CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1
Board | CBSE |
Class | X |
Subject | Science |
Sample Paper Set | Paper 1 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
- भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
- प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
- प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
- भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।
SECTION A
प्र०1.
परिधीय तंत्रिका तंत्र के दो घटकों के नाम लिखिए।
प्र०2.
ओजोन परत का ऊपरी वायुमण्डल में क्या कार्य है?
प्र०3.
समतल दर्पण द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब की चार विशेषताएँ लिखिए।
प्र०4.
जब गर्म कॉपर ऑक्साइड के ऊपर से H2 गैस को प्रवाहित करते हैं तो तब तांबा धातु तथा जल-वाष्प प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया का संतुलित समीकरण लिखिए तथा यह बताएं की
(i) कौन-सा पदार्थ उपचयित हुआ तथा
(ii) कौन-से पदार्थ का अपचयित हुआ।
प्र०5.
“संपोषित प्रबंधन” से क्या तात्पर्य है? पुन:चक्रण की तुलना में पुनःउपयोग क्यों उत्तम माना जाता है?
प्र०6.
निम्नलिखित का कारण सहित उत्तर लिखिए ।
(i) नींबू को तांबे के बर्तनों को चमकाने में उपयोग किया जाता है।
(ii) एक धातु के सल्फाइड अयस्क से उस धातु को प्राप्त करने के लिए उसे पहले ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
(iii) तांबे की तारों को विद्युत धारा के चालकों के रुप में उपयोग में लाया जाता है।
प्र०7.
निम्नलिखित उदाहरणों में किस प्रकार की अभिक्रिया होती है?
(i) भोजन का अमाशय में पाचन।
(ii) कोयले का वायु में दहन।
(iii) चूना पत्थर को गर्म करना।
अथवा
श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है। मनुष्य में नासाद्वार से लेकर फेफड़ों तक वायु के पहुँचने के लिए मार्ग दर्शाएं।
प्र०8.
मनुष्य में हार्मोनों के स्रावित होने की तीन विशेषताएँ बताइए।
प्र०9.
एक विद्युत परिपथ में 220 वोल्ट के विभवांतर पर यदि 5 एम्पीयर की विद्युतधारा प्रवाहित हो रही है। तो 40 वाट के कितने बल्ब समान्तर क्रम में उस विद्युत परिपथ में जोड़े जा सकते हैं?
प्र०10.
अमित दिल्ली में रहता है तथा वह अपने घर के अधिक बिजली बिल को लेकर परेशान है। वह बिजली बिल को कम करने के लिए कुछ उपाय करता है जिससे उसके घर का बिजली का बिल कम आने लगता है।
(i) कोई ऐसे दो उपाय लिखिए जो अमित ने बिजली का बिल कम करने के लिए अपनाए होंगे।
(ii) अमित ने बिजली बचाकर वातावरण के लिए अपने कर्तव्य का निर्वाह किया है, कैसे?
(iii) अमित कुछ ऊर्जा के अन्य स्रोतों का उपयोग कर सकता है, यह स्रोत कौन-से हो सकते हैं?
प्र०11.
किसी उचित उदाहरण की सहायता से होने वाली अभिक्रिया के लिए आवश्यक परिस्थितियों को उल्लेख करते हुए हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया की व्याख्या कीजिए तथा इस अभिक्रिया में बने उत्पाद के भौतिक गुणधर्म में होने वाले परिवर्तन का उल्लेख भी कीजिए।
प्र०12.
रासायनिक दृष्टि से साबुन तथा अपमार्जक के अणुओं में क्या अंतर होता है? साबुन द्वारा सफाई करने की क्रिया की व्याख्या कीजिए।
अथवा
तत्वों की आधुनिक आवर्त सारणी में समूहों और आवर्गों की संख्या लिखिए। उल्लेख कीजिए कि तत्वों के परमाणु साइज़ और धात्विक गुणों ( लक्षणों) में क्या परिवर्तन होते हैं :
(i) किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर।
(ii) किसी आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर जाने पर।
प्र०13.
DNA प्रतिकृति क्या है? इसके महत्त्व का उल्लेख कीजिए।
प्र०14.
