Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set with Solutions Set 2 are designed as per the revised syllabus.
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 2 with Solutions
समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड- ‘क’ में वस्तुपरक /बहुविकल्पीय और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
- प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और दोनों खंड़ों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
- यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
- खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
- खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
खण्ड – ‘क’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- शिक्षा दिशाविहीन युवा पीढ़ी को अपने लक्ष्य का बोध कराती है । परन्तु शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, अपितु नैतिक मूल्य उससे भी ऊपर होने चाहिए। आजकल शिक्षा केवल प्रतिद्वंद्विता बढ़ा रही है। आगे बढ़ने के लिए लोग अपने नैतिक सिद्धांत भूलकर कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसी शिक्षा का भी क्या फायदा, यदि उसे पाकर भी युवा वर्ग बेकारी की भट्टी में झुलस रहा हो? ऐसे में न तो खुद का भला किया जा पाएगा, न ही राष्ट्र का । ऐसी स्थिति में असंतोष हृदय में जड़ें जमाने लगता है जिससे आत्महत्या तक के दुखद परिणाम देखने को मिलते हैं। महर्षि अरविंद ने कहा था- “यदि तुम्हें अध्ययन करना है तो मातृभूमि के लिए अध्ययन करो, अपनी देह, मन और आत्मा को उसकी सेवा के योग्य बनाओ, अपनी आजीविका कमाओ इस भावना से कि तुम देश के लिए अपनी शिक्षा का इस्तेमाल कर सको और उसे आगे बढ़ा पाओ ।”
आजकल तो शिक्षा का गलत फायदा उठाया जा रहा है। ऐसा कुछ भी हो जाए जो विद्यार्थियों की सहूलियत के विरुद्ध हो तो समूह के समूह विद्रोहाभास में आक्रोश फैला देते हैं। युवा पीढ़ी में सांस्कृतिक संस्कारों का अभाव है जिनके कारण वे दूसरों को अपने से अलग समझकर उन पर भड़कने लगते हैं, दंगा-फसाद करने लगते हैं।
(1) युवा पीढ़ी दंगे-फसाद क्यों करने लगती है ?
(क) युवा पीढ़ी में अत्यधिक ऊर्जा होती है।
(ख) लोगों के बहकावे में आकर ।
(ग) अपने अधिकारों की रक्षा के लिए।
(घ) सांस्कृतिक संस्कारों का अभाव होने के कारण।
उत्तर:
(घ) सांस्कृतिक संस्कारों का अभाव होने के कारण ।
(2) आजकल शिक्षा क्या कर रही है?
(क) विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का मार्ग दिखा रही है।
(ख) केवल प्रतिद्वंद्विता बढ़ा रही है।
(ग) नैतिक मूल्यों का ज्ञान करा रही है।
(घ) देश का विकास कर रही है।
उत्तरः
(ख) केवल प्रतिद्वंद्विता बढ़ा रही है।
(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) : आज की शिक्षा मुकाबले और प्रतियोगिता की शिक्षा बन रही है।
कारण (R) : आज की स्थिति में शिक्षा पाकर भी युवक बेकार हैं।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(4) ‘आजकल की शिक्षा का उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है’ – इस कथन को पुष्टि देने योग्य विकल्प का चयन कीजिए- कथन
(i) नैतिक मूल्यों की भरमार तथा युवापीढ़ी को उचित दिशादर्शन
(ii) युवापीढ़ी को रोजगार के अवसर तथा मानसिक संतोष
(iii) युवापीढ़ी में सांस्कृतिक संस्कारों का अभाव, दंगा-फसाद तथा अनैतिक रास्तों का चयन
(iv) मातृभूमि के लिए अध्ययन करने का जोश तथा देश की सेवा के लिए शिक्षा का इस्तेमाल
विकल्प
(क) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(ख) कथन (iii) सही है।
(ग) कथन (i) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (ii) सही है ।
उत्तर:
(ख) कथन (iii) सही है।
(5) आगे बढ़ने के लिए लोग क्या कर रहे हैं?
(क) बहुत परिश्रम कर रहे हैं।
(ख) दूसरे लोगों को पीछे छोड़ रहे हैं।
(ग) नैतिक सिद्धांत भूलकर कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं।
(घ) ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं।
उत्तरः
(ग) नैतिक सिद्धांत भूलकर कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)
नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है,
सूर्य चंद्र युग-मुकुट, मेखला रत्नाकर है,
नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारे मंडल हैं,
बंदीजन खग-वृंद, शेषफन सिंहासन है
परमहंस सम बाल्यकाल में सब, सुख पाए,
जिसके कारण धूल भरे हीरे कहलाए,
हम खेले कूदे हर्षयुत, जिसकी प्यार गोद में
हे मातृभूमि! तुझको निरख, मग्न क्यों न हो मोद में
निर्मल तेरा नीर अमृत के सम उत्तम है,
शीतल मंद सुगंध पवन हर लेता श्रम है,
षट्ऋतुओं का विविध दृश्य युत अद्भुत क्रम है,
हरियाली का फर्स नहीं मखमल से कम है,
करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेश की
हे मातृभूमि! तू सत्य ही, सगुण मूर्ति सर्वेश की;
जिसकी रज में लोट-लोटकर बड़े हुए हैं,
घुटनों के बल सरक-सरक कर खड़े हुए हैं,
शुचि-सुधा सींचता रात में तुझ पर चंद्रप्रकाश है
हे मातृभूमि! दिन में तरणि, करता तम का नाश है
जिस पृथ्वी में मिले हमारे पूर्वज प्यारे,
उससे हे भगवान! कभी हम रहें न न्यारे,
लोट-लोट कर वहीं हुदय को शांत करेंगे
उसमें मिलते समय मृत्यु से नहीं डरेंगे,
उस मातृभूमि की धूल में, जब पूरे सन जाएँगे
होकर भव-बंधन-मुक्त हम, आत्मरूप बन जाएँगे।
(क) इस कविता का केंद्रीय भाव है कि
(i) हमें कभी भी मृत्यु से भय नहीं करना चाहिए।
(ii) हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कृतजता प्रकट करनी चाहिए।
(iii) हमें अपने पूर्वजों की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
(iv) हमें पृथ्वी पर पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
उत्तर :
(i) हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए प्रस्तुत कविता का केंद्रीय भाव यह है कि हमें अपनी मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए, क्योंकि हम उसी की गोद में पैदा हुए हैं, उसी की माटी में खेले हैं तथा उसी के संपन्न संसाधनों का हमने उपभोग किया है।
(ख) ‘षट्त्रतुओं का विविध दृश्य युत अद्भुत क्रम है’ से क्या आशय है?
(i) हमारे देश में केवल छ: ऋतुएँ आती हैं
(ii) हमारे देश में अनेक ऋतुओं का सौदर्य अद्भुत है
(iii) हमारे देश में सभी मौसम क्रमानुसार घटते है
(iv) हमारे देश में क्रम से होने वाली छ: ऋतुओं का दृश्य अद्भुत और उत्तम है
उत्तर :
(iv) हमारे देश में क्रम से होने वाली छः ऋतुओं का दृश्य अद्भुत और उत्तम है प्रस्तुत पंक्ति से आशय है कि हमारे देश में छ: ऋतुएँ क्रम से आती हैं-शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शीत ऋतु, वसंत ऋतु, श्रीष्म ऋतु तथा वर्षा ऋतु, जिनके दृश्य अपने समय के अनुसार बहुत ही सुहावने, अद्भुत व मनोरम प्रतीत होते हैं।
(ग) कवि अपना मन किस प्रकार शांत करना चाहता है?
(i) जिस भूमि पर कवि का बचपन बीता था वहाँ रहकर
(ii) जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे उसकी मिट्टी में लोटकर
(iii) हरे-भरे स्थानों पर कुछ दिन निवास कर
(iv) किसी एकांत स्थान पर निवास कर
उत्तर :
(ii) जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे, उसकी मिट्टी में लोटकर प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार, कवि अपना मन, जिस भूमि पर कभी उसके पूर्वज रहते थे, उसकी मिट्टी में लोटकर शांत करना चाहता है। वस्तुतः कवि को अपनी मातृभूमि से बहुत ज्यादा प्रेम है। वह उसकी मिट्टी को मों की गोद के समान समझता है।
(घ) ‘नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर है’ में हरित पट का अर्थ है
(i) चारों ओर फैले हरे-भरे पेड्ड-पौधे
(ii) हवा में लहराते हरे रंग के वस्त्र
(iii) चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती
(iv) नीला वस्त्र पहने कोई सुंदर स्त्री
उत्तर :
(iii) चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती प्रस्तुत पंक्ति में ‘हरित पट ‘ का अर्थ चारों ओर फैली हरियाली से युक्त धरती से है। कवि के अनुसार, उसकी मातृभूमि नीले आसमान रूपी वस्त्र को पहने हुए चारों ओर फैली हरियाली से युक्त है।
(ङ) निम्नलिखित कथन पद्कर सही विकल्प का चयन कीजिए। कवि अपनी मातृभूमि पर बलिहारी होना चाहता है, क्योंकि
1. अपनी मातृभूमि के प्रति अतिशय प्रेम रखता है।
2. अपनी मातृभूमि पर फैली हरियाली को पसंद करता है।
3. अपनी मातृभूमि पर बहने वाली सुगंधित हवा से प्रफुल्लित रहता है।
4. अपनी मातृभूमि को प्रतिक्षण याद करता रहता है। कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 1 और 3 सही हैं
(iv) 1,2,3 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार, कवि अपनी मातृभूमि पर बलिहारी होना चाहता है, क्योंकि वह अपनी मातृभूमि के प्रति अतिशय प्रेम रखता है। वह उसकी सुंदरता पर मुग्ध है। उसने अपना बचपन उसकी गोद में बिताया है तथा उसे अपनी मातृभूमि पर गर्व है।
प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए-
(1) वर्षा रुकते ही बादल छँट गए – संयुक्त वाक्य में बदलिए-
(क) जैसे ही वर्षा रुकी, वैसे ही बादल छँट गए।
(ख) जब वर्षा रुकी तब बादल छँट गए।
(ग) वर्षा रुकी और बादल छँट गए।
(घ) वर्षा रुकने पर बादल छँट गए।
उत्तरः
(ग) वर्षा रुकी और बादल छँट गए।
(2) परिश्रम करने वाले सदैव सफल होते हैं- सही विकल्प बताइए-
(क) सरल वाक्य
(ख) संयुक्त वाक्य
(ग) मिश्र वाक्य
(घ) विधानवाचक वाक्य
उत्तर:
(क) सरल वाक्य
(3) शिक्षक के सामने छात्र शांत रहते हैं – मिश्र वाक्य में रूप होगा-
(क) जब शिक्षक सामने होते हैं, तब छात्र शांत रहते हैं।
(ख) शिक्षक सामने होते हैं और छात्र शांत रहते हैं।
(ग) शिक्षक आते हैं और छात्र शांत हो जाते हैं।
(घ) शिक्षक के आते ही छात्र शांत हो जाते हैं।
उत्तर:
(क) जब शिक्षक सामने होते हैं, तब छात्र शांत रहते हैं ।
(4) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए-
(i) कैसे कहते हो कि विवान नाराज़ नहीं होगा
(ii) तुमने गलत काम किया है इसीलिए तुम सजा के हकदार हो
(iii) जब रोहन घर पहुँचा, तब उसे याद आया कि वह अपनी किताबें गाड़ी में ही भूल आया
(iv) जब तक विध्वंस नहीं होता, तब तक नव- – निर्माण नहीं होता
विकल्प
(क) कथन (i) व (iv) सही हैं।
(ख) कथन (ii) व (iv) सही हैं।
(ग) कथन (i), (iii) व (iv) सही हैं।
(ग) कथन (i), (iii) व (iv) सही हैं।
उत्तर:
(घ) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-
कॉलम 1 | कॉलम 2 |
(1) आप भीतर आइये और इत्मीनान से बैठ जाइये | (i) मिश्र वाक्य |
(2) जिस मनुष्य में दया नहीं, वह जानवर के समान है | (ii) सरल वाक्य |
(3) जापान में चाय पीने की विधि को ‘चा-नो-यू’ कहते हैं | (iii) संयुक्त वाक्य |
विकल्प
(क) 1-iii, 2-1, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-1, 3-iii
(ग) 1-iii, 2-ii, 3-i
(घ) 1-i, 2-iii, 3-ii
उत्तरः
(क) 1-iii, 2-i, 3-ii
प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।
सूची I | सूची II |
A. मैंने हिमालय को सलामी देनी चाही। | 1. कर्तृवाच्य |
B. चिड़ियों से उड़ा नहीं जाता। | 2. कर्मवाच्य |
C. यह लेख मेरी बहन ने लिखा है। | 3. भाववाच्य |
कूट
A B C
(i) 1 2 3
(ii) 2 3 1
(iii) 1 2 3
(iv) 3 2 3
उत्तर :
(ii) A-2, B-3, C-1
(ख) कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) राधा द्वारा बाजार से आम खरीदे गए।
