• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • NCERT Solutions
    • NCERT Books Free Download
  • TS Grewal
    • TS Grewal Class 12 Accountancy Solutions
    • TS Grewal Class 11 Accountancy Solutions
  • CBSE Sample Papers
  • NCERT Exemplar Problems
  • English Grammar
    • Wordfeud Cheat
  • MCQ Questions

CBSE Tuts

CBSE Maths notes, CBSE physics notes, CBSE chemistry notes

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Core – गद्य भाग – भारत माता

Contents

  • 1 NCERT Solutions for Class 11 Hindi Core – गद्य भाग – भारत माता
    • 1.1 लेखक परिचय
    • 1.2 पाठ का सारांश
    • 1.3 अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न
    • 1.4 पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न
      • 1.4.1 पाठ के साथ
      • 1.4.2 पाठ के आस-पास
      • 1.4.3 भाषा की बात
    • 1.5 अन्य हल प्रश्न

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Core – गद्य भाग – भारत माता

लेखक परिचय

● जीवन परिचय-जवाहरलाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद के एक संपन्न परिवार में 1889 ई. में हुआ। इनके पिता प्रसिद्ध वकील थे। नेहरू की प्रारंभिक शिक्षा घर पर तथा उच्च शिक्षा इंग्लैंड में हैरो तथा कैम्ब्रिज में हुई। इन्होंने वहीं से वकालत की पढ़ाई की। इन पर गाँधी का बहुत प्रभाव था। उनके आहवान पर वे पढ़ाई छोड़कर आजादी की लड़ाई में जुट गए। 1929 ई. में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के अध्यक्ष बने और पूर्ण स्वतंत्रता की माँग की। इनका झुकाव समाजवाद की ओर भी रहा।
1947 ई. में भारत स्वतंत्र हुआ। ये भारत के पहले प्रधानमंत्री बने तथा जीवनपर्यत भारत के निर्माण में लगे रहे। उन्होंने देश के विकास के लिए कई योजनाएँ बनाई जिनमें आर्थिक और औद्योगिक प्रगति तथा वैज्ञानिक अनुसंधान से लेकर साहित्य, कला, संस्कृति आदि क्षेत्र शामिल थे। बच्चों से इन्हें विशेष लगाव था। वे चाचा नेहरू के रूप में जाने जाते हैं। ये शांति, अहिंसा और मानवता के हिमायती थे। इन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वशांति और पंचशील के सिद्धांतों का प्रचार किया। इनका निधन 1964 ई. में हुआ।

● रचनाएँ-नेहरू जी उच्चकोटि के लेखक भी थे। इन्होंने अंग्रेजी में लिखा। इनकी रचनाओं का हिंदी सहित अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। इनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं-
मेरी कहानी (आत्मकथा), विश्व इतिहास की झलक, हिंदुस्तान की कहानी, पिता के पत्र पुत्री के नाम, लेखों और दुनिया।

पाठ का सारांश

‘भारत माता’ अध्याय हिंदुस्तान की कहानी का पाँचवाँ अध्याय है। इसमें नेहरू ने बताया है कि किस तरह देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर वे आम लोगों को बताते थे कि अनेक हिस्सों में बँटा होने के बाद भी हिंदुस्तान एक है। इस अपार फैलाव के बीच एकता के क्या आधार हैं और क्यों भारत एक देश है, जिसके सभी हिस्सों की नियति एक ही तरीके से बनती-बिगड़ती है। उन्होंने भारत माता शब्द पर भी विचार किया तथा यह निष्कर्ष निकाला कि भारत माता की जय का मतलब है-यहाँ के करोड़ों-करोड़ लोगों की जय।

नेहरू जी का कहना है कि जब वे जलसों में जाते हैं तो वे श्रोताओं से भारत की चर्चा करते हैं। भारत संस्कृत शब्द है और इस जाति के परंपरागत संस्थापक के नाम से निकला है। शहरों में लोग अधिक समझदार हैं। गाँवों में किसानों से देश के बारे में चर्चा करते हैं। वे उन्हें बताते हैं कि देश के हिस्से अलग होते हुए भी एक हैं। वे उन्हें बताते थे कि उत्तर सँ लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक उनकी समस्याएँ एक जैसी है और स्वराज्य सभी के लिए फायदेमंद है।

