मुक्ति की आकांक्षा – Maharashtra Board Class 9 Solutions for हिन्दी लोकभारती
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लघु उत्तरीय प्रश्न
Solution 1:
‘मुक्ति की आकांक्षा’ कविता में स्वतंत्रता का महत्त्व बताया गया है। मनुष्य पशु-पक्षी सभी को स्वतंत्रता प्रिय होती हैं।
पिंजड़े में चिड़िया के लिए अनेक तरह की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं। प्यास लगने पर कटोरी में जल तथा भूख लगने पर उसे चुगने के लिए दाने उपलब्ध है। उसे पिंजड़े में शिकारी का भी डर नहीं। वह बिलकुल स्वच्छन्द होकर चह-चहा सकती है। अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर सकती है।
Solution 2:
‘मुक्ति की आकांक्षा’ कविता में स्वतंत्रता का महत्त्व बताया गया है। मनुष्य पशु-पक्षी सभी को स्वतंत्रता प्रिय होती हैं।
पिंजड़े में चिड़िया के लिए अनेक तरह की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं। प्यास लगने पर कटोरी में जल तथा भूख लगने पर उसे चुगने के लिए दाने उपलब्ध है। उसे पिंजड़े में शिकारी का भी डर नहीं। वह बिलकुल स्वच्छन्द होकर चह-चहा सकती है। अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर सकती है।
Solution 3:
‘मुक्ति की आकांक्षा’ कविता में स्वतंत्रता का महत्त्व बताया गया है। मनुष्य पशु-पक्षी सभी को स्वतंत्रता प्रिय होती हैं।
पिंजड़े में चिड़िया के लिए अनेक तरह की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं। प्यास लगने पर कटोरी में जल तथा भूख लगने पर उसे चुगने के लिए दाने उपलब्ध है। उसे पिंजड़े में शिकारी का भी डर नहीं। वह बिलकुल स्वच्छन्द होकर चह-चहा सकती है। अपनी प्रसन्नता व्यक्त कर सकती है।
पिंजड़े के बाहर चिड़िया को प्यास लगने पर पानी के लिए नदी, समुद्र या झरना तलाशना पड़ेगा। चारा पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा। चिड़िया को बाहर घात लगाए बैठे बहेलिए से भी डर है। चिड़िया बाहरी दुनिया के खतरों से परिचित होते हुए भी निरंतर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करती है।
Solution 4:
‘मुक्ति की आकांक्षा’ कविता में स्वतंत्रता का महत्त्व बताया गया है। मनुष्य पशु-पक्षी सभी को स्वतंत्रता प्रिय होती हैं।
कवि चिड़िया को समझाता है कि वह बंदी जीवन स्वीकार करे और पिंजड़े के बाहर जाने का विचार त्याग दे। पिंजड़े में सारी सुख-सुविधाएँ थी और चिड़िया बाहर के खतरों से परिचित थी फिर भी वह निरंतर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करती है। उसके इस प्रयास से पिंजड़ा टूट जाए या खुल जाए तो चिड़िया उड़ जाएगी। पिंजड़े की लोहे की दीवार भी उसे रोक नहीं पाएगी।
कवि ने बताया है कि सुख-सुविधावाली गुलामी से कष्टदायक स्वतंत्रता ही अच्छी है। स्वतंत्रता में ही जीवन का सच्चा और स्वाभाविक आनंद छिपा हुआ है।
हेतुलक्ष्यी प्रश्न
Solution 1:
- धरती बहुत बड़ी है, जो निर्मम है,
- अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी।
- बाहर दाने का टोटा है, यहाँ चुग्गा मोटा है।
- हरसूँ जोर लगाएगी।
Solution 2:
- कटोरी में भरा जल गटकना है।
- बाहर डर बहेलिए का है।
- धरती बड़ी और निर्मम है।
- मारे जाने की आशंका के होते हुए भी चिड़िया मुक्ति के गीत गाएगी।
Solution 3: