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वन के मार्ग में NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 16
अभ्यास प्रश्न
कविता से
प्रश्न 1.
प्रथम सवैया में कवि ने राम-सीता के किस प्रसंग का वर्णन किया है?
उत्तर:
प्रथम सवैया में कवि ने श्रीराम व सीता के अयोध्या से निकलकर वन गमन का वर्णन किया है।
प्रश्न 2.
वन के मार्ग में सीता को होने वाली कठिनाइयों के बारे में लिखो।
उत्तर:
सीता वन के मार्ग पर थोड़ी दूर ही चली थीं कि उनके चेहरे पर पसीने की बूं छलछलाने लगीं। उनके कोमल होंठ सूख गए। अपने कोमल पैरों से सीता को चलना मुश्किल हो रहा था। उनको इतनी थकावट हो गई थी मानो बहुत लम्बा मