हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘हिंदी व्याकरण‘ हमने व्याकरण के सिद्धांतों, नियमों व उपनियमों को व्याख्या के माध्यम से अधिकाधिक स्पष्ट, सरल तथा सुबोधक बनाने का प्रयास किया है।
वचन (Vachan) – परिभाषा, भेद और उदाहरण Number In Hindi Examples
शब्द के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का ज्ञान हो, उसे ‘वचन’ कहते हैं। हिंदी में वचन दो प्रकार के हैं :
- एकवचन
- बहुवचन।
1. एकवचन (Singular Number)- शब्द के जिस रूप से केवल एक ही व्यक्ति या वस्तु का बोध हो, उसे ‘एकवचन’ कहते हैं; जैसे-लड़का, नदी, पुस्तक आदि।
2. बहुवचन (Plural Number)-शब्द के जिस रूप से अधिक व्यक्ति या वस्तु का बोध हो, उसे ‘बहुवचन’ कहते हैं; जैसे-लड़कियाँ, पुस्तकें, नदियाँ आदि।
कुछ शब्द ऐसे भी होते हैं जो सदैव बहुवचन में ही प्रयुक्त किए जाते हैं; जैसे-दर्शन, आँसू, होश, बाल आदि।
- एकवचन – बहुवचन
वचन (Number) – Vachan की उदाहरण
1. अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘अ’ के स्थान पर ‘एं’ करने से:
एकवचन = बहुवचन के उदहारण इस प्रकार हैं : जैसे :
(i) एकवचन – बहुवचन
(ii) बहन – बहनें
(iii) रात – रातें
(iv) बात – बातें
(v) किताब – किताबें
(vi) आँख – आँखें
(vii) कलम – कलमें
2. इ या ई स्त्रीलिंग के अंत में इ या ई के स्थान पर इयाँ करने से : जैसे :
(i) थाली – थालियाँ
(ii) गति – गतियाँ
(iii) देवि – देवियाँ
(iv) टोपी – टोपियाँ
(v) रीति – रीतियाँ
(vi) नदि – नदियाँ
(vii) तिथि – तिथियाँ
(viii) सखी – सखियाँ
3. आ, उ और ऊ अंत वाले स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में आ का एँ करने से : जैसे :
(i) वस्तु – वस्तुएँ
(ii) लता – लताएँ
(iii) सभा – सभाएँ
(iv) गाथा – गाथाएँ
(v) कविता – कविताएँ
(vi) कन्या – कन्याएँ
(vii) बहु – बहुएँ
(viii) माता – माताएँ
4. आ अंत वाले पुल्लिग शब्दों के अंत में आ के स्थान पर ए कर देने से : जैसे :
(i) बच्चा – बच्चे
(ii) बेटा – बेटे
(iii) छाता – छाते
(iv) पंख – पंखे
(v) लड़का – लड़के
(vi) घोड़ा – घोड़े
(vii) संतरा – संतरे
(viii) गध – गधे
5. कुछ आकारांत शब्दों के अंत में अनुस्वार लगाने से : जैसे :
(i) चुहिया – चुहियाँ
(ii) खटिया – खटियाँ
(iii) डिबिया – डिबियाँ
(iv) लुटिया – लुटियाँ
(v) चिड़िया – चिड़ियाँ
(vi) गुड़िया – गुड़ियाँ
6. कई शब्दों के अंत में विशेष शब्द जोड़कर भी उनका बहुवचन प्रकट किया जाता है : जैसे :
(i) बालक – बालकगण
(ii) छात्र – छात्रवृंद
(iii) देव – देवगण
(iv) पक्षी – पक्षीवृंद
(v) पाठक – पाठकवर्ग
(vi) विद्वान – विद्वज्जन
(vii) अकाली – अकालीदल
(viii) सिक्ख – सिक्खलोग
(ix) प्रजा – प्रजाजन
(x) अध्यापक – अध्यापकगण
7. कुछ शब्दों के रूप एकवचन तथा बहुवचन में समान पाए जाते हैं : जैसे :
(i) गिरि – गिरि
(ii) घर – घर
(iii) छाया – छाया
(iv) कल – कल
(v) याचना – याचना
(vi) क्षमा – क्षमा
(vii) पानी – पानी
(viii) जल – जल
(ix) क्रोध – क्रोध
(x) मुनि – मुनि
8. आदर या सम्मान के लिए एकवचन, बहुवचन के रूप में प्रयुक्त होता है; जैसे :
1. आप कहाँ जा रहे हैं?
2. महात्मा गांधी हिंसा के विरोधी थे।