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CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 5 with Solutions

Students must start practicing the questions from CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set with Solutions Set 5 are designed as per the revised syllabus.

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 5 with Solutions

समय: 3 घंटे
पूर्णांक: 80

सामान्य निर्देश:

  1. इस प्रश्न-पत्र में दो खंड हैं-खंड ‘क’ और खंड ‘ख’। खंड- ‘क’ में वस्तुपरक /बहुविकल्पीय और खंड-‘ख’ में वस्तुनिष्ठ/ वर्णनात्मक प्रश्न दिए गए हैं।
  2. प्रश्न-पत्र के दोनों खंडों में प्रश्नों की संख्या 17 है और दोनों खंड़ों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  3. यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार लिखिए।
  4. खंड ‘क’ में कुल 10 प्रश्न हैं, जिनमें उपप्रश्नों की संख्या 44 है। दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 40 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  5. खंड ‘ख’ में कुल 7 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं। निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

खण्ड ‘क’
(बहुविकल्पीय / वस्तुपरक प्रश्न)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए- अपने इतिहास के अधिकांश कालों में भारत एक सांस्कृतिक इकाई होते हुए भी पारस्परिक युद्धों से जर्जर होता रहा है। यहाँ के कुछ शासक अपने शासनकाल में धूर्त एवं असावधान थे । समय-समय पर यहाँ दुर्भिक्ष, बाढ़ तथा प्लेग के प्रकोप होते रहे, जिससे सहस्रों व्यक्तियों की मृत्यु हुई। जन्मजात असमानता की मान्यता धर्मसंगत मानी गई, जिसके फलस्वरूप नीच कुल के व्यक्तियों का जीवन अभिशाप बन गया। इन सबके होते हुए भी हमारा विचार है कि पुरातन संसार के किसी भी भाग में मनुष्य के मनुष्य से तथा मनुष्य के राज्य से ऐसे सुंदर एवं मानवीय सम्बन्ध नहीं रहे हैं।

किसी भी अन्य प्राचीन सभ्यता में गुलामों की संख्या इतनी कम नहीं रही जितनी भारत में और न ही ‘अर्थशास्त्र’ के समान किसी प्राचीन ग्रंथ ने मानवीय अधिकारों की इतनी सुरक्षा की है। मनु के समान किसी अन्य प्राचीन स्मृतिकार ने युद्ध में न्याय के ऐसे उच्चादर्शों की घोषणा भी नहीं की है। भारत के युद्ध के इतिहास में कोई भी ऐसी कहानी नहीं जिसमें नगर के नगर तलवार मृत्यु के घाट उतारे गए हों अथवा शांतिप्रिय नागरिकों का सामूहिक वध किया गया हो । असीरिया के बादशाहों की भयंकर क्रूरता जिसमें वे अपने बंदियों की खालें खिंचवा लेते थे, प्राचीन भारत में पूर्णत: अप्राप्य है । नि:संदेह कहीं-कहीं क्रूरता एवं कठोरतापूर्ण व्यवहार था, परन्तु अन्य संस्कृतियों की अपेक्षा नगण्य था । हमारे लिए प्राचीन सभ्यता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता उसकी मानवीयता है ।

(1) मानव अधिकारों की सुरक्षा का क्या प्रमाण है?
(क) दास प्रथा को प्रश्रय देना ।
(ख) शांतिप्रिय लोगों का वध करना ।
(ग) चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र ।
(घ) जन्मजात असमानता को धर्मसंगत मानना ।
उत्तर:
(ग) चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र |

(2) भारत में जन्मजात असमानता की मान्यता धर्मसंगत मानी गई, जिसके कारण-
(क) नीच कुल का समझे जाने वाले लोगों का जीवन अभिशाप बन गया।
(ख) देश का विकास हुआ।
(ग) लोगों में समानता की भावना विद्यमान रही।
(घ) समाज में प्रेम-भाव पनपा ।
उत्तर:
(क) नीच कुल का समझे जाने वाले लोगों का जीवन अभिशाप बन गया ।

(3) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
कथन (A) : इतिहास में जन्मजात असमानता को धर्मसंगत मान्यता मिलना
कारण (R) : नीच कुलीन व्यक्तियों का जीवन अभिशाप बनना
(क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है ।
(ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।

(4) हमारी प्राचीन सभ्यता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता उसकी मानवीयता है – इस कथन की प्रमाणिकता सिद्ध करने योग्य कारण- कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथन
(i) भारत के युद्ध के इतिहास में बादशाहों का बन्दियों के साथ अमानुष बर्ताव और शासकों की असावधानी
(ii) समय-समय पर दुर्भिक्ष, बाढ़ तथा प्लेग के प्रकोप और पारस्परिक युद्धों से आने वाली जर्जरता
(iii) तुलनात्मक प्राचीन सभ्यता में दिखने वाली गुलामों की कमी तथा अर्थशास्त्र में बताई गए मानवीय अधिकारों के सुरक्षा उपाय
(iv) अर्थशास्त्र के माध्यम से युद्ध में न्याय के उच्चादर्शों की घोषणा तथा असीरिया में पाई गई क्रूरता की प्राचीन भारत में अप्राप्यता विकल्प
(क) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(ख) कथन (iii) व (iv) सही हैं।
(ग) कथन (i) व (iv) सही हैं।
(घ) कथन (iii) सही है।
उत्तरः
(घ) कथन (iii) सही है।

(5) कमजोर और जर्जर राष्ट्र होने के बावजूद भारत अन्य देशों से किस दृष्टि से भिन्न था ?
(क) यहाँ गुलामों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक थी
ख) यहाँ मानवीय अधिकारों की सुरक्षा की गई।
(ग) यहाँ शांतिप्रिय नागरिकों का वध किया जाता था।
(घ) युद्ध में शत्रु के साथ अन्याय का प्रावधान था ।
उत्तरः
(ख) यहाँ मानवीय अधिकारों की सुरक्षा की गई।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांशों पर आधारित बहुविकल्पीय/वस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