प्रकाश किरण आरेख खींचने के लिए हम दो किरणों का उपयोग करते हैं। इन किरणों को इस प्रकारे चुनते हैं कि दर्पण से परावर्तन के पश्चात् इनकी दिशाएँ सरलता से ज्ञात की जा सकें। इस प्रकार की दो किरणें चुनिए तथा अवतल दर्पण से परावर्तन के पश्चात् इन किरणों के पथ की दिशा लिखिए। इन दोनों किरणों का उपयोग 10 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण से 15 cm दूरी पर स्थित किसी बिम्ब के दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की प्रकृति और स्थिति ज्ञात करने में कीजिए।
प्र०15.
नामांकित आरेख की सहायता से व्याख्या कीजिए कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है?
प्र०16.
निम्नलिखित के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
(i) NaOH विलयन को जस्त के टुकड़ों के साथ गर्म किया जाता है।
(ii) चूने के पानी में से अधिक मात्रा में CO2 गैस प्रवाहित की जाती है।
(iii) तनु H2SO4 अम्ल की अभिक्रिया सोडियम कार्बोनेट के साथ की जाती है।
(iv) अण्डों के छिलकों को HCl अम्ल में डालने पर।
(v) कॉपर ऑक्साइड की तनु HCl अम्ल के साथ अभिक्रिया।
प्र०17.
(a) तंत्रिका तंत्र के तीन मुख्य कार्य लिखिए।
(b) पेशी उत्तकों के बिना पौधों के कुछ भागे गति कैसे दर्शाते हैं?
प्र०18.
(a) एक छड़ चुबंक के चारों तरफ चुबंकीय बल रेखाएँ खींचे। दो चुबंकीय बल रेखाएँ परस्पर काटती नहीं हैं? क्यों?
(b) एक विद्युत भट्टी जिसकी शक्ति 1.5 किलोवाट है तथा वह 220 वोल्ट ओर 5A विद्युत धारा के मान द्वारा एक विद्युत परिपथ में चलाई जाती है? इसका परिणाम क्या होगा?
अथवा
किसी चालक के प्रतिरोध का क्या अर्थ है? इसका S.I. मात्रक लिखिए तथा उसे परिभाषित भी कीजिए। उन कारकों को भी लिखिए जिस पर किसी चालक तार का प्रतिरोध निर्भर करता है? किसी चालक का प्रतिरोध किस प्रकार बदल जायेगा जब
(i) उसकी लबाई दोगुना कर दी जाए
(ii) उसकी त्रिज्या दोगुनी कर दी जाए।
प्र०19.
व्याख्या कीजिए कि कार्बन मुख्यतः सहसंयोजी आबंध द्वारा ही यौगिकों का निर्माण क्यों करता है। कार्बन द्वारा अत्यधिक संख्या में यौगिकों का निर्माण किए जाने के दो प्रमुख कारणों की संक्षेप में व्याख्या कीजिए। स्पष्ट कीजिए कि कार्बन द्वारा अधिकांश अन्य तत्वों के साथ निर्मित आबंध प्रबल क्यों होते हैं।
प्र०20.
मानवों में गुणसूत्रों के कितने जोड़े होते हैं? इनमें से लिंगसूत्र के जोड़ों की संख्या क्या है? मानवों में लिंगसूत्र कितने प्रकार के होते हैं?
किसी नवजात शिशु का लिंग, मात्र संयोग है तथा जनकों (माता-पिता) में से किसी को भी इसके लिए उत्तरदायी नहीं माना जा सकता।” इस कथन की पुष्टि किसी नवजात शिशु के लिंग निर्धारण की प्रक्रिया को दर्शाने वाले प्रवाह आरेख को खींचकर कीजिए।
प्र०21.
“कोई उत्तल लेंस अपने सामने रखे किसी बिम्ब का सीधा विवर्धित प्रतिबिम्ब के साथ-साथ उलटा विवर्धित प्रतिबिम्ब भी बना सकता है। इस कथन की पुष्टि के लिए प्रकाश किरण आरेख खींचिए तथा प्रत्येक प्रकरण में लेंस के सापेक्ष बिम्ब की स्थिति का उल्लेख भी कीजिए।
4 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब 10 cm फोकस दूरी के अवतल लेंस से 20 cm दूरी पर स्थित है। लेंस सूत्र के उपयोग से लेंस द्वारा बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति निर्धारित कीजिए।
SECTION B
प्र०22.