नेहरू ने सारे भारत की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया कि हर जगह किसानों की समस्याएँ एक-सी हैं-गरीबों, कर्जदारों, पूँजीपतियों के शिकंजे, जमींदार, महाजन, कड़े लगान और सूद, पुलिस के जुल्म। ये सभी बातें विदेशी सरकार की देन हैं तथा सबको इससे छुटकारा पाने के लिए सोचना है। सभी लोगों को देश के बारे में सोचना है। वे . लोगों से चीन, स्पेन, अबीसिनिया, मध्य यूरोप, मिस्र और पश्चिमी एशिया में होने वाले परिवर्तनों का जिक्र करते हैं। वे सोवियत यूनियन व अमरीका की उन्नति के बारे में बताते हैं। किसानों को विदेशों के बारे में समझाना आसान न था किंतु उन्होंने जैसा समझ रखा था वैसा मुश्किल भी न था। इसका कारण यह था कि हमारे महाकाव्यों व पुराणों ने इस देश की कल्पना करा दी थी और तीर्थ यात्रा करने वाले लोगों ने या बड़ी लड़ाइयों में भाग लेने सिपाहियों और कुछ ने विदेशों में नौकरी करके देश-दुनिया की जानकारी दी। सन् तीस की आर्थिक मंदी की वजह से दूसरे देशों के बारे में नेहरू जी के दिए गए उदाहरण लोगों के समझ में आ जाते थे।

जलसों में नेहरू का स्वागत अकसर ‘भारत माता की जय’ के नारे से होता था। वे लोगों से इस नारे का मतलब पूछते तो वे जवाब न दे पाते। एक हट्टे-कट्टे किसान ने भारत माता का अर्थ धरती बताया। उन्होंने पूछा कि कौन-सी धरती? उनके गाँव, जिले, सूबे या पूरे देश की धरती। इस प्रश्न पर फिर सब चुप हो जाते। नेहरू उन्हें बताते हैं कि भारत वह है जो उन्होंने समझ रखा है। इसमें नदी, पहाड़, जंगल, खेत व करोड़ों भारतीय शामिल हैं। भारत माता की जय का अर्थ है–इन सबकी जय। जब वे स्वयं को भारत माता का अंश समझते थे तो उनकी आँखों में चमक आ जाती थी।

शब्दार्थ

पृष्ठ संख्या 114
अकसर-प्राय:। जलसा-समारोह। संस्थापक-स्थापना करने वाला। सयाने-समझदार। गिजा-खुराक। नजरिया-सोचने का तरीका। महबूद-सीमित। मसला-मुद्दा। यक-साँ-एक समान। स्वराज्य-अपना शासन। धुर-और परे। शिकजा-कसने वाला औजार। महाजन-ब्याज पर धन देने वाले। लगान-खेती की जमीन पर बुवाई का कर। सूद-ब्याज। जुल्म-अत्याचार। हासिल-प्राप्त। जुन-अंश। कशमकश-ऊहापोह, पसोपेश।

पृष्ठ संख्या 115
अचरज-हैरानी। तब्दीली-बदलावा जंग-लड़ाई। धावा-हमला, आक्रमण। मंदी-व्यापार में कमी। मुल्क-देश। हवाले-संदर्भ। ताज्जुब-हैरानी। जवाब न बन पाना-उत्तर न दे पाना। किसानी-खेती। सूबा-प्रदेश। अजीज-प्रिय।

पृष्ठ संख्या 116
आँखों में चमक आना-खुशी मिलना।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

