CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3
Board | CBSE |
Class | X |
Subject | Science |
Sample Paper Set | Paper 3 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
- भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
- प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
- प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
- भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।
SECTION A
प्र०1.
प्रकाश संश्लेषण की परिभाषा लिखिए।
प्र०2.
दो प्राकृतिक पारितंत्रों के नाम लिखिए।
प्र०3.
ऐसी दो स्थितियों का वर्णन कीजिए जिन पर किसी बिम्ब को रखने पर, एक अवतल दर्पण दोनों बार बिम्ब का बड़ा प्रतिबिम्ब बनाता है। इन दोनों प्रतिबिम्बों के बीच दो अंतर लिखिए।
प्र०4.
एल्युमिनियम धातु के कोई ऐसे चार गुण लिखिए जिसके कारण इसकी उद्योगों में बहुत मांग है?
प्र०5.
उन पादप हार्मोनों के नाम लिखिए जो पौधों में निम्नलिखित कार्यों के लिए उत्तरदायी हैं :
(i) जो तने की वृद्धि करता है।
(ii) जो कोशिका विभाजन करवाता है।
(iii) जो पत्तियों के मुझने के लिए उत्तरदायी है।
(iv) जो पौधे की वृद्धि रोकता है। उत्तरकार्य
प्र०6.
निम्नलिखित क्रियाओं में ऑक्सीकृत तथा अपचयित हुए पदार्थों के नाम लिखिए तथा प्रत्येक अभिक्रिया के उपचायक व अपचायक पदार्थों के नाम भी लिखिए।
(a) 3MnO2 + 4Al → 3Mn + 2Al2O3
(b) Fe2O3 + 3CO → 2Fe + 3CO2
(c) SO2 + 2H2S → 3S + 2H2O
अथवा
निम्नलिखित में उदाहरण देकर अंतर स्पष्ट कीजिए :
(i) खनिज तथा अयस्क
(ii) संक्षारण तथा विकृतगंधिता
(iii) धातुओं की आघातवर्थ्यता तथा तन्यता
प्र०7.
उस तंत्र का नाम लिखिए जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शरीर के अन्य अंगों से जोड़ता है। इस तंत्र में जो दो प्रकार की तंत्रिकाएँ होती हैं, उनका नाम लिखिए। यह भी बताइए ये तंत्रिकाएँ कहाँ से प्रारम्भ होती।
प्र०8.
विद्युत धारावाही सीधे चालक तार के चारों ओर के चुबंकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाओं को चित्र द्वारा निरूपित कीजिए।
इस चालक तार पर उत्पन्न चुबंकीय क्षेत्र पर निम्नलिखित को क्या प्रभाव पड़ता है :
(i) चालक से किसी बिंदु की दूरी पर।।
(ii) चालक में विद्युत धारा बढ़ाने पर।
प्र०9.
नीचे दिये गये चित्र में चारों प्रतिरोधकों के इस संयोजन से बैटरी से कितनी विद्युतधारा प्राप्त की जा रही है?
प्र०10.
अनीता गर्मी की छुट्टियों में अपने गाँव गई। उसने वहाँ देखा कि उसकी दादी लकड़ी जलाकर खाना पकाती हैं। जिससे रसोई तथा घर में काफी धुआँ हो जाता है तथा इसका बुरा प्रभाव उसकी दादी के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अनीता ने गाँव में अपने परिवार को कुछ विकल्पों का सुझाव दिया तथा इसके लिए उसने स्वयं की सहायता भी दी। अब निम्न प्रश्नों का उत्तर दीजिए :
(i) अनीता द्वारा अपनी दादी को सुझाए गए दो विकल्पों की सूची बनाइए।।
(ii) लकड़ी के ईंधन को न जलाकर अनीता की दादी स्वयं तथा अपने समुदाय को कैसे लाभ पहुँचाएंगी? प्रत्येक का एक कारण दीजिए।
(iii) अनीता की इस प्रकार की सोच उसकी किन विशेषताओं को दर्शाती है?
प्र०11.
सहसंयोजी यौगिक क्या हैं? ये आयनिक यौगिकों से भिन्न क्यों होते हैं? इनके तीन विशेष गुणों की सूची बनाइए।
प्र०12.