एक लोहे की कील को यदि 30 मिनट तक कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोकर रखें तो उसके रंग में क्या परिवर्तन आप देखेंगे? इस रंग परिवर्तन का कारण भी लिखिए।
प्र०23.
स्टोमेटा छिद्र का नामांकित चित्र बनाइए जिसमें स्टोमेटा छिद्र बंद दिखाये गए हों।
प्र०24.
ओम के नियम को सत्यापित करने के लिए एक विद्यार्थी ने प्रयोग द्वारा प्रतिरोधक के प्रतिरोध की गणना करने पर पाया कि उसके द्वारा ज्ञात की गए प्रतिरोध का मान उस प्रतिरोधक के वास्तविक प्रतिरोध के मान से कुछ भिन्न था। क्या उसका प्रयोग कुछ गलत हुआ था? अपने उत्तर को सिद्ध कीजिए।
प्र०25.
जब एक परखनली, जिसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट लवण की थोड़ी मात्रा ली है, में एसिटिक अम्ल के 2 मिली डालने पर आप क्या प्रेक्षण देखते हैं? उनमें से दो प्रेक्षणों के लिए अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।।
प्र०26.
उस अलैंगिक जनन को क्या कहते हैं जिसमें एक जनक कोशिका से दो संतति कोशिकाएँ बनती हैं और जनक कोशिका का अस्तित्व समाप्त हो जाता है? इस प्रकार के जनन के पहले और अंतिम चरण के चित्र खींचिए। यह जनन किस परिघटना के साथ आरंभ होता है?
प्र०27.
उत्तल लेंस के प्रकरण में यह जानने के लिए कि बिम्ब दूरी में परिवर्तन करने पर प्रतिबिम्ब दुरी में किस प्रकार परिवर्तन होता है, कोई छात्र लेंस से काफी दूरी पर स्थित किसी चमकीले बिम्ब को पर्दे पर तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त करता है। इसके पश्चात् वह धीरे-धीरे इस बिम्ब को लेंस की ओर लाता है और हर बार प्रतिबिम्ब को पर्दे पर फोकस करता है।
(a) प्रतिबिम्ब को फोकस करते समय उसे पर्दे को किस ओर सरकाना होता है-लेंस की ओर अथवा लेंस से दूर?
(b) पर्दे पर बने प्रतिबिम्ब का साइज़ घटता है या बढ़ता है?
(c) बिम्ब को लेंस के बहुत निकट ले जाने पर क्या होता है?
Answers
उत्तर 1-
(i) मस्तिष्क से निकलने वाली क्रेनियल (कपालिए) तंत्रिकाएँ।
(ii) मेरुरज्जु तंत्रिकाएँ।
उत्तर 2-
ओजोन परत ऊपरी वायुमण्डल में सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती हैं। ओजोन परत पृथ्वी पर जीवन स्थापित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है तथा यह परत सूर्य की हानिकारक किरणों को
पृथ्वी पर आने से रोकती है।
उत्तर 3-
(i) यह प्रतिबिम्ब काल्पनिक व सीधा बनता है।
(ii) प्रतिबिम्ब का आकार, बिम्ब के आकार के बराबर होता है।
(iii) दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी, दर्पण से बिम्ब की दूरी के बराबर होती है।
(iv) प्रतिबिम्ब पार्श्व परिवर्तित होता है।
उत्तर 4-
(i) H2 का H2O के रुप में उपचयन (ऑक्सीकरण)।
(ii) CuO का Cu के रुप में अपचयन।
उत्तर 5-
संपोषित प्रबंधन से तात्पर्य है कि प्राकृतिक संसाधनों का इस प्रकार उपयोग हो कि इनके दोहन से वर्तमान आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित करते हुए, इन संसाधनों को साथ ही साथ भावी संतति के लिए संरक्षित भी करें।
पुन:चक्रण में ऊर्जा की कुछ मात्रा खर्च होती है, जबकि पुन:उपयोग में कोई ऊर्जा खर्च नहीं होती है। पदार्थों के पुन:चक्रण से पर्यावरण प्रदूषित होता है जबकि पुनःउपयोग में ऐसा नहीं होता है, इसलिए पुन:चक्रण की तुलना में पुनःउपयोग उत्तम माना जाता है।