1. अकसर जब मैं एक जलसे से दूसरे जलसे में जाता होता, और इस तरह चक्कर काटता रहता होता था, तो इन जलसों में मैं अपने सुनने वालों से अपने इस हिंदुस्तान या भारत की चर्चा करता। भारत एक संस्कृत शब्द है और इस जाति के परंपरागत संस्थापक के नाम से निकला हुआ है। मैं शहरों में ऐसा बहुत कम करता, क्योंकि वहाँ के सुनने वाले कुछ ज्यादा सयाने थे और उन्हें दूसरे ही किस्म के गिज़ा की जरूरत थी। लेकिन किसानों से, जिनका नजरिया महदूद या था, मैं इस बड़े देश की चर्चा करता, जिसकी आज़ादी के लिए हम लोग कोशिश कर रहे थे और बताता कि किस तरह देश का एक हिस्सा दूसरे से जुदा होते हुए भी हिंदुस्तान एक था। मैं उन मसलों का जिक्र करता, जो उत्तर से लेकर दक्खिन तक और पूरब से लेकर पच्छिम तक, किसानों के लिए यक-साँ थे, और स्वराज्य का भी जिक्र करता, जो थोड़े लोगों के लिए नहीं, बल्कि सभी के फायदे के लिए हो सकता था। ‘ (पृष्ठ-114)

प्रश्न

  1. ‘भारत’ शब्द के बारे में लेखक क्या बताता हैं?
  2. लेखक ने शहरी लोगों को ज्यादा सयाना क्यों कहा है?
  3. लेखक को किसानों को हिदुस्तान की एकता बताना क्यों जरूरी लगता था?

उत्तर-

  1. ‘भारत’ शब्द के बारे में लेखक बताता है कि यह संस्कृत का शब्द है और यह इस जाति के परंपरागत संस्थापक ‘ के नाम से निकला हुआ है।
  2. लेखक ने शहरी लोगों को ज्यादा सयाना कहा है, क्योंकि शहरी लोगों की रुचि अलग किस्म की होती है। वे दूसरी बातों में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं। .”
  3. लेखक को हिंदुस्तान की एकता बताता बहुत जरूरी लगता था, क्योंकि गाँव के लोग हिंदुस्तान का अर्थ नहीं समझते थे। लेखक उन्हें बताता कि सारा देश एक है। सारे देश के किसानों की समस्याएँ एक जैसी हैं। सभी लोग स्वराज्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

2. मैं उत्तर-पच्छिम में खैबर के दरें से लेकर धुर दक्खिन में कन्याकुमारी तक की अपनी यात्रा का हाल बताता और यह कहता कि सभी जगह किसान मुझसे एक-से सवाल करते, क्योंकि उनकी तकलीफें एक-सी थीं-यानी गरीबों, कर्जदारों, पूँजीपतियों के शिकंजे, ज़मींदार, महाजन, कड़े लगान और सूद, पुलिस के जुल्म, और ये सभी बातें गुंथी हुई थीं, उस ढद्ढे के साथ, जिसे एक विदेशी सरकार ने हम पर लाद रखा था और इनसे छुटकारा भी सभी को हासिल करना था। मैंने इस बात की कोशिश की कि लोग सारे हिंदुस्तान के बारे में सोचें और कुछ हद तक इस बड़ी दुनिया के बारे में भी, जिसके हम एक जुज़ हैं। मैं अपनी बातचीत में चीन, स्पेन, अबीसिनिया मध्य यूरोप, मिस्र और पच्छिमी एशिया में होनेवाले कशमकशों का ज़िक्र भी ले आता। (पृष्ठ-114)

प्रश्न

  1. लेखक ने कहाँ-कहाँ की यात्रा की? क्यों?
  2. लेखक किससे छुटकारा पाने की बात कर रहा हैं?
  3. लेखक किसानों के दृष्टिकोण में किस प्रकार का परिवर्तन लाना चाहता है?

उत्तर-

  1. लेखक ने उत्तर-पच्छिम में खैबर के दरें से लेकर धुर दक्षिण में कन्याकुमारी तक की यात्रा की थी। वह सारे देश के लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहा था।
  2. लेखक विदेशी शासन से छुटकारा पाने की बात करता है जिसके कारण सभी का शोषण हो रहा है।
  3. लेखक किसानों के दृष्टिकोण में व्यापकता लाना चाहता है। वह कोशिश करता है कि लोग अपने देश के बारे में सोचें। वह उन्हें पूरे विश्व से भी जोड़ना चाहता है। अर्थात् क्षेत्रीयता की भावना त्यागकर पूरे राष्ट्र के बारे में अपनी सोच विकसित करें।

3. मैं उन्हें सोवियत यूनियन में होने वाली अचरज-भरी तब्दीलियों का हाल भी बताता और कहता कि अमरीका ने कैसी तरक्की की है। यह काम आसान न था, लेकिन जैसा मैंने समझ रखा था, वैसा मुश्किल भी न था। इसकी वजह यह थी कि हमारे पुराने महाकाव्यों ने और पुराणों की कथा-कहानियों ने, जिन्हें वे खूब जानते थे, उन्हें इस देश की कल्पना करा दी थी, और हमेशा कुछ लोग ऐसे मिल जाते थे, जिन्होंने हमारे बड़े-बड़े तीर्थों की यात्रा कर रखी थी, जो हिंदुस्तान के चारों कोनों पर हैं। या हमें पुराने सिपाही मिल जाते, जिन्होंने पिछली बड़ी जंग में या और धावों के सिलसिले में विदेशों में नौकरियाँ की थीं। सन् तीस के बाद जो आर्थिक मंदी पैदा हुई थी, उसकी वजह से दूसरे मुल्कों के बारे में मेरे हवाले उनकी समझ में आ जाते थे। (पृष्ठ-115)

प्रश्न

  1. लेखक किन-किन देशों की चर्चा करता था? इसका उद्देश्य क्या था?
  2. लेखक के लिए कौन-सा काम मुश्किल लगता था जो आसान हो गया?
  3. विदेशों के बारे में श्रोता लेखक की बातें किस प्रकार समझ लेते थे?

उत्तर-

  1. लेखक किसानों को सोवियत यूनियन में होने वाले आश्चर्यजनक परिवर्तनों तथा अमरीका की तरक्की के बारे में बताता था। इसका उद्देश्य था-स्वतंत्रता के उपरांत देश का भरपूर विकास करना।
  2. लेखक को ग्रामीणों को देश-विदेश की व्यापक जानकारी देना मुश्किल लग रहा था, क्योंकि इनका दायरा सीमित था। यह कार्य आसान इसलिए हो गया, क्योंकि ग्रामीणों ने महाकाव्यों व पुराणों में अनेक किस्से-कहानी सुन रखे थे।
  3. विदेशों के बारे में श्रोता लेखक की बातों को निम्न कारणों से समझ लेते थे-
    (क) विदेशों की बड़ी लड़ाई में भारतीयों ने भाग लिया था।
    (ख) विदेशों में नौकरी करके आए भारतीय वहाँ के विषय में बताते हैं।
    (ग) तीस की आर्थिक मंदी से किसान परिचित थे।

4. कभी ऐसा भी होता कि जब मैं किसी जलसे में पहुँचता, तो मेरा स्वागत ‘भारत माता की जय!’ इस नारे से ज़ोर के साथ किया जाता। मैं लोगों से अचानक पूछ बैठता कि इस नारे से उनका क्या मतलब है? यह भारत माता कौन है, जिसकी वे जय चाहते हैं। मेरे सवाल से उन्हें कुतूहल और ताज्जुब होता और कुछ जवाब न बन पड़ने पर वे एक-दूसरे की तरफ या मेरी तरफ देखने लग जाते। मैं सवाल करता ही रहता। आखिर एक हट्टे-कटटे जाट ने, जो अनगिनत पीढ़ियों से किसानी करता आया था, जवाब दिया कि भारत माता से उनका मतलब धरती से है। कौन-सी धरती? खास उनके गाँव की धरती या जिले की या सूबे की या सारे हिंदुस्तान की धरती से उनका मतलब है? इस तरह सवाल-जवाब चलते रहते, यहाँ तक कि वे ऊबकर मुझसे कहने लगते कि मैं ही बताऊँ। (पृष्ठ-115)

प्रश्न

  1. नेहरू का स्वागत केसे और क्यों होता था?
  2. लेखक ग्रामीणों से क्या प्रश्न पूछता था? उसका क्या प्रभाव होता?
  3. लगा लखक सं क्यों ऊबने लगते थे?

उत्तर-

  1. जब नेहरू किसी सभा में पहुँचते, तो उनका स्वागत ‘भारत माता की जय!’ के नारे लगाकर किया जाता था। लोग उन्हें स्वतंत्रता सेनानी मानते थे।
  2. लेखक ग्रामीणों से पूछता कि ‘भारत माता की जय!’ नारे से उनका क्या मतलब है? यह भारत माता कौन है जिसकी वे जय चाहते हैं? लेखक के प्रश्न से ग्रामीणों को हैरानी होती और वे एक-दूसरे की तरफ या लेखक की तरफ देखने लग जाते। उनसे कोई जवाब नहीं बनता।
  3. लेखक किसानों से ‘भारत माता’ का अर्थ पूछते थे। जवाब मिलने पर फिर कई तरह के प्रश्न पूछते थे; जैसेकौन-सी धरती? उनके गाँव की धरती या जिले की या सूबे की या सारे हिंदुस्तान की धरती? इस तरह के सवालों से ग्रामीण ऊबने लगते थे।

5. मैं इसकी कोशिश करता और बताता कि हिंदुस्तान वह सब कुछ है, जिसे उन्होंने समझ रखा है, लेकिन वह इससे भी बहुत ज्यादा है। हिंदुस्तान के नदी और पहाड़, जंगल और खेत, जो हमें अन्न देते हैं, ये सभी हमें अजीज हैं, लेकिन आखिरकार जिनकी गिनती है, वे हैं हिंदुस्तान के लोग, उनके और मेरे जैसे लोग, जो इस सारे देश में फैले हुए हैं। भारत माता दरअसल यही करोड़ों लोग हैं, और ‘भारत माता की जय!’ से मतलब हुआ इन लोगों की जय का। मैं उनसे कहता कि तुम इस भारत माता के अंश हो, एक तरह से तुम ही भारत माता हो, और जैसे-जैसे ये विचार उनके मन में बैठते, उनकी आँखों में चमक आ जाती, इस तरह, मानो उन्होंने कोई बड़ी खोज कर ली हो। (पृष्ठ-115-116)

प्रश्न

  1. लेखक ने हिदुस्तान का विस्तृत रूप लोगों को किस तरह समझाया?
  2. किसानों की आँखों में चमक आने का क्या कारण है?
  3. ‘ये सभी हमें अजीज हैं।’ आपको अपने देश में क्या-क्या अजीज लगता है?

उत्तर-

  1. लेखक लोगों को बताता था कि जितना कुछ वे सभी जानते हैं, वह सब हिंदुस्तान है। लेकिन इसके अलावा हिंदुस्तान बहुत विस्तृत है जिसमें यहाँ की नदियाँ, पहाड़, झरने, जंगल, खेत सब कुछ आ जाते हैं। देश के नदी, पहाड़, खेत और हिंदुस्तान के लोग भी भारत माता हैं। ये सारे देश में फैले हुए हैं।
  2. जब लेखक किसानों को ‘भारत माता की जय’ नारे का अर्थ बताते हैं तो उन्हें इस बात का गर्व अनुभव होता है कि वे भी भारत माता के अंग हैं। यह सोचकर उनकी आँखों में चमक आ जाती है।
  3. जिस प्रकार लेखक को हिंदुस्तान से असीम लगाव था, उसी प्रकार मैं भी अपने देश से अगाध प्यार करता हूँ। मैं यहाँ की नदियाँ, पेड़, पहाड़, झरने, सागर, अन्न, खेतों से बहुत लगाव रखता हूँ। इन सबसे बढ़कर मैं यहाँ के लोगों से प्यार करता हूँ। मुझे ये सब अत्यंत अजीज़ हैं।

पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न

पाठ के साथ

प्रश्न 1:
भारत की चर्चा नेहरू जी कब और किससे करते थे?
उत्तर-
भारत की चर्चा नेहरू जी देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर अपने सुनने वालों से किया करते थे। इस विषय की चर्चा ज्यादातर वे किसानों से करते थे। उन्हें लगता था कि किसानों को संपूर्ण भारत के बारे में जानकारी कम है तथा उनका दृष्टिकोण सीमित है। वे उन्हें हिंदुस्तान का नाम भारत देश के संस्थापक के नाम से परंपरा से चला आ रहा है। इस देश का एक हिस्सा दूसरे से अलग होते हुए भी देश एक है। इस भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए आंदोलन की प्रेरणा देते थे।

प्रश्न 2:
नेहरू जी भारत के सभी किसानों से कौन-सा प्रश्न बार-बार करते थे?
उत्तर-
नेहरू जी भारत के सभी किसानों से निम्नलिखित प्रश्न बार-बार करते थे-

(क) वे ‘भारत माता की जय’ से क्या समझते हैं?
(ख) यह भारत माता कौन है?
(ग) वह धरती कौन-सी है जिसे वे भारत माता कहते हैं-गाँव की, जिले की, सूबे की या पूरे हिंदुस्तान की?

प्रश्न 3:
दुनिया के बारे में किसानों को बताना नेहरू जी के लिए क्यों आसान था?
उत्तर-
नेहरू जी के लिए किसानों को दुनिया के बारे में बताना आसान था। इसके निम्नलिखित कारण हैं –

  • महाकाव्यों व पुराणों की कथा-कहानियों से किसान पहले से परिचित थे।
  • तीर्थयात्राओं के कारण देश के चारों कोनों पर है।
  • कुछ सिपाहियों ने प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लिया था।
  • कुछ लोग विदेशों में नौकरियाँ करते थे।
  • 1930 की आर्थिक मंदी के कारण दूसरे मुल्कों के बारे में जानकारी थी।

प्रश्न 4:
किसान सामान्यत: भारत माता का क्या अर्थ लेते थे?
उत्तर-
किसान सामान्यत: ‘भारत माता’ का अर्थ-धरती से लेते थे। नेहरू जी ने उन्हें समझाया कि उनके गाँव, जिले, नदियाँ, पहाड़, जंगल, खेत, करोड़ों भारतीय सभी भारत माता हैं।

प्रश्न 5:
भारत माता के प्रति नेहरू जी की वया अवधारणा थी?
उत्तर-
नेहरू जी की अवधारणा थी कि हिंदुस्तान वह सब कुछ है जिसे उन्होंने समझ रखा है, लेकिन वह इससे भी बहुत ज्यादा है। देश का हर हिस्सा- नदी, पहाड़, खेत आदि सभी इसमें शामिल हैं। दरअसल भारत में रहने वाले करोड़ों लोग हैं, ‘भारत माता की जय’ का अर्थ है-करोड़ों भारतवासियों की जय। इस धारणा का अर्थ है-देशवासियों से ही देश बनता है।

प्रश्न 6:
आजादी से पूर्व किसानों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था?
उत्तर-
आजादी से पूर्व किसानों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता था-
गरीबी, कर्जदारी, पूँजीपतियों के शिकजे में फैंसे रहना, जमींदारों और महाजनों के कर्ज के जाल में फैंसकर तड़पना, लगान की कठोरता से वसूली, पुलिस के अत्याचार, अधिक ब्याज देना तथा विदेशी शासन के अत्याचार।

पाठ के आस-पास

प्रश्न 1:
आजादी से पहले भारत-निर्माण को लेकर नेहरू के क्या सपने थे? क्या आज़ादी के बाद वे साकार हुए? चर्चा कीजिए।
उत्तर-
आज़ादी से पहले भारत निर्माण को लेकर नेहरू के सपने निम्नलिखित थे –

  1. देश में औद्योगिक क्रांति
  2. महाजनी संस्कृति से मुक्ति
  3. विज्ञान व तकनीक का विकास
  4. गरीबी दूर करना।

उनके ये सपने कुछ हद तक पूरे हुए, परंतु पूर्णतः नहीं, भ्रष्टाचार, सरकारी अनिच्छा, वोट की राजनीति आदि के कारण अनेक योजनाएँ सिरे नहीं चढ़ सकी।

प्रश्न 2:
भारत के विकास को लेकर आप क्या सपने देखते हैं?
उत्तर-
भारत के विकास को लेकर मेरा सपना निम्नलिखित है-

(क) सभी भारतीयों को रोटी, कपड़ा व मकान सहजता से मिले।
(ख) शिक्षा का अधिकार सबको मिले।
(ग) देश के कृषि व औद्योगिक क्षेत्रों में विकास हो ताकि लोगों को रोजगार मिले।
(घ) देश में तकनीकी क्रांति आए।
(ङ) देश में शांति का माहौल कायम रहे।

