CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2
Board | CBSE |
Class | X |
Subject | Science |
Sample Paper Set | Paper 2 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
- भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
- प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
- प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
- भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।
SECTION A
प्र०1.
सौर-कुकर को अंदर से काले रंग से क्यों रंगा जाता है?
प्र०2.
ऐथेन (C2H6) अणु में कितने सह-संयोजी बंध होते हैं।
प्र०3.
काँच व जल का क्रमशः निरपेक्ष अपवर्तनांक 3/2 व 4/3 है। यदि प्रकाश की चाल काँच में 2 x 108 मी/से है तो प्रकाश की चाल निर्वात तथा जल में ज्ञात कीजिए।
प्र०4.
औद्योगिक स्तर पर बेकिंग सोडा बनाने की विधि का समीकरण लिखिए। बनने वाले उत्पादों के रासायनिक नाम भी लिखिए।
प्र०5.
निम्नलिखित समस्याओं के लिए कौन-कौन सी ग्रंथि तथा कौन-कौन से हार्मोन उत्तरदायी हैं?
(i) एक लड़की जो काफी लंबी हो गयी है।
(ii) एक स्त्री जिसका गला आगे से सूज गया है।
प्र०6.
अम्लों के कोई तीन रासायनिक गुण लिखिए। प्रत्येक का उदाहरण भी लिखिए।
प्र०7.
पौधों में जल तथा खनिज लवणों का वहन किस प्रकार होता है?
अथवा
संवेदी ( छुई-मुई) पौधे की पत्तियों की गति, तने की प्रकाश की दिशा में गति (वृद्धि) से किस प्रकार भिन्न है?
प्र०8.
चुबंकीय क्षेत्र रेखाएँ क्या है? इनके कोई दो गुण लिखिए।
प्र०9.
एक ओम प्रतिरोध की परिभाषा लिखिए। एक विद्यार्थी के पास एक 50 सेमी लंबी तार है, जिसका प्रतिरोध एक ओम है। वह तार को और कितना खींचे कि उसको प्रतिरोध 4 ओम हो जाए। अपने उत्तर को स्पष्ट कीजिए।
प्र०10.
एक अच्छे ईंधन के कोई तीन गुण लिखिए।
प्र०11.
किसी ऐल्कोहॉल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में भेद करने के दो प्रायोगिक परीक्षणों की सूची बनाइए और वर्णन कीजिए कि ये परीक्षण कैसे किए जाते हैं। ।
अथवा
दो तत्त्व ‘P’ और ‘Q आधुनिक आवर्त सारणी के एक ही आवर्त के क्रमशः समूह-1 और समूह-2 के सदस्य हैं। इनके निम्नलिखित लक्षणों/गुणधर्मों की तालिका के रूप में तुलना कीजिए :
(a) इनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(b) इनके परमाणुओं का आकार
(c) इनकी धात्विक प्रवृत्ति ।
(d) इनकी इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति
(e) इनके ऑक्साइडों के सूत्र
(f) इनके क्लोराइडों के सूत्र
प्र०12.
लैंगिक जनन के छः विशिष्ट अभिलक्षणों की सूची बनाइए।
प्र०13.
किसी समाज के लिए जनन स्वास्थ्य के चार महत्त्व के बिन्दुओं की सूची बनाइए। हमारे देश में पिछले 50 वर्षों में जनन स्वास्थ्य से संबंधित जिन क्षेत्रों में सुधार हुआ है, उनमें से किन्हीं दो के नाम लिखिए।
प्र०14.
यदि कोई दर्पण उसके सामने कहीं भी स्थित बिम्ब का सदैव ही सीधा और साइज़ में छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है, तो वह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख खींचिए। इस प्रकार के दर्पण प्रायः कहाँ और क्यों उपयोग किए जाते हैं?
प्र०15.
प्रकाश के प्रकीर्णन से क्या तात्पर्य है? इस परिघटना की सहायता से व्याख्या कीजिए कि स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों प्रतीत होता है अथवा सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है?