(ii) राधा ने बाजार से आम खरीदे।
(iii) राधा से आम नहीं खरीदे जाते।
(iv) राथा द्वारा आम खरीदे नहीं गए।
उत्तर :
(ii) राधा ने बाजार से आम खरीदे।
(ग) निम्नलिखित में से कर्मवाच्य वाला वाक्य छाँटिए।
(i) यह लेख मेरी माँ ने लिखा है।
(ii) यह लेख मेरी माँ द्वारा लिखा गया है।
(iii) यह लेख मेरे पिता ने लिखा।
(iv) मुझसे लिखा नहीं जाता।
उत्तर :
(ii) यह लेख मेरी माँ द्वारा लिखा गया है।
(घ) दिलीप दौड़ा। (भाववाच्य में परिवर्तित कीजिए।)
(i) दिलीप दौड़कर गया
(ii) दिलीप दौड़ा और गया
(iii) दिलीप से दौड़ा गया
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) दिलीप से दौड़ा गया
(ङ) ‘पतोहू ने आग दी’ इसका कर्मवाच्य होगा।
(i) पतोहू से आग दी जाती थी।
(ii) पतोहू आग देती है।
(iii) पतोहूू द्वारा आग दी जाती है।
(iv) पतोहू द्वारा आग दी गई।
उत्तर :
(iv) पतोहू द्वारा आग दी गई।
प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) लता मंगेशकर सुरीली आवाज की नायिका थी । रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ताकारक
(ग) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक
उत्तरः
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक
(2) हमारा देश प्रगति के मार्ग पर बढ़ रहा है। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) सकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, पूर्ण वर्तमान काल
(ख) अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, अपूर्ण वर्तमानकाल
(ग) अकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, अपूर्ण वर्तमानकाल
(घ) सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, पूर्ण वर्तमानकाल
उत्तरः
(ख) अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, अपूर्ण वर्तमानकाल
(3) यूँ ही कोई प्रधानमंत्री को नहीं मिल सकता। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा ।
(क) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन
(ख) निश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन
(ग) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग, एकवचन
(घ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, बहुवचन
उत्तरः
(क) अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन
(4) सूरज दसवीं कक्षा में पढ़ता है। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) विशेषण, संख्यावाचक, आवृत्तिसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा ‘विशेष्य’
(ख) विशेषण, संख्यावाचक, आवृत्तिसूचक, पुल्लिंग, एकवचन, राकेश ‘विशेष्य’
(ग) विशेषण, निश्चयवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कक्ष ‘विशेष्य’
(घ) विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा ‘विशेष्य’
उत्तरः
(घ) विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कक्षा ‘विशेष्य’
(5) नंदू को हम कल यहीं मिले थे। रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) क्रिया, अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, बहुवचन, कर्तृवाच्य
(ख) क्रियाविशेषण, अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, बहुवचन, कर्तृवाच्य
(ग) क्रियाविशेषण, सकर्मक, पूर्ण भूतकाल, बहुवचन, कर्मवाच्य
(घ) क्रिया, सकर्मक, पूर्ण भूतकाल, बहुवचन, कर्तृवाच्य
उत्तरः
(क) क्रिया, अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, बहुवचन, कर्तृवाच्य
प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) ‘लट-लटकनि मनु मत्त मथुपगन मादक मदहि पिए। इस पंक्ति में अंकार बताइए।
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्पेक्षा प्रस्तुत काव्य पंक्ति में उपमेय ‘लट-लटकनि’ में उपमान ‘मत्त मधुपगन’ की सम्भावना व्यक्त की गई, अतः यहाँ उत्प्रेक्षा – अलंकार है।
(ख) ‘विमलांबरा रजनी वधू, अभिसारिका सी जा रही।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है।
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत काव्य पंक्ति में ‘विमलांबरा’ शब्द के दो भिन्न-भिन्न अर्थ है। रजनी अर्थात् रात्रि के पक्ष में ‘विमलांबरा’ शब्द का अर्थ है-विमल (स्वच्छ) अम्बर (आकाश) वाली तथा अभिसारिका के पक्ष में ‘विमलांबरा’ का अर्थ है-स्वच्छ वस्त्रों वाली। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
(ग) ‘दलन के दशनन ते कमठ करारे फूटे, केश के से पात बिहराने फन सेष के।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है।
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति शिवाजी की सेना के चलने से कछ्छपावतार की पीठ का तड़क जाना और शेषनाग के फनों का केले के पत्तों के समान फट जाना, दिखाया गया है। यह वर्णन बहुत बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है। अतः यहीं अतिशयोक्ति अलंकार है।
(घ) ‘सागर के उर पर नाच करती है, लहरें मधुर गान।’ इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है।