कोई तत्व ‘M’, जिसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2,8, 2) है, पृथक रूप से मूलकों (NO3)–, (SO4)2- तथा (PO4)3- के साथ संयोग करता है। इस प्रकार बने तीन यौगिकों के सूत्र लिखिए। तत्व ‘M’ आधुनिक आवर्त सारणी के किस समूह और आवर्त में आता है? ज्ञात कीजिए ‘M’ सहसंयोजी यौगिक बनाएगा अथवा आयनिक यौगिक बनाएगा? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
प्र०13.
जीव चाहे लैंगिक जनन करें अथवा अलैंगिक, पीढ़ी दर पीढ़ी उनकी कई पीढ़ियों तक गुणसूत्रों की संख्या किस प्रकार नियत बनी रहती है? उपयुक्त उदाहरण की सहायता से व्याख्या कीजिए।
अथवा
गर्भनिरोध की तीन विधियों की सूची बनाइए और प्रत्येक को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
प्र०14.
नीचे दिए गए आरेख को, जिसमें अवतल/उत्तल दर्पण पर कोई प्रकाश किरण आपतन करती दर्शायी गयी है, अपनी उत्तर पुस्तिका पर खींचिए। प्रत्येक प्रकरण में इस किरण का दर्पण से परावर्तन के पश्चात् का पथ दर्शाइए।
प्र०15.
प्रातःकाल सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? क्या कोई प्रेक्षक इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर भी कर सकता है? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
प्र०16.
(a) सार्वत्रिक सूचक क्या है? इसका एक उपयोग लिखिए।
(b) विलयन A फिनॉलफ्थलीन सूचक की एक बूंद उसमें डालने पर गुलाबी रंग देता है। विलयन B में मेथिल ऑरेंज की एक बूंद डालने पर उसका रंग लाल हो जाता है। विलयन A तथा विलयन B की प्रकृति लिखिए।।
(c) एक ऐसे लवण का नाम लिखिए जिसके विलयन का pH मान 7 से अधिक है तथा एक ऐसे लवण का नाम लिखिए जिसके विलयन का pH मान 7 से कम है।
प्र०17.
(a) मनुष्यों में ऑक्सीकृत तथा अनॉक्सीकृत रक्त को अलग-अलग करना किस प्रकार लाभप्रद है?
(b) मनुष्य में रक्त का दोहरा परिसंचरण क्यों आवश्यक है?
प्र०18.
प्रतिरोधकों के श्रेणी क्रम के लिए :
R = R1 + R2 + R3 को सत्यापित कीजिए।
तीन प्रतिरोधक 6Ω, 9Ω तथा 18Ω परस्पर समांतर क्रम में जुड़े है। इनका परिणामी प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
अथवा
विद्युत परिपथ क्या है? विद्युत परिपथ पूरा होते ही उसमें विद्युत प्रवाह क्यों होने लगता है? एक चालक के दो सिरों के बीच विभवांतर एक वोल्ट है? इसका क्या अर्थ है?
एक बैटरी के दोनों सिरों के बीच विभवांतर ज्ञात कीजिए जब उसमें से 2 कूलॉम के आवेश को ले जाने में 12 जूल का कार्य करना पड़ता है।
प्र०19.
(a) संतृप्त हाइड्रोकार्बनों और असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों के बीच विभेदन करने के लिए कोई रासायनिक परीक्षण लिखिए।
(b) एथेन के वायु दहन होने पर बनने वाले उत्पादों के नाम लिखिए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए और विमोचित होने वाली विभिन्न प्रकार की ऊर्जाओं को दर्शाइए।
(c) सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में मेथेन की क्लोरीन के साथ अभिक्रिया को प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्यों माना जाता है?
प्र०20.
जाति उद्भवन से क्या तात्पर्य है? जाति उद्भवन के लिए उत्तरदायी चार कारकों की सूची बनाइए। इनमें से कौन स्वपरागित स्पीशिज़ के पादपों के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता? अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
प्र०21.
(a) मानव नेत्र के नीचे दिए गए प्रत्येक भाग का कार्य लिखिए :
पुतली, परितारिका, क्रिस्टलीय लेंस, पक्ष्माभी पेशियाँ
(b) संसार के विकासशील देशों के लाखों व्यक्ति कॉर्निया-अंधता से पीड़ित हैं। इन व्यक्तियों को नेत्रदान द्वारा प्राप्त कॉर्निया के प्रत्यारोपण/प्रतिस्थापन द्वारा ठीक किया जा सकता है। आपके शहर के किसी परोपकारी समाज ने आपके पड़ोस में इसी तथ्य के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से एक अभियान का आयोजन किया है। यदि आपसे इस जीवन-लक्ष्य में भाग लेने के लिए कहा जाए, तो आप इस पुण्य कार्य में किस प्रकार सहयोग देंगे?
(i) इस प्रकार के अभियानों को आयोजित करने का उद्देश्य लिखिए।
(ii) मृत्यु के पश्चात् अपने नेत्रों को दान करने के लिए प्रेरित करते समय आप लोगों को क्या तर्क देंगे? ऐसे दो तर्कों की सूची बनाइए।
(iii) उन दो मूल्यों की सूची बनाइए जो उन व्यक्तियों में विकसित हो जाते हैं जो इस प्रकार के कार्यों में भाग लेकर सक्रिय योगदान देते हैं।
SECTION B
प्र०22.
द्विविस्थापन अभिक्रिया के अध्ययन करने के लिए जब हम एक परखनली में बेरियम क्लोराईड के विलयन को सोडियम सल्फेट के विलयन में मिलाते हैं तो :
(i) हम दोनों विलयनों के मिलने पर क्या देखते हैं।
(ii) हम दस मिनटों के बाद ऊपर बनाए गए विलयन में क्या प्रतिक्रिया होते हुए देखते हैं?
प्र०23.
विभवांतर का विद्युत धारा की मात्रा के ऊपर निर्भर होने का एक प्रयोग करते समय यदि विद्युत परिपथ को अधिक समय तक चालू रखा जाए तो निम्नलिखित में से दो ठीक उत्तर चुनिए :
(i) एमीटर की शून्य अशुद्धि में परिवर्तन आ जायेगा।
(ii) वोल्टमीटर की शून्य अशुद्धि में परिवर्तन आ जायेगा।
(iii) चालक के प्रतिरोध का मान बदल जायेगा।
(iv) प्रतिरोधक गर्म हो जायेगा।
प्र०24.
जब आप एक पत्ती के काट की रंगीन स्लाईड को सूक्ष्मदर्शी की उच्च शक्ति पर देखते हैं तो आप क्या देखेंगे?
प्र०25.
आप क्या प्रेक्षण करते हैं जब आप एसीटिक अम्ल की कुछ बूंद उस परखनली में मिलाते हैं जिसमें भरा है।
(i) फिनॉलफ्थलीन
(ii) आसुत जल
(iii) सार्वत्रिक सूचक
(iv) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण
प्र०26.
अमीबा के द्विखण्डन के उस विशेष चरण का नामांकित आरेख खींचिए जिसमें उसका केन्द्रक दीर्धीकृत हो जाता है और उसकी कोशिका झिल्ली में संकीर्णन दृष्टिगोचर होता है।
प्र०27.
कोई छात्र किसी भली-भांति दूरस्थ बिम्ब के प्रतिबिम्ब को उत्तल लेंस द्वारा किसी पर्दे पर फोकसित करता है। तत्पश्चात् वह धीरे-धीरे बिम्ब को लेंस की ओर ले जाता है और हर बार वह लेंस को समायोजित करके बिम्ब के प्रतिबिम्ब को पर्दे पर फोकसित करता है।
(i) वह लेंस को किस दिशा में स्थानान्तरित करता है-पर्दे की ओर अथवा पर्दे से दूर?
(ii) प्रतिबिम्ब के साइज का क्या होता है-यह घटता है अथवा बढ़ता है?
(iii) जब वह बिम्ब को लेंस के अत्यधिक निकट ले जाता है तब पर्दे पर प्रतिबिम्ब कैसा होता है?