पूर्व चलने के बटोही, बाट की पहचान कर ले।
पुस्तकों में है नहीं छापी गई इसकी कहानी,
ज्ञात होता है न इसका भेद् औरों की जबानी।
अनगिनत राही गए इस राह से, उनका पता क्या,
पर गए कुछ लोग इस पर छोड़ पैरों की निशानी,
यह निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है,
खोल इसका अर्थ पंथी, पंथ का अनुमान कर ले।
यह बुरा है या कि अच्छा व्यर्थ दिन इस पर बिताना,
जब असंभव, छोड़ यह पथ दूसरे पर पग बढ़ाना,
तू इसे अच्छा समझ यात्रा सरल इससे बनेगी,
सोच मत केवल तुझे ही यह पड़ा मन में बिठाना,
हर सफल पंथी यही विश्वास ले इस पर बढ़ा है,
तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले।
है अनिश्चित किस जगह पर सरित गिरि गह्नर मिलेंगे
है अनिश्चित किस जगह पर बाग वन सुंदर खिलेंगे,
किस जगह यात्रा खत्म हो जाएगी यह भी अनिश्चित,
है अनिश्चित, कब सुमन, कब कंटकों के शर मिलेंगे,
कौन सहसा छूट जाएँगे, मिलेंगे कौन सहसा,
आ पड़े कुछ भी, रुकेगा तू न, ऐसी आन कर ले।

(क) प्रस्तुत काव्यांश के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए

1. मनुष्य को अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए।
2. मनुष्य को दूसरों के अनुभव के आधार पर मार्ग तय करना चाहिए।
3. मनुष्य को अन्य पथिकों का अनुसरण करना चाहिए।
4. मनुष्य को यात्रा सरल बनाने के लिए पथ पर विश्राम करना चाहिए।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 1,2 और 4 सही हैं
(iv) 1 और 2 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव यह है कि मनुष्य को किसी भी तरह के पथ पर चलने से पहले अपने पथ की पहचान स्वयं करनी चाहिए।

(ख) प्रस्तुत काव्यांश में ‘बाट की पहचान’ से क्या तात्पर्य है?
(i) लक्ष्य की पहचान
(ii) दिशा की पहचान
(iii) ज्ञान की पहचान
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) लक्ष्य की पहचान प्रस्तुत काव्यांश में बाट की पहचान से तात्पर्य लक्ष्य की पहचान करना है।

(ग) काव्यांश के आथार पर बताइए कि पुस्तकों में किसकी कहानी नहीं मिलती?
(i) जीवन रूपी मार्ग में क्या-क्या सुख आएंगे
(ii) क्या-क्या बाधाएँ आएँगी
(iii) कौन-सा लक्ष्य जीवन के लिए श्रेष्ठ होगा
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी काव्यांश के आधार पर पुस्तकों में जीवन रूपी मार्ग में क्या-क्या सुख-दुख आएँगे, क्या बाधाएँ आएँगी और कौन-सा लक्ष्य जीवन के लिए श्रेष्ठ होगा इनकी कहानी नहीं मिलती।

(घ) ‘तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले’ पंक्ति में ‘तू’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(i) मनुष्य के लिए
(ii) राही के लिए
(iii) चित्त के लिए
(iv) संघर्षों के लिए
उत्तर :
(i) मनुष्य के लिए ‘तू इसी पर आज अपने चित्त का अवधान कर ले’ पंक्ति में ‘तू’ शब्द मनुष्य के लिए प्रयुक्त हुआ है।

(ङ) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए अपने लक्ष्य का भेद स्वयं ही खोजना पड़ता है, क्योंकि
1. इसके बारे में ज्ञान पुस्तकों से नहीं मिलता।
2. मार्ग कठिनाइयों से होकर गुजरता है।
3. लोग आपस में ईर्ष्या रखते हैं।
4. मार्ग में सुंदर जगह देखने को मिलती है।
कूट
(i) केवल 1 सही है
(ii) 2 और 3 सही हैं
(iii) 4 और 1 सही हैं
(iv) 2 और 4 सही हैं
उत्तर :
(i) केवल 1 सही है मनुष्य को अपने लक्ष्य का भेद स्वयं ही खोजना पड़ता है, क्योंकि इसके बारे में ज्ञान पुस्तकों में नहीं मिलता।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (1) मोदी जी ने भाषण दिया और लोगों ने तालियाँ बजाईं – मिश्रित वाक्य बनाइए-
(क) मोदीजी के भाषण देने पर लोगों ने तालियाँ बजाईं।
(ख) जैसे ही मोदीजी ने भाषण दिया, लोगों ने तालियाँ बजाईं।
(ग) लोगों ने तालियाँ बजाईं, क्योंकि मोदीजी भाषण दे रहे थे।
(घ) मोदी जी भाषण दे रहे थे और लोग तालियाँ बजा रहे थे ।
उत्तरः
(ख) जैसे ही मोदीजी ने भाषण दिया, लोगों ने तालियाँ बजाईं।

(2) यदि वह तेज दौड़ता तो गाड़ी मिल जाती – संयुक्त वाक्य बनाइए –
(क) वह तेज दौड़ता तो गाड़ी मिल जाती
(ख) वह तेज नहीं दौड़ा, इसलिए गाड़ी छूट गई
(ग) गाड़ी पकड़ने के लिए उसे तेज दौड़ना था ।
(घ) यद्यपि वह तेज दौड़ा, फिर भी उसे गाड़ी नहीं मिली ।
उत्तरः
(ख) वह तेज नहीं दौड़ा, इसलिए गाड़ी छूट गई

(3) यह वही व्यक्ति है, जिसने चोरी की थी- सरल वाक्य बनाइए-
(क) जिसने चोरी की थी, यह वही व्यक्ति है ।
(ख) यह जो व्यक्ति है वह चोर भी है।
(ग) इसी व्यक्ति ने चोरी की थी।
(घ) चोरी करने वाला व्यक्ति यही है ।
उत्तरः
(ग) इसी व्यक्ति ने चोरी की थी ।

