प्राप्त करोगी। सदैव इसी प्रकार उन्नति के पथ पर प्रशस्त रहो ।
तुम्हारा अग्रज
विकास