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण सागर की लहरें नाच-गाना कर रही हैं जबकि यह सर्वविदित है कि नाच गाना करना तो मनुष्यों का काम है, लहरों का नहीं। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
(ङ) ‘चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पठ छीन।
मानहु सुरसरिता विमल, जल उछरत जुग मीन।।
इन कवव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्पेक्षा यहाँ घूँघट में सुरसरिता के निर्मल जल की ओर चंचल नयनों में दो उछलती हुई मछलियों की अपूर्व संभावना की गई है। अत: यहाँ उत्पेक्षा अलंकार है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का, जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी – जवानी – जिन्दगी सब कुछ होम देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दु:खी हो गए । पन्द्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुज़रे । कस्बे में घुसने से पहले ही ख्याल आया कि कस्बे की हृदय-स्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा ।’ “क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया। ‘………………….. और कैप्टन मर गया। सोचा आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे।
(1) हालदार साहब दुखी थे, क्योंकि-
(क) कैप्टन मर गया था।
(ख) सुभाष की प्रतिमा की आँखों पर चश्मा नहीं होगा।
(ग) कुछ लोग देश की खातिर अपना सर्वस्व बलिदान कर देने वालों पर हँसते थे।
(घ) वह बहुत व्यस्त थे ।
उत्तर:
(ग) कुछ लोग देश की खातिर अपना सर्वस्व बलिदान कर देने वालों पर हँसते थे।
(2) अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ते हैं-
(क) स्वार्थी और मतलबी लोग
(ख) देशभक्त
(ग) कस्बे में रहने वाले
(घ) देश की खातिर अपना सब कुछ होम कर देने वाले
उत्तरः
(क) स्वार्थी और मतलबी लोग
(3) हालदार साहब कितने दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुजरे ?
(क) बीस दिन बाद
(ख) महीनों बाद
(ग) पंद्रह दिन बाद
(घ) पंद्रह वर्ष बाद
उत्तर:
(ग) पंद्रह दिन बाद
(4) हालदार साहब ने क्या सोचा था ?
(क) मास्टर चश्मा लगाना भूल गया ।
(ख) कैप्टन चश्मे वाला मर गया ।
(ग) कि आज वह मूर्ति की तरफ नहीं देखेंगे।
(घ) कि मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं होगा ।
उत्तर:
(ग) कि आज वह मूर्ति की तरफ नहीं देखेंगे।
(5) ‘हृदयस्थली’ शब्द का अर्थ है-
(क) चौराहा
(ख) हृदय का स्थल
(ग) अत्यंत प्रिय
(घ) हृदय में रहने वाला
उत्तरः
(क) चौराहा
प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि खीरे को काटने से पहले नवाब साहब ने क्या किया?
(i) खीरों को धोया और तौलिए से पोंछा
(ii) खीरों को काटकर झाग निकाला
(iii) खीरों की फांके बनाकर तरीके से तौलिए पर सजाई
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी ‘लखनवी अंदाज’ प्रस्तुत पाठ के आधार पर खीरों को काटने से पहले नवाब साहब ने खीरों को खिड़की से बाहर थोया और तौलिए से पोछा। इसके बाद उन्होंने खीरों को काटकर झाग निकाला और फिर उनकी फॉँके बनाकर तरीके से तौलिए पर सजाते गए।
(ख) भगत जी प्रतिवर्ष गंगा-स्नान के लिए क्यों जाते थे?
(i) गंगा के प्रति अपार श्रद्धा व्यक्त करने के लिए
(ii) पदयात्रा करने के शौक को पूरा करने के लिए
(iii) संत समागम के लिए
(iv) गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त करने के लिए
उत्तर :
(iii) संत समागम के लिए बालगोबिन भगत जी प्रतिवर्ष गंगा स्नान पर संत समागम के लिए जाते थे।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
नाथ संभुधनु भंजनिहारा । होइहि कोउ एक दास तुम्हारा॥
आयेसु काह कहिअ किन मोही । सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही ॥
सेवकु सो जो करै सेवकाई । अरिकरनी करि करिअ लराई ॥
सुनहु राम जेहि सिवधनु तोरा । सहसबाहु सम सो रिपु मोरा ॥
सो बिलगाउ बिहाइ समाजा। न त मारे जैहहिं सब राजा ॥
सुनि मुनिबचन लखन मुसुकाने । बोले परसुधरहिं अवमाने॥
बहु धनुही तोरी लरिकाई । कबहुँ न असि रिस कीन्हि गोसाई ॥
येहि धनु पर ममता केहि हेतू । सुनि रिसाइ कह भृगुकुलकेतू ॥
रे नृपबालक कालबस बोलत तोहि न सँभार ।
धनुही सम त्रिपुरारिधनु बिदित सकल संसार ॥
(1) धनुष के टूट जाने पर श्रीराम ने परशुराम से कहा-
(क) इस धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई दास होगा।
(ख) यह धनुष मैंने तोड़ा है।
(ग) यह धनुष मैंने नहीं तोड़ा है।
(घ) यह धनुष आपके किसी शत्रु ने तोड़ा है।
उत्तर:
(क) इस धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई दास होगा।
(2) श्रीराम के वचनों से परिचय मिलता है-
(क) उनकी विनयशीलता का
(ख) उनकी निर्भयता का
(ग) उनकी सत्यप्रियता का
(घ) इन सभी गुणों का
उत्तरः
(घ) इन सभी गुणों का
(3) ‘सेवकु सो जो करै सेवकाई’ – यह पंक्ति ……… द्वारा कही गई है।
(क) श्रीराम के
(ख) लक्ष्मण के
(ग) परशुराम के
(घ) विश्वामित्र के
उत्तरः
(ग) परशुराम के
(4) परशुराम के अनुसार लक्ष्मण वश में हैं-
(क) श्रीराम के
(ख) मृत्यु के
(ग) विश्वामित्र के
(घ) शिवजी के
उत्तर:
(ख) मृत्यु के
(5) यहाँ प्रयुक्त ‘त्रिपुरारि’ का संधि-विच्छेद होगा-
(क) त्रिपुर + अरि
(ख) त्रि + पुरारि
(ग) त्रिपुरा + रि
(घ) त्रिपु + रारि
उत्तर:
(क) त्रिपुर + अरि
प्रश्न 10.
