CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4
Board | CBSE |
Class | X |
Subject | Science |
Sample Paper Set | Paper 4 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 4 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
- भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
- प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
- प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
- भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।
SECTION A
प्र०1.
एक ऐसे पादप हार्मोन का नाम लिखिए जो पौधे की वृद्धि को रोकता है। इसी हार्मोन का एक अन्य कार्य भी लिखिए।
प्र०2.
उस ऐल्कोहॉल का नाम व सरंचना सूत्र लिखिए जिसके अणु में तीन कार्बन परमाणु होते हैं।
प्र०3.
सौर भट्टियों में किस प्रकार का दर्पण प्रयोग किया जाता है। इस उपकरण में बहुत अधिक उच्च तापमान कैसे प्राप्त किया जाता है?
प्र०4.
चिपको आन्दोलन क्या था? इस आन्दोलन से पर्यावरण तथा वहाँ के स्थानीय लोगों को क्या लाभ मिला?
प्र०5.
एक धातु M प्रकृति में अपने कार्बोनेट अयस्क के रूप में पाया जाता है। इसका उपयोग लोहे के जस्तीकरण के लिए भी किया जाता है। इस धातु M को पहचानिए तथा इसके इस अयस्क का नाम लिखिए। इसे अयस्क से इस धातु को कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
प्र०6.
(i) पौधों के पुराने जाइलम उत्तक में कौन-से दो व्यर्थ पदार्थ एकत्र हो जाते हैं?
(ii) पौधे किस विधि द्वारा अपने शरीर में अधिक पानी से छुटकारा पाते हैं? उन छिद्रों का नाम भी लिखिए जिनके द्वारा यह विधि पूरी की जाती है?
प्र०7.
(a) जल के वैद्युत अपघटन में एक इलेक्ट्रॉड पर एकत्रित गैस का आयतन, दूसरे इलेक्ट्रॉड पर एकत्रित गैस से दुगुना क्यों होता है?
(b) (i) एक परखनली में पोटैशियम आयोडाइड का विलयन लिया गया है, इसमें लेड नाइट्रेट के विलयन को डालने पर क्या होगा?
(ii) यह अभिक्रिया किस प्रकार की है?
(iii) इस अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
अथवा
आप को तीन परखनलियाँ A, B तथा C दी गई हैं। उनमें क्रमशः आसुत जल, एक अम्लीय विलयन तथा एक क्षारीय विलयन डाले गये हैं। आपको केवल नीले लिटमस पत्र की कतरनें दी गई हैं, इससे आप तीनों की पहचान किस प्रकार करेंगे?
प्र०8.
ग्राही हमारे शरीर में क्या कार्य करते हैं? ऐसी तीन परिस्थितियों के बारे में लिखिए जब हमारे शरीर में ग्राही ठीक से कार्य नहीं करती? इससे हमें किस प्रकार की कठिनाइयाँ हो सकती हैं?
प्र०9.
दिये गये विद्युत परिपथ में यदि 3Ω के प्रतिरोधक में से 1A की विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तो बैटरी कितने वोल्ट की है, ज्ञात कीजिए तथा यह भी बताइए कि परिपथ में कुल कितनी विद्युत धारा प्रवाहित हो रही हैं
प्र०10.
सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण विद्युत संयंत्र के कार्य का सिद्धांत लिखिए। वर्णन कीजिए कि यह संयंत्र किस प्रकार कार्य करता है? इसके ठीक से कार्य करने के लिए एक आवश्यक शर्त लिखिए।
प्र०11.
किसी एल्डिहाइड और किसी कीटोन दोनों को समान अणु सूत्र जैसे C3H6O द्वारा निरूपित किया जा | सकता है। इनकी संरचनाएँ और नाम लिखिए। विज्ञान की भाषा में इन दोनों के बीच के संबंध का उल्लेख कीजिए।
प्र०12.
किसी तत्व ‘X’ की द्रव्यमान संख्या 35 तथा इसमें न्यूट्रॉनों की संख्या 18 है। ‘X’ की परमाणु संख्या और इसका इलेक्ट्रॉन-विन्यास लिखिए। ‘X’ की समूह संख्या, आवर्त संख्या और संयोजकता का उल्लेख भी। कीजिए।
प्र०13.
