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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set with Solutions Set 4 are designed as per the revised syllabus.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions

समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80

सामान्य निर्देश:

  1. इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड- ‘क’ में वस्तुपरक /बहुविकल्पीय और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  2. प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और दोनों खंड़ों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  3. यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  4. खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  5. खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

खण्ड – ‘क’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- प्रजातंत्र के तीन मुख्य अंग हैं – कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका । प्रजातंत्र की सार्थकता एवं दृढ़ता को ध्यान में रखते हुए और जनता के प्रहरी होने की भूमिका को देखते हुए मीडिया (दृश्य, श्रव्य और मुद्रित) को प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में देखा जाता है। समाचार-माध्यम या मीडिया को पिछले वर्षों में पत्रकारों और समाचार-पत्रों ने एक विश्वसनीयता प्रदान की और इसी कारण विश्व में मीडिया एक अलग शक्ति के रूप में उभरा है।

कार्यपालिका और विधायिका की समस्याओं, कार्य-प्रणाली और विसंगतियों की चर्चा प्रायः होती रहती है और सर्वसाधारण में विशेष चर्चा के विषय रहते ही हैं। इसमें समाचार-पत्र, रेडियो और टी.वी. समाचार अपनी टिप्पणी के कारण चर्चा को और बढ़ाने में योगदान करते हैं, पर न्यायपालिका अत्यंत महत्वपूर्ण होने के बावजूद उसके बारे में चर्चा कम ही होती है। ऐसा केवल अपने देश में ही नहीं, अन्य देशों में भी कमोबेश यही स्थिति है ।

स्वराज-प्राप्ति के बाद और एक लिखित संविधान के देश में लागू होने के उपरांत लोकतंत्र के तीनों अंगों के कर्त्तव्यों, अधिकारों और दायित्वों के बारे में जनता में जागरूकता बढ़ी है । संविधान निर्माताओं का उद्देश्य रहा है कि तीनों अंग परस्पर ताल-मेल से कार्य करेंगे। तीनों के पारस्परिक सम्बन्ध भी संविधान द्वारा निर्धारित, फिर भी समय के साथ-साथ कुछ समस्याएँ उठ खड़ी होती हैं। आज लोकतंत्र यह महसूस करता है कि न्यायपालिका में भी अधिक पारदर्शिता हो, जिससे उसकी प्रतिष्ठा और सम्मान बढ़े। ‘जिस देश में पंचों को परमेश्वर मानने की पंरपरा है, वहाँ न्यायमूर्तियों पर आक्षेप दुर्भाग्यपूर्ण है।
(1) गद्यांश के आधार पर बताइए कि मीडिया के कितने अंग हैं?
(क) दृश्य
(ख) श्रव्य
(ग) मुद्रित
(घ) ये तीनों
उत्तर:
(घ) ये तीनों

(2) प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ क्या है ?
(क) मीडिया
(ख) कार्यपालिका
(ग) न्यायपालिका
(घ) विधायिका
उत्तरः
(क) मीडिया

(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए—
कथन (A) : मीडिया को प्रजातंत्र का चौथा स्तम्भ माना जाता है ।
कारण (R) : प्रजातंत्र को सार्थक और दृढ़ बनाने में मीडिया का सहयोग है।
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

(4) कार्यपालिका और विधायिका के मुकाबले महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी:
कथन पढ़कर निम्नलिखित सही विकल्प चुनिए-
कथन
(i) लोकतंत्र में न्यायपालिका की चर्चा कम होती है।
(ii) न्यायपालिका में विश्वसनीयता और पारदर्शिता नहीं रही।
(iii) न्यायपालिका को प्रतिष्ठा और सम्मान ढल चुका है।
(iv) न्यायमूर्तियों को परमेश्वर माना जा रहा है।
विकल्प
(क) कथन (i) व (ii) सही हैं।
(ख) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(ग) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (i) व (iv) सही हैं।
उत्तर:
(ख) कथन (ii) व (iii) सही हैं।

(5) जनता में अधिकारों और दायित्वों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में किसका योगदान है?
(क) राजनेताओं का
(ख) अभिनेताओं का
(ग) मीडिया का
(घ) न्यायपालिका का
उत्तर:
(ग) मीडिया का

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

चींटियाँ अंडे उठाकर जा रही हैं,
और चिड़ियाँ नीड़ को चारा दबाए,
धान पर बछड़ा रँभाने लग गया है,
टकटकी सूने विजन पथ पर लगाए,
थाम आँचल, थका बालक रो उठा है,
है खड़ी माँ शीश का गट्ठर गिराए,
बाँह दो चमकारती-सी बढ़ रही है,
साँझ से कह दो बुझे दीपक जलाए।

शोर डैनों में छिपाने के लिए अब,
शोर माँ की गोद जाने के लिए अब,
शोर घर-घर नींद रानी के लिए अब,
शोर परियों की कहानी के लिए अब,
एक मैं ही हूँ कि मेरी साँझ चुप है,
एक मेरे दीप में ही बल नहीं है,
एक मेरी खाट का विस्तार नभ-सा,
क्योंकि मेरे शीश पर आँचल नहीं है।

(क) कवि को सर्वधिक दुःख है कि
(i) उसकी माँ नहीं है।
(ii) चिड़ियों का घोंसला नहीं है।
(iii) चीटियाँ अंडे उठाकर जा रही हैं।
(iv) ये सभी
उत्तर :
(i) उसकी माँ नहीं है कवि को माँ के नहीं होने का सर्वाधिक दुःख है। वस्तुतः सभी प्राणियों के बच्चों को उनकी मीं के साथ देखकर कवि को अपनी मों याद आ रही है।