Answers
उत्तर 1-
हरे पौधो द्वारा CO2 तथा जल अणुओं का उपयोग कर अपने हरित लवकों के क्लोरोफिल तथा सौर ऊर्जा की उपस्थिति में भोजन बनाने के प्रक्रम को प्रकाश संश्लेषण कहते है।
उत्तर 2-
मरूस्थल व सदाबहार वन प्राकृतिक पारितन्त्र है।
उत्तर 3-
यह दो स्थितियाँ हैं :
(i) जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने P व F बिंदुओं के बीच रखते हैं।
(ii) जब बिम्ब को अवतल दर्पण के सामने F व C बिंदुओं के बीच रखते हैं।
दोनों प्रतिबिम्बों में अंतर :
उत्तर 4-
(i) यह कठोर परन्तु हल्की धातु है।
(ii) इसका नम वायु में भी संक्षारण नहीं होता क्योंकि इसके ऊपर इसके अपने ऑक्साइड की परत बन जाती है।
(iii) यह विद्युत तथा ऊष्मा का अच्छा सुचालक है।
(iv) बहुत-सी धातुओं को उनके ऑक्साइडों से प्राप्त करने के लिए इसे अपचायक के रूप में प्रयोग करते हैं।
उत्तर 5-
उत्तरे 6-
अथवा
उत्तर 7-
परिधीय तंत्रिका तंत्र केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को शरीर के अन्य अंगों से जोड़ता है।
परिधीय तंत्रिका में दो प्रकार की तंत्रिकाएँ होती हैं :
(i) कपाल तंत्रिकाएँ-यह तंत्रिकाएँ मस्तिष्क से प्रारंभ होकर मस्तिष्क के भागों में जाती हैं। मनुष्य में इनकी संख्या 12 जोड़े हैं।
(ii) मेरु तंत्रिकाएँ-ये तंत्रिकाएँ मेरुरज्जु से प्रारंभ होकर शरीर के अन्य अंगों की ओर जाती हैं। मनुष्य में इनकी संख्या 31 जोड़े हैं।
उत्तर 8-
(i) चुबंकीय क्षेत्र में दूरी बढ़ने पर चुबंकीय क्षेत्र की प्रबलता कम हो जाती है क्योंकि चुबंकीय क्षेत्र प्रबलता दूरी के व्युत्क्रमानुपाती है।
(ii) विद्युत धारा के बढ़ाने पर चुबंकीय क्षेत्र तीव्रता अधिक हो जाती है क्योंकि चुबंकीय क्षेत्र तीव्रता विद्युत धारी के मान के समानुपाती होती है।
उत्तर 9-
इस परिपथ को हम सरल कर के इस प्रकार बना सकते हैं :
उत्तर 10-
(i) दो विकल्प :
• घर में गोबरगैस को ईंधन के रूप में प्रयोग करके।
• घर में सोलर कुकर आदि का उपयोग करके।
(ii) अनीता की दादी स्वयं तथा अपने समुदाय को निम्न प्रकार से लाभ पहुँचाएंगी :
• लकड़ी को ईंधन के रूप में जलाने से काफी धुआं उत्सर्जित होता है जिसका बुरा प्रभाव अनीता की दादी की आँखों तथा स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि लकड़ी को ईंधन के रूप में प्रयोग नहीं किया
जाएगा तो वह स्वस्थ रहेंगी।
• लकड़ी को जलाने से राख उत्पन्न होती है जो वायु में घुलकर वायु को प्रदूषित करती है तथा राख के महीन कण सांस के साथ लोगों के शरीर में प्रवेश कर स्वास्थ्य को हानि भी पहुँचाते हैं। यदि अनीता की दादी तथा उनके गाँववाले लकड़ियों को नहीं जलायेंगे तो वायु प्रदूषण नहीं होगा तथा पूरे समुदाय के लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
(iii) अनीता की इस प्रकार की सोच दर्शाती है कि :
• वह सबकी परवाह करती है एवं सबको प्यार करती है।
• वह वातावरण को प्रदूषण रहित रखने के प्रति सजग है।
• वह बुद्धिमान है तथा उसमें पहल करने की योग्यता है।
उत्तर 11-
जो यौगिक, दो या दो से अधिक तत्वों के परमाणुओं के बीच सहसंयोजी आबंधों से बनते हैं, उन्हें सहसंयोजी यौगिक कहते हैं।
