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हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘हिंदी व्याकरण‘ हमने व्याकरण के सिद्धांतों, नियमों व उपनियमों को व्याख्या के माध्यम से अधिकाधिक स्पष्ट, सरल तथा सुबोधक बनाने का प्रयास किया है।
सर्वनाम (Sarvanam) की परिभाषा भेद और उदाहरण – Pronoun in Hindi Examples
“राधा ने राधा के मन में सोचा कि राधा कल अवश्य राधा की सहेली के घर राधा की गाड़ी से जाएगी।”
उपर्युक्त वाक्य को पढ़ने से हमें यह वाक्य भद्दा-सा जान पड़ता है। यदि इसमें निहित दोष को दूर करके लिखा जाए तो यह वाक्य निम्न प्रकार होगा :
“राधा ने अपने मन में सोचा कि वह कल अवश्य अपनी सहेली के घर अपनी गाड़ी से जाएगी।”
इस प्रकार हम पाते हैं कि संज्ञा शब्दों के स्थान पर क्रमशः अपने, वह तथा अपनी शब्दों का प्रयोग हुआ है। इस प्रयोग से वाक्य के अर्थ में कहीं कोई परिवर्तन नहीं आया और वाक्य का भद्दापन भी दूर हो गया है। इस आधार पर सर्वनाम की परिभाषा निम्न होगी :
सर्वनाम की परिभाषा
परिभाषा : “संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं।”
निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि भाषा में सुंदरता, संक्षिप्तता, सुविधा तथा सरलता लाने के लिए सर्वनाम का प्रयोग आवश्यक है। सर्वनाम सभी संज्ञाओं के नाम हैं । ये किसी भी संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त किए जा सकते हैं, इसलिए हर भाषा में इनकी संख्या थोड़ी ही होती है; जैसे-मैं, हम, तू, आप, यह, वह, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या आदि। सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा के स्थान पर होता है, इसलिए संज्ञा के समान ही कारक के कारण इनमें विकार या परिवर्तन होता है; जैसे-हमने, हमको, हमसे, मैंने, मुझको, मुझसे आदि। इसे भी संज्ञा की तरह एकवचन या बहुवचन का रूप दिया जा सकता है। किसी भी सलग के लिए प्रयोग करते समय इसके रूप में कोई परिवर्तन नहीं आता; लेकिन इसके संबंध रूप जो विशेषण के अर्थ में प्रयुक्त होते हैं, अपना रूप विशेषण के आधार पर परिवर्तित कर लेते हैं; जैसे-तुम्हारी पुस्तक, मेरा घर, मेरी कक्षा, तुम्हारा परिवार आदि। संज्ञा के समान इनके साथ संबोधन का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
सर्वनाम के भेद(Kinds of Pronoun)
सर्वनाम के निम्नलिखित छह भेद हैं :
- पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
- निश्चयवाचक सर्वनाम (Definite Pronoun)
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
- संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
- प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)
- निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
1. पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)-जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई बात कहता है तो मुख्य रूप से तीन वाचक प्रयुक्त होते हैं।
- वक्ता (बोलने वाला)
- श्रोता (सुनने वाला)
- अन्य (जिसके बारे में कहा जाता है)।
इसी के आधार पर :
“जो सर्वनाम कहने वाले, सुनने वाले या जिसके विषय में कहा जाए उनका बोध कराते हैं, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।”
इसके मुख्य तीन भेद हैं :
- उत्तम पुरुष,
- मध्यम पुरुष,
- अन्य पुरुष।
1. उत्तम पुरुष (First Person) : बोलने वाला या लिखने वाला व्यक्ति अपने लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग करता है, वे ‘उत्तम पुरुष सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे-मैं, हम, हमसब, हमलोग आदि।