उत्तर 6-
(i) जब तांबे के बर्तन को कुछ समय के लिए वायु में खुला छोड़ दिया जाता है तो यह तांबा वायु में उपस्थित जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है तथा उस पर हरे रंग का कॉपर कार्बोनेट जमा हो जाता है। नींबू में सिटरिक अम्ल होता है जो इस कार्बोनेट से क्रिया करके इस ऊपरी परत को हटा देता है तथा तांबे के बर्तन फिर से चमकने लगते हैं।
(ii) सल्फाइड अयस्कों को पहले ऑक्साइड अयस्क में इसलिए बदला जाता है क्योंकि ऑक्साइड अयस्क का अपचयन आसानी से हो जाता है और धातु प्राप्त हो जाती है।
(iii) तांबे की प्रतिरोधकता बहुत कम होती है तथा इसका गलनांक ताप भी उच्च होता है इसलिए तांबे का चालक विद्युत धारा के चालकों के रूप में उपयोग किया जाता है।
उत्तर 7-
(i) भोजन का अमाशय में पाचन-अमाशय में जटिल भोजन को सरले रुप में विघटित किया जाता है, इसलिए यह एक अपघटन अभिक्रिया है।
(ii) कोयले का वायु में दहन-कोयले के दहन से वायु में CO2 गैस, कुछ अन्य गैसें तथा H2O के वाष्प उत्पन्न होते है। साथ ही ऊष्मीय ऊर्जा भी प्राप्त होती है इसलिए यह एक अपघटन व ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
(ii) चूना पत्थर को गर्म करना-चूना पत्थर को गर्म करने पर इसका विघटन होता है इसलिए यह भी एक अपघटन अभिक्रिया है।
अथवा
वातावरण में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है जो स्थलीय जीवों द्वारा आसानी से ली जाती है परंतु जल में ऑक्सीजन की मात्रा अल्प होती है तथा वह जल में घुली होती है। अतः जलीय जीव से घुली हुई ऑक्सीजन को लेने के लिए तीव्रता से सांस लेते हैं तथा जीवन के लिए संघर्ष करते हैं।
मनुष्य में सांस लेने के समय वायु का मार्ग :
नासाद्वार → ग्रसनी → कंठ → श्वासनली → श्वसनली → श्वसनलिका → फेफड़े की कुपिकाएँ
उत्तर 8-
(i) मनुष्य के शरीर में एक विशेष प्रकार की ग्रंथियों को तंत्र होता है जो हार्मोन स्रावित करते हैं इन्हें अन्त:स्रावी ग्रंथियाँ कहते हैं।
(ii) ये अन्त:स्रावी ग्रंथियाँ अपने हार्मोनों को सीधा रक्त में डालती हैं तब रक्त उन्हें उन अंगों तक पहुँचाता है जहाँ हार्मोन उस अंग की क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
(iii) हमारा तंत्रिका तंत्र अन्तःस्रावी ग्रंथियों की क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
उत्तर 9-
I = 5 A
V = 220 वोल्ट
एक बल्ब की शक्ति, (P) = 40 वाट
माना परिपथ में n संख्या के बल्ब लगे हैं तो
P = V x I
n बेल्बों के P का मान = n P
∴ n P = 220 x 5
∴ n x 40 = 220 x 5
∴ 27 बल्ब उस परिपथ में जोड़े जा सकते हैं।
उत्तर 10-
(i) • अमित ने परंपरागत बल्बों के स्थान पर LED अथवा CFL बल्बों का प्रयोग किया होगा।
• उपयोग न होने के समय घर के विद्युत उपकरणों के स्विच बंद कर उनका व्यर्थ उपयोग होने से रोका होगा।
(ii) अधिकतर विद्युत जनित्रों में जीवाश्म ईंधनों को जलाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है जिससे वातावरण प्रदूषित होता है। अमित ने कम मात्रा में विद्युत ऊर्जा खर्च करके एक प्रकार से वातावरण के प्रदूष को कम किया है।