(ख) काव्यांश में किसके प्रति प्रेम अभिव्यक्त किया गया है?
(i) जानवरों के प्रति
(ii) प्रकृति के विभिन्न जीवों का अपनी संतानों के प्रति
(iii) चीटियों के प्रति
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) प्रकृति के विभिन्न जीवों का अपनी संतानों के प्रति काव्यांश में प्रकृति के विभिन्न जीवों का अपनी संतानों के प्रति प्रेम अभिव्यक्त किया गया है; जैसे-चींटियाँ अपने अंडों को उठाकर ले जा रही हैं।

(ग) काव्यांश के आधार पर बताइए कि थका हुआ बालक क्या कर रहा है?
(i) माँ की गोद के लिए रो रहा है
(ii) चीटियों के लिए रो रहा है
(iii) अंडों के लिए रो रहा है
(iv) खाना खाने के लिए रो रहा है
उत्तर :
(i) माँ की गोद के लिए रो रहा है काव्यांश में बताया गया है कि थका हुआ बालक अपनी माँ की गोद के लिए रो रहा है।

(घ) प्रस्तुत काव्यांश के आधार पर बताइए कि किसके बीच गहरा संबंध होता है?
(i) माँ एवं संतान के बीच
(ii) माँ एवं अंडों के बीच
(iii) माँ एवं चीटियों के बीच
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) माँ एवं संतान के बीच प्रस्तुत काब्यांश में बताया गया है कि माँ एवं संतान के बीच इतना गहरा संबंध होता है कि दोनों एक-दूसरे के अभाव में स्वर्य को अधूरा महसूस करते हैं।

(ङ) कथन (A) कवि को लगता है कि एक उसी की साँझ चुप है।
कारण (R) कवि के पास माँ नहीं है।
(i) कथन A गलत है, किंतु कारण R सही है।
(ii) कथन A और कारण R दोनों गलत हैं।
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है।
(iv) कथन A और कारण R दोनों सही हैं, परंतु कारण R कथन A की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर :
(iii) कथन A और कारण R दोनों सही हैं तथा कारण R कथन A की सही व्याख्या है कवि के पास माँ नहीं है, उसी के कारण कवि को लगता है कि उसी की साँझ चुप है।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के
(1) वह घर गया और काम आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- लग गया – सरल वाक्य में बदलिए-
(क) वह घर जाते ही काम में लग गया।
(ख) जैसे ही वह घर पहुँचा, काम में लग गया।
(ग) वह घर गया ताकि काम में लग सके।
(घ) काम करने के लिए वह घर चला गया।
उत्तरः
(क) वह घर जाते ही काम में लग गया।

(2) सड़क पार करता हुआ व्यक्ति बस से टकराकर मर गया – मिश्र वाक्य में बदलिए-
(क) वह व्यक्ति सड़क पार कर रहा था और बस से टकराकर मर गया ।
(ख) जो व्यक्ति सड़क पार कर रहा था, वह बस से टकराकर मर गया ।
(ग) वह व्यक्ति मर गया जो सड़क पार करते हुए बस से टकरा गया था।
(घ) वह व्यक्ति बस से टकरा गया और मर गया जो सड़क पार कर रहा था।
उत्तरः
(ख) जो व्यक्ति सड़क पार कर रहा था, वह बस से टकराकर मर गया ।

(3) परिश्रम करने से छात्र जीवन में सफल होते हैं- संयुक्त वाक्य में बदलिए-
(क) परिश्रम करने वाले छात्र जीवन में सफल होते हैं।
(ख) जीवन में सफल होने वाले छात्र परिश्रम करते हैं ।
(ग) छात्र परिश्रम करते हैं इसलिए वे जीवन में सफल होते हैं।
(घ) यदि छात्रों को जीवन में सफल होना है तो परिश्रम करना ही पड़ेगा ।
उत्तर:
(ग) छात्र परिश्रम करते हैं इसलिए वे जीवन में सफल होते हैं।

(4) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए-
(i) ये घर मेरी माताजी और पिताजी ने मेहनत से बनाया है ।
(ii) नेताजी ने कहा कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा ।
(iii) यह वही शहर है जिसे पिंक सिटी कहा जाता है।
(iv) जब तक उसे इस बात का पता नहीं था तब तक वह निश्चित था । विकल्प
(क) कथन (i) व (iii) सही हैं।
(ख) कथन (i), (ii) व (iii) सही हैं।
(ग) कथन (ii), (iii) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (i) सही है ।
उत्तर:
(ग) कथन (ii), (iii) व (iv) सही हैं।

(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-

कॉलम 1 कॉलम 2
(1) अगर वह वक्त पर पहुँचता तो उसे गाड़ी मिल जाती (i) मिश्र वाक्य
(2) ये मेरा कमरा है और वह मेरे भैया का कमरा है (ii) सरल वाक्य
(3) बच्चा रो-रोकर सो गया (iii) संयुक्त वाक्य

विकल्प
(क) 1-iii, 2-i, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-i, 3-iii
(ग) 1-iii, 2-ii, 3-i
(घ) 1-i, 2-iii, 3-ii
उत्तर:
(घ) 1-i, 2-iii, 3-ii

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।

सूची I सूची II
A. उसने मेहनत की और वह सफल हुआ। 1. भाववाच्य
B. जो मेहनत करता है वह सफल होता है। 2. कर्तृवाच्य
C. मेहनती लोग सफल होते हैं। 3. कर्मवाच्य

कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 2 1 3
(iii) 3 2 1
(iv) 3 1 2
उत्तर :
(iv) A-3, B-1, C-2