(4) निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य पहचानकर नीचे दिए गए सबसे सही विकल्प को चुनिए-
(i) उसने रिश्ता बनाया भी और निभाया भी।
(ii) जब तक सच्चाई पता चलेगी तब तक बहुत देर हो जाएगी
(iii) यह वही साधु हैं, जो कल प्रवचन दे रहे थे।
(iv) मेरा घर तुम्हारे घर के पास ही है।
विकल्प
(क) केवल (i) व (iii) सही हैं।
(ख) कथन (i), (iii) व (iv) सही हैं।
(ग) कथन (ii) व (iii) सही हैं।
(घ) कथन (ii) व (iv) सही हैं।
उत्तरः
(ग) कथन (ii) व (iii) सही हैं।

(5) कॉलम 1 को कॉलम 2 के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प चुनकर लिखिए-

कॉलम 1 कॉलम 2
(1) हमने आपकी बात मान ली (i) मिश्र वाक्य
(2) जैसे ही बादल घिरे, तेज बरसात शुरू हुई (ii) संयुक्त वाक्य
(3) सूचना मिली और छात्रों ने परीक्षा का पेपर लिखना शुरू किया (iii) सरल वाक्य

विकल्प
(क) 1-i, 2-iii, 3-ii
(ख) 1-ii, 2-i, 3-iii
(ग) 1-iii, 2-ii, 3-i
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii
उत्तर:
(घ) 1-iii, 2-i, 3-ii

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) सूची I को सूची II के साथ सुमेलित कीजिए और सही विकल्प का चयन कीजिए।

सूची I सूची II
A. कैप्टन से चश्मा बदला जाता है। 1. कर्तृवाच्य
B. कैप्टन द्वारा चश्मा बदल दिया जाता है। 2. भाववाच्य
C. कैप्टन ने चश्मा बदल दिया। 3. कर्मवाच्य

कूट
A B C
(i) 1 3 2
(ii) 2 3 1
(iii) 3 2 1
(iv) 2 1 3
उत्तर :
(ii) A-2, B-3, C-1

(ख) इनमें कर्तृवाच्य का उदाहरण है
(i) कुत्ता भौंकता है।
(ii) कुत्ते के द्वारा भौका जाता है।
(iii) कुते से भौका गया।
(iv) कुत्ते द्वारा भौका गया।
उत्तर :
(i) कुत्ता भौंकता है

(ग) इनमें कर्मवाच्य का उदाहरण नहीं है
(i) कवि द्वारा एक कविता सुनाई गई।
(ii) पान कहीं आगे खाया जाए।
(iii) तुम्हारे द्वारा पढ़ा क्यों नहीं जाता।
(iv) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया।
उत्तर :
(iv) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया

(घ) “मैंने पत्र लिखा।” इसका कर्मवाच्य होगा
(i) मेरे द्वारा पत्र लिखा गया।
(ii) मुझसे पत्र लिखा गया।
(iii) मेरे से पत्र लिखा जाएगा।
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) मेरे द्वारा पत्र लिखा गया।

(ङ) “हिरण तेज भागा।” इसका भाववाच्य होगा
(i) हिरण तेज भाग गया।
(ii) हिरण तेज भाग सकता है।
(iii) हिरण तेज भागा जा रहा है।
(iv) हिरण से तेज भागा गया।
उत्तर :
(iv) हिरण से तेज भागा गया

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पी प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(1) हरिवंशराय बच्चनजी ने प्रसिद्ध काव्य लिखा। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) परिमाणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘काव्य’
(ख) गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, बहुवचन, विशेष्य ‘काव्य’
(ग) परिमाणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘हरिवंश राय बच्चन’
(घ) गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘काव्य’
उत्तरः
(घ) गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘काव्य’

(2) ताजमहल मुगल वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक
(ख) भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक कर्मकारक
(ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक
उत्तरः
(घ) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक

(3) बड़े परिश्रम के बाद ही सफलता प्राप्त होती है। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, , कर्तृवाच्य
(ग) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य
(घ) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्मवाच्य
उत्तर:
(क) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मवाच्य

(4) पांडव महाभारत में जीत पाकर भी खुश नहीं थे। रेखांकित अंश का पद – परिचय होगा-
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक
(ग) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ताकारक
(घ) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ताकारक
उत्तरः
(ख) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ताकारक

(5) मेरे पास आकर रहना । रेखांकित अंश का पद-परिचय होगा-
(क) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्ताकारक
(ख) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्मकारक
(ग) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, कर्ताकारक
(घ) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्ताकारक
उत्तरः
(घ) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, ,कर्ताकारक

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच बहुविकल्पीय प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) देखि सुदामा की दीन दशा करणणा करिके करुणा निधि रोए। पानी परात को हाथ छुयो नहि नैनन के जल सों पग धोए। पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति इस पंक्ति में कृष्ण का रोना और उनकी आँखों से इतने औँसू गिरना कि उससे सुदामा के पैर धोए गए। यहाँ बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

(ख) ‘मंगन को देख पट देव बार-बार।’ इस काव्य-पंकित में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवीकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) श्लेष इस पंक्ति में ‘पट’ के दो अर्थ ‘कपड़े’ तथा ‘दरवाजा’ हैं। अत: यहाँ श्लेष अलंकार है।

(ग) उस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उसका लगा। मानों हवा के वेग से सोता हुआ सागर जगा।। इन कव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवौकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(ii) उत्र्रेक्षा यहाँ उपमेय ‘क्रोध’ में उपमान ‘हवा के वेग’ की तथा उपमेय ‘तनु’ में उपमान ‘सागर’ की संभावना की गई है। अतः यहाँ उत्वेक्षा अलंकार है।

(घ) ‘उनके आने से घर में स्वर्ग उतर आया।’ इस काव्य-पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
(i) श्लेष
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) मानवौकरण
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(iv) अतिशयोक्ति यहौं किसी के आने से घर में स्वर्ग के उतर आने की बात की गई है। बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन करने के कारण यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

(ङ) ‘मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुंदरी परी सी धीरे-धीरे।’ इन काव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
(i) मानवीकरण
(ii) उत्प्रेक्षा
(iii) श्लेष
(iv) अतिशयोक्ति
उत्तर :
(i) मानवीकरण इस वाक्य में संध्या की तुलना एक सुंदर परी से की है अर्थात् एक निर्जीव की सजीव से। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- हालदार साहब को पानवाले द्वारा एक देशभक्त का इस तरह मजाक उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा। मुड़कर देखा तो अवाक रह गए। एक बेहद बूढ़ा मरियल-सा लँगड़ा आदमी सिर पर गाँधी टोपी और आँखों पर काला चश्मा लगाए, एक हाथ में एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे हाथ में एक बाँस पर टँगे बहुत-से चश्मे लिए अभी-अभी एक गली से निकला था और अब एक बंद दुकान के सहारे अपना बाँस टिका रहा था। तो इस बेचारे की दुकान भी नहीं, फेरी लगाता है।

(1) हालदार साहब अवाक् क्यों रह गए-
(क) पान वाले द्वारा देशभक्त का मजाक उड़ाए जाने पर
(ख) कैप्टन के पास दुकान भी नहीं, यह देखकर
(ग) बूढ़े आदमी की संदूकची देखकर
(घ) बूढ़े आदमी के चश्मे को देखकर
उत्तरः
(ख) कैप्टन के पास दुकान भी नहीं, यह देखकर

(2) हालदार साहब को कैप्टन देशभक्त क्यों लगा ?
(क) क्योंकि वह चश्मे बेचता था ।
(ख) क्योंकि वह गाँधी टोपी लगाए था ।
(ग) क्योंकि वह नेताजी की बिना चश्मे वाली प्रतिमा पर नित्य नया चश्मा पहनाता था।
(घ) क्योंकि वह फेरी लगाता था ।
उत्तरः
(ग) क्योंकि वह नेताजी की बिना चश्मे वाली प्रतिमा पर नित्य नया चश्मा पहनाता था ।

(3) कैप्टन चश्मे वाला गली से निकलने के बाद क्या करता था ?
(क) फेरी लगाता था ।
(ख) दुकान खोलकर बैठ जाता था ।
(ग) पानवाले से बातें करता था ।
(घ) मूर्ति पर चश्मा लगाता था ।
उत्तरः
(क) फेरी लगाता था ।

(4) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है ?
(क) कैप्टन चश्मे वाला
(ख) नेताजी का चश्मा
(ग) हालदार साहब
(घ) पानवाले की दुकान
उत्तरः
(ख) नेताजी का चश्मा

(5) ‘मरियल-सा’‘छोटी-सी’, ‘अभी-अभी’ शब्दों के मध्य लगा (-) चिह्न क्या कहलाता है-
(क) निर्देशक चिह्न
(ख) योजक चिह्न
(ग) अल्प विराम
(घ) अर्द्ध विराम
उत्तरः
(ख) योजक चिह्न

प्रश्न 8.
क्षितिज के गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)

(क) ‘नेता जी का चश्मा’ पाठ के आधार पर बताइए कि सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को कैप्टन क्यों कहते थे?
(i) देशभक्ति की भावना के कारण
(ii) चश्मे बेचने के कारण
(iii) नेताजी की मूर्वि के कारण
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(i) देशभक्ति की मावना के कारण पाठ में बताया गया है कि सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को ‘कैप्टन’ उसकी देशभक्ति की भावना के कारण कहते थे।

(ख) ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बताइए कि भगत का कौन-सा निर्णय अटल था?
(i) पतोहू की दूसरी शादी कराने का
(ii) पतोहू को अपने ही घर में रखने का
(iii) पतोहू को उसके भाई के साथ भेजने का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) पतोहू को उसके भाई के साथ मेजने का पाठ में बताया गया है कि पतोहू को उसके भाई के साथ भेजने का भगत का निर्णय अटल था।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-
हमारैं हरि हारिल की लकरी ।
मन क्रम वचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ कर पकरी ।
जागत सोवत स्वप्न दिवस निसि, कान्ह – कान्ह जकरी ।
‘सुनत जोग लागत है ऐसों, ज्यौं करुई ककरी ।
सु तौ व्याधि हमकौं, लै आए, देखी सुनी न करी ।
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपो, जिनके मन चकरी ॥

(1) गोपियों ने ‘ हारिल की लकरी’ किसे कहा है?
(क) श्रीकृष्ण को
(ख) अपने हृदय को
(ग) उद्धव को
(घ) हारिल वृक्ष की लकड़ी को
उत्तरः
(क) श्रीकृष्ण को

(2) गोपियों ने ‘व्याधि’ की संज्ञा किसको दी है ?
(क) बीमारी को
(ख) उद्धव को
(ग) योग-संदेश को
(घ) हारिल की लकड़ी को
उत्तरः
(ग) योग-संदेश को

(3) गोपियों ने उस व्याधि को किसे सौंपने के लिए कहा है?
(क) जिनका मन एकाग्रचित्त नहीं है।
(ख) जो लोग दुविधा में रहते हैं ।
(ग) जिनका मन चंचल है।
(घ) इन सभी को ।
उत्तर:
(ग) जिनका मन चंचल है।

(4) मन, क्रम और वचन से गोपियों ने ………………….. दृढ़ता के साथ अपने हृदय में धारण कर लिया है।
(क) हारिल की लकड़ी को
(ख) श्रीकृष्ण को
(ग) हारिल पक्षी को
(घ) चकरी को
उत्तर:
(ख) श्रीकृष्ण को

(5) उद्धव का योग सम्बन्धी ज्ञान गोपियों को कैसा लगता है?
(क) कड़वी ककड़ी के समान
(ख) बहुत अच्छा
(ग) चकरी के समान
(घ) व्याधि के समान
उत्तरः
(क) कड़वी ककड़ी के समान

प्रश्न 10.
पाठ्ययुस्तक में निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित दो बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 2 = 2)

(क) ‘उत्साह’ कविता के आधार पर बताइए कि नूतन कविता कैसी होनी चाहिए?
(i) वर्षा करने वाली
(ii) सृष्टि का निर्माण करने वाली
(iii) संपूर्ण संसार में जोश भर देने वाली
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) संपूर्ण संसार में जोश भर देने वाली ‘उत्साह’ कविता में बताया गया है कि नूतन कविता ऐसी होनी चाहिए, जो संपूर्ण संसार में जोश भर दे। लोगों में क्राति व उत्साह का संचार कर दे।

(ख) ‘यह दंतुरित मुस्कान’ कविता के आधार पर बताइए कि बच्चा कवि को कैसे देख रहा है?
(i) तिरछी नजरों से
(ii) डर-डर कर
(iii) रोकर
(iv) हँस-हँस कर
उत्तर :
(i) तिरछी नज़रों से कविता के आधार पर कवि को बच्चा तिरछी नज़रों से देख रहा है।

खण्ड ‘ख’
(वर्णनात्मक प्रश्न)

प्रश्न 11.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(क) लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तरः
मनुष्य सामाजिक प्राणी होने के कारण रूढ़ियों एवं परंपराओं में बँध गया है। उसका दायरा सीमित तथा दृष्टिकोण संकुचित हो गया है। अतः वह परिवर्तनशील संसार के साथ कदम मिलाकर नहीं चल पा रहा । वह सभ्यता एवं संस्कृति को अपने मनमाने रूप में प्रयोग कर रहा है । इसी कारण मानव को सभ्यता एवं संस्कृति की सही समझ अब तक नहीं आई है।

(ख) ‘लखनवी अंदाज ‘ पाठ के आधार पर यशपाल जी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए ।
उत्तरः
यशपाल जी की भाषा-शैली वातावरण के अनुरूप प्रभाव पैदा करने की क्षमता रखती है। इनकी भाषा – शैली वर्णनात्मक, विवेचनात्मक, भावात्मक, चित्रात्मक तथा प्रवाहयुक्त है । ‘लखनवी अंदाज’ पतनशील सामंती वर्ग पर करारा व्यंग्य है। इन्होंने उर्दू-मिश्रित शब्दावली का प्रयोग बड़ी कुशलता से किया है।

(ग) मानव-जीवन पर ‘कबीर पंथ’ का क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तरः
कबीर पंथ मनुष्य को सांसारिक आकर्षणों से दूर रहने की प्रेरणा देता है। वह मानव के अंदर सत्यता, सरलता, त्याग, परोपकार आदि सद्गुणों का विकास करके उसे असत्य, छल-कपट, ईर्ष्या-द्वेष, माया – मोह, स्वार्थ – लालच आदि अवगुणों से दूर रहने के लिए प्रेरित करता है। कबीर पंथ के अनुसार मानव-जीवन ‘साहब’ की देन है, इसीलिए उसे अपना सम्पूर्ण जीवन उन्हीं के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए।

(घ) हालदार साहब की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तरः
हालदार साहब देशप्रेमी, भावुक, संवेदनशील तथा सुलझे हुए व्यक्ति थे । वे राष्ट्र के प्रति सम्मान का भाव रखते थे तथा सभी लोगों को समानता की दृष्टि से देखते थे। अपने इसी गुण के कारण उनका ध्यान नेताजी की मूर्ति पर बदलते हुए चश्मों की ओर बरबस ही चला जाता है। अपने भावुक स्वभाव के कारण ही वे पानवाले द्वारा चश्मेवाले कैप्टन का उपहास उड़ाये जाने पर आहत हो जाते हैं ।

प्रश्न 12.
निध्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ क्यों रखा गया है? उत्साह शीर्षक के द्वारा कवि ने किस महत्त्वपूर्ण तथ्य की ओर संकेत किया है?
उत्तर :
‘उत्साह’ एक आद्धान गीत है, जो बादलों को संबोधित करके लिखा गया है। कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिए रखा गया होगा, क्योंकि i बादल वर्षा करके पीड़ित-प्यासे जन की आकाक्षा को पूरा करके उनके जीवन में आशा, उत्साह तथा नई चेतना का संचार करते है। बादलों के बरसने से संपूर्ण सृष्टि उत्साहित एवं आनंदित हो जाती है।

(ख) राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद से हमें क्रोध से बचने की शिक्षा मिलती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘राम-लक्षमण-परशुराम संवाद’ से हमें क्रोध से बचने की शिक्षा मिलती है। क्रोध सोचने की शक्ति को नष्ट कर देता है। क्रोधी व्यक्ति अच्छा-बुरा और उचित-अनुचित में भेद नहीं कर पाता। क्रोध से समस्याएँ सुलझने के बजाय और उलझ जाती है। एक ओर क्रोधी स्वभाव वाले परशुराम और लक्ष्मण के व्यवहार को सभा में उपस्थित सभी लोग अनुचित मानते हैं, वहीं दूसरी ओर शांत चित्त राम अपने विवेक और मृदु वाणी से सबका दिल जीतकर स्थिति को सामान्य कर लेते हैं। अतः हमें राम के आचरण का अनुसरण करना चाहिए।

(ग) आपके पाठ्यक्रम की किस कविता में कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहा है? इस आढान का क्या कारण है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
‘उत्साह’ कविता में कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहा है। फुहार, रिमझिम बरसना कोमलता व मृदुल सोच के प्रतीक है। क्रांति बादलों की फुहार या रिमझिम बरसने अर्थात् कोमल या मृदु भावों से नहीं आती अपितु उसके लिए गरजने अर्थात् विध्वंस की आवश्यकता होती है। इसलिए कवि ने बादल से गरजकर नव सृष्टि लाने के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति के साथ नूतन विद्रोह का आद्वान किया है।

(घ) ‘आत्मकथ्य’ कविता के आधार पर कवि की प्रिया के सौदर्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
कवि अपनी प्रिया के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहता है उसके लालिमायुक्त गालों को देखकर ऐसा लगता था, जैसे प्रेम बिखेरती उषा उदित हो रही हो। ऐसा लगता था, जैसे उषा भी अपनी लालिमा उसी से लिया करती थी। कवि उसकी यादों का सहारा लेकर ही अपने जीवन के रास्ते की थकान दूर करता था।

प्रश्न 13.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए-
(क) छाती पर चढ़कर बाप की मूँछें उखाड़ता हुआ छोटा बच्चा बुरा क्यों नहीं लगता माता का अँचल’ पाठ के आधार पर ” बताइए कि पिता अपने बच्चों का लालन-पालन किस तरह करता है ?
उत्तरः
बच्चों के लालन-पालन में जितना हाथ माता का होता है, उतना पिता का भी होता है । इस पाठ में पिता, भोलानाथ को शिक्षा देते हैं, उसके साथ खेलते हैं क्योंकि यह संबंध पुत्र के व्यक्तित्व के विकास में सहायक है । प्रस्तुत कथा में जहाँ भोलानाथ पिता की छाती पर बैठकर मूँछें उखाड़ता है, वहीं पिता उसे चूमकर या रोने का बहाना बनाकर हटाने की कोशिश करते हैं, परंतु पिता का वात्सल्य उसे गुस्सा नहीं होने देता इसलिए पिता और पुत्र के बीच का लगाव सकारात्मक गुणों को विकसित करता है।

(ख) अज्ञेयजी के अनुसार लेखक और कृतिकार में क्या अन्तर है ? कृति एवं सामान्य लेखन के विषय में भी बताइए ।
उत्तरः
अज्ञेयजी के अनुसार सभी लेखक कृतिकार नहीं होते। उनके द्वारा लिखित सब कुछ लेखन के अन्तर्गत नहीं आता । आन्तरिक अनुभूति तथा उसकी विवशता से मुक्ति पाने हेतु लिखा गया लेखन ही सच्चा लेखन होता है। अपने मन की व्यथा को व्यक्त करने वाला लेखन ही ‘कृति’ कहलाता है और इसे व्यक्त करने वाला कृतिकार । धन, यश, ख्याति आदि की इच्छा से प्रेरित लेखन सामान्य लेखन की श्रेणी में आता है।

(ग) ‘गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया ?
उत्तरः
‘मेहनतकश’ का अर्थ है- कड़ी मेहनत करने वाले । ‘बादशाह’ का अर्थ है – मन की मर्जी के मालिक । गंतोक एक पहाड़ी क्षेत्र है । यहाँ स्त्री, पुरुष, बच्चे व युवतियाँ सभी कठिन परिस्थितियों में पूरी मेहनत से लगे रहते हैं। स्त्रियाँ अपने शिशु को पीठ पर लादकर काम करती हैं। बच्चे स्कूल से लौटने के बाद मवेशी चराते हैं, पानी भरते हैं तथा लकड़ियों के भारी गट्ठर ढोते हैं। गंतोक में सभी लोग मेहनतकश होते हैं। इसीलिए गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों’ का शहर कहा गया है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।

(क) सिनेमा का समाज पर प्रभाव
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • सिनेमा एवं व्यवसाय के मध्य संबंध

उत्तर :
सिनेमा का समाज पर प्रभाद
सिनेमा आधुनिक युग में विज्ञान का मुख्य आविष्कार है। सिनेमा जनसंचार एवं मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम है। समाज के प्रत्येक आयु वर्ग में इसके प्रति उत्तुकता रहती है। विज्ञान के इस महत्वपूर्ण आविष्कार की पहुँच आज घर-घर में है। कम खर्च में मनोरंजन करने में समर्थ चलचित्र जीवन की आवश्यकता बन गया है। हालॉंकि पिछले कुछ दशकों से भारतीय समाज में राजनीतिक, आर्थिक एवं सामाजिक भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है। इसका प्रभाव इस समय निर्मित सिनेमा पर भी दिखाई पड़ा है।

युवा वर्ग को आकर्षित कर धन कमाने के उद्देश्य से सिनेमा में हिंसात्मक व अनुचित चित्रांकन पर बल दिया जाता है। इसका कुप्रभाव समाज पर भी पड़ता है। प्राय: फिल्मों में यही दिखाया जाता है कि बुरा करने वाले व्यक्ति का अंत में बुरा ही होता है एवं अध्छाई की जीत होती है। सिनेमा के माध्यम से समाज को ज्ञान, मनोरंजन जैसे साधन प्राप्त हुए, वहीं बोलने वाले सिनेमा ने अच्छे नायकों, शास्त्रीय संगीत वादकों को अपनी ओर आकृष्ट किया। इसके फलस्वरूप सुपसिद्ध गायक और वादक सिनेमा में कार्य करने लगे और सिनेमा की प्रतिष्ठा बढ़ने लगी। लोगों को अपने कला-कौशलों को दिखाने का अवसर मिला।

भारत की फिल्मों के बारे में यह भी कहा जाता है कि ये फिल्में प्रायः प्रेम-कहानियों पर आधारित होती हैं। यह सही है, परंतु पिछले कुछ वर्षों में आधुनिक भारतीय-फिल्मकारों ने नो बन किल्ड जेसिका, पीपली लाइव, आर्टिकल 15 ऐसी अनेक सार्थक फिल्मों का भी निर्माण किया है। ऐसी फिल्मों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है एवं लोग सिनेमा से शिक्षा ग्रहण कर समाज सुधार के लिए कटिबद्ध होते हैं।

(ख) विद्यालयों की जिम्मेदारी-बेहतर नागरिक बोध संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • राष्ट्र और समाज के प्रति उत्तरदायित्व
  • आधुनिक समय में सिनेमा की भूमिका
  • सार्थक फिल्मों की आवश्यकता
  • व्यक्तित्व निर्माण में विद्यालय का स्थान
  • नागरिक अधिकारों व कर्त्तव्यों का बोध

उत्तर :
विद्यालयों की जिम्मेदारी-वेहतर नागरिक वोध
विद्यालय, बालकों को घर तथा संसार से जोड़ने का कार्य करते हैं। व्यक्तित्व का सामंजस्यपूर्ण विकास करने में विद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। विद्यालय में समाज के आदर्शों, विचारधाराओं का प्रचार होता है तथा शिक्षित नागरिकों के निर्माण में योगदान देता है। बच्चे के व्यक्तित्व का निर्माण करने में विद्यालय का महत्त्वपूर्ण स्थान है। विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां पर प्रत्येक समुदाय से बच्चे आते हैं और औपचारिक शिक्षा ग्रहण करते हैं, जिससे वो अपने समुदाय की संस्कृति और कार्य को सीखते हैं। इससे न केवल बच्चे सीखते हैं अपितु उनका व्यक्तित्व निर्माण भी भली-भाँति होता है। विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण समय होता है।