पाठ्ययुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)
(क) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बताइए कि कवि ने बादलों की तुलना किससे की है?
(i) काले बालों वाली सुंदर युवती से
(ii) रूई से सफेद बालों से
(iii) सुंदर, घुँघराले काले बालों से
(iv) भयंकर दैत्य से
उत्तर :
(iii) सुंदर, घुँघराले काले वालों से ‘उत्साह’ के आधार पर कवि ने बादलों की तुलना सुंदर, काले व घुँघराले बालों से की है।
(ख) संगतकार मुख्य गायक के स्वर की तुलना में अपना स्वर थीमा क्यों रखता है?
(i) मुख्य गायक के प्रति आदर की भावना होने के कारण
(ii) संगीत का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण
(iii) मधुर स्वर का अभाव होने के कारण
(iv) गयन प्रतिभा की कमी होने के कारण
उत्तर :
(i) मुख्य गायक के प्रति आदर की भावना होने के कारण संगतकार मुख्य गायक के स्वर की तुलना में अपना स्वर मुख्य गायक के प्रति आदर की भावना होने के कारण धीमा रखता है।
खण्ड ‘ख’
(वर्णनात्मक प्रश्न)
प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(क) अन्तिम दिनों में मन्नू भंडारी के पिता का स्वभाव शक्की हो गया था, लेखिका ने इसके क्या कारण दिए हैं?
उत्तरः
अन्तिम दिनों में मन्नू भंडारी के पिता का स्वभाव शक्की हो गया था । लेखिका ने इसके कई कारण बताए हैं – उन्हें अपनों के हाथों विश्वासघात मिला, आर्थिक विषम परिस्थितियों के कारण तथा अधूरी महत्वाकांक्षाओं के कारण वे स्वभाव से शक्की हो गए।
(ख) लेखक को नबाव साहब के किन हावभावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नही हैं? विचार करते हुए लिखिए।
उत्तरः
भीड़ से बचकर यात्रा करने के उद्देश्य से जब लेखक सेकंड क्लास के डिब्बे में चढ़ा तो देखा उसमें एक नवाब साहब पहले से बैठे थे लेखक को देखकर नवाब साहब के चिंतन में व्यवधान पड़ा। नवाब साहब की आँखों में असंतोष का भाव उभर आया। उन्होंने लेखक से बातचीत करने की पहल नहीं की, कुछ देर बाद वे डिब्बे की स्थिति को देखने लगे। इन हाव-भावों को देखकर लेखक ने जान लिया कि नवाब साहब उनसे बातचीत करने के इच्छुक नहीं हैं।
(ग) सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ? पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए ।
उत्तरः
सेनानी न होते हुए भी लोग चश्मे वाले को कैप्टन इसलिए कहते थे क्योंकि कैप्टन चश्मे वाले में नेताजी के प्रति अगाध लगाव एवं श्रद्धा भाव था। वह शहीदों एवं देशभक्तों के अलावा अपने देश से उसी तरह लगाव रखता था जैसे कि फौजी व्यक्ति रखते हैं । उसमें देश-प्रेम कूट-कूटकर भरा था। कैप्टन नेताजी को बिना चश्मे के देखकर दुखी होता था ।
(घ) क्या बालगोबिन भगत की मृत्यु को गौरवशाली मृत्यु कहा जा सकता है? युक्तियुक्त उत्तर दीजिए ।
उत्तरः
बालगोबिन भगत का जीवन कबीर को समर्पित था । वे अपनी अन्तिम साँस तक भक्ति-संगीत में लीन रहे । जीवन – पर्यन्त कठिन नियमों का की पालन करते हुए सद्कर्मों में लगे रहे। उनके अन्दर छल-कपट, ईर्ष्या-द्वेष आदि भावनाएँ लेशमात्र भी नहीं थीं । उन्होंने आजीवन न किसी ` वस्तु को छुआ और न ही उसको बिना पूछे व्यवहार में लाये। पूरा जीवन गाते-गाते जिया । अन्त समय में भी गंगा – स्नान करने के बाद गीत गाते हुए ही मृत्यु हुई। जाते-जाते भी वे अपना संगीत बाँटकर गए। इन सभी बातों से सिद्ध होता है कि बालगोबिन भगत की मृत्यु गौरवशाली मृत्यु है।
प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)
(क) जब परशुराम ने शिव थनुष के टूटने और इसे तोड़ने वाले के विषय में पूछा तो श्रीराम ने सीधा उत्तर न देकर यह क्यों कहा कि “हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई सेवक होगा?” ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
श्रीराम परशुराम के क्रोधित स्वभाव से परिचित थे। वे जानते थे कि परशुराम के क्रोध को केवल विनम्रता से ही शांत किया जा सकता है और ऋषि होने के कारण वे त्रुटियों के लिए क्षमा करना भी जानते है। इसी कारण श्रीराम ने उत्तर दिया कि “हे नाथ! शिवजी के धनुष को तोड़ने वाला आपका ही कोई सेवक होगा।”
(ख) ‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादल के किन रूपों की चर्चा की है? स्पष्ट करके लिखिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादलों की ललित कल्पना और क्रांति चेतना जैसे भिन्न-भिन्न रूपों में चर्चा की है। एक ओर तो बादलों को पीडित-प्यासे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बताया गया है तथा दूसरी ओर उन्हें विध्वंस (नष्ट), विप्लव (विद्रोह) और क्रांति चेतना के प्रतीक के रूप में बताया गया है। बादलों को ओज तथा जोश के साथ गरजने को कहा गया है, क्योंकि बादल क्रांति के सूचक हैं। बादलों के हृदय में वज्र के समान विनाश करने का उपकरण निहित है, जो नव सृष्टि के निर्माण में सहायक है।