(ख) इनमें से भाववाच्य का उदाहरण है
(i) मेरे द्वारा गर्मी में सोया नहीं जाएगा।
(ii) मुझसे इस गर्मीं में सोया नहीं जा सकता।
(iii) मैं इस गर्मी में नहीं सोऊँगा।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(ii) मुझसे इस गर्मी में सोया नहीं जा सकता।

(ग) इनमें से कर्मवाच्य का उदाहरण है
(i) बालक ने खाना खाया।
(ii) बालक से खाया नहीं जाता।
(iii) बालक द्वारा खाना खाया गया।
(iv) बालक खाना खाता है।
उत्तर :
(iii) बालक द्वारा खाना खाया गया।

(घ) “माली ने पौधा लगाया।” इसका कर्मवाच्य होगा
(i) माली को पौधा लगाना था।
(ii) माली से पौधा लगवाया जा सकता था।
(iii) माली द्वारा पौधा लगाया गया।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) माली द्वारा पौधा लगाया गया।

(ङ) ‘नौकर द्वारा घर की सफाई की जाती है।’ इसका कर्तृवाच्य होगा
(i) नौकर घर की सफाई करता है।
(ii) नौकर से घर की सफाई कराई गई।
(iii) नौकर को घर की सफाई करनी चाहिए।
(iv) नौकर द्वारा घर की सफाई की गई।
उत्तर :
(i) नौकर घर की सफाई करता है।

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) उस मंजर को देख सब हक्के-बक्के रह गए – रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा –
(क) सार्वनामिक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग
(ख) सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग
(ग) सार्वनामिक विशेषण, बहुवचन, अन्यपुरुष
(घ) सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, अन्यपुरुष
उत्तरः
(घ) सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, अन्यपुरुष

(2) मैं तुम्हारे लिए जरूर दुआ करूँगी – रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, उत्तम (प्रथम) पुरुष, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्मकारक
(ख) पुरुषवाचक संज्ञा, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक
(ग) पुरुषवाचक सर्वनाम, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक
(घ) पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम (प्रथम) पुरुष, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक
उत्तरः
(घ) पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम (प्रथम) पुरुष, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक

(3) काला गुलाब भी कभी होता है? रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) संख्यावाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेषण
(ख) गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेषण का विशेष्य
(ग) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेषण
(घ) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, गुलाब विशेषण का विशेष्य
उत्तर:
(ग) गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, गुलाब विशेष्य का विशेषण

(4) मैं जर्मन भाषा पढ़ सकता हूँ- रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल
(ख) अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचन, भविष्य काल, . कर्मवाच्य
(ग) सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल
(घ) सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्मवाच्य, वर्तमानकाल
उत्तरः
(क) सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल

(5) शुक्ल पक्ष में चाँद निरंतर बढ़ता है – रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा ।
(क) अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, भूतकाल, एकवचन, अन्यपुरुष
(ख) अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, एकवचन, पुल्लिंग
(ग) सकर्मक क्रिया, कर्मवाच्य, वर्तमान काल, बहुवचन, पुल्लिंग
(घ) सकर्मक क्रिया, कर्मवाच्य, वर्तमान काल, बहुवचन, स्त्रीलिंग
उत्तरः
(ख) अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, एकवचन, पुल्लिंग

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)
(क) “डार दुम पलना बिछौना नव पल्लव के, सुमन झिगूला सोहै तन छवि भारी दे।” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्त्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iii) मानवीकरण बसंत को कामदेव का पुत्र बताकर सुंदर अभिव्यंजना की गई है। प्रकृति पर मानवीय आरोप किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

(ख) “दादुर थुनि चहुँ दिशा सुहाई, वेद पढ़हि जनु बटु समुदाई।” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्त्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अविशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्रेक्षा यहाँ मेंढकों की आवाज (उपमेय) में ब्रह्मचारी समुदाय द्वारा वेद पढ़ने की संभावना प्रकट की गई है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(ग) “जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े हीरों में गोल नीलम है जड़ें।” इस काव्य-पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्रेक्षा इस काव्य-पंक्ति में बड़े-बड़े नेत्रों (उपमेय) में नीलम (उपमान) के होने की कल्पना की जा रही है। अतः यहाँ उत्मेक्षा अलंकार है।

(घ) “पी तुमहारी मुख बास तरंग आज बौरे भौरे सहकार।” इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्र्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष प्रस्तुत पंक्ति में बौरे शब्द के दो अर्थ हैं पहला भौरे के लिए मस्त प्रतीत होना तथा दूसरा अर्थ है आम के प्रसंग में प्रतीत होना यहाँ आम के मंजरी निकलना बताया गया है। अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।

(ङ) ‘बाँधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों में, मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।’ इन काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार है
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति इन काव्य-पंक्तियों में चॉद का मुख से, काली जंजीर का बालों से तथा मणिवाले फणियों से मोती भरी मोग का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन किया गया है। अतः यहॉं अतिशयोक्ति अलंकार है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
पर यह सब तो मैंने केवल सुना। देखा, तब तो इन गुणों के भग्नावशेषों को ढोते पिता थे। एक बहुत बड़े आर्थिक झटके के कारण वे इंदौर से अजमेर आ गये थे जहाँ उन्होंने अपने अकेले के बलबूते और हौसले से अंग्रेजी – हिन्दी शब्दकोश (विषयवार ) के अधूरे काम को आगे बढ़ाना शुरू किया, जो अपनी तरह का पहला और अकेला शब्दकोश था । इसने उन्हें यश और प्रतिष्ठा तो बहुत दी, पर अर्थ नहीं और शायद गिरती आर्थिक स्थिति ने ही उनके व्यक्तित्व के सारे सकारात्मक पहलुओं को निचोड़ना शुरू कर दिया। सिकुड़ती आर्थिक स्थिति के कारण और अधिक विस्फारित उनका अहं उन्हें इस बात तक की अनुमति नहीं देता था कि वे कम-से-कम अपने बच्चों को तो अपनी आर्थिक विवशताओं का भागीदार बनाएँ। नवाबी आदतें, अधूरी महत्वाकांक्षाएँ, हमेशा शीर्ष पर रहने के बाद हाशिए पर सरकते चले जाने की यातना क्रोध बनकर हमेशा माँ को कँपाती – थरथराती रहती थी । अपनों के हाथों विश्वासघात की जाने जैसी गहरी चोटें होंगी वे जिन्होंने आँख मूँदकर सबका विश्वास करने वाले पिता को बाद के दिनों में इतना शक्की बना दिया था कि जब-तब हम लोग भी उसकी चपेट में आते ही रहते।

(1) लेखिका के पिता कौन-से भग्नावशेषों को ढो रहे थे ?
(क) प्राचीन वैभव के
(ख) रूढ़िवादी विचारों के
(ग) महलों के खंडहर के
(घ) टूटे-फूटे भवनों के
उत्तर:
(क) प्राचीन वैभव के

(2) लेखिका के पिताजी इंदौर से अजमेर क्यों आ गये थे ?
(क) सामाजिक परिस्थितियों के कारण
(ख) आर्थिक चोट के कारण
(ग) तबादला होने के कारण
(घ) राजनीतिक संगठनों के कारण
उत्तरः
(ख) आर्थिक चोट के कारण

(3) लेखिका के पिता के क्रोध का क्या कारण था ?
(क) नवाबी आदतें
(ख) अधूरी महत्वाकांक्षाऐं
(ग) शीर्ष पर रहने के बाद हाशिये पर चले जाना
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः
(घ) उपर्युक्त सभी

(4) विस्फारित का क्या अर्थ है ?
(क) संकुचित
(ख) विकसित
(ग) फैला हुआ
(घ) फूला हुआ
उत्तर:
(ग) फैला हुआ

(5) लेखिका के पिता ने किस शब्दकोष की रचना की ?
(क) अंग्रेजी-उर्दू
(ख) संस्कृत-हिन्दी
(ग) अंग्रेजी-हिन्दी
(घ) जर्मन-हिन्दी
उत्तरः
(ग) अंग्रेजी – हिन्दी

प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)

(क) कैष्टन के चरित्र द्वारा लेखक ने किसे स्मरण करने का प्रयास किया है?
(i) देशहित के लिए कार्य करने वाले देशभक्तों को
(ii) चौराहे पर पान बेचने वाले को
(iii) चश्मे वाले और सैनिकों को
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) देशहित के लिए कार्य करने वाले देशमक्तों को कैष्टन के चरित्र द्वारा लेखक ने देशहित के लिए कार्य करने वाले देशभक्तों को स्मरण करने का प्रयास किया है।

(ख) ‘लखनवी अंदाज्र’ पाठ के आधार पर एब्ट्ट्रेव्ट कहा गया है
(i) नवाब साहब द्वारा खीरे के उपयोग करने के तरीके को
(ii) लेखक द्वारा खीरा खाने की इच्छा को
(iii) नवाब साहब द्वारा नवाबी दिखाने को
(iv) लेखक द्वारा आत्मसम्मान बनाए रखने को
उत्तर :
(i) नवाब साहब द्वारा खीरे के उपयोग करने के तरीके को ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर नवाब साहब द्वारा खीरे के उपयोग करने के तरीके को एब्ट्रेक्ट कह्ता गया है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
हरि हैं राजनीति पढ़ि आए।
समुझी बात कहत मधुकर के, समाचार सब पाए ।
इक अति चतुर हुते पहिलैं ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए ।
बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी, जोग – सँदेस पठाए ।
ऊधौ भले लोग आगे के, पर हित डोलत धाए ।
अब अपनै मन फेर पाइहैं, चलत जो हुते चुराए ।
ते क्यौं अनीति करैं आपुन, जे और अनीति छुड़ाए।
राज धरम तौ यहै ‘सूर’, जो प्रजा न जाहिं सताए ॥

(1) गोपियों ने राजनीति का प्रकांड पंडित किसे कहा है?
(क) उद्धव को
(ख) ब्रज के लोगों को
(ग) श्रीकृष्ण को
(घ) मथुरा के लोगों को
उत्तर:
(ग) श्रीकृष्ण को

(2) गोपियों ने पहले के लोगों को भला बताया है, क्योंकि-
(क) वे परोपकारी होते थे।
(ख) वे किसी को योग-संदेश नहीं देते थे ।
(ग) वे गोपियों के प्रति संवेदना रखते थे ।
(घ) वे किसी को कष्ट नहीं देते थे।
उत्तर:
(क) वे परोपकारी होते थे।

(3) गोपियों के अनुसार सच्चा राजधर्म क्या है?
(क) प्रजा के साथ अन्याय करना
(ग) प्रजा को सताया न जाना
(ख) प्रजा के हित का ध्यान न रखना
(घ) प्रजा की रक्षा न करना
उत्तरः
(ग) प्रजा को सताया न जाना

(4) ‘गुरु ग्रंथ’ किसने पढ़ लिया है?
(क) उद्धव ने
(ख) गोपियों ने
(ग) ब्रजवासियों ने
(घ) श्रीकृष्ण ने
उत्तरः
(घ) श्रीकृष्ण ने

(5) पद में निहित अनुप्रास अलंकार का उदाहरण पहचानिए-
(क) अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए
(ख) समाचार सब पाए
(ग) बढ़ी बुद्धि जानी जो
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः
(घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 10.
पाठ्यपुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)