प्र०16.
(a) एक विद्यार्थी ने एक परखनली में पहले कुछ संगमरमर के टुकड़े डाले तथा उन पर तनु | हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डाला। इससे जो गैस उत्पन्न हुई उसे चूने के पानी से गुजारा गया। दोनों
अभिक्रियाओं का समीकरण लिखिए।
(b) निम्नलिखित के लिए बेकिंग सोडे का रासायनिक गुण लिखिए।
(i) एक ऐन्टएसिड (अम्लत्वनाशक) के रूप में;
(ii) बेकिंग पाउडर के घटक के रूप में।
प्र०17.
(a) हार्मोनों के स्रावण में पुनर्भरण क्रिया विधि से तुम क्या समझते हो। उसे एक उदाहरण द्वारा समझाइए।।
(b) पौधों में होने वाली दो विभिन्न प्रकार की गतियाँ बताइए? उनमें कोई दो अंतर भी लिखिए।
प्र०18.
उस उपकरण का नाम लिखिए जो किसी विद्युत परिपथ के दो सिरों के बीच विभवांतर को मापने के लिए लगाया जाता है। विभवांतर की इकाई, कार्य तथा आवेश के S.I इकाईयों के आधार पर परिभाषित कीजिए। निम्नलिखित के लिए विद्युत परिपथ उपयोग कीजिए। निम्नलिखित के विद्युत परिपथ में उपयोग होने वाले प्रतीक लिखिए :
(i) परिवर्ती प्रतिरोधक;
(ii) बंद प्लग कुंजी।।
नीचे दो विद्युत परिपथ (I) व (II) बने हैं।
(i) इनमें से किस परिपथ का प्रतिरोध अधिक है?
(ii) किस परिपथ में अधिक विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है? ।
(iii) किस परिपथ में सभी प्रतिरोधकों का विभवांतर एक बराबर है?
(iv) यदि R1 > R2 > R3 तो किस परिपथ में बाकी दो प्रतिरोधकों की तुलना में R1 द्वारा अधिक ऊष्मा उत्पादित होगी?
प्र०19.
साबुन तथा अपमार्जक दोनों ही एक प्रकार के लवण हैं। इनमें क्या अंतर है? साबुन की सफ़ाई की प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन कीजिए। साबुन कठोर जल में झाग का निर्माण क्यों नहीं करते? साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने से उत्पन्न दो समस्याओं की सूची बनाइए।
प्र०20.
मेंडल के प्रयोग ने यह किस प्रकार दर्शाया कि
(a) लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं,
(b) विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं?
प्र०21.
किसी लेंस की क्षमता से क्या तात्पर्य है? इसके S.I. मात्रक की परिभाषा लिखिए। आपके पास दो लेंस A और B हैं जिनकी फोकस दूरियाँ क्रमशः +10 cm और -10 cm हैं। इन दोनों लेंसों की प्रकृति लिखिए और क्षमता ज्ञात कीजिए। इन दोनों में से किस लेंस से, किसी बिम्ब को लेंस से 8 cm की दूरी पर रखने पर उसका आभासी और आवर्धित प्रतिबिम्ब बनेगा? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख खींचिए।
SECTION B
प्र०22.
एक विद्यार्थी ने एक ठोस चूने के टुकड़े को चाईना डिश में लिया तथा उसमें थोड़ा-सा जल मिलाया। अब वह चाईना डिश में कौन से दो परिवर्तन देखता है?
प्र०23.
किसी प्रतिरोधक में से विद्युत धारा का प्रवाह उसके सिरे के बीच विभवांतर पर निर्भर करता है, इसके लिए नामांकित विद्युत परिपथ बनाइए।
प्र०24.
स्टोमेटा का एक नामांकित चित्र बनाइए जिसमें स्टोमेटा छिद्र खुला हो।
प्र०25.