(ग) ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि ने किस ऋत्रतु का वर्णन किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘अट नहीं रही है ‘ कदिता में कवि ने वसंत ऋतु का वर्णन किया है। वसंत ऋतु की शोभा का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि वसंत ऋतु में प्रकृति की सुंदरता अत्यथिक बढ़ गई है तथा धारों ओर फागुन की शोभा समाई हुई है। इस समय चारों ओर फूल खिलते हैं, फूलों की खुशबू प्रकृति को सुगंधित कर देती है। डालियाँ कहीं लाल तो कहीं हरे फूलों से लदी दिखाई देती हैं।
(घ) आत्मकथा न लिखने के लिए कवि ने क्या कारण बताए हैं? उनमें से किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
आत्मक्था न लिखने के लिए कवि ने निम्नलिखित दो कारणों का वर्णन किया है
1. कवि आत्मक्था कहकर अपने साथ छल-कपट करने वालों का पर्दाफाश करना नहीं चाहता, क्योंकि न तो इससे कवि को लाभ है और न दूसरों को।
2. दुनिया में संवेदनहीन बहुत लोग है, जो दूसरों के दुःखों का मजाक उड़ाते हैं। कवि का जीवन भी अनेक दु:खों से भरा है और वह उनका मजाक बनाना नहीं चाहता।
प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए-
(क) “माता का आँचल” पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस प्रकार भिन्न है? विचार करके लिखिए ।
उत्तरः
नोट: यह उत्तर हर विद्यार्थी की समझ व भावनाओं के आधार पर अलग होगा । पाठ के आधार पर भोलानाथ और उसके साथियों ने टूटे घड़ों, तिनकों, दियासलाइयों और दातूनों आदि से अपने बचपन की दुनिया रची थी, लेकिन वह दुनिया हमारे बचपन की दुनिया से बिल्कुल भिन्न थी । हमारे समय में आधुनिकता का दौर है। इसलिए हमारे पास सुन्दर और बैटरी से चलने वाले खिलौने हैं। मनोरंजन के लिए टी. वी., कम्प्यूटर एवं फिल्में हैं । तथाकथित सुख-सुविधाएँ जुटाने में माता-पिता का स्नेह है।
(ख) एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका है?
उत्तरः
विज्ञान का दुरुपयोग जानलेवा है। एक संवेदनशील नागरिक होने के नाते मेरा कर्त्तव्य है कि मैं समाज को इसकी हानियों के प्रति जागरूक करूँ । इसके लिए हम निबन्ध प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक तथा वाद-विवाद प्रतियोगिताओं व चौपालों को माध्यम बनाकर लोगों तथा किसानों को जागरूक कर सकते हैं। इसके लिए पॉलीथिन का प्रयोग व निर्माण बन्द करने के लिए सरकार से उचित व प्रभावी कदम उठाने के लिए पत्र-व्यवहार कर सकते हैं। किसानों को रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के प्रयोग से होने वाली हानियाँ बताकर, उन्हें इसका प्रयोग न करने के लिए आग्रह करेंगे।
(ग) कृतिकार की ईमानदारी की लेखन में क्या भूमिका होती है ? अज्ञेय जी ने इस ईमानदारी के समक्ष किन लेखकीय विवशताओं का उल्लेख किया है?
उत्तरः
कृतिकार की ईमानदारी की लेखन में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। जब कृतिकार आंतरिक अनुभूति की विवशता से मुक्ति पाने के लिए कुछ लिखता है, तो उसके लेखन में उसकी ईमानदारी अभिव्यक्त होती है। अज्ञेय जी ने इस ईमानदारी के सम्मुख आने वाली अन्य लेखकीय विवशताओं जैसे – संपादकों अथवा प्रकाशक का आग्रह, आर्थिक आवश्यकता, प्रसिद्धि पाने की अभिलाषा आदि लेखकीय विवशताओं का उल्लेख किया है। साथ ही उन्होंने इस प्रकार के दवाब में किए गए लेखन को सामान्य लेखन की श्रेणी में रखा है।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) छात्र असंतोष
संकेत बिंदु – भूमिका
- छात्र असंतोष का प्रभाय
- शिक्षा का महत्व
- राजनीति की शिक्षा से दूरी
उत्तर :
छात्र असंतोष
छात्र असंतोष का आशय है-विद्यार्थियों का वर्तमान शिक्षा एवं शिक्षा प्रणाली से असंतुष्ट होना। विद्यार्थियों की यह असंतुष्टि पाठ्यक्रम, शिक्षण प्रक्रिया अथवा परीक्षा के मापदंड या किसी भी विषय को लेकर हो सकती है। हम कई बार देखते हैं कि कुछ वियार्थियों को उनके पसंदीदा पाठ्यक्रमों अथवा स्थानों में प्रवेश नहीं मिल पाने के कारण भी उनमें असंतोष की भावना घर कर लेती है। असंतोष की यह स्थिति थीरे-धीरे एक बहुत बड़े विद्यार्थी-समूह को अपनी गिरफ़्त में ले लेती है। यह अवस्था बड़ी विकट होती है। पारंपरिक शिक्षा प्राप्त कर उच्च उपाधि प्राप्त करने के पश्चात् भी अधिकतर विच्यार्थी किसी विशेष कार्य के योग्य नहीं होते।