(क) ‘आत्मकथ्य’ पाठ के आधार पर बताइए कि ‘गागर रीति का अर्थ है
(i) खाली कटोरा
(ii) खाली घड़ा
(iii) खाली जमीन
(iv) खाली डब्या
उत्तर :
(ii) खाली घड़ा गागर रीति का अर्थ खाली घड़ा है।

(ख) ‘अट नहीं रही है’ कविता की प्रमुख विशेषता क्या है?
(i) इसमें कवि ने प्रकृति का मानवीकरण किया है
(ii) फागुन माह के अद्वितीय सौंदर्य का वर्णन किया है
(iii) प्रकृति की कोमलता व मनोहरता का जीवंत चित्रण किया है
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी ‘अट नहीं रही है’ कविता की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें कवि ने प्रकृति का मानवीकरण, फागुन माह के अद्वितीय सौंदर्य का वर्णन और प्रकृति की कोमलता व मनोहरता का जीवंत चित्रण किया है।

खण्ड – ‘ख’
(वर्णनात्मक प्रश्न)

प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों लिखिए-
(क) सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ?
उत्तर:
सेनानी न होते हुए भी लोग चश्मेवाले को कैप्टन इसलिए कहते थे क्योंकि कैप्टन चश्मेवाले में नेताजी के प्रति अगाध श्रद्धा भाव था। वह एक सच्चा देशभक्त था और अन्य देशभक्तों को सम्मान देता था ।

(ख) खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तरः
बालगोबिन भगत, बेटा पतोहू से युक्त परिवार, खेतीबारी और साफ-सुथरा मकान रखने वाले गृहस्थ थे। फिर भी उनका आचरण साधुओं जैसा था, ये सदैव खरी बातें कहते। वे असत्य नहीं बोलते थे, वे व्यर्थ में किसी से झगड़ा नहीं करते थे, वे अत्यंत साधारण वेशभूषा में रहते थे और अपनी उपज को कबीर पंथी मठ पर चढ़ावे के रूप में देते थे। वहाँ से जो कुछ प्रसाद रूप में मिलता था, उसी में परिवार का निर्वाह करते थे। इस प्रकार के व्यवहार के कारण लोग उन्हें साधु कहते थे।

(ग) लेखक अपनी आदत के अनुसार नवाब साहब के विषय में क्या सोचने लगा ?
उत्तरः
लेखक अपनी आदत के अनुसार नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण उनके बारे में सोचने लगा। उसने सोचा कि नवाब साहब ने एकदम अकेले यात्रा करने का अनुमान लगाते हुए सेकंड क्लास का टिकट लिया होगा । अकेले यात्रा का समय काटने के लिए खीरे खरीदे होंगे, परन्तु अब लेखक जैसे भद्र व्यक्ति के सामने खीरा खाने में उन्हें संकोच हो रहा होगा ।

(घ) उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ के लिए इस धरती पर सबसे बड़ी जन्नत कहाँ पर है? और क्यों ? पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तरः
उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ के लिए इस धरती पर शहनाई एवं काशी से बढ़कर कोई जन्नत नहीं है। उन्हें काशी से बहुत लगाव है। वे काशी, गंगा मैया, बाबा विश्वनाथ तथा बालाजी मंदिर को छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहते। उनका मानना है कि जिस ज़मीन ने उन्हें तालीम दी, जहाँ से उन्हें अदब मिला, उससे बढ़कर उनके लिए अन्य कोई स्थान नहीं है।

प्रश्न 12.
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 8 = 6)

(क) परशुराम के क्रोध करने पर राम की जो प्रतिक्रिया हुई. उसके आधार पर उनकी विशेषताएँ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
परशुराम द्वारा क्रोध करने पर श्रीराम द्वारा की गई प्रतिक्रिया से उनके स्वभाव की जो विशेषताएँ उद्धटित होती हैं, वे निम्न हैं
(i) राम विनम्र और शांत स्वभाव के हैं।
(ii) राम ऋषि-भुनियों की आज्ञा का पालन करना जानते हैं। उनके मन में बड़ों के प्रति आदर और शद्धा का भाव है।

(ख) कवि ने बादलों को किस आकांक्षा को पूरा करने वाला बताया है? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर :
कवि ने बादलों को गर्मी से पीड़ित-प्यासे जन की आकांक्षा को पूरा करने वाला तथा नई कल्पना और नए निर्माण के लिए क्रांति को संभव करने वाला बताया है। इस प्रकार बादल प्राणियों के जीवन में नई आशा और उत्साह का संचार करते हैं।

(ग) हर कार्य क्षेत्र में ऐसे सहायक मौजूद रहते हैं, जिन्हें कार्य की पूर्णता पर ही खुशी मिलती है। ‘संगतकार’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
हर कार्यक्षेत्र में ऐसे सहायक या संगतकार रहते हैं, जिन्हें कार्य की पूर्णता पर ही वुशी मिलती है। वे अपने लिए कुछ नहीं चाहते हैं। ‘संगतकार’ कविता मुख्य गायक के साथ गाने वाले, साथ देने वाले, शिष्य-परंपरा निभाने वाले उस छोटे गायक पर लिखी है, जो अपनी कमजोर, पतली व काँपती आवाज में मुख्य गायक का साथ देकर अपने धर्म का निर्वहन करता है। मनुष्यता और मानवीयता के मार्ग पर चलता है।