प्रश्न 3:
आपकी दृष्टि में भारत माता और हिंदुस्तान की क्या संकल्पना है? बताइए।
उत्तर-
मेरी दृष्टि में भारत माता या हिंदुस्तान वह देश है जो विभिन्न भौगोलिक सीमाओं से आबद्ध है। उत्तर में हिमालय इसका मस्तक है जो प्रहरी के समान इसकी रात-दिन रक्षा करता है तो दक्षिण में सागर इसके चरणों को पखारता है। अनेक नदियाँ, पहाड़, जंगल, खेत, पशु-पक्षी इसकी शोभा में वृद्धि करते हैं। इस देश का हर निवासी इसका अंश है। इन सबको मिलाकर बना हुआ देश भारत है।

प्रश्न 4:
वर्तमान समय में किसानों की स्थिति किस सीमा तक बदली है? चर्चा कर लिखिए।
उत्तर-
आज किसानों की दशा में क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। अब वे अपने खेतों के मालिक हैं। उन्हें लगान नहीं देना पड़ता। सूखा पड़ने या बाढ़ आने पर उसे मुआवजा मिलता है। उसकी फसलों की खरीद हेतु सरकार न्यूनतम मूल्य घोषित करती है। अच्छे बीज, खाद, कीटनाशक, बिजली, पानी आदि सब पर सरकार भारी सब्सिडी देती है। अब उसे भूखा नहीं मरना पड़ता। खेती के साथ वह छोटे-छोटे कुटीर उद्योग भी लगा सकता है। अब उसे महाजनों, जमींदारों, पुलिस के अत्याचार सहने नहीं पड़ते।

प्रश्न 5:
आजादी से पूर्व अनेक नारे प्रचलित थे। किन्हीं दस नारों का संकलन करें और संदर्भ भी लिखें।
उत्तर-

  1. वंदे मातरम् ! – मातृभूमि की वंदना करने के लिए। (बंकिमचंद्र)
  2. भारत माता की जय! – समस्त भारत-भूमि एवं निवासियों की विजय।
  3. यह हिंद! – हिंद प्रदेश (भारत) की जय! (सुभाष चंद्र बोस)
  4. करो या मरो! – या तो काम करो या देशहित में अपने-आप को बलिदान कर दो। (गांधी जी)
  5. जय जवान! जय किसान! – भारत के किसानों (अन्नदाता और जवानों (रक्षकों)) की जय (शास्त्री जी)
  6. स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, इसे मैं लेकर रहूँगा! – स्वतंत्रता की घोषणा। (तिलक)
  7. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। (सुभाष चंद्र बोस)
  8. आराम हराम है। (नेहरू)
  9. अंग्रेजों भारत छोड़ो (भारतवासी)
  10. सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारी दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाजुए कातिल में है। (रामप्रसाद बिस्मिल)

भाषा की बात

प्रश्न 1:
नीचे दिए गए शब्दों का पाठ के संदर्भ में अर्थ लिखिए-
दक्खिन, पश्चिम, यक-साँ, एक-जुज़, ढद्ढे
उत्तर-

  • दक्खिन – (दक्षिण) भारत का दक्षिणी भाग
  • पच्छिम – (पश्चिम) पाश्चात्य देश
  • यक-साँ – एक जैसा, समान
  • एक जुज़ – एकजुट
  • ढढ्ढे – बोझ

प्रश्न 2:
नीचे दिए गए संज्ञा शब्दों के विशेषण रूप लिखिए-
आज़ादी, चमक, हिंदुस्तान, विदेश, सरकार, यात्रा, पुराण, भारत
उत्तर-
NCERT Solutions for Class 11 Hindi Core - गद्य भाग - भारत माता-1