इसके कारण शिक्षित बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। शिक्षा के निजीकरण के कारण उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की संख्या तो बढ़ गई, किंतु इन संस्थानों में विद्यार्थियों का अत्यधिक शोषण होता है। यहाँ शिक्षा के लिए पर्याप्त संसाधनों का भी अभाव होता है। विद्यार्थियों द्वारा विरोध किए जाने पर उन्हें संस्थान से निकाले जाने की धमकी दी जाती है। वर्तमान समय में मानवीय विकास हेतु शिक्षा का विशेष महत्त्च है। समाज एवं देश में समय के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं, इसलिए शिक्षा के उद्देश्य में भी समय के अनुसार परिवर्तन होते हैं। उदाहरण के लिए; वैदिक काल में वेद मंत्रों की शिक्षा को पर्याप्त कहा जाता था, किंतु वर्तमान काल में मनुष्य के विकास के लिए व्यावसयिक शिक्षा पर बल दिया जाना चाहिए। छात्र असंतोष को दूर करने के लिए सबसे पहले देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार कर इसे वर्तमान समय के अनुरूप करना होगा। इसके लिए व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों की स्थापना पर्याप्त संख्या में करनी होगी। इसके अतिरिक्त राजनीति को शिक्षा से दूर रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इन संस्थाओं में शिक्षक एवं कर्मचारी अपनी मनमानी कर विद्यार्थियों का भविष्य नष्ट न कर पाएँ।
(ख) समाज में व्याप्त अंधविश्वास
संकेत बिंदु – भूमिका
- अंधविश्वास की अवधारणा
- अंधविश्वास पर भरोसा
- अंधविश्वास के कारण
उत्तर :
समाज में व्याप्त अंघविश्वास
अंधविश्वास कोई तार्किक विचारधारा नहीं है। किसी भी कार्य के प्रति अतार्किक रूप से लोगों की रूढ़िबद्ध बातों पर विश्वास कर अपने मन में अ्रम उत्पन्न कर लेने का नाम ही अंधविश्वास है। अंधविश्वास एक ऐसी धारणा है, जिसमें लोग अपने ज्ञान व विवेक का प्रयोग नहीं करते, बल्कि अवैज्ञानिक बातों पर विश्वास करने लगते हैं। अंधविश्वास के उदाहरण आज हम अपने आस-पास अनेक रूपों में देख सकते है; जैसे-बिल्ली के रास्ता काटे जाने पर यह सोचना कि आगे कोई दुर्घटना होने वाली है या फिर छत पर काँवे के बोलने पर मेहमान आने का पूर्वानुमान लगा लेना आदि अंधविश्वास संबंदी धारणाओं को ही दर्शाते हैं। भूत-प्रेत, टोना-टोटका, स्वर्ग की प्राप्ति आदि धारणाएँ आज समाज में व्याप्त हैं। अंधविश्वास पर भरोसा करके व्यक्ति रोज़ अपना राशिफल देखकर ही अपना कार्य प्रार्रम करते है। यहाँ तक कि राहु-केतु काल, काल दोष आदि का भय दिखाकर लोगों से पूजा-पाठ करवाने वाले धर्म के ठेकेदारों का व्यापार दिन-दूना रात चौगुना फैलता जा रहा है। यद्यपि आज भी भारत में अनेक प्रकार के अंधविश्वास व्याप्त हैं। इसके अनेक कारण हैं। एक तो यहाँ शिक्षा का प्रसार उतना नहीं हो पाया है, जितना होना चाहिए था तथा कुछ ऐसे अंधविश्वास भी है, जो परंपरा का रूप ले चुके हैं, इसलिए समाज के डर से लोग इसका विरोध नहीं करना चाहते हैं। आज प्रत्येक समझदार एवं ज़िम्मेदार नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि वह अंधविश्वासों की सच्चाई से लोगों को अवगत कराए तथा अंधविश्वास को दूर करके ही एक स्वस्थ एवं प्रगतिशील समाज की रचना करे।
(ग) मुसीबत में ही मित्र की परख होती है
संकेत बिंदु – भूमिका
- अच्छे मित्र के गुण
- आदर्श मित्रों के उदाहरण
- सच्चे मित्र का चुनाव
उत्तर :
मुसीबत में ही मित्र की परख होती है
सामाजिक प्राणी होने के नाते व्यक्ति समाज में विभिन्न सामाजिक संबंधों को स्थापित करता है और विभिन्न सामाजिक संबंधों की अपनी-अपनी मर्यादाएँ होती हैं, परंतु इन सभी मर्यादाओं से परे एक संबंध होता है मित्रता का, जहाँ किसी भी प्रकार की मर्यादा या सीमा संबंधी बंधन नहीं होता। सच्या मित्र नि:स्वार्थी होता है, जो अपने मित्र के कष्टों को देखकर अत्यधिक व्यग्र हो उठता है। सच्चा मित्र अपने मित्र को गलती एवं पा करने से रोकता या बचाता है। उसके गुप्त रहस्यों को छिपाकर रखता है और गुगों को सबके समक्ष उजागर करता है। विपत्ति के समय भी उसके साथ बना रहता है और ऐसे समय में उसकी सहायता भी करता है तथा तन-मन-धन देने में भी कोई संकोच नहीं करता।
सच्चे मित्र आलोचक की भूमिका भी अच्छी प्रकार से निभाते हैं। सच्चे मित्र हमेशा सही मार्ग पर चलने की ही सलाह देते हैं। भारतीय इतिहास आदर्श मित्रों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। कृष्ण-सुदामा, कृष्ण-अर्जुन, कर्ण-दुर्योधन, एम-सुग्रीव, राम-विभीषण, राम-निषादराज गुह आदि की मित्रता इतिहास में प्रसिद्ध है, परंतु आज के मॉतिकवादी युग में सच्चे मिन्र मिलना दुलेभ है। यह सत्य है कि पूर्ण रूप से निर्दोष एवं सर्वगुण संपन्न व्यक्ति कोई भी नहीं होता। प्रत्येक व्यक्ति में कुछ-न-कुछ कमी अवश्य रहती है, इसलिए सोच-समझकर, जाँच-परख कर सच्चे मित्र का चुनाव करना चाहिए, जो विपति में साथ दे वही सच्चा मित्र होता है।