सहसंयोजी यौगिकों की आयनिक यौगिकों से भिन्नता-इन यौगिकों के अणु आयनों में विघटित नहीं होते हैं, जबकि आयनिक यौगिक अपनी तरल अवस्था अथवा अपने जलीय विलयनों में धन अथवा ऋण आवेशित आयन बनाते हैं।
सहसंयोजी यौगिकों के विशेष गुण :
(i) इनका गलनांक तथा क्वथनांक ताप कम होता है क्योंकि सहसंयोजी यौगिक उदासीन अणुओं से निर्मित होते हैं तथा अणुओं के मध्य आकर्षण बल बहुत दुर्लभ होता है। अतः ऊष्मीय ऊर्जा की कम मात्रा इस दुर्बल आकर्षण बलं को तोड़ने के लिए आवश्यक होती है।
(ii) यह तरल अथवा विलयन रूप में विद्युत धारा के कुचालक होते हैं।
(iii) इनके अणु कभी भी धन अथवा ऋण आयनों के रूप में विघटित नहीं होते हैं।
उत्तर 12-
• तत्व ‘M’ का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (2, 8, 2) है जो कि आवर्त सारणी के अनुसार समूह-2 तथा आवर्त-3 का सदस्य है तथा इसकी संयोजकता 2 है।
• तीन यौगिकों के सूत्र निम्न हैं :
(i) M(NO3)2
(ii) MSO4
(iii) M3(PO4)2
• ‘M’ तत्व नोबल गैस विन्यास प्राप्त करने के लिये अपने परमाणु के सबसे बाहरी कक्ष के 2 इलेक्ट्रान देकर धन आयन (M2+) बनाएगा।
• प्रकृति-यह एक आयनिक यौगिक है।
उत्तर 13-
• अलैंगिक जनन में कोशिकाओं का विभाजन केवल एकसूत्री विभाजन द्वारा होता है। जब जीव अलैंगिक जनन करते हैं तो DNA की प्रतिकृति बनने जैसी एक बुनियादी घटना घटती है। कोशिकाएँ अपने DNA की प्रतिकृति बनाने के लिए रासायनिक अभिक्रिया करती हैं। यह क्रिया संतान कोशिकाओं में DNA की दो प्रतिकृतियाँ बनाती है और अब उन्हें एक दूसरे से विभाजित होने की आवश्यकता होती है। तथापि DNA की एक प्रतिकृति को वास्तविक कोशिका में रखने के लिए दूसरे DNA प्रतिकृति को बाहर निकालना काफी नहीं होता क्योंकि DNA प्रतिकृतियों में जैव प्रक्रम हेतु कोई नियमबद्ध कोशिकीय संरचना नहीं होती। इसलिए अब DNA प्रतिकृतियाँ अपने साथ एक कोशिकीय यंत्र का निर्माण करती हैं। तथा तब DNA प्रतिकृतियाँ अपने-अपने कोशिकीय यंत्र के साथ अलग हो जाती हैं। प्रभावी रूप से, एक कोशिका दो कोशिकाओं को जन्म देने के लिए विभाजित होती है। यही कारण है कि जीवों के पीढ़ी दर पीढ़ी कई पीढ़ियों तक गुणसूत्रों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता।
उदाहरण : अमीबा में द्विखण्डन द्वारा जनन।
• जनन कोशिकाएँ जीवों द्वारा लैंगिक जनन करने पर अर्धसूत्री विभाजन द्वारा बनती हैं जिनमें गुणसूत्रों की संख्या आधी हो जाती है। इसके पश्चात् जब नर जनन कोशिका अण्डाणु को निषेचित करके युग्मनज बनाती है तो गुणसूत्रों की संख्या पुनः जनक कोशिका के समान हो जाती है। उदाहरण : मनुष्य की प्रत्येक कोशिका में 23 जोड़ी गुणसूत्र होते हैं। शुक्राणुओं तथा अण्डाणुओं में यह संख्या आधी होकर प्रत्येक में 23 गुणसूत्र हो जाती है। जब यह कोशिकाएँ पुनः मिलकर युग्मनज बनाती हैं तो इन गुणसूत्रों की संख्या पुनः 23 जोड़ी हो जाती है।
अथवा
गर्भनिरोध की तीन विधियाँ :
(i) यांत्रिक अवरोध विधि-इस विधि में शारीरिक उपकरणों, जैसे कंडोम, डायफ्राम्स और योनि में रखने वाली अनेक युक्तियों को प्रयोग किया जाता है। इन उपकरणों द्वारा शुक्राणुओं को अण्डकोशिका तक पहुँचने से रोका जाता है इसलिए ये इन दोनों के बीच अवरोध का कार्य करता है।