2. मध्यम पुरुष (Second Person) : जिसे संबोधित करके कुछ कहा जाए या जिससे बातें की जाएँ या जिसके बारे में कुछ लिखा जाए, उनके नाम के बदले में प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम ‘मध्यम पुरुष सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे-तू, तुम, आप, आपलोग, आपसब।
3. अन्य पुरुष (Third Person) : जिसके बारे में बात की जाए या कुछ लिखा जाए उनके नाम के बदले में प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम अन्य पुरुष सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे-वे, वे लोग, ये, यह, आप।
2. निश्चयवाचक सर्वनाम (Definite Pronoun)-जो सर्वनाम पास की या दूर की वस्तु या व्यक्ति की ओर निश्चित संकेत करते हैं, वे ‘निश्चयवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं। इसके मुख्य दो प्रयोग हैं :
- निकट की वस्तुओं के लिए-यह, ये।
- दूर की वस्तुओं के लिए-वह, वे।
कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जो निश्चयवाचक सर्वनाम तथा पुरुषवाचक सर्वनाम दोनों प्रकार से प्रयुक्त किए जा सकते हैं। इसलिए इनके प्रयोग में सावधानी बरतनी आवश्यक है; जैसे : रोहन कक्षा में प्रथम आया है, इसलिए उसे पुरस्कृत किया जाएगा। (पुरुषवाचक सर्वनाम)
इस वर्ष भी उसी को पुरस्कृत किया जाएगा। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
तुम कहाँ जा रहे हो? (पुरुषवाचक सर्वनाम)
तुम्हीं से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने की आशा की जा रही है। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinits moun)-जिस सर्वनाम के प्रयोग से किसी निश्चित प्राणी या वस्तु का बोध न हो, वे ‘अनिश्चयवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे-कोई, कुछ।
‘कोई’ सर्वनाम का प्रयोग प्रायः प्राणीवाचक सर्वनाम के लिए होता है; जैसे-कोई तुम्हें बुला रहा है, और ‘कुछ’ सर्वनाम का प्रयोग वस्तु या अप्राणीवाचक के लिए होता है; जैसे-काल सेब यहाँ पड़े हैं। कहीं, किसी, कुछ आदि अनिश्चयवाचक सर्वनाम शब्द हैं।
4. संबंधवाचक (Relative Pronoun)-वाक्य में प्रयुक्त दूसरे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों से संबंध दिखाने वाले सर्वनाम ‘संबंधवाचक सर्वनाम’ कहलाते हैं; जैसे-जो, सो, जिसने, उसने, जहाँ, वहाँ आदि भी संबंधवाचक सर्वनाम शब्द हैं।
जो सोएगा, सो खोएगा।
जो करेगा, सो भरेगा।
जिसकी लाठी, उसकी भैंस
जो सत्य बोलता है, वह नहीं डरता।
जो आया है, सो जाएगा।
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)-जिस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए होता है, उसे ‘प्रश्नवाचक सर्वनाम’ कहते हैं; जैसे-कौन, किन्हें, किस आदि प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।
वहाँ सीढ़ियों में कौन खड़ा है?
आज तुमने का खाया?
कल तुम किससे बातें कर रहे थे?
इन सर्वनामों में ‘कौन’ तथा ‘किससे’ प्राणीवाचक के लिए प्रयुक्त हुए हैं तथा ‘क्या’ अप्राणीवाचक के लिए। सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)-इसके अंतर्गत वे सर्वनाम आते हैं, जिनका प्रयोग वक्ता या लेखक स्वयं अपने लिए करते हैं। इस प्रकार-“वक्ता या लेखक जिन सर्वनाम शब्दों का बोध कराता है और अपने लिए जिनका प्रयोग करता है, उन्हें ‘निजवाचक सर्वनाम’ कहते हैं; जैसे : आप, अपने-आप, खुद, निज, स्वतः, स्वयं।
- हमें अपना काम अपने-आप करना चाहिए।
- स्वयं के लिए जीना व्यर्थ है।
- वह स्वतः ही जान जाएगा।
- मैं अपने-आप चला जाऊँगा। (निजार्थक)