इस समय में ग्रहण किए गए संस्कार या सीखी हुई बातें हमारा भविष्य निर्धारित करती हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि बालक विद्यार्थी जीवन से ही देश के प्रति अपने कर्त्वव्य समझें। शुरू से ही राष्ट्र व समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराने से छात्र का जीवन इस प्रकार ढल सकेगा कि राष्ट्र के प्रति उसके जो कर्तव्य हैं, वह उन्हे पूरा करने में सक्षम होगा। विद्यालयों का सबसे महत्व्वपूर्ण कार्य छात्रों में राष्ट्र व समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना का विकास करना है। विद्यार्थियों में देश के प्रति शक्तिबोध तथा सौंदर्यबोध बदाना है। विद्यार्थियों को राष्ट्र व समाज का सदैव स्मरण करते रहने से ही उनमें नागरिक बोध की भावना का विकास कर सकते हैं।

विद्यार्थियों को अपनी दैनिक दिनचर्या का एक निश्चित समय देश की सेवा के लिए निर्धारित करना चाहिए। आज के विद्यार्थी कल के होने वाले नागरिक होते हैं, इसलिए उनके राष्ट्र के प्रति कुछ अधिकार और कर्त्त्य होते हैं। देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों व कर्तव्यों का बोध होना आवश्यक है। प्रत्येक विद्यार्थी को यह समझना चाहिए कि हमारा राष्ट्र भी हमारा परिवार है, एक बड़ा परिवार। किसी भी नागरिक का समाज और राष्ट्र से बंधन उसके अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों से मिलकर ही सशक्त बनता है। अधिकार और कर्त्त्य दोनों एक ही सिक्के के दो भाग हैं, जो साथ-साथ चलते हैं। अंततः कहा जा सकता है कि मनुष्य में देश व समाज के प्रति नागरिक बोध की भावना का विकास बचपन से ही किया जाना चाहिए और यह विद्यालयों के द्वारा ही संभव है

(ग) मीडिया का वर्चस्व
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • मीडिया के प्रशंसनीय कार्य
  • मीडिया की उपयोगिता
  • रोजगार के अवसर

उत्तर :
मीडिया का वर्चस्व
आज मास मीडिया विशेष रूप से सदृश्य मीडिया समाज के बीच जागरूकता का वातावरण बनाने में निर्णायक भूमिका निभा रही है। दृश्य मीडिया के झान व जानकारी से दर्शकों के मन पर तेज़ी से और लंबे समय तक प्रभाव पड़ता है। मीडिया के द्वारा सभी घटनाओं से दर्शकों को अवगत करवाया जाता है। मीडिया सूचनाओं को अति तीव्र गति से लोगों को सुलम कराने में सहायक है। मीडिया सामाजिक चेतना को जागरूक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अ्रष्टाचार, महँगाई, आतंकवाद, नक्सलवाद, चोरी, डकैती, बलात्कार, बाढ़, सूखा, भूकंप इत्यादि समस्याओं को मीडिया ही जनता के समक्ष लाती है। मीडिया के कारण ही अन्ना का लोकपाल बिल सफल हुआ तथा मीडिया के द्वारा ही 2 -जी स्पेक्ट्रम जैसे मामलों में उच्च घरानों के व्यक्तियों के नाम सामने आए।

इस प्रकार मीडिया का उददेश्य सामाजिक चेतना को और अधिक जागरूक करना है। मीडिया बाद़, भूकंपग्रस्त आदि क्षेत्रों पर पहुँचकर वहाँ की जानकारी देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मीडिया अंधविश्वास, अंधश्रद्धा को हमारे समक्ष लाती है तथा स्वयं को धर्म का ठेकेदार कहे जाने वाले व्यक्तियों के असली चेहरे को दिखाती है। मीडिया जीवन के प्रत्येक पहलू से लोगों को परिथित करवाती है, चाहे वह धार्मिक हो, सांस्कृतिक हो अथवा कोई मी क्षेत्र हो। मीडिया ने लोगों को उनके अधिकार दिलाने में बहुत अधिक सहायता की है। लोगों को न्याय दिलाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। किसी भी व्यक्ति के साथ हो रहे अन्याय को समाज के समक्ष लाने में मीडिया ने प्रशंसनीय कार्य किए हैं। सोशल मीडिया साइबर-बुलिंग को बढ़ावा देता है। यह फेक्क न्यूज और हेट स्पीच फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सोशल मीडिया पर गोपनीयता की कमी होती है और निजी डाटा चोरी होने का खतरा रहता है। साइबर अपराधों; जैसे-हैकिंग और फिशिंग आदि का खतरा भी बढ़ जाता है। मीडिया से लोगों को रोज़गार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। कार्टून के माध्यम से समाचार दिखाकर मीडिया जनता का मनोरंजन करने के साथ-साथ ज्ञान में वृद्धि भी करती है। बस्तुतः मीडिया को समाज में जागरूकता उत्पन्न करने के एक साधन के रूप में देखा जा सकता है, जो लोगों को सही व गलत कार्य करने की दिशा में एक प्रेरक का कार्य करती है, इसलिए मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है।

प्रश्न 15.
किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।
(क) आप ग्रेटर कैलाश लोक कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। आपके क्षेत्र में जल संकट व्याप्त है। जल संकट से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए ‘दिल्ली जल बोर्ड’ के मुख्य अधिकारी को पत्र लिखिए।

अथवा

(ख) आप निखिल / मीनाक्षी हैं। आपने हाल ही में कन्या भ्रूण हत्या पर एक नाटक देखा है। अपने मित्र को पत्र लिखकर बताइए कि कन्या भ्रूण हत्या किस प्रकार समाज के लिए अभिशाप है। लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तरः
(क) सेवा में,
महाप्रबंधक महोदय,
दिल्ली जल बोर्ड,
ग्रेटर कैलाश,
नई दिल्ली।