जब आप एक परखनली में ऐसीटिक अम्ल लेकर उसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं, तब तुरन्त ही तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए। इस गैस के परीक्षण की विधि का वर्णन कीजिए।
प्र०26.
छात्रों से यीस्ट में मुकुलन के विभिन्न चरणों को दर्शाने वाली स्थायी स्लाइडों का सूक्ष्मदर्शी की उच्च क्षमता में प्रेक्षण करने के लिए कहा गया।
(a) स्लाइडों को फोकस करने के लिए आपको सूक्ष्म समायोजन अथवा रूक्ष समायोजन में से किसे घुमाने के लिए कहा गया?
(b) यीस्ट में मुकुलन को सही क्रम में दर्शाने के लिए तीन आरेख खींचिए।
प्र०27.
किसी उत्तल लेंस के मुख्य अक्ष पर लेंस के प्रकाशिक केन्द्र से 12 cm दूरी पर कोई 4 cm लम्बा बिम्ब स्थित है। लेंस से 24 cm दूरी पर लेंस के दूसरी ओर इस बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब एक पर्दे पर बन रहा है। अब यदि इस बिम्ब को लेंस से कुछ दूर ले जाएँ, तो बिम्ब का तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब पर्दे पर फिर प्राप्त करने के लिए पर्दे को किस दिशा में (लेंस की ओर अथवा लेंस से दूर) ले जाना होगा? प्रतिबिम्ब के आवर्धन पर इसका क्या प्रभाव होगा?
Answers
उत्तर 1-
काला रंग, ऊष्मा को जल्दी से अवशोषित करता है इसलिए कुकर के अंदर का काला रंग सौर किरणों को तीव्रता से अवशोषित कर सौर-कुकर का तापक्रम उच्च कर देता है।
उत्तर 2-
ऐथेन (C2H6) अणु में 7 एकल सह-संयोजी बंध होते हैं।
उत्तर 3-
(i) काँच का निरपेक्ष अपवर्तनांक (ng) = \(\frac { 3 }{ 2 }\)
जल का निरपेक्ष अपवर्तनांक (nw) = \(\frac { 4 }{ 3 }\)
काँच में प्रकाश की चाल (vg) = 2 x 108 मी/से
उत्तर 4-
सोडियम क्लोरॉइड विलयन में से कार्बनडाइऑक्साइड (CO2) तथा अमोनिया (NH3) गैसों को प्रवाहित करने पर बेकिंग सोडा प्राप्त होता है।
बेकिंग सोडा बनने वाले उत्पादों के रासायनिक नाम :
(i) NaHCO3 —-> सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
(ii) NH4Cl —-> अमोनियम क्लोराइड
उत्तर 5-
(i) पीयूष ग्रंथि —> वृद्धि हार्मोन
(ii) अवटु ग्रंथि —> थाइरॉक्सिन हार्मोन
उत्तर 6-
(i) अम्ल धातुओं के साथ अभिक्रिया करके अपने लवण तथा H, गैस बनाते हैं।
Zn + 2HCl —–> ZnCl2 + H2↑
(ii) अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं।
(iii) अम्ल क्षारों के साथ अभिक्रिया करके लवण व जल अणु बनाते हैं। इन क्रियाओं को उदासीनीकरण क्रियाएँ कहते हैं।
उत्तर 7-
पौधों में जल तथा खनिज लवणों का वहन जाइलम उत्तक करता है। जड़ों की कोशिकाएँ मृदा के अंदर होती हैं तथा वे आयने का आदान-प्रदान करती हैं। जाइलम जड़ और मृदा में जड़ के आयन में एक अंतर उत्पन्न करता है, इस अंतर को समाप्त करने के लिए जल गति करते हुए जड़ के जाइलम में जाता है और जल के | स्तंभ का निर्माण करता है, जो लगातार ऊपर की धकेला जाता है। पत्तियों के द्वारा वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा जल की हानि होती है जिससे जाईलम नलिकाओं में उपस्थित जल ऊपर की ओर खींचता है। अतः वाष्पोत्सर्जन क्रिया जल के वहन के लिए महत्त्वपूर्ण होती है।
अथवा
पौधों के तने की प्रकाश की ओर वृद्धि को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं। पौधे के तने की प्रकाश की तरफ गति (वृद्धि) पादप हार्मोन, ऑक्सिन द्वारा नियंत्रित होती है। तने के छाया की तरफ वाले भाग में ऑक्सिन अधिक मात्रा में उत्पन्न होता है तथा उसके प्रकाश वाले भाग में यह कम मात्रा में उत्पन्न होता है जिसके कारण तना प्रकाश की तरफ मुड़ जाता है। छुई-मुई पौधों में पत्तियों की गति को अनुकुंची गति कहते हैं। छुई-मुई के पौधे की पत्तियों को छूने पर उसके आस-पास की कोशिकाओं में जल सांद्रता में कमी आ जाती है जिसके कारण उसकी पत्तियाँ बंद हो जाती हैं।
कुछ समय बाद जब उन कोशिकाओं में जल की सांद्रता सामान्य हो जाती है तो पत्तियों फिर से खुल जाती हैं।
उत्तर 8-
चुम्बक के चारों ओर बहुत-सी रेखाएँ बनती हैं, जो चुम्बक के उत्तरी (N) ध्रुव से निकल कर दक्षिणी (S) ध्रुवे में प्रवेश करती प्रतीत होती है, इन रेखाओं को चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कहते हैं।
दो गुण
(i) यह रेखाएँ चुबंक के ध्रुव के पास सघन होती हैं इस कारण वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र मजबूत होता है।
(ii) चुम्बकीय रेखाएँ परस्पर एक-दूसरे को काटती नहीं हैं।
उत्तर 9-
एक ओम-किसी विद्युत परिपथ में जब एक चालक तार में से एक एम्पीयर कि विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तथा उसके दोनों सिरों के बीच विभवांतर एक वोल्ट है तो उस तार का प्रतिरोध एक ओम होगा। हम जानते है कि
उत्तर 10-
एक अच्छे ईंधन के कोई तीन गुण :
(i) एक अच्छे ईंधन का कैलोरी मान उच्च होना चाहिए।
(ii) जलने के समय यह अधिक मात्रा में धुआं तथा हानिकारक गैसें उत्पन्न न करे अर्थात् यह वातावरण को प्रदूषित न करे।
(iii) इसका ज्वलन तापक्रम न तो बहुत अधिक हो ओर न हीं बहुत कम हो अर्थात् यह मध्यम तापक्रम पर ज्वलनशील होना चाहिए।
उत्तर 11-
प्रयोग-1-लिटमस प्रयोग : दो नीले लिटमस की पट्टियाँ (strips) लीजिए। ऐल्कोहॉल तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल की एक-एक बूंद दोनों पट्टियों पर बारी-बारी से डालें। कार्बोक्सिलिक अम्ल नीले लिटमस पेपर को लाल कर देता है परंतु ऐल्कोहॉल के कारण पेपर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
प्रयोग-2-सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट प्रयोग/सोडियम कार्बोनेट प्रयोग : यदि एक परखनली में 2 mL कोर्बोक्सिलिक अम्ल लेकर उसमें 2 mL सोडियम कार्बोनेट का विलयन डालते हैं तो इन दोनों में तेज़ बुदबुदाहट के साथ अभिक्रिया होती है तथा CO2 गैस उत्पन्न होती है। यह CO2 गैस को जब चूने के पानी में से गुजारा जाता है तो चूने का पानी दूधिया हो जाता है। यह प्रयोग जब किसी ऐल्कोहॉल के साथ करते हैं तो ऐल्कोहॉल सोडियम कार्बोनेट के विलयन के साथ कोई अभिक्रिया नहीं करता इसलिए CO2 गैस उत्पन्न नहीं होती।
अथवा
तालिका : माना P व Q दोनों ही आवर्त 3 के तत्व हैं।
उत्तर 12-
लैंगिक जनन के विशिष्ट अभिलक्षण :
(i) जीवों में नर जनन अंगों तथा मादा जनन अंगों का विकसित होना।
(ii) जनन अंगों में नर तथा मादा जनन कोशिकाओं का अर्धसूत्री कोशिका विभाजन द्वारा बनना।
(iii) नर जनन कोशिका (शुक्राणु) का मादा के जनन अंगों तक पहुँचना।
(iv) नर जनन कोशिका द्वारा मादा जनन कोशिका का निषेचन।
(v) निषेचन के पश्चात् दोनों कोशिकाओं के मिलने के बाद, युग्मनज का बनना।
(vi) युग्मनजे से अगली संतति के जीव का विकास व उत्पत्ति।
उत्तर 13-
समाज में जनन स्वास्थ्य के चार महत्त्वपूर्ण बिन्दु :
(i) जनन अंगों के विषय में किशोर लड़के व लड़कियों को जानकारी देना तथा जनन अंगों को शेष शारीरिक अंगों के समान स्वच्छ रखने के लिए जागरूक करना।
(ii) यौन क्रिया द्वारा लैंगिक संचारित रोगों (STDs) के प्रति लोगों को अवगत कराना तथा उनसे बचाव करके प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने की जानकारी देना।
(iii) जनन अंगों में किसी प्रकार का रोग होने पर उसे अच्छे चिकित्सक को दिखाकर उचित उपचार कराना।
(iv) गर्भधारण के बाद स्त्रियों द्वारा जनन अंगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
जनन स्वास्थ्य संबंधी दो सुधार :
(i) जनन स्वास्थ्य के लिए प्रत्येक गाँव में स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की गई है।
(ii) जनन स्वास्थ्य के लिए व्यस्कों द्वारा संभोग क्रिया के समय निरोध का प्रयोग करने के हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि लैंगिक संचारित रोगों (STDs) से बचाव किया जा सके।
उत्तर 14-
उत्तल दर्पण अपने सामने कहीं भी रखे बिम्ब का सदैव ही सीधा और साइज़ में छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है।
उत्तल दर्पणों के उपयोग :
(i) इन दर्पणों का उपयोग वाहनों के पश्च-दृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है। यह दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं।
(ii) बड़े उत्तल दर्पणों का प्रयोग दुकानों की सुरक्षा में भी किया जाता है। बड़े उत्तल दर्पणों को दुकानों में ऐसे स्थानों पर लगाया जाता है जहाँ से दुकानदार सामान खरीदने वाले ग्राहकों में से सामान चुराने वाले ग्राहकों अथवा चोरों को आसानी से देख सकें।
उत्तर 15-
प्रकाश का प्रकीर्णन-वायुमण्डल में वायु के अणु तथा अन्य सूक्ष्म कण, कम तरंगदैर्ध्य की सूर्य की नीली प्रकाश किरणों को विसरित कर देते हैं तब हमें इन प्रकाश किरणों का मार्ग दिखाई देने लगता है। इस घटना को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं।
स्वच्छ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है-जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है तो वायु के सूक्ष्म कण लाल रंग की अपेक्षा नीले रंग (छोटी तरंगदैर्थ्य) को अधिक प्रबलता से प्रकीर्ण करते हैं। प्रकीर्णित हुआ नीला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है। अत: स्वच्छ आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। यदि पृथ्वी पर वायुमंडल न होता तो कोई प्रकीर्णन न हो पाता तब स्वच्छ आकाश काला ही प्रतीत होता।
सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है-क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल के सूक्ष्म कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य अर्थात् लाल रंग का होता है। इससे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
उत्तर 16-
(a) जब संगमरमर के एक टुकड़े को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तब CO2 गैस निष्कासित होती है। जब इस गैस को चूने के पानी से गुजारा जाता है तो ये दूधिया हो जाता है।
