विद्यार्थी और अनुशासन संकेत बिंदु:
- अनुशासन का अर्थ और महत्त्व
- अनुशासन की प्रथम पाठशाला-परिवार
- व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के लिए अनुशासन आवश्यक
- अनुशासन-एक महत्त्वपूर्ण जीवन-मूल्य।
आप अधिक अनुच्छेद लेखन, लेख, घटनाओं, आयोजन, लोग, खेल, प्रौद्योगिकी और अधिक पढ़ सकते हैं।
विद्यार्थी और अनुशासन पर अनुच्छेद लेखन | Paragraph on Vidyarthi aur Anushasan in Hindi
विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – Essay on Vidyarthi aur Anushasan in Hindi
अनुशासन का अर्थ है-आत्मानुशासन अर्थात् स्वतः प्रेरणा से शासित होना। प्रकृति का समस्त कार्य-व्यापार अनुशासन की सूचना देता है। नियमित जीवन जीने का प्रयत्न ही अनुशासन है। अनुशासन किसी वर्ग या आयु विशेष के लोगों के लिए ही नहीं, अपितु सभी के लिए परम आवश्यक होता है। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्त्व है। जो विद्यार्थी जीवन में उचित अनुशासन में रहकर समय व्यतीत करता है, उसका जीवन-क्रम एक ऐसे व्यवस्थित तथा सफल मार्ग पर चलने का अभ्यस्त हो जाता है कि वह विद्यार्थी जीवन में सफलता और सम्मान तो पाता ही है, भविष्य के लिए मार्ग निर्धारण में भी सफल होता है। अनुशासन विद्यार्थी के जीवन में व्यवस्था का वातावरण बनाता है।
इससे नियमित रूप से कार्य करने की क्षमता का विकास होता है। अनुशासन द्वारा कर्तव्य और अधिकार का समुचित ज्ञान होता है। यह एक ऐसा गुण है जिससे मनुष्य सर्वप्रिय बन जाता है। वास्तव में विद्यार्थियों के लिए अनुशासन एक महत्त्वपूर्ण जीवन-मूल्य है। इसके अभाव में विद्यार्थी का जीवन शून्य बन जाता है। अपने भावी जीवन को आनंदमय बनाने के लिए विद्यार्थियों के लिए यह अति आवश्यक है कि वे अनुशासन में रहें। अनुशासन और सफलता का बड़ा घनिष्ठ संबंध है। जहाँ अनुशासन है, वहीं सफलता है और जहाँ अनुशासनहीनता है, वहाँ असफलता है।