(iii) वह सौर ऊर्जा उपकरणों, जैसे सोलर कुकर, सोलर सैल तथा सोलर वॉटर हीटर, का उपयोग कर सकता है।
उत्तर 11-
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन के किसी अणु में हाइड्रोजन के योग से संतृप्त हाइड्रोकार्बन को प्राप्त करने की अभिक्रिया को हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया कहते हैं। अभिक्रिया के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ :
(i) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन की उपस्थिति।।
(ii) उत्प्रेरक जैसे निक्कल (Ni) धातु की उपस्थिति।
भौतिक गुणधर्म में परिवर्तन- (i) इस अभिक्रिया में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन यौगिक का संतृप्त हाइड्रोकार्बन यौगिक में परिवर्तन हो जाता है;
(ii) इसका गलनांक तथा क्वथनांक ताप भी बढ़ जाता है।
उत्तर 12-
साबुन तथा अपमार्जक के अणुओं में अंतर
साबुन द्वारा सफाई करने की क्रिया-साबुन के अणु के दो सिरे होते हैं, जिसमें एक सिरा जल में घुल जाता है, इस सिरे को जलविरागी सिरा कहते हैं। दूसरा सिरी हाइड्रोकार्बन में घुलता है तथा जल में अघुलनशील होता है, इस सिरे को जलविरागी सिरा कहते हैं। जब साबुन जल की सतह पर होता है तो इसका आयनिक सिरा जल के अंदर तथा जलविरागी सिरा जल के बाहर होता है। इसके ठीक विपरीत जब साबुन के अणु जल के भीतर होते हैं तो इसका आयनिक सिरा बाहर की ओर तथा दूसरी सिरा अंदर की ओर होता है। ऐसा साबुन के अणुओं का बड़ा गुच्छा बनने के कारण होता है। इस प्रकार बनी संरचना को मिसेल कहते हैं। मिसेल का अंदर वाला सिरा हाइड्रोकार्बन, अर्थात् मैल जो तेलीय होता है, में घुलकर उसे मिसेल में जकड़ लेता है। कपड़े को पानी से खंगालने के क्रम में साबुन के मिसेल के साथ मैल बाहर आ जाता है एवं कपड़ा साफ हो जाता है। साबुन अणु ।
अथवा
आधुनिक आवर्त सारणी में 18 समूह हैं। इस आवर्त सारणी में 7 आवर्त हैं।
(i) समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार बढ़ता जाता है। समूह में ऊपर से नीचे जाने पर तत्वों के धात्विक गुण बढ़ते जाते हैं।
(ii) आवर्त में बाईं ओर से दाईं ओर जाने पर परमाणु आकार घटता जाता है तथा तत्वों के धात्विक गुण भी घटते जाते हैं।
उत्तर 13-
DNA प्रतिकृति-किसी जीवित कोशिका में कोशिका विभाजन के समय एक DNA अणु से उसके अपने जैसे दो DNA अणुओं के निर्माण होने के प्रक्रम को डी०एन०ए० प्रतिकृति कहते हैं।
DNA प्रतिकृति का महत्त्व-DNA प्रतिकृति गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं जो कोशिका के केंद्रक में उपस्थिति होते हैं। ये जनन की विशेष सूचना को धारण करने वाले प्रोटीन के निर्माण के लिए उत्तरदायी होते हैं। प्रत्येक प्रकार की सूचना के लिए विशिष्ट प्रकार के प्रोटीन उत्तरदायी होते हैं। DNA के अणुओं में आनुवांशिक गुणों का संदेश होता है जो जनक से संतति पीढी में जाता है।
उत्तर 14-
किरण 1. जब कोई प्रकाश किरण अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर जाती है तो दर्पण से परावर्तन के बाद वह उसके फोकस बिंदु से होकर गुजरती है।
किरण 2. जब कोई प्रकाश किरण दर्पण के फोकस बिंदु (F) से निकलती है तो वह परावर्तन के बाद दर्पण के मुख्य अक्ष के समांतर हो जाती है।
• फोकस दूरी, PF = 10 cm .