CaCO3 (सफेद अवक्षेप) के बनने के कारण ही चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
(b) (i) बेकिंग सोडा एक दुर्बल क्षार की तरह कार्य करता है इसलिए इसे पीने से आमाशय की अम्लता दूर हो जाती है तथा अपचयन कम होता है। अतः यह ऐन्टएसिड के रूप में प्रयोग होता है।
(ii) बेकिंग सोडे के साथ टारटरिक अम्ल को मिला कर बेकिंग पाउडर बनाया जाता है। जब केक या बिस्कुट आदि बनाने के लिए बेकिंग पाउडर और पानी मिला कर, केक एवं बिस्कुट बनाने । के लिए गुंधा गया आटा बनाकर उसे गर्म किया जाता है तो बेकिंग सोडे से CO2 गैस उत्पन्न होती है। यह CO2 गैस केक तथा बिस्कुट आदि को फुलाती है तथा उनमें छोटे-छोटे छिद्र बनाती हुई निकलती है जिससे केक व बिस्कुट आदि नरम हो जाते हैं।
उत्तर 17-
(a) विभिन्न ग्रंथियों द्वारा निर्मुक्त हार्मोनों के समय और मात्रा को पुन:र्भरण प्रक्रिया द्वारा नियंत्रित किया जाता है जो हमारे शरीर में अंत:रचित होती हैं, जैसे–यदि रक्त में शर्करा की मात्रा काफी अधिक हो जाती है। तो यह रक्त में अधिक इन्सुलिन उत्पन्न और स्रावित करके अनुक्रिया दिखाती है, जिसको अग्न्याशय ग्रंथि की कोशिकाओं द्वारा पता लगा लिया जाता है। जैसे ही रक्त शर्करा एक निश्चित स्तर पर आ जाती है। इन्सुलिन का स्रावण अपने-आप कम हो जाता है।
(b) पौधों में मुख्यतः दो प्रकार की गतियाँ होती हैं :
(i) अनुवर्तन गतियाँ तथा
(ii) संवेदी गतियाँ।
अनुवर्तन गतियाँ-किसी बाहरी उद्दीपक के प्रति अनुक्रिया में पौधों के किसी भाग की गति, जिसमें उद्दीपन की दिशा अनुक्रिया की दिशा को निर्धारित करती है, अनुवर्तन गति कहलाती है। संवेदी गतियाँ-यह एक अनुकुंचनी गति है जो प्रयुक्त उद्दीपन की दिशा पर निर्भर नहीं करती। अनुवर्तन गतियों तथा संवेदी गतियों में अंतर :
उत्तर 18-
• किसी विद्युत परिपथ के दो सिरों के बीच विभवांतर को मापने के लिए लगाया जाने वाला उपकरण वोल्टमीटर है। V = \(\frac { W }{ Q }\)
V = विभवांतर, W = किया गया कार्य, Q = आवेश की मात्रा
V = \(\frac { 1J }{ 1C }\) = 1 वोल्ट। विभावंतर की S.I. इकाई वोल्ट है। यदि
किसी विद्युत धारावाही चालक के दो बिंदुओं के बीच एक कूलॉम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में एक जूल कार्य किया जाता है तो उन दो बिंदुओं के बीच विभवांतर एक वोल्ट होता है।
• विद्युत परिपथ में उपयोग होने वाले प्रतीक :
(i) परिपथ (I) का प्रतिरोध अधिक होगा क्योंकि एक श्रृंखला में जुड़े किसी भी प्रतिरोध के संयुक्त प्रतिरोधक | हमेशा व्यक्तिगत प्रतिरोध के योग के बराबर होते हैं।
(ii) परिपथ (II) में अधिक विद्युत धारा प्रवाहित होगी।
(iii) परिपथ (II) के प्रतिरोधकों का विभवांतर एक-दूसरे के बराबर है।
(iv) यदि परिपथ में R1 > R2 > R3 है तब परिपथ I में, R1 द्वारा बाकि दोनों प्रतिरोधकों की तुलना में अधिक ऊष्मा उत्पादित होगी।
उत्तर 19-
साबुन लम्बी श्रृंखला वाले अम्लों के सोडियम एवं पोटाशियम लवण होते हैं।
उदाहरण : C17 H35 COO– Na+ सोडियम स्टेरेट
C15 H31 COO–Na+ सोडियम पालमीटेट
अपमार्जक लम्बी श्रृंखला वाले अम्लों के अमोनियम अथवा सल्फोनेट लवण होते हैं।
उदाहरण : CH3 – (CH2)11 – C6H4 – SO3–Na+
CH3 – (CH2)10 – CH2 – SO4– Na+.