विषयः जल वितरण की समस्या के संदर्भ में ।
माननीय महोदय,
इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान जल वितरण की अनियमितता की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ, दिल्ली में लगातार जल संकट गहराता जा रहा है। लोगों में इसके लिए काफी रोष है। ऊँची इमारतों तक तो कम दबाव के कारण जल पहुँच ही नहीं पा रहा है। पूरे शहर में ये परेशानी महसूस की जा रही है। अत्यधिक प्रभावित इलाकों में केवल एक बार जलापूर्ति की जा रही है, परंतु बाकी इलाकों में पानी का दबाव भी कम ही होता है। वाजीराबाद और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अब भी पूरी क्षमता से पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। जब तक पड़ोसी राज्य से पानी नहीं आ जाता तब तक स्थिति में कोई सुधार की उम्मीद कम ही है । दक्षिणपुरी, अंबेडकर नगर, ग्रेटर कैलाश एवं वसंत कुंज सहित दक्षिणी दिल्ली के कई क्षेत्र इस समस्या से प्रभावित है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस समस्या का सामना पूरा शहर कर रहा है। अतः आप से अनुरोध है कि जनता की असुविधाओं को ध्यान में रखकर इस संकट से शीघ्र मुक्ति दिलाने की कृपा करें।

धन्यवाद!
भवदीय
गुरमीत सिंह (अध्यक्ष)
ग्रेटर कैलाश लोक कल्याण समिति
दिनांक 24-09-20XX

अथवा

(ख)
आदर्श नगर
जयपुर।
दिनांक- 2 सितम्बर, 20XX
प्रिय मित्र,

कैसे हो ? आशा करता हूँ कि कुशलतापूर्वक होगे। मैं भी अच्छा हूँ। बहुत दिनों से तुम्हारे कोई समाचार प्राप्त नहीं हुए। मैंने अभी हाल ही में कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित एक नाटक देखा, जिसकी कहानी मेरे हृदय को अन्दर तक झकझोर गई कि कैसे संकीर्ण मानसिकता वाले व्यक्ति एक कन्या का जन्म होना अभिशाप मानते हैं। उसके दुनिया में आने से पूर्व ही उसकी हत्या कर देते हैं। अगर सभी इस प्रकार करने लग जायेंगे तो लड़के-लड़कियों का अनुपात बिगड़ जाएगा। वे लोग ये कैसे भूल जाते हैं, कि हमें जन्म देने वाली भी एक स्त्री है । मुझे इस तरह की सोच रखने वालों पर बहुत तरस आता है, साथ ही गुस्सा भी बहुत आता है। हमें अपने आस-पास कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य कुकृत्यों को रोकना होगा तथा उनकी इस सोच को भी बदलना होगा कि बेटियाँ बेटों से कमतर हैं; उनको बताना होगा कि प्रत्येक क्षेत्र में बेटी बेटे से आगे है। तुम भी पत्र लिखकर इस पर अपने विचारों से अवगत कराना । अंकल, आँटी को मेरा प्रणाम कहना ।
तुम्हारा प्रिय मित्र
निखिल

प्रश्न 16.
आप सौरभ शर्मा हैं। आप बी. एड कर चुके हैं। आपको माँ केसर देवी पब्लिक स्कूल अ ब स नगर में अर्थशास्त्र अध्यापक/अध्यापिका पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए।
अथवा
आप’ रोहित कुमार हैं। आप अपना बैंक खाता दूसरी शाखा में ट्रांसफर कराना चाहते हैं, इस संदर्भ में बैंक प्रबंधक को 80 शब्दों का ई-मेल लिखिए।
उत्तर :
स्ववृत –
नाम सौरभ शर्मा
पिता का नाम : श्री प्रीतम शर्मा
माता का नाम : श्रीमती सुमन शर्मा
जन्म तिथि : 19 मार्च, 19XX
वर्तमान पता : की-31, साकेत्त (पिलर 21, मेट्रो स्टेशन के पास), दिल्ली।
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 011-546BXX
मोबाइल नंबर : 78XXXXXXXX
ई-मेल [email protected]

शैक्षणिक योग्यताएँ

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 10 with Solutions 1

अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • कंप्यूटर का विशेष ज्ञान और अभ्यास (एम.एस. ऑंफिस, एक्सेल, इंटरनेट)
  • अंग्रेजी भाषा का ज्ञान

उपलव्धियाँ

  • सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राज्य-स्तरीय वर्ष 2015) में प्रथम पुरस्कार।
  • सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता (राष्ट्रीय स्तर वर्ष 2016) प्रथम पुरस्कार।

कार्येत्तर गतिविचियाँ और अभिरुचियाँ

  • सांखियकी विभाग (राज्य सरकार) में तीन माह की जनगणना के आँकड़ों को एकत्र करने तथा उनका विश्लेषण करने से संबंधित प्रोजेक्ट किया।
  • सामान्य ज्ञान से संबंधित पत्रिकाओं का नियमित पाठन किया।
  • सामान्य पत्र का नियमित पाठन किया।

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • श्री हरिओम शर्मा, प्रिंसिपल, राजकीय विद्यालय, साकेत
  • श्री मोहन गुप्ता, प्रोफेसर, एच.एस.सी. कॉलेज, दिल्ली

तिथि : 6 अक्टूबर, 20XX
स्थान : दिल्ली

हस्ताक्षर
सौररभ शर्मा

अथवा

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 10 with Solutions 2

प्रश्न 17.
(क) आपके विद्यालय की नई ब्रांच एक दूसरे शहर में खुलने जा रही है। इसके प्रचार हेतु लगभग 60 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए ।

अथवा

(ख) अपने जन्मदिन पर आमंत्रित करते हुए सखी को लगभग 60 शब्दों में बधाई संदेश लिखिए ।
उत्तरः
(क)
CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 5 with Solutions 1

अथवा

(ख)

निमंत्रण-पत्र

18-08-20XX

कल 18-8-20XX मेरे जन्मदिन के उपलक्ष्य में आप कार्यक्रमानुसार सहर्ष आमंत्रित हैं।

संगीत एवं नृत्य कार्यक्रम ………………………….. सायंकाल 5 बजे
केक कटिंग .,…………………………………… सांयकाल 6 बजे
प्रीतिभोज ……………………………………. सांयकाल 6:30 बजे

मैंने अपने अन्य सखियों को भी निमंत्रण भेजा है। आशा है तुम समय पर अवश्य पहुँच जाओगी।
तुम्हारी सखी

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