अन्य हल प्रश्न

बोधात्मक प्रशन

प्रश्न 1:
‘भारत माता’ पाठ का प्रतिपाद्य बताइए।
उत्तर-
‘भारत माता’ अध्याय हिंदुस्तान की कहानी का पाँचवाँ अध्याय है। इसमें नेहरू ने बताया है कि किस तरह देश के कोने-कोने में आयोजित जलसों में जाकर वे आम लोगों को बताते थे कि अनेक हिस्सों में बँटा होने के बाद भी हिंदुस्तान एक है। इस अपार फैलाव के बीच एकता के क्या आधार हैं और क्यों भारत एक देश है, जिसके सभी हिस्सों की नियति एक ही तरीके से बनती-बिगड़ती है। उन्होंने भारत माता शब्द पर भी विचार किया तथा यह निष्कर्ष निकाला कि भारत माता की जय का मतलब है यहाँ के करोड़ों-करोड़ लोगों की जय।

प्रश्न 2:
लोगों की आँखों में कब चमक आ जाती थी?
उत्तर-
नेहरू जी लोगों को बताते थे कि तुम ही भारत माता के अंश हो। एक तरह से तुम ही भारत माता हो। यह बात जब उनकी समझ में आ जाती थी तो उनकी आँखों में चमक आ जाती थी। उन्हें लगता था मानो उन्होंने कोई खोज कर ली हो।

प्रश्न 3:
लेखक गाँवों व शहरों में अपने भाषणों में क्या अंतर रखते थे?
उत्तर-
लेखक देश भर में भ्रमण कर जगह-जगह भाषण देते थे। शहरों में उनके भाषणों का विषय अलग होता था। शहरी लोग शिक्षित व समझदार होते थे। उनकी समस्याएँ भी भिन्न प्रकार की होती थीं। वहाँ नेहरू जी विकास या स्वतंत्रता संबंधी बातें करते थे। गाँव में लोग अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे होते थे। उनका दायरा भी सीमित होता था तथा वे संकीर्ण मानसिकता के थे। देहातों में नेहरू विदेशों की चर्चा करते थे। उन्हें यह समझाते थे कि वे देश का ही एक हिस्सा है। वे देश की एकता पर बल देते थे।

NCERT SolutionsHindiEnglishHumanitiesCommerceScience

Primary Sidebar

NCERT Exemplar problems With Solutions CBSE Previous Year Questions with Solutoins CBSE Sample Papers

Recent Posts

  • Wordfeud Cheat | Game Rules, Interesting Facts, Help, Tricks to win Wordfeud in English
  • ML Aggarwal Class 6 Solutions for ICSE Maths Chapter 7 Decimals Objective Type Questions
  • Multiplication-Decimal Numbers
  • Division-Decimal Numbers
  • Addition and Subtraction-Decimal Numbers
  • What is 368,492 rounded to the nearest ten-thousands?
  • NCERT Exemplar Class 6 Maths Chapter 4 Fractions and Decimals Solutions
  • Whole Numbers
  • Andhra Pradesh SSC Class 10 Solutions For Maths – Statistics
  • CBSE Revision Notes for Class 10 English Footprints Without Feet Chapter 7 The Necklace
  • Real Numbers Class 10 Maths CBSE Important Questions with Solutions
  • Lowest common Multiple
  • Factorization
  • ML Aggarwal Class 6 Solutions for ICSE Maths Chapter 4 Playing with Numbers Ex 4.5
  • Polynomials Class 10 Maths CBSE Important Questions with Solutions

Footer

Maths NCERT Solutions

NCERT Solutions for Class 12 Maths
NCERT Solutions for Class 11 Maths
NCERT Solutions for Class 10 Maths
NCERT Solutions for Class 9 Maths
NCERT Solutions for Class 8 Maths
NCERT Solutions for Class 7 Maths
NCERT Solutions for Class 6 Maths

SCIENCE NCERT SOLUTIONS

NCERT Solutions for Class 12 Physics
NCERT Solutions for Class 12 Chemistry
NCERT Solutions for Class 11 Physics
NCERT Solutions for Class 11 Chemistry
NCERT Solutions for Class 10 Science
NCERT Solutions for Class 9 Science
NCERT Solutions for Class 7 Science
MCQ Questions NCERT Solutions
CBSE Sample Papers
cbse ncert
NCERT Exemplar Solutions LCM and GCF Calculator
TS Grewal Accountancy Class 12 Solutions
TS Grewal Accountancy Class 11 Solutions