(ii) शल्यक्रिया. विधि-इस विधि में नर एवं मादा के लिए कई प्रकार की शल्यक्रियाएँ शामिल हैं। नर में, एक छोटे से ऑपरेशन द्वारा पुरुष की शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाता है जिससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रुक जाता है। मादा में, अंडवाहिनी अथवा फेलोपियन नलिका को अवरुद्ध कर दिया जाता है जिससे अंड गर्भाश्य तक नहीं पहुँच पाता। दोनों ही अवस्थाओं में निषेचन नहीं हो पाता।।
(iii) रासायनिक विधि-इस विधि में गर्भनिरोधक शरीर के हार्मोनों के संतुलन में परिवर्तन कर अंड का मोचन ही नहीं होने देते फलस्वरूप निषेचन नहीं हो पाता। इसमें स्त्रियाँ गर्भाधारण रोकने हेतु दो प्रकार की गोलियों का प्रयोग करती हैं-एक मुंह द्वारा लेने वाली तथा दूसरी योनिक। इनमें वो हार्मोन होते हैं जो हार्मोन संतुलन को परिवर्तित करते हैं।
अन्य गर्भनिरोधक उपकरणों, जैसे लूप अथवा कॉपर-T, को गर्भाशय में स्थापित करके भी अनचाहे गर्भ धारण से बचा जा सकता है।
उत्तर 14-
उत्तर 15-
सूर्योदय के समय सूर्य क्षितिज के समीप होता है। क्षितिज के समीप स्थित सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों तक पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से होकर गुजरता है। क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल के सूक्ष्म कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य अर्थात् लाल रंग का होता है। इससे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
कोई प्रेक्षक इस परिघटना की प्रेक्षण चंद्रमा पर नहीं कर सकता क्योंकि यह परिघटना सूर्य के प्रकाश की किरणों की वायुमंडल के कणों द्वारा प्रकीर्णन के कारण ही होती है और चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं होता।
उत्तर 16-
(a) सार्वत्रिक सूचक कुछ प्राकृतिक सूचकों का मिश्रण होता है जो pH स्केल के सभी मानों के लिए अलग-अलग रंग विभिन्न विलयनों के साथ देता है। सार्वत्रिक सूचक किसी विलयन में हाइड्रोजन आयन की विभिन्न सांद्रताओं को विभिन्न रंगों में प्रदर्शित करता है।
(b) विलयन A में फिनॉलफ्थलीन सूचक की बूंद डालने पर गुलाबी रंग देता है अतः विलयन एक प्रकार का क्षार है। विलयन B में मेथिल ऑरेंज की एक बूंद डालने पर वह लाल रंग देता है अतः विलयन एक प्रकार का अम्ल है।
विलयन A विलयन B की अपेक्षा कम हाइड्रोजन आयन देता है। अतः A का pH मान 7 से अधि। क होगा।
(c) Na2CO3 (सोडियम कार्बोनेट) विलयन का pH मान 7 से अधिक है। क्योंकि यह एक क्षारीय लवण है।
NH4Cl (अमोनियम क्लोराइड) विलयन का pH मान 7 से कम है क्योंकि यह एक अम्लीय लवण है।
उत्तर 17-
(a) मनुष्य के हृदय में चार कोष्ठ होने के कारण ऑक्सीकृत तथा अनॉक्सीकृत रक्त शरीर के अंगों में अलग-अलग होकर पहुँचता है। हृदय को बायां व दायां भाग ऑक्सीजनित तथा विऑक्सीजनित रक्त को मिलने से रोकने में लाभदायक होता है। इस तरह का विभाजन शरीर को उच्च दक्षतापूर्ण ऑक्सीजन की पूर्ति करवाता है। मनुष्य जिन्हें उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है उनके लिए यह बहुत लाभप्रद होता है क्योंकि इन्हें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तथा शारीरिक क्षमता बनाए रखने के लिए इस तरह का विभाजन आवश्यक है।
(b) मनुष्य में रक्त के दोहरे परिसंचरण का अर्थ है हृदय में रक्त का दो बार संचरित होना। बाकी शरीर के भागों में रक्त केवल एक बार ही संचरित होता है। हृदय में एक बार ऑक्सीकृत रक्त फेफड़ों द्वारा बाएं आलिंद में तथा दूसरी बार बाकी अंगों से अनॉक्सीकृत रक्त दाएं आलिंद में संचरित होता है। इसका यह लाभ है कि इससे ऑक्सीकृत तथा अनॉक्सीकृत रक्त अलग-अलग रहते हैं। यदि यह विभाजन नहीं होता तो दोनों प्रकार के रक्त आपस में मिल जाते जिससे शरीर के अंगों को पूर्ण रूप से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती तथा इनमें कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। अतः मनुष्य में रक्त का दोहरा परिसंचरण अति आवश्यक है।
उत्तर 18-
अथवा
• जब कुछ चालक तारों द्वारा कुछ विद्युत उपकरण इस प्रकार जुड़े हों कि उनमें से विद्युत प्रवाहित हो सके, उस परिपथ को संकेतों द्वारा दर्शाने को विद्युत परिपथ कहते हैं।
• जब विद्युत परिपथ पूरा होता है तो उसके दो सिरों के बीच विभवांतर उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण उनमें विद्युत प्रवाहित होने लगती है।।
• जब किसी चालक के एक सिरे से दूसरे सिरे के बीच एक कूलॉम के आवेश को प्रवाहित करने के लिए एक जूल कार्य करना पड़ता है तो उसके दोनों सिरों के बीच विभवांतर एक वोल्ट होगा।
उत्तर 19-
(a) दो परखनलियाँ लेकर, एक परखनली में एक संतृप्त हाइड्रोकार्बन यौगिक लीजिए तथा दूसरी परखनली में एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन लीजिए। अब दोनों परखनलियों में थोड़ा-थोड़ा ब्रोमीन जल डालिए। जिस परखनली में ब्रोमीन जल रंगहीन हो जाएगा उसमें असंतृप्त हाइड्रोकार्बन यौगिक है तथा जिस परखनली में ब्रोमीन जल रंगहीन नहीं होगा उस परखनली में संतृप्त हाइड्रोकार्बन यौगिक है।
(b) जब एथेन का वायु में दहन किया जाता है तो कार्बनडाऑक्साइड (CO2) तथा जलवाष्प के साथ उष्मीय ऊर्जा तथा प्रकाश भी उत्सर्जित होता है।
2C2H6 + 7O2 → 4CO2 + 6H2O + उष्मीय ऊर्जा + प्रकाश ऊर्जा
इस अभिक्रिया में ऊर्जा के उत्सर्जन के कारण यह एक उष्माक्षेपी प्रतिक्रिया है।
(c) मेथेन क्लोरीन के साथ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अभिक्रिया करता है तथा क्लोरोमेथेन व हाइड्रोजन क्लोराइड बनाती है।
CH4 + Cl2→ CH3Cl + HCl
इस अभिक्रिया में क्लोरीन परमाणु ने मेथेन के अणु में से एक H परमाणु को प्रतिस्थापित कर दिया है इसलिए इस अभिक्रिया को प्रतिस्थापन अभिक्रिया माना जाता है।
उत्तर 20-
एक जाति के जीवों में जैव विकास में हुए परिवर्तनों के कारण, एक नई जाति के जीवों के बनने को जाति उद्भव कहते हैं। जाति उद्भव के चार कारक :
(i) एक ही जाति के जीवों में परिवर्तनशील वातावरण में रहने के लिए अपने शरीर के लक्षणों में कुछ परिवर्तन लाना।।
(ii) एक ही जाति की समष्टियों का भौगोलिक रूप से विलग होना।