प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
(क) आप रोहित आर्या / रोहिणी शर्मा हैं। मुकुल आपका मित्र है जिसने राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता में स्वर्णपदक प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया है, उसे बधाई देते हुए पत्र लिखिए ।
अथवा
(ख) आप जवाहरपुरी निवासी छात्र / छात्रा हैं। आपके क्षेत्र में बिजली संकट अत्यधिक बढ़ गया है। परीक्षायें निकट हैं। आपके नगर के विद्युत अधिकारी को इस विषय से अवगत कराते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
(क) ए-47, सेक्टर 16,
नोएडा, उत्तर प्रदेश
दिनांक : 15-07-20XX
प्रिय मुकुल,
सस्नेह नमस्कार,
कल के समाचार-पत्र में तुम्हारी शानदार सफलता के विषय में पढ़कर अतीव प्रसन्नता का अनुभव हुआ। तुमने राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता में स्वर्णपदक प्राप्त करके न केवल अपने माता-पिता बल्कि विद्यालय को भी गौरवान्वित किया है। मुझे यह भी ज्ञात हुआ है कि तुम्हारी इस उपलब्धि हेतु तुम्हें विद्यालय के वार्षिक समारोह में राज्य के खेलकूद मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा । नि:संदेह तुम इस सम्मान के अधिकारी हो । कठिन परिश्रम एवं निरंतर अभ्यास द्वारा तुमने अपना लक्ष्य पा ही लिया । मेरे माता-पिता भी तुम्हें आशीर्वाद भेज रहे हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि तुम उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहो । मेरी ओर से अपने माता-पिता को भी बधाई देना । तुम्हारी इस शानदार जीत की मिठाई खाने शीघ्र मिलूँगा ।
तुम्हारा मित्र
रोहित आर्या
अथवा
(ख) मनीष कुमार
22, जवाहरपुरी
कानपुर, उत्तर प्रदेश
दिनांक 19-06-20XX
सेवा में,
विद्युत अधिकारी,
कानपुर, उत्तर प्रदेश
महोदय,
इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान नगर में व्याप्त विद्युत संकट की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ । गत दो माह से इस नगर की विद्युत आपूर्ति में अत्यधिक कटौती की जा रही है। जब-तब बिजली चली जाती है और कई घंटों तक नहीं आती है। महोदय, विद्युत आपूर्ति भंग होने से हम विद्यार्थियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है । हमारी परीक्षाएँ भी निकट ही हैं। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया इस दिशा में उचित कार्यवाही कर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने की कृपा करें ।
भवदीय
मनीष कुमार
प्रश्न 16.
आप दीपक मौर्य हैं। आपने अर्थशास्त्र विषय में अधिस्नातक की डिग्री प्राप्त की है। आप जोधपुर में सांख्यिकी अधिकारी के पद के लिए आवेदन करना चाहते हैं। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप गांगुली क्रिकेट क्लब के प्रबंधक हैं। आपने प्रिया गेम्स एंड स्पोट्स बी संत नगर रतलाम को बॉल और बैट्स का ऑर्डर भेजा था। पंद्रह दिन बाद भी सामान न प्राप्त होने पर फर्म को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त
नाम : दीपक मौर्य
पिता का नाम : राजेंद्र मौर्य
माता का नाम : कविता मौर्य
ज़न्म तिथि : 10.08.19XX
वर्तमान पता : ए-A, भारत नगर, जयपुर
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 014159234XX
मोबाइल नंबर : 9753 X0X000XX
मेल : [email protected]
शैक्षणिक योग्यताएँ
अन्य संयंधित योग्यताएँ
- कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम.एस, ऑफिस, एक्सेल, इंटरनेट), अंग्रेजी भाषा का ज्ञान उपलब्धियों
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय वर्ष 2015) में प्रथम पुरस्कार।
- सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राष्ट्रीय स्तर पर्ष 2019) में प्रथम पुरस्कार।
कार्येत्तर गतिविधियाँ तथा अभिरुचियाँ
- सांखियिकी विभाग (राज्य सरकार) में तीन माह की जनगणना के आँकड़ों को एकत्र करने तथा उनका विश्लेषण करने से संबंधित प्रोजेक्ट किया।
- सामान्य ज्ञान से संबंधित पत्रिकाओं का नियमित पाठन किया
- सामान्य पत्र का नियमित पाठन किय्या।
संदर्भित व्यक्तियों का विवरण
- भ्री पवन सिंघल प्रिंसिपल, राजकीय महाविच्यालय, गणपत नगर
- श्रीमती रागिनी भंडारी प्रोफेसर, राजस्थान महाविद्यालय, जोधपुर
तिथि 5.10.20XX
स्थान जयपुर
दीपक मौर्य
हस्ताक्षर
अथवा
प्रश्न 17.
(क) विद्यालय में वार्षिक खेल दिवस मनाया जाना है जिसमें पुराने विद्यार्थियों और अभिभावकों को आमंत्रित करते हुए विज्ञापन तैयार कीजिए। (लगभग 60 शब्दों में)
अथवा
(ख) आप आयुष / आयुषी हैं। दादाजी की पुण्यतिथि के लिए अपने सम्बन्धी को 60 शब्दों में संदेश लिखिए ।
उत्तर:
(क)
अथवा
संदेश 10 अगस्त, 20XX प्रातः 8:00 बजे आदरणीय फूफाजी आयुष |