(घ) ‘फसल’ कविता के अनुसार फसल पैदा करने में किस-किस का सहयोग होता है और कैसे?
उत्तर :
लहलहाती फसल को पैदा करने में प्रकृति और मनुष्य दोनों का ही पारस्परिक सहयोग होता है। इसलिए कवि कहता है कि फसल को पैदा करने में केवल एक-दो नदियाँ ही नहीं, अपितु अनेक नदियाँ अपना जल देकर उसकी सिंचाई करती है। उसमें केवल एक-दो मनुष्यों का ही नहीं, अपितु लाखों-करोड़ों मनुष्यों का परिश्रम मिलता है और उसमें केयल एक-दो खेतों का ही नहीं, अपितु हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण-धर्म मिलता है।

प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए-
(क) ‘माता का अँचल’ पाठ में माता-पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
माता-पिता अपने बच्चे भोलानाथ को अत्यधिक प्रेम करते हैं। पिता सवेरे उठकर बालक भोलानाथ को उठाकर उसे नहलाकर तिलक करके पूजा पर बिठाते थे । भोलानाथ को गंगा किनारे अपने कंधे पर बिठाकर खिलाने ले जाते थे । कभी-कभी उसको रिझाने के लिए उसके साथ कुश्ती भी करते । खाना खिलाते समय माता तरह-तरह की कहानियाँ सुनाती ताकि भोलानाथ अधिक खाना खा ले । साँप दिखने पर जब भोलानाथ बेतहाशा भागकर माँ की गोद में आ छिपता है तो माँ का चिंतित होना उसके वात्सल्य को दर्शाता है ।

(ख) मैं क्यों लिखता हूँ? यह प्रश्न बड़ा सरल जान पड़ते हुए भी कठिन क्यों है?
उत्तर:
मैं क्यों लिखता हूँ? यह प्रश्न बड़ा सरल लगता है, लेकिन यह प्रश्न बड़ा कठिन है, क्योंकि इसका सच्चा उत्तर लेखक के आन्तरिक जीवन के स्तरों से सम्बन्ध रखता है। आन्तरिक जीवन के स्तरों को संक्षेप में कुछ वाक्यों में बाँधकर प्रस्तुत कर देना आसान नहीं है। केवल इतना संभव है कि कुछ विषयों को व्यक्त कर दिया जाए। अतः यह प्रश्न कठिन है।

(ग) जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?
उत्तर:
जितेन नार्गे में कुशल गाइड के सभी गुण विद्यमान हैं। सबसे बड़ा गुण उसका यह है कि वह ड्राइवर-कम-गाइड ज्यादा है। वह आवश्यकता पड़ने पर ड्राइवर की भूमिका बड़ी आसानी से निभा सकता है। एक कुशल गाइड को अपने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की जानकारी के साथ-साथ महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक स्थानों तथा उससे जुड़े रोचक प्रसंगों की बारीक जानकारियाँ होनी चाहिए। कुशल गाइड में सहनशीलता होनी चाहिए। उसे गीत – संगीत में भी रुचि होनी चाहिए। जिससे वह पर्यटकों का मनोरंजन कर सके । कुशल गाइड में मानवीय संवेदनाओं को समझने की शक्ति एवं वाक्चातुर्य होने का गुण भी होना चाहिए। उसमें अपनत्व की भावना होनी चाहिए। एक कुशल गाइड का मृदुभाषी होना भी अत्यन्त आवश्यक है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।

(क) शिक्षा का अधिकार
संकेत बिंदु

  • भूमिका/शिक्षा की अवधारणा
  • वर्तमान शिक्षा की श्रेणियाँ
  • शिक्षा का अधिकार कानून
  • माध्यमिक शिक्षा का महत्त्व

उत्तर :
शिक्षा का अधिकार
शिक्षा को मानव समाज में उच्च प्राथमिकता प्राप्त है, क्योंकि किसी भी देश की विकास प्रक्रिया का यह एक अभिन्न अंग है। शिक्षा के द्वारा ही हम अपना और समाज का विकास कर सकते हैं। वर्ष 2002 में संविधान के 86 वें संशोधन द्वारा अनुच्छेद 21 A के भाग 3 द्वारा 6-14 वर्ष तक के सभी बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया था। इसे प्रभावी बनाने के लिए 4 अगस्त, 2009 को लोकसभा में यह अधिनियम पारित कर दिया गया तथा 1 अप्रैल, 2010 से इसे लागू कर दिया गया। वर्तमान समय में शिक्षा मुख्यतः तीन श्रेणियों में संपन्न होती है-प्राथमिक, माध्यमिक तथा उथ्य एवं विश्वविद्यालयी शिक्षा। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण श्रेणी माध्यमिक शिक्षा की होती है, क्योंकि इस सीमा को पार करने के उपरांत ही कोई विश्वविद्यालयी शिक्षा की ओर बढ़ सकता है। अतः माध्यमिक शिक्षा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है। माध्यमिक शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए ही हमारे देश में माध्यमिक स्तर की शिक्षा निःशुल्क प्रदान करके इसे लाभकारी बनाने का प्रयत्न किया गया है। शिक्षा पद्धति में राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सुधार के लिए अनेक योजनाओं का क्रियान्ययन किया जा रहा है। समाज में शोषित वर्गो; जैसे-महिलाओं, पिछड़े पर्वतीय क्षेत्रों आदि में रहने वाले लोगों के लिए हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा के विशेष कार्यक्रम, जानकारी और कुश्शता बढ़ाने के लिए सतत शिक्षा के कार्यक्रम आदि ‘इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय’ के अंतर्गत प्रारंभ किए हैं। भारत के सुंदर भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा का समुचित र्वस्थ वातावरण तैयार किज्या जाए, जहाँ शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ युवा अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं का विकास कर अपनी क्षमता का उपयोग देश के विकास में कर सकें।.