वक्रता केंद्र, C = 20 cm
F तथा C के मध्य बिम्ब को 15 cm पर रखा।
• प्रतिबिम्ब की प्रकृति और स्थिति-बिम्ब को 15 cm दूर रखने पर प्रतिबिम्ब उलटा, वास्तविक तथा C से दूर बनेगा।
उत्तर 15-
क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल के सूक्ष्म कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य अर्थात् लाल रंग का होता है। इससे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
उत्तर 16-
उत्तर 17-
(a) तंत्रिका तंत्र के तीन मुख्य कार्य :
(i) पूरे शरीर की क्रियाओं में समन्वय रखना।
(ii) बाहर की उद्दीपनों के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करवाना।
(iii) बाकी सभी शरीर के तंत्रों के बीच तालमेल से उनके कार्य करवाना।
(b) पौधों में या तो वृद्धि के लिए गति होती है या पौधों के किसी भाग में उसके बनावट में परिवर्तन के लिए गति होती है। पौधों में वृद्धि के लिए गति बाहरी उद्दीपनों के प्रति होती है जैसे प्रकाश, गुरुत्व बल, रसायनों के प्रभाव आदि द्वारा। यह गति वृद्धि पादप हार्मोनों (जैसे ऑक्सिन) द्वारा नियंत्रित होती है।
पौधों के भागों के बनावट में परिवर्तन उनकी कोशिकाओं के भीतर पानी जाने अथवा उनसे पानी बाहर आने के कारण उनके फूलने अथवा सिकुड़ने के कारण होता है।
उत्तर 18-
(a) दो चुबंकीय बल रेखाएँ परस्पर कभी भी इसलिए नहीं काटती है क्योंकि यदि वह किसी बिन्दु पर काटेगी तो उस बिन्दु पर चुबंकीय क्षेत्र की दो दिशाएँ हो जाएंगी, जबकि ऐसा संभव नहीं है। चुबंकीय क्षेत्र में प्रत्येक बिंदु पर इसकी केवल एक ही दिशा होती है जो सदैव N से S की तरफ होती है।
(b) P = 1.5 किलोवाट = 1,500 वाट
V = 220 वोल्ट I (वांछित विद्युत धारा) = ?
I = \(\frac { P }{ V }\) = \(\frac { 1,500 }{ 220 }\) = 6.8 A
परंतु उसे 5A विद्युत धारा वाले परिपथ में लगाया गया है इसलिए विद्युत परिपथ का फ्यूज़ बार-बार टूट जायेगा और उपकरण (विद्युत भट्ठी) ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पायेगा।
अथवा
प्रतिरोध (R)-किसी चालक द्वारा स्वयं से विद्युत धारा प्रवाहित होने से रोकने के प्रयास को उस चालक का
प्रतिरोध कहते हैं। प्रतिरोध का S.I. पात्रक ओम (Ω) है। यदि किसी चालक तार में से एक एम्पीयर विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तथा उसके दोनों सिरों के बीच विभवांतर (V) एक वोल्ट है तब उस चालक का प्रतिरोध एक ओम होगा।
किसी चालक तार का प्रतिरोध तीन कारकों पर निर्भर करता है :
(a) उसे तार की लंबाई वे मोटाई पर;
(b) उस तार की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर; तथा
(c) चालक तार को बनाने वाले पदार्थ की प्रकृति पर।
(i) किसी चालक तार की लंबाई दोगुना कर देने पर उसका प्रतिरोध भी दोगुना हो जायेगा क्योंकि चालक का प्रतिरोध उसकी लंबाई के समानुपाती होता है।
(ii) उस चालक तार की त्रिज्या (Radius) दुगुना करने पर उसका प्रतिरोध पहले प्रतिरोध से एक चौथाई रह जायेगा।
उत्तर 19-
कार्बन मुख्यतः सहसंयोजी आबंध द्वारा ही यौगिकों का निण करता है-कार्बन परमाणु को C4+ धनायन बनने के लिए, बाहरी कक्ष के चार इलेक्ट्रॉन खोने के लिए अत्याधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जो कि रासायनिक क्रियाओं में उपलब्ध नहीं हो पाती है, इसलिए यह C4+ धनायन नहीं बन पाता है। कार्बन परमाणु से C4- ऋणायन बनने पर इसमें कुल 10 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं, जिन्हें नाभिक के छह प्रोटॉन संतुलित नहीं कर पाते हैं। इसलिए यह इस प्रकार का ऋणायन नहीं बन पाती है। इसलिए कार्बन परमाणु, अपने परमाणुओं के साथ अथवा दूसरे तत्वों के परमाणुओं के साथ सहसंयोजी बंध बनाकर, सहसंयोजी यौगिक बनाता है।