जनन की परिभाषा लिखिए। स्पीशीज़ की समष्टि को स्थायित्व प्रदान करने में यह किस प्रकार सहायता करता है?
अथवा
जीवों के जनन के संदर्भ में उपयोग होने वाले पद “पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन) की व्याख्या कीजिए। संक्षेप में वर्णन कीजिए कि हाइड्रा जैसे बहुकोशिक जीवों में पुनरुदभवन’ की प्रक्रिया किस प्रकार सम्पन्न होती है?
प्र०14.
“अध्ययन के दो क्षेत्र- ‘विकास’ और ‘वर्गीकरण’ परस्पर जुड़े हैं।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
प्र०15.
किसी दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब, वास्तविक, उलटा और -1 आवर्धन का है। यदि प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी 40 cm है, तो बिम्ब कहाँ स्थित है? यदि बिम्ब को दर्पण की ओर 20 cm स्थानांतरित कर दिया जाए, तो प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए तथा बिम्ब की नई स्थिति के लिए किरण आरेख खींचिए।
प्र०16.
(a) आयनिक यौगिकों के कोई दो भौतिक गुण कारण सहित लिखिए।।
(b) दो ऐसी धातुओं के नाम लिखिए जो पृथ्वी की ऊपरी परत में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं। वह धातुओं की क्रियामाला में किस स्थान पर स्थित हैं?
(c) जो धातु, धातुओं की क्रियामाला में सबसे ऊपर पाई जाती है उन्हें उनके ऑक्साइडों से कार्बन के साथ क्रिया अपचयित करके प्राप्त क्यों नहीं किया जा सकता?
प्र०17.
(a) प्रतिवर्ती क्रिया की परिभाषा लिखिए। इसका क्या महत्त्व है?
(b) पौधे किस प्रकार बाहरी उद्दीपनों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हैं?
प्र०18.
ओम के नियम की परिभाषा लिखिए। प्रयोगशाला में इस नियम को सत्यापित करने के लिए नामांकित विद्युत परिपथ बनाइए। यदि हम किसी चालक के विभवांतर वे उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के बीच ग्राफ बनाएं तो यह ग्राफ किस प्रकार का बनेगा? इस ग्राफ की सहायता से आप उस चालक का प्रतिरोध किस प्रकार ज्ञात करेंगे?
अथवा
(a) यदि एक चालक तार जिस पर विद्युतरोधी कवर चढ़ा है, एक कुण्डली के रूप में है तथा यह कुण्डली चालक के तारों द्वारा एक गैलवेनोमीटर G के साथ जुड़ी हुई है। अब यदि इस कुण्डली में एक छड़ चुबंक का s ध्रुव उसके एक तरफ से :
(i) तेजी से कुण्डली के भीतर डाला जाए।
(ii) तेज़ी से कुण्डली से बाहर निकाला जाए।
(iii) उसे कुण्डली के एक तरफ स्थिर रख दिया जाए। प्रत्येक स्थिति में आप क्या देखेंगे? यदि यही क्रियाएँ N ध्रुव के साथ दोहराई जाएं तो आप क्या प्रेक्षण करेंगे?
(b) इस क्रिया से कौन-सा प्रक्रम जुड़ा है? उसकी परिभाषा लिखिए।
(c) उस नियम को लिखिए जो इनमें से प्रत्येक स्थिति में विद्युत धारा की दिशा बताता है।
प्र०19.
कोई कार्बन यौगिक ‘P’ आधिक्य सांद्र H2SO4 के साथ गर्म किए जाने पर कोई अन्य यौगिक ‘Q’ बनाता है जो निक्कल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से संकलन करके कोई संतृप्त यौगिक ‘R’ बनाता है। ‘R’ का एक अणु, दहन होने पर, कार्बन डाइऑक्साइड के दो अणु तथा जल के तीन अणु बनाता है। P, Q और R को पहचानिए और सम्मिलित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए।
प्र०20.