(ख) परउपदेश कुशल बहुतेरे
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • क्थनी से करनी श्रेष्ठ
  • उपदेश देना मनुष्य की प्रवृत्ति
  • व्यक्ति के आचरण का प्रभाव

उत्तर :
परउपदेश कुशल बहुतेरे
मनुष्य अपने स्वभाव के अधीन होता है। स्वभाव को परिवर्तित करना अत्यंत कठिन होता है और मनुष्य का स्वभाव है कि वह लोभ, ईर्ध्या, i द्वेष, क्रोध जैसी सामान्य वृत्तियों से स्वयं को मुक्त नहीं कर पाता। इन्हीं में से एक वृत्ति दूसरों को निईथक उपदेश देने की है। वह जिस आचरण का पालन स्वयं नहीं करता, वैसा आचरण करने के लिए दूसरों को सुझाव देता रहता है।
दूसरों को उपदेश देना बहुत सरल कार्य है। यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि मनुष्य उपदेश देने की प्रवृत्ति में अत्यधिक रुचि रखता है। दूसरों को नसीहत देना कहीं-न-कहीं यह दर्शाता है कि नसीहत या उपदेश देने वाले व्यक्ति के मस्तिष्क में वे बातें गहरी बैठी हुई हैं। वह एक ज्ञानी के रूप में जिस आचरण का समर्थन करता है, उसी आचरण का अपने जीवन में पालन नहीं कर पाता, क्योंकि उसके ज्ञान पर उसकी कामुकता, लिप्ताएँ, सांसारिक सुख-सुविधाएँ आदि अत्यधिक हावी होती है। सामान्यतया अधिकांश व्यक्तियों की स्थिति ऐसी ही होती है। वास्तव में उपदेश देने का अधिकार उसी व्यक्ति को है, जो स्वयं भी उन उपदेशों का अपने जीवन में पालन करता हो। व्यक्ति जो बात बोल रहा है वह केवल दूसरों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वय के ऊपर भी लागू होती है। उसी व्यक्ति का उपदेश प्रभावी होता है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होता। एक विचारक का कथन है-“सौ मन भाषण से एक कण आचरण श्रेष्ठ होता है। “जो व्यक्ति केवल बातें ही करते हैं, उपदेश ही देते हैं, आचरण नहीं करते उनकी बातों का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं होता और जो ब्यक्ति अपने विचारों के अनुरूप आचरण करते हैं, उनसे सभी प्रभावित होते हैं। जो व्यक्ति आचरण को महत्त्व देता है, स्वयं भी अपने उपदेशों का पालन करता है, वह नैतिक रूप से साहसी होता है। नैतिक रूप से साहसी व्यक्ति ही अपने उपदेशों पर दृढ़ता से स्थिर रह सकता है।

(ग) मेरे जीवन का लक्ष्य
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • लक्ष्य चुनने का कारण
  • मेरे जीवन का लक्ष्य
  • अध्यापकों की भूमिका

उत्तर :
मेरे जीवन का लक्ष्य
यदि हमारे जीवन में जीने का कोई कारण नहीं होगा, कोई महत्त्वाकांक्षा नहीं होगी, कोई लक्ष्य नहीं होगा, तो हमारा जीवन भी व्यर्थ होगा। इसलिए सफलता के लिए हमारे जीवन का कोई-न-कोई लक्ष्य अवश्य होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी-अपनी रचि, अपनी-अपनी आकांक्षाएँ होती हैं। उन्हीं के अनुसार मनुष्य अपना जीवन-लक्ष्य निर्धारित करता है।

मेरे जीवन का भी एक निर्धारित लक्ष्य है। मैं एक आदर्श शिक्षक बनना चाहता हूँ। अध्यापक बनकर भावी भारत का भार उठाने तथा समर्थ नागरिकों का निर्माण ही मेरी महत्त्वाकांक्षा है। आज में ऐसे अनेक शिक्षकों को देखता हैं, जो शिक्षा का सच्या मूल्य नहीं समझते। वे मात्र धन कमाना ही अपने जीवन का उद्देश्य मान बेठे हैं। वे भूल गए हैं कि अध्यापक का कार्य बड़ा पवित्र और महान है। एक अच्छा शिक्षक ही अच्छे राष्ट्र की नींव रख सकता है। आध्यापक स्वय शिक्षा का केंद्र होता है। वह अपने शिष्यों को भी योग्य बनाकर उनके हृदय में ज्ञान की ज्योति प्रज्यलित कर सकता है। में शिक्षक बनकर ज्ञान के प्रकाश से जन-जन के मन में व्याप्त अंधकार को दूर करना चाहता हूँ। में भावी पीढ़ी में यह भाव भी जाग्रत करना चाहता हूं कि वे भगयान से यह प्रार्थना करें ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् है प्रभु! मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।

अध्यापक ही राष्ट्र की भावी पीढ़ी के जीवन को बनाते, सँवारते एवं सुधारते हैं। वे दुनिया से अज्ञान का अँधेरा दूर कर चारों ओर ज्ञान का प्रकाश फैलाते है। वे घन की कामना से दूर रहकर नि:स्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करते है। छात्रों में छिपी शक्ति को विकसित करना और उन्हें देश-सेवा के लिए तैयार करना कोई सामान्य बात नहीं है। मैं अध्यापक बनकर उन्हें स्वावलंबन, सेवा, सादगी, स्वाभिमान, अनुशासन और स्वच्छता का पाठ पढ़ाऊँगा। विवेकारंद बनने के लिए रामकृष्ण परमहंस जैसे गुरु की आवश्यकता होती है। भाव यह है कि चरित्रवान शिक्षक ही छात्रों में चरित्र बल का विकास कर सकता है। यदि मेरी यह इच्छा पूर्ण हुई, तो में अपना जीवन सार्थक समझूँगा।

प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए।
(क) आप नरेला नई बस्ती की एक सामाजिक संस्था के / की सचिव हैं । ‘कन्या भ्रूण हत्या नारी गरिमा पर प्रहार है।’ इस बात की ओर संकेत करते हुए स्थानीय अस्पताल के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी का ध्यान आकर्षित करते हुए इस पर कड़े कदम उठाने के लिए निवेदन करते हुए पत्र लिखिए ।

अथवा

(ख) आप नितिन / नीति हैं । आपका मित्र विद्यालय की ओर से विदेश जाने के लिए चुना गया है। मित्र को बधाई देते हुए उन्हें शुभकामनाएँ दीजिए और उन्हें प्रतियोगिता की तैयारी जी-जान से करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए पत्र लिखिए ।
उत्तर:
(क) परीक्षा भवन
दिनांक : 24-07-20XX
मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी,
सत्यवादी चिकित्सालय,
नरेला नई बस्ती,
दिल्ली ।

मान्यवर,
मैं नरेला निवासी आपका ध्यान पिछले कुछ समय में कन्या भ्रूण हत्याओं में हो रही वृद्धि की ओर दिलाना चाहता हूँ। भारत में यह समस्या एक विकराल रूप धारण कर चुकी है जो नारी गरिमा पर एक प्रहार है।

यह कैसी विडम्बना है, कि जो नारी नर की जननी है फिर भी पुरुष उसे जन्म ही नहीं लेने देता। एक तरफ धार्मिक रूप में हम नारी की दुर्गा रूप में पूजा करते हैं तो दूसरी तरफ इसे गर्भ में ही मार देते हैं। यह अत्यंत निंदनीय अपराध है।

एक जागरूक नागरिक होने के नाते मैं आपसे अनुरोध करता हूँ, कि इस अपराध को रोकने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाए जाएँ। लोगों को जागरूक भी किया जाए। हम आपके सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
भवदीय
सचिव- जन जागरण समिति
नरेला नई बस्ती
दिल्ली ।
98XXXXXXXX

अथवा

(ख) परीक्षा भवन
दिल्ली।
दिनांक: 29-09-20XX
प्रिय मित्र अतुल,
सादर नमस्कार ।

कल ही तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। पढ़कर अति प्रसन्नता हुई कि विद्यालय की ओर से तुम्हें विदेश जाने के लिए चुना गया है। इस बात को पढ़कर मुझे इतनी खुशी हुई जिसका वर्णन शब्दों में नहीं हो सकता। मित्र मैं प्रारम्भ से कहता था कि, मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती । तुमने जी-जान से पढ़ाई की तथा अन्य गतिविधियों में भी अपना पूर्ण समय दिया । तुम्हारी मेहनत रंग लाई और तुम्हें विदेश जाने के लिए चुन लिया गया।

अतुल इस खुशी को प्राप्त करके आगे मेहनत करना मत भूलना। आगे भी सभी प्रतियोगिताओं में तुम्हें सफलता प्राप्त करने हेतु अथक परिश्रम करने की आवश्यकता है। तुम्हारी मेहनत व विश्वास तुम्हें हर क्षेत्र में सफलता देंगे। शेष सब कुशल है अपने माता-पिता को मेरा चरण स्पर्श कहना ।
तुम्हारा प्रिय मित्र
नितिन

प्रश्न 16.
आप माँगीलाल कुमार हैं। आप 12 वीं पास कर चुके हैं। आपको आदर्श विद्या मंदिर स्कूल अ ब स नगर में चपरासी पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्वतृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप मोहिनी दूबे हैं। आपका टेलीफोन नेटवर्क एक सप्ताह से सही काम नहीं कर रहा है। इससे संबंधित शिकायत करने हेतु भारत संचार निगम लिमिटेड को लगभग 80 शब्दों में ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत्त –
नाम : माँगीलाल कुमार
पिता का नाम : आ रामसहाय कुमार
माता का नाम : श्रीमती पद्मा देवी
जन्म तिथि : 19 जुलाई, 19XX
वर्तमान पता : ए-22, सेक्टर-3, बज विहार आगरा 3000XX
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0115468XX
मोबाइल नंबर : 78XXXXXX
ई-मेल : [email protected]

शैक्षणिक योग्यताएँ

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 for Practice 1

अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • बागवानी में योग्यता म्राप्त
  • हिंदी भाषा का ज्ञान

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • श्री सौरभ अग्रवाल, आर. के. विद्यालय के प्रधानाध्यापक

तिथि : 6.10.20XX
स्थान : आगरा

हस्ताक्षर
माँगीलाल कुमार

अथवा

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 9 for Practice 2

प्रश्न 17.
(क) आपकी बड़ी बहन ने गर्मी की छुट्टियों में नृत्य सिखाने का संस्थान ‘कत्थक केन्द्र’ खोला है। उसके प्रचार-प्रसार हेतु एक विज्ञापन लगभग 60 शब्दों में तैयार कीजिए ।

अथवा

(ख) अपने मित्र को उसके जन्मदिन की बधाई देते हुए लगभग 60 शब्दों में संदेश लिखिए ।
उत्तर:
(क)
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 4 with Solutions 1

अथवा
(ख)

बधाई संदेश

16-8-20XX

प्रात: 11:30 बजे

प्रिय तनिष्क,

जन्मदिन की ढेर सारी बधाई । ‘तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हों पचास हजार ।’ ईश्वर तुम्हें स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि, यश, बुद्धि और प्रतिष्ठा प्रदान करें। तुम दीर्घायु हो और जीवन में चरम उन्नति प्राप्त करो ।

सोमिल

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