कार्बन द्वारा अत्यधिक संख्या में यौगिकों का निर्माण :
(i) कार्बन के शृंखलन गुण के कारण।
(ii) कार्बन की संयोजकता 4 है। चार संयोजकता के कारण कार्बन के परमाणु अपने बाहरी कक्ष के चार । इलेक्ट्रॉनों के साथ तीनों प्रकार के सहसंयोजी आबंध बना सकते हैं।
कार्बन के परमाणुओं का आकार छोटा होने के कारण कार्बन द्वारा अन्य तत्वों के परमाणु के साथ निर्मित आबंध
प्रबल होते हैं। इसके कारण इलेक्ट्रॉन के सहभागी युग्मों को नाभिक मजबूती से पकड़े रहता है।
उत्तर 20-
• मानव में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं।
• लिंगसूत्र का 1 जोड़ा होता है।
• मानव में लिंगसूत्र दो प्रकार के हैं-X तथा Y। स्त्री में दो जोड़े X गुणसूत्र होते हैं तथा नर में एक जोड़ा X तथा एक जोड़ा X गुणसूत्र का होता है।
• किसी नवजात शिशु के लिंग निर्धारण की प्रक्रिया को दर्शाने वाला प्रवाह आरेख :
• नवजात शिशु का लिंग निर्धारण पिता के शुक्राणुओं द्वारा होता है लेकिन यह एक संयोग मात्र है कि ‘X’ लिंगसूत्रे के शुक्राणु अथवा ‘Y’ लिंगसूत्र के शुक्राणु में से कौन सा शुक्राणु मादा अण्डाणु को निषेचित करता है।
उत्तर 21-
• जब बिम्ब को लेंस व उसके F (फोकस) बिंदु के बीच रखते हैं तो उसको प्रतिबिम्बे सीधा व विवर्धित बनता है।
• जब बिम्ब F व 2F बिन्दु के बीच में रखा होता है, तो उसका उलटा विवर्धित प्रतिबिम्ब लैंस के दूसरी ओर 2F से दूर बनता है।
उत्तर 22-
लोहा तांबे धातु से अधिक क्रियाशील है। वह कॉपर सल्फेट के नीले विलयन में से कॉपर को विस्थापित कर अपना हरे रंग का फैरेस सल्फेट विलयन बना देता है। यह एक विस्थापन अभिक्रिया है।
उत्तर 23-
उत्तर 24-
उसे विद्यार्थी का प्रयोग सही था क्योंकि कुछ विद्युत धारा चालक तारों के प्रतिरोध को कम करने में प्रयुक्त हो जाती है तथा कुछ विद्युत धारा, एमीटर तथा वोल्टमीटर के आंतरिक प्रतिरोध के लिए भी खर्च हो जाती है। इस कारण उसके द्वारा ज्ञात की गए प्रतिरोध का मान उस प्रतिरोधक के वास्तविक प्रतिरोध के मान से कुछ भिन्न था।
उत्तर 25-
दो प्रेक्षण :
(i) तेज़ बुलबुलों के साथ एक गैस उत्पन्न होती है।
(ii) यह गैस एक रंगहीन तथा स्वादहीन गैस है। जिसकी पहचान करने पर पाया गया कि यह गैस CO) है।
CH3 COOH (aq) + NaHCO3 (s) → CH3 COONa (aq) + H2O (l) + CO2 (g)↑
उत्तर 26-
• द्विखण्डन विधि वह अलैंगिक जनन है जिसमें एक जनक कोशिका से दो संतति कोशिकाएँ बनती हैं और जनक कोशिका का अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
अमीबा में प्रजनन द्विखंडन द्वारा होता है-पहले अमीबा कोशिका का केंद्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है। इसके बाद कोशिका द्रव व कोशिका की पतली झिल्ली भी दो भागों में विभाजित होकर दो नन्हीं कोशिकाओं को बनाती है।
• यह जनन क्रिया केन्द्रक के विभाजन के साथ आरंभ होती है।
उत्तर 27-
(a) पर्दे को लेंस से दूर सरकाना होता है।
(b) प्रतिबिम्ब का साइज़ बढ़ता जाता है।
(c) बिम्ब को लेंस के बहुत निकट ले जाने पर, अब पर्दे पर प्रतिबिम्ब नहीं बनेगा क्योंकि अब प्रतिबिम्ब सीधा व काल्पनिक बनता है।
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