साबुन द्वारा सफाई करने की क्रिया-साबुन के अणु के दो सिरे होते हैं, जिसमें एक सिरा जल में घुल जाता है, इस सिरे को जलरागी सिरा कहते हैं। दूसरा सिरा हाइड्रोकार्बन में घुलता है तथा
जल में अघुलनशील होता है, इस सिरे को जलविरागी सिरा कहते हैं। जब साबुन जल की सतह पर होता है तो इसका आयनिक सिरा जल के अंदर तथा जलविरागी सिरा जल के बाहर होता है। इसके ठीक विपरीत जब साबुन के अणु जल के भीतर होते हैं तो इसका आयनिक सिरा बाहर की ओर तथा दूसरा सिरा अंदर की ओर होता है। ऐसा साबुन के अणुओं का बड़ा गुच्छा बनने के कारण होता है। इस प्रकार बनी संरचना को मिसेल कहते हैं। मिसेल का अंदर वाला सिरा मैल जो तेलीय होता है, में घुलकर उसे मिसेल में जकड़ लेता है। कपड़े को पानी से खंगा
लने के क्रम में साबुन के मिसेल के साथ मैल बाहर आ जाता है एवं कपड़ा साफ हो जाता है।
साबुन कठोर जल में झाग नहीं बनाते-साबुन कार्बनिक अम्लों के सोडियम अथवा पोटाशियम लवण होते हैं। कठोर जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम धातुओं के घुलनशील लवण होते हैं। जब साबुन के साथ यह लवण क्रिया करते हैं तो अघुलनशील लवण बनते हैं जो सफेद अवक्षेप बनाते हैं, जिनके कारण साबुन कठोर जल के साथ झाग नहीं बना पाता। अतः कठोर जल के साथ साबुन का उपयोग कपड़े धोने के लिए उचित नहीं समझा जाता। साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने से उत्पन्न दो समस्याएँ :
(i) अपमार्जक अणुओं को अपघटन नहीं हो सकता इसलिए ये जल स्रोतों को प्रदूषित करते हैं।
(ii) अपमार्जकों की अभिक्रिया तीव्र होती है इसलिए यह कपड़े धोने वाले व्यक्ति के हाथों पर घाव बना सकते हैं।
उत्तर 20-
मेंडल का प्रयोग यह दर्शाता है
(a) लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं-जब मेंडल ने एक संतति (F1 पीढ़ी) पाने हेतु अलग-अलग लक्षण की प्रवृत्ति वाले एक जैसे पौधों, एक लंबे मटर के पौधे (TT) तथा एक बौने मटर के पौधे (tt), का आपस में संकरण करवाया तो उसने पाया कि सभी F1 पौधे लम्बे थे। इस पीढी का प्रभावी गुण लंबाई था। परंतु जब F1 पीढ़ी के पौधों का स्वनिषेचन कराया तो इस पीढ़ी में दोनों लक्षण अलग अलग हो गए। F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे। F2 पीढ़ी के एक-चौथाई पौधे बौने थे। F1 और F2 दोनों पीढ़ियों में लंबाई अभिलक्षण पाया गया अर्थात् यह प्रभावी लक्षण था। वहीं बौनेपन का लक्षण F1 पीढ़ी में दिखाई नहीं देता परंतु यह लक्षण फिर से F2 पीढ़ी में दिखाई दिया अर्थात् यह अप्रभावी लक्षण था।
(b) विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं
मेंडल ने अपने किए हुए प्रयोगों के आधार पर इस बात की पुष्टि की है कि प्रत्येक गुण के लक्षण स्वतंत्र रूप से युग्मक में पहुँचते हैं और भावी पीढ़ी में भी स्वतंत्र रूप से रहते हैं, परस्पर मिश्रित नहीं होते। जब गोल व हरे बीजों वाले पौधों का झुर्रादार व पीले बीजों वाले पौधों से संकरण कराया जाता है तो F1 पीढ़ी के सभी पौधे पीले और गोल बीज वाले होंगे। अतः पीले तथा गोल बीज ‘प्रभावी’ लक्षण हैं। F1 संतति के स्वनिषेचन से F2 पीढ़ी की संतति प्राप्त होती है। मेंडल के प्रयोग द्वारा F2 संतति के कुछ पौधे गोल व पीले बीज वाले होंगे तथा कुछ झुरीदार व हरे बीज वाले। परंतु F2 की संतति के कुछ पौधे नए संयोजन प्रदर्शित करेंगे। अतः पीले / हरे लक्षण तथा गोल / झुर्रादार लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं जैसा कि प्रवाह चित्र में दर्शाया गया है।
उत्तर 21-
लेंस की क्षमता-किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों को अभिसरण अथवा अपसरण करने की मात्रा को उस लेंस की क्षमता कहते हैं। इसे P द्वारा निरूपित करते हैं। किसी f फोकस दूरी के लेंस की क्षमता का S.I. मात्रक डाइऑप्टर है। एक डाइऑप्टर उस लेंस की क्षमता है। जिसकी फोकस दूरी एक मीटर है।
अवतल लेंस की क्षमता नकारात्मक (negative) होती है इसलिए लेंस B अवतल लेंस है। किसी बिम्ब को लेंस से 8 सेमी दूर रखने पर उसका आभासी और आवर्धित प्रतिबिम्ब लेंस A द्वारा बनेगा।
उत्तर 22-
(i) चूने तथा पानी के बीच तेज अभिक्रिया होती है तथा सांय-सांय की ध्वनि के साथ बुझा चूना बनता है।
(ii) चाईना डिश काफी गर्म हो जाती है क्योंकि यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
उत्तर 23-
उत्तर 24-
उत्तर 25-
जब एक परखनली में ऐसीटिक अम्ल लेकर उसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं तो तेज़ बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस निकलती है जो रंगहीन तथा गंधहीन होती है।
CH3COOH (aq) + NaHCO3 (aq) —-> CH3COONa + H2O + CO2↑
जब CO2 गैस को चूने के पानी से गुजारा जाता है तो CaCO3 (कैल्सियम कार्बोनेट) की उत्पत्ति के कारण चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
Ca(OH)2 (aq) (चूने का पानी) + CO2 (g) —-> CaCO3 ↓ (सफेद अवक्षेप) + H2O
जब CO2 गैस को चूने के पानी में कुछ अधिक देर तक गुजारा जाता है तो Ca(HCO3)2 की उत्पत्ति के कारण चूने के पानी का दूधियापन समाप्त हो जाता है।
CaCO3 + H2O + CO2 —-> Ca(HCO3)2 (aq)(पानी में घुलनशील)
उत्तर 26-
(a) सूक्ष्म समायोजन को घुमाने के लिए कहा गया है।
(b) यीस्ट में मुकुलन को सही क्रम में दर्शाने के लिए तीन आरेख :
उत्तर 27-
(a) पर्दे को लेंस की ओर ले जाना होगा ताकि बिम्ब का एक तीक्ष्ण प्रतिबिम्ब फिर से प्राप्त किया जा सके।
(b) बिम्ब को लेंस से दूर ले जाने पर प्रतिबिम्ब का आवर्धन कम होता जाएगा।
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