विकास की परिभाषा लिखिए। यह किस प्रकार होता है? वर्णन कीजिए कि जीवाश्म किस प्रकार विकास के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करते हैं?
प्र०21.
12 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण द्वारा किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए कहा गया
(i) दर्पण के सामने बिम्ब की दूरी का क्या परिसर होना चाहिए?
(ii) बनने वाला प्रतिबिम्ब साइज़ में बिम्ब से छोटा होगा अथवा बड़ा? इस प्रकरण में प्रतिबिम्ब बनना दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए।
(iii) इस बिम्ब का प्रतिबिम्ब कहाँ बनेगा, यदि इसे दर्पण के सामने 24 cm दूरी पर रख दिया। जाए? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए इस स्थिति के लिए भी किरण आरेख खींचिए। उपरोक्त किरण आरेखों में ध्रुव, मुख्य फोकस और वक्रता केन्द्र की स्थितियों को भी दर्शाइए।
SECTION B
प्र०22.
विभवांतर (V) चालक में से जाने वाली विद्युत धारा (I) पर निर्भर करता है, जबकि चालक का प्रतिरोध R है। इसका अध्ययन करने के लिए चार विद्युत परिपथ बनाए गए हैं।
(i) इनमें से कौन-कौन से परिपथ ठीक हैं?
(ii) जो परिपथ ठीक नहीं हैं, उनका कारण बताइए।
प्र०23.
(i) संयोजन अभिक्रिया के विषय में अध्ययन करते समय जब लाइम में पानी डालते हैं तो क्या उत्पाद बनता है व उसका रंग क्या होता है?
(ii) वियोजन अभिक्रिया का अध्ययन करते समय फेरस सल्फेट के क्रिस्टल परखनली में गर्म करने पर जो उत्पाद बनता है उसका नाम व रंग लिखिए।
प्र०24.
पत्ती की झिल्ली की एक रंगीन स्लाईड को जब हम सूक्ष्मदर्शी के उच्च शक्ति लेंस पर देखते हैं तो हम क्या विशेष देखते हैं।
प्र०25.
कोई छात्र एक चम्मच सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण फ्लास्क में लिए गए एथेनॉइक अम्ल में । मिलाता है। उन दो मुख्य प्रेक्षणों की सूची बनाइए, जो उसे फ्लास्क में होने वाली अभिक्रिया के विषय में अपनी नोटबुक में लिखना चाहिए। होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
प्र०26.
कोई छात्र यीस्ट में होने वाले अलैंगिक जनन के विभिन्न चरणों को क्रमवार दर्शाने वाली स्थायी | स्लाइड का प्रेक्षण कर रहा है। इस प्रक्रिया का नाम लिखिए। जो कुछ वह प्रेक्षण करता है, उसे उचित क्रम में, आरेख खींचकर दर्शाइए।
प्र०27.
2.5 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब 10 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ से 15 cm दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और साइज़ ज्ञात करने के लिए किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘O’, मुख्य फोकस F तथा प्रतिबिम्ब की ऊँचाई अंकित कीजिए।
Answers
उत्तर 1-
यह पादप हार्मोन एब्सिसिक अम्ल है।
यह हार्मोन, पतझड़ के मौसम में, पुरानी पत्तियों के गिरने के लिए उत्तरदायी है।
उत्तर 2-
यह ऐल्कोहॉल प्रोपेनॉल है।
संरचना सूत्र :
उत्तर 3-
सौर भट्टियों में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है। बहुत से छोटे-छोटे दर्पणों के संयोग से एक बहुत बड़ी अवतल दर्पण बना लिया जाता है। जब सौर किरणें इस अवतल दर्पण पर पड़ती हैं तो यह दर्पण उनको परावर्तित करके अपने फोकस बिंदु पर एकत्रित कर देता है, इसी कारण इस दर्पण के फोकस बिंदु पर उच्च ताप (लगभग 3000° C तक) प्राप्त कर लिया जाता है। इस उच्च तापमान का उपयोग सौर भट्टी में धातु उपक्रमों के लिए किया जाता है।
उत्तर 4-
चिपको आंदोलन-यह आंदोनल स्थानीय लोगों को वनों के संरक्षण के प्रति एक योगदान का बहुत अच्छा उदाहरण है। चिपको आन्दोलन उत्तराखण्ड के गढ़वाल जिले के ‘रेनी’ गांव से शुरू हुआ था। वहाँ के स्थानीय लोग पेड़ों को ठेकेदारों द्वारा काटने से बचाने के लिए उन पेड़ों के तनों के साथ चिपक कर खड़े हो गये थे ताकि ठेकेदार के लोग उन्हें काट न सकें। बाद में यह आंदोलन तीव्रता से प्रत्येक क्षेत्र में फैल गया जिसके कारण वनों के संरक्षण तथा वातावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिली। स्थानीय लोगों द्वारा किए गए इस आन्दोलन से उस जंगल के पेड़ कटने से बच गये जिसके कारण उनको वनों से मिलने वाले लाभ प्राप्त होते रहे। वनों से न केवल उनको जलाने तथा घर बनाने के लिए लकड़ी, पशुओं के लिए चारा मिला बल्कि पेड़ों के होने से वनों की भूमि का कटाव भी रूक गया।
उत्तर 5-
धातु M जस्ता (जिंक) है। इसका संकेत Zn है। इसका कार्बोनेट अयस्क ZnCO3 है जिसे कैलेमाइन अयस्क कहते हैं।
इस अयस्क से Zn धातु प्राप्त करना :
(i) पहले जिक कार्बोनेट अयस्क को निस्तापन क्रिया द्वारा ज़िकऑक्साइड यौगिक में बदला जाता है। जब जिंक कार्बोनेट को उच्च ताप पर वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो यह विघटित होकर जिंक ऑक्साइड तथा कार्बनडाइऑक्साइड बनाता है।
(ii) अब जिंक ऑक्साइड को कार्बन (कोक) के साथ गर्म करने पर ऑक्साइड का अपचयन हो जाता है, तथा जिंक धातु प्राप्त हो जाती है।
उत्तर 6-
(i) ये दो पदार्थ रेजिन तथा गोंद हैं जो पौधों के पुराने जाइलम उत्तक में एकत्र हो जाते हैं।
(ii) पौधे वाष्पोत्सर्जन विधि द्वारा अपने शरीर में अधिक पानी से छुटकारा पाते हैं। यह विधि पत्तियों के स्टोमेटा छिद्रों द्वारा पूरी की जाती है।
उत्तर 7-
(a) जल के वैद्युत अपघटन (H2O) में, हाइड्रोजन एक परखनली में जाती है तथा ऑक्सीजन दूसरी परखनली में जाती है। अतः जल (H2O) के अणुओं में 2 भाग हाइड्रोजन तथा 1 भाग ऑक्सीजन का होता है। इसलिए कैथोड पर एकत्रित H, गैस का आयतन एनोड पर एकत्रित O, गैस के आयतन से दुगुना होता है।
(b) (i) इस अभिक्रिया में लैड आयोडाइड के पीले अवक्षेप पोटैशियम नाइट्रेट विलयन के साथ प्राप्त होंगे।
(ii) यह द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
(iii)
अथवा
• सबसे पहले तीनों लिटमस पत्र की कतरनों को प्रत्येक परखनली में डाला।
• परखनली A में रखा विलयन नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है जो यह दर्शाता है कि इस परखनली में रखा विलयन अम्लीय है।
• यदि शेष दो विलयनों के रंगों में किसी भी तरह का परिवर्तन नहीं होता तो इससे स्पष्ट होता है कि किसी एक विलयन में आसुत जल है तथा अन्य में क्षारीय विलयन है।
• अब परखनली A को लिटमस पत्र, जो नीले रंग से लाल में परिवर्तित हो गया था, को शेष दो विलयन में बारी-बारी से डाला।
• यदि परखनली B में रखा विलयन लाल लिटमस पत्र को पुनः नीले रंग में परिवर्तित कर देता है तो इससे स्पष्ट होता है कि इस परखनली में क्षारीय विलयन है।
• परखनली C में लाल लिटमस पत्र के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होगा अतः इस परखनली में आसुत जल है।
उत्तर 8-
ग्राही तंत्रिका कोशिकाओं के अंतिम सिरे होते हैं जो संवेदी अंगों में स्थित होते हैं। यह बाहरी उद्दीपनों तथा पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों को शरीर के तंत्रिका तंत्र तक पहुँचाते हैं।
तीन परिस्थितियाँ :
(i) जब हमें जुकाम होता है और नाक बंद हो जाता है।
(ii) आँखों में मोतियाबिंद आ जाने पर।
(iii) कान व गला खराब होने पर।
कठिनाइयाँ :
(i) जब हमारे ग्राही अंग ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर रहे होते हैं तो हमारा शरीर बाह्य परिवर्तनों के प्रति ठीक प्रकार से प्रतिक्रिया नहीं दे पाता है।
(ii) जब हमें बुखार होती है तो हमारी स्वाद ग्रंथियाँ ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पातीं परिणामस्वरूप हमें खाए गए भोजन को स्वाद अच्छा महसूस नहीं होता। इस कारण हमारा एंजाइम स्राव भी प्रभावित होता
उत्तर 9-
उत्तर 10-
सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण विद्युत संयंत्र का सिद्धांत-समुद्रों तथा महासागरों के पृष्ठ-जल का ताप और गहराई के ताप में अंतर से प्राप्त तापीय ऊर्जा को ही महासागरीय तापीय ऊर्जा (Ocean Thermal Energy-OTE) कहते हैं।
सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण संयंत्र (Ocean Thermal Energy Conversion Plant-OTEC) के कार्य-इसके दोहन के लिए OTEC विद्युत संयंत्र का प्रयोग किया जाता है। महासागर के पृष्ठ पर जल के ताप तथा 2 किलोमीटर तक की गहराई पर जल के ताप में 20°C का अंतर हो तो OTEC संयंत्र कार्य करता है। पृष्ठ के तप्त जल का उपयोग अमोनिया जैसे वाष्पशील द्रवों उबालने में किया जाता है। इस प्रकार बने द्रवों के वाष्प फिर जनित्र के टरबाइनों को घुमाते हैं। महासागर की गहराइयों से ठंडे जल को पम्पों से खींचकर वाष्प को ठंडा करके फिर से द्रव में संघनित किया जाता है।
OTEC संयंत्र के ठीक से कार्य करने के लिए आवश्यक शर्त-यह संयंत्र तभी ठीक कार्य कर पाता है। जब दिन के समय समुद्री किनारों के पास अच्छी धूप खिली हो। तब समुद्र के पानी के ऊपरी सतह तथा भीतरी सतह के बीच ताप का काफी अंतर होता है जिससे संयंत्र को अधिक ऊष्मीय ऊर्जा प्राप्त होती है।
उत्तर 11-
दोनों के बीच संबंध-प्रोपेनल एल्डिहाइड के सीमित ऑक्सीकरण से वह प्रोपेनन कीटोन में ऑक्सीकृत हो जाता है। ये दोनों एक दूसरे के समावयव हैं क्योंकि दोनों के आणविक सूत्र समान हैं। परंतु इनका संरचनात्मक सूत्र अलग है। इन दोनों के रासायनिक गुण भी समान नहीं हैं क्योंकि इनका प्रकार्यात्मक समूह भी भिन्न है।
उत्तर 12-
‘X’ की द्रव्यमान संख्या = 35
न्यूट्रॉनों की संख्या = 18
∴’X’ की परमाणु संख्या = द्रव्यमान संख्या – न्यूट्रॉनों की संख्या
= 35 – 18 = 17
K L M
अतः ‘X’ का इलेक्ट्रॉन-विन्यास = 2, 8, 7
उत्तर 13-
जनन-जीवों द्वारा लैंगिक अथवा अलैंगिक प्रजनन विधियों द्वारा अपने ही जैसे जीवों को उत्पन्न करने की प्रक्रिया को जनन कहते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन के लिए अति आवश्यक है।
जनन प्रक्रिया द्वारा किसी स्पीशीज़ की समष्टि में मृत्यु होने के कारण जीवों की संख्या घटने को पुनः पहले। की संख्या के अनुपात के बराबर लाया जा सकता है। इस प्रकार जनन प्रक्रिया किसी भी स्पीशीज़ की समष्टि को एक विशेष स्थान पर स्थायित्व प्रदान करने में सहायक होती है।
अथवा
“पुनरुद्भवन” (पुनर्जनन)-जब किसी छोटे प्राणी का शरीर कुछ विशेष टुकड़ों में बँट जाता है तथा प्रत्येक टुकड़ा एक नये जीव में विकसित हो जाता है तो इसे पुनर्जनन कहते हैं। प्लेनेरिया तथा हाइड्रो जैसे सरल एवं बहुकोशिकीय प्राणी पुनर्जनन दर्शाते हैं।
हाइड्रा में ‘पुनरुद्भवन’ :
(i) यदि हाइड्रा का शरीर कई टुकड़ों में बंट जाता है तो प्रत्येक टुकड़ा अपने खोए हुए अंगों को पुनर्जीवित करके एक पूर्ण हाइड्रो में विकसित हो जाता है।
(ii) इन जीवों में अपने शरीर के अंग की कोशिकाओं से शरीर का पुनर्जनन, विकास तथा वृद्धि की प्रक्रिया द्वारा होता है।
(iii) हाइड्रा के शरीर की कोशिकाओं का कटा हुआ भाग एक संपूर्ण कोशिका/कोशिकाओं का गोला बनाने के लिए विभाजित होता रहता है।
(iv) तब कोशिकाएँ विभिन्न प्रकार के विशेष उत्तक बनाने लगती हैं जो फिर से जीव के पूरे शरीर का निर्माण करते हैं।
उत्तर 14-
जीवों का वर्गीकरण उनकी कुछ मिलती-जुलती समानताओं तथा अंतरों पर आधारित है। जीवों की समानता उनके समूह निर्माण में सहायक है। समूहों से उनका वर्गीकरण सरलता से किया जा सकता है। कुछ जीवों में कुछ आधारभूत विशेषताएँ समान हो सकती हैं। दो संततियों में जितनी विशेषताएँ समान होंगी, वे संततियाँ उतनी ही निकटता से एक-दूसरे से संबंधित होंगी। जितना निकट संबंध उन दोनों संततियों में होगा उससे उनके एक ही पूर्वज के होने का प्रमाण मिलेगा। अतः हम यह कह सकते हैं कि संततियों का वर्गीकरण उनके जैव-विकासीय संबंधों को दर्शाता है।
उत्तर 15-
आवर्धन, m = -1; प्रतिबिम्ब वास्तविक तथा उलटा है; प्रतिबिम्ब की दूरी = -40 cm
उत्तर 16-
(a) आयनिक यौगिकों के कोई दो भौतिक गुण :
(i) इनका गलनांके व क्वथनांक उच्च होता है क्योंकि उनके विपरीत आवेशित आयन परस्पर अधिक वैद्युत आर्कषण बल के कारण जुड़े रहते हैं।
(ii) अपने जल के विलयन के रूप में यह विद्युत धारा के सुचालक होते हैं क्योंकि विलयनों के रूप में इनके आयन स्वतंत्र होकर विद्युत धारा को प्रवाहित कर पाते हैं। –
(b) सोना तथा प्लैटीनम धातु पृथ्वी की ऊपरी परत में स्वतंत्र रूप में पाई जाती हैं। ये धातुएँ, धातुओं की क्रियामाला में नीचे की ओर स्थित होती हैं।
(c) इन धातुओं के ऑक्साइड कार्बन के साथ क्रिया करके अपने कार्बाइड यौगिक बनाते हैं इसलिए इनके ऑक्साइडों का अपचयन कार्बन द्वारा नहीं किया जा सकता।
उत्तर 17-
(a) प्रतिवर्ती क्रिया-बाहरी उद्दीपनों के प्रति अचेतन तथा अनैच्छिक प्रतिक्रिया को प्रतिवर्ती क्रिया कहते है। यह हमारे मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है। उदारहण, गर्म पदार्थ को स्पर्श करने पर हाथ का हटना। ये क्रियाएँ सम्पन्न होने में बहुत कम समय लगता है। महत्त्व-हम बाहर के वातावरण में हुए अचानक परिवर्तनों के प्रति जागरूक होकर उनसे अपने शरीर को सुरक्षित कर सकते है।
(b) पौधे बाहरी उद्दीपनों के प्रति अपनी क्रिया, अनुवर्तनों की गतियों से अपने शरीर के अंगों में वृद्धि द्वारा देते हैं। जैसे-पौधे के तने का प्रकाश की दिशा में वृद्धि करना, जिसे प्रकाशानुवर्तन कहते हैं। कुछ पौधे अपने अंगों की कोशिकाओं में जल के सान्द्रण में परिवर्तन लाकर बाहरी संवेदी क्रियाओं के प्रति क्रिया करते हैं, जैसे-छुई-मुई के पौधे की पत्ती को छूने पर वह अपने पत्रकों को बंद कर लेता है।
उत्तर 18-
ओम के नियम-जब अन्य भौतिक अवस्थाएँ (जैसे तापक्रम आदि) एक समान रहती हैं तो किसी चालक तार में से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा उसके दोनों सिरों के बीच विभवांतर के समानुपाती होती है।
V∝I
V = R x I
या \(\frac { V }{ I }\) = R (स्थिरांक)
अतः V : I का अनुपात स्थिर है। R चालक का प्रतिरोध कहलाता है।
ओम नियम के लिए विद्युत परिपथ तथा V व I के बीच ग्राफ
V व I के बीच ग्राफ एक सीधी रेखा है जो कि ग्राफ के O बिन्दु से गुजरती है।
चालक का प्रतिरोध R ज्ञात करने के लिए ग्राफ रेखा के किसी बिंदु से V तथा I का मान लेकर उसे R = \(\frac { V }{ I }\)
समीकरण में रखकर चालक का प्रतिरोध ज्ञात कर सकते हैं। जैसे कि ऊपर लिखित ग्राफ में, यदि V = 0.4
वोल्ट तो I = 0.1A है तो चालक का प्रतिरोध R = \(\frac { V }{ I }\) = \(\frac { 0.4 }{ 0.1 }\) = 4 Ω (ओम)।
अथवा
(a) (i) जब S ध्रुव को कुण्डली के भीतर ले जाते हैं तो G की सुई A बाईं तरफ मुड़ जाती है।
(ii) जब S ध्रुव को कुण्डली से बाहर निकालते हैं तो G की सुई दाईं तरफ मुड़ जाती है।
(iii) जब S ध्रुव को कुण्डली के पास स्थिर रखा जाता है तो G की सुई 0 (शून्य) पर ही रहती है।
यदि यही क्रिया N ध्रुव के साथ दोहराई जाती है तो
(i) जब N ध्रुव को कुण्डली के भीतर ले जाते है तो G की सुई दाईं तरफ मुड़ जाती है।
(ii) जब N ध्रुव को कुण्डली से बाहर ले जाते है तो G की सुई बाईं तरफ मुड़ जाती है।
(iii) जब N ध्रुव को कुण्डली के पास स्थिर रखते हैं तो G की सुई 0 (शून्य) पर ही रहती है।
(b) इस क्रिया से वैद्युत चुबंकीय प्रेरण प्रक्रम जुड़ा है। इस क्रिया में चालक कुण्डली में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है। वह प्रक्रम जिसके द्वारा किसी चालक को परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने के कारण उस चालक में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, वैद्युत चुबंकीय प्रेरण कहता है।
(c) इस नियम का नाम है फ्लेमिंग का दायां-हस्त नियम। इस
नियमानुसार, “यदि हम अपने दाएं हाथ की तर्जनी, मध्यमा व अंगूठे को परस्पर लंबवत् खींच कर रखें और तब तर्जनी यदि चुबंकीय क्षेत्र की दिशा बताए, अंगूठा चालक तार की गति
की दिशा की ओर संकेत करता है तो मध्यमा चालक तार में उत्पन्न होने वाली प्रेरित विद्युत धारा की दिशा बताएगी।
उत्तर 19-
उत्तर 20-
विकास या जैव विकास-पहले से बने साधारण जीवों से परिवर्तनों के बाद नए जीवों के विकास को जैव विकास कहते हैं।
यह किस प्रकार होता है?-जैव विकास पहले से पाये जाने वाले जीवों की जातियों के जीवों में कुछ विशेष परिवर्तनों के कारण होता है, इस परिवर्तनों को चयन प्रकृति करती है।
जीवाश्म विकास के समर्थन में प्रमाण प्रस्तुत करते हैं-जीवाश्मों के अध्ययन से पता चलता है कि सरल जीवों से ही विभिन्नताओं के बाद उच्च जीवों का विकास हुआ है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि सरल जीवों के जीवाश्म गहरी चट्टानों पर पाये गए हैं जबकि उच्च जीवों के जीवाश्म ऊपरी चट्टानों पर पाये गये है|
उत्तर 21-
(i) अवतल दर्पण में किसी भी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा यदि बिम्ब को दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के मध्य रखा जाए।
फोकस, f= 12 cm
बिम्ब की दूरी का परिसर ‘P’ बिन्दु व ‘F’ बिन्दु के बीच होना चाहिए अर्थात् बिम्ब की दूरी 0 cm < 12 cm के मध्य होनी चाहिए।
(ii) बनने वाली प्रतिबिम्ब साइज़ में बिम्ब से बड़ा तथा सीधा बनेगा।
किरण आरेख :
(iii) इस अवस्था में प्रतिबिम्ब भी दर्पण के सामने 24 cm पर बनेगा। इस दूरी पर प्रतिबिम्ब बिम्ब के ठीक नीचे उलटा बनेगा। इस प्रतिबिम्ब का साइज़ बिम्ब के बराबर होगा।
उत्तर 22-
(i) परिपथ (I) व (III) ठीक हैं।
(ii) परिपथ (II) ठीक नहीं है क्योंकि इसमें एमीटर समान्तर क्रम में जुड़ा है तथा वोल्टमीटर श्रेणी क्रम में जुड़ा हैं, ये दोनों ही गलत क्रम से जुड़े हैं। परिपथ (IV) भी ठीक नहीं है क्योंकि इसमें बैटरी के धन (+) इलेक्ट्रॉड से एमीटर व वोल्टमीटर का ऋण (-) सिरा जुड़ा है।
उत्तर 23-
(i) लाइम में पानी डालने पर ठोस केल्शियम हाइड्रोक्साइड (Ca(OH)2) बनता है। जिसका रंग सफेद है।
(ii) फेरस सल्फेट के क्रिस्टलों को गर्म करने पर उनके हरे रंग के स्थान पर भूरे रंग का फेरिक ऑक्साइड यौगिक, सल्फर डाइऑक्साइड गैस तथा सल्फर ट्राइऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है।
उत्तर 24-
हम उस स्लाईड में निम्नलिखित संरचनाओं को ठीक से देखते हैं।
(i) स्टोमेटा छिद्र
(ii) रक्षी कोशिकाएँ
(iii) रक्षी कोशिकाओं में केन्द्रक व हरित लवक
(iv) निचली त्वचा की कोशिकाएँ।
उत्तर 25-
दो मुख्य प्रेक्षण :
(i) फ्लास्क में बुलबुलों के साथ एक रंगहीन गैस उत्पन्न होती है।
(ii) उत्पन्न गैस रंगहीन चूने के पानी को दूधिया कर देती है। यह गैस CO2 (कार्बनडाइऑक्साइड) है।
अभिक्रिया रासायनिक समीकरण :
उत्तर 26-
इस प्रक्रिया का नाम मुकुलन प्रजनन विधि है।
उत्तर 27-
(i) ho = 2.5 cm, u = -15 cm, f = 10 cm, v = ?, hi = ?
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