(iii) एक ही जाति की समष्टियों में आनुवंशिक विचलन।
(iv) एक ही जाति के जीवों में आए शारीरिक परिवर्तनों का अगली संतति में जाने के लिए प्राकृतिक चंयन।
एक ही जाति की समष्टियों में आनुवांशिक विचलन, स्वपरागित स्पीशीज़ के जाति उद्भवन का प्रमुख कारक नहीं हो सकता क्योंकि ऐसे पादपों में कभी भी आनुवांशिक विचलन संभव नहीं है।
उत्तर 21-
(a) पुतली : यह नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।
परितारिका : यह एक गहरा पेशीय डायाफ्राम होता है, जो प्रकाश की तीव्रता अनुसार पुतली के साइज़ को नियंत्रित करती है।
क्रिस्टलीय लेंस : यह लेंस विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं से आने वाली किरणों को रेटिना पर फोकसित करता है।
पक्ष्माभी पेशियाँ : ये पेशियाँ आँख के लेंस की फोकस दूरी को वस्तु की दूरी अनुसार परिवर्तित करती है, ताकि हर बार वस्तु का प्रतिबिम्ब आँख की रेटिना पर ही बने।
(b) (i) इस प्रकार के अभियानों को आयोजित करने का उद्देश्य लोगों को नेत्रदान करने के लिए जागरूक तथा प्रेरित करना होता है।
(ii) मृत्यु के पश्चात् लोगों को अपने नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करने हेतु तर्क :
• आपके नेत्रदान द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन के अंधकार को मिटाया जा सकता है।
• आपके द्वारा किए गए नेत्रदान द्वारा जिस व्यक्ति के जीवन की अंधता दूर हुई है वह आपकी मृत्यु के पश्चात् भी आजीवन आपको स्मरण करता रहेगा।
(iii) इस प्रकार के कार्यों में भाग लेकर सक्रिय योगदान देने वाले व्यक्तियों में विकसित मूल्य निम्न हैं :
• जो व्यक्ति ऐसे कार्यों में सक्रिय योगदान देते हैं उन व्यक्तियों में दूसरे व्यक्तियों की सेवा करने का भाव स्वतः ही उत्पन्न होने लगता है।
• ऐसे व्यक्ति इन कार्यों के अतिरिक्त समाज से जुड़े अन्य सुधार कार्यक्रमों, धार्मिक तथा राष्ट्रीय कार्यों, में भी अग्रणी रहते हैं।
SECTION B
उत्तर 22-
(i) दोनों विलयनों को मिलाने पर मिश्रण में बेरियम सल्फेट के सफेद अवक्षेप बनते हैं।
(ii) दस मिनट के बाद वे सफेद अवक्षेप परखनली में नीचे बैठ जाते हैं तथा रंगहीन विलयन ऊपर आ जाता हैं।
उत्तर 23-
(iii) चालक के प्रतिरोध का मान बदल जायेगा।
(iv) प्रतिरोधक गर्म हो जायेगा।
उत्तर 24-
(i) स्टोमेटो छिद्र स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेंगे।
(ii) एक स्टोमेटा छिद्र के साथ दो रक्षी कोशिकाएँ भी दिखाई देंगी। प्रत्येक रक्षी कोशिका में एक केन्द्रक व बहुत से हरित लवक दिखाई देंगे।
उत्तर 25-
(i) फिनॉलफ्थलीन रंगहीन का रंगहीन ही रहता है।
(ii) अम्ल आसुत जल में विलय हो जाता है।
(iii) सार्वत्रिक सूचक का रंग लाल हो जाता है।
(iv) रंगहीन CO2 गैस उत्पादित होती है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
उत्तर 26-
उत्तर 27-
(i) वह लेंस को पर्दे से दूर स्थानान्तरित करता है।
(ii) प्रतिबिम्ब को साइज़ बढ़ता जाता है।
(iii) इस स्थिति में प्रतिबिम्ब अब पर्दे पर नहीं बनता क्योंकि अब प्रतिबिम्ब आभासी होता है।
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