कोलंबस का जहाजी सफर – Maharashtra Board Class 9 Solutions for हिन्दी लोकभारती
AlgebraGeometryScience and TechnologyHindi
लघु उत्तरीय प्रश्न
Solution 1:
बचपन से ही कोलंबस जहाज के नाविकों से भारत देश की कहानी सुनता आया था। वह उन कहानियों को सुनकर सोचने लगता ”क्या कभी ऐसा भी दिन आएगा, जब वह जहाज में बैठकर समुद्र पार जाएगा और नए-नए देश देखेगा”। जब उसे जहाज में नौकरी मिल गई तो उसके मन में भारत को ढूँढ़ने की तीव्र उत्सुकता जग उठी। उन दिनों पुर्तगाली नाविक भी भारत का समुद्री मार्ग ढूँढ़ रहे थे। उनका साथ पाने के लिए कोलंबस भी विवाह कर वहीं बस गया और उन नाविकों के साथ कई समुद्री यात्राएँ कीं। भारत का समुद्री मार्ग ढूँढ़ने के लिए जहाज, नाविक तथा पर्याप्त धन की आवश्यकता थी। उसने पुर्तगाल के बादशाह से सहायता माँगी परंतु उसने कोंब्स की बात पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया। आख़िरकार कोलंबस स्पेन के बादशाह से सहायता लेने गया। उसने जेल के कुछ बंदियों को कोलंबस के साथ समुद्री यात्रा पर भेज दिया।
Solution 2:
यात्रा करते हुए दिन पर दिन गुजर गए, परंतु जमीन कहीं नहीं दिखाई दी। मीलों तक पानी ही पानी फैला था। नाविक निराश हो गए, वे घबराकर कोलंबस से वापस स्पेन लौटने की याचना करने लगे। तब कोलंबस ने उन्हें धीरज देते हुए समझाया कि ”घबराइए मत, अब तो जमीन आनेवाली है।” नहीं मानने पर कहता कि खाली हाथ लौटना शर्म की बात है। बहादुर बनो। मूर्ख मत बनो, हम नई दुनिया ढूँढ़ लेंगे मुझे विश्वास है।
Solution 3:
बचपन से ही कोलंबस जहाज के नाविकों से भारत देश की कहानी सुनता आया था। वह उन कहानियों को सुनकर सोचने लगता ”क्या कभी ऐसा भी दिन आएगा, जब वह जहाज में बैठकर समुद्र पार जाएगा और नए-नए देश देखेगा”। जब उसे जहाज में नौकरी मिल गई तो उसकी प्रसन्नता की कोई सीमा न रही। जहाज की नौकरी पाकर उसने अफ़्रीकी देशों की यात्राएँ कीं, व्यापार किया और लड़ाइयों में भाग लिया। उसने कई बार समुद्री यात्राएँ भी कीं। इससे उसका अनुभव और ज्ञान बहुत बढ़ गया। उसकी भौगोलिक समझ भी विकसित हुई। उसने अपने अनुभव के आधार पर पश्चिम में यात्रा कर अमेरिका महाद्वीप का पता लगाया।
Solution 4:
कोलंबस स्पेन के बादशाह से सहायता लेने गया। उसने जेल के कुछ बंदियों को कोलंबस के साथ समुद्री यात्रा पर भेज दिया। वे यात्राओं से अनभिज्ञ एवं अनुभवहीन थे। उन्हें मार्ग का कोई अंदाज नहीं था। उस पर महासागर के तूफान बड़े-बड़े नाविकों के छक्के छूट जाते थे। यात्रा करते हुए दिन पर दिन गुजर गए, परंतु जमीन कहीं नहीं दिखाई दी। मीलों तक पानी ही पानी फैला था। उन्हें लगा कि कोलंबस उन्हें मौत के मुँह में लिए जा रहा है। नाविक निराश हो गए, वे घबराकर कोलंबस से वापस स्पेन लौटने की याचना करने लगे।
हेतुलक्ष्यी प्रश्न
Solution 1:
- इटली के एक नगर जनेवा में एक जुलाहा और उसकी स्त्री कपड़ा बुनते।
- उन दिनों पुर्तगाल बहादुर नाविकों का घर था।
- कोलंबस हारकर स्पेन के बादशाह के पास पहुँचा।
- बहादुर कोलंबस का भी दिल डोलने लगा।
- हमें उसी पुरानी दुनिया में वापिस ले चलिए।
- जमीन लौट क्या आएगी, हमारी मौत आएगी।
Solution 2:
- यह वाक्य नाविकों ने कोलंबस से कहा।
- यह वाक्य कोलंबस ने नाविकों से कहा।
- यह वाक्य कोलंबस ने नाविकों से कहा।
- यह वाक्य कोलंबस ने नाविकों से कहा।
- यह वाक्य कोलंबस ने नाविकों से कहा।
Solution 3:
- छुट्टी का दिन आता तो कोलंबस समुद्र के किनारे पर जा खड़ा होता।
- सत्तर दिन समुद्र में रहने के बाद उनको जमीन देखने को मिली।
Solution 4:
- समुद्र की लहरों को उठते देखकर कोलंबस का मन झूम उठता था।
- पुर्तगाल के बादशाह ने कोलंबस की यात्रा की मदद नहीं की।
- कोलंबस की जहाजयात्रा में उसके नाविक साथी जेलखाने के कैदी थे।
- जमीन न दिखने पर नाविकों ने निश्चय किया कि वे आगे नहीं बढ़ेंगे।
- एक दिन अचानक समुद्रतल पर एक लाठी, लकड़ी का एक तख्ता और लाल बेरों की झाड़ी तैरती हुई दिखाई दी।
- कोलंबस ने नाविकों में घोषणा की कि जो नाविक सबसे पहले स्थल देखेगा उसे बहुत इनाम दिया जाएगा।
भाषा अध्ययन
Solution 1:
- जब, तो
- कि
- के लिए
- कभी, भी
Solution 2:
Solution 3:
- उँगलियाँ
- अमेरिका
- समुद्री
Solution 4:
Solution 5:
Solution 6:
- बींस साल बाद अचानक सामने खड़े दोस्त को वह एकटक देखता रहा।
- नाविक अत्यधिक प्रसन्नता से पागल हो गए।
- एक बार फँस चुका हूँ। फिर से धोखा नहीं खाऊँगा।
Solution 7:
Solution 8:
- सामान्य भूतकाल
- सामान्य वर्तमानकाल
- पूर्ण भूतकाल
Solution 9:
- अब एक कठिनाई सामने आएगी।
- एक जुलाहा और उसकी स्त्री कपड़ा बुने थे।
- उसने आँखें बंद कर ली।
Solution 10:
- समाज की सुरक्षा शिक्षक तथा जवान दोनों पर निर्भर है।
- शिक्षक समाज को समृद्ध बनाता है तथा जवान समाज की रक्षा करता है।
- शिक्षक पर भावी नागरिक निर्माण करने की जिम्मेदारी है।
- इस गद्यखंड के लिए उचित शीर्षक ‘शिक्षक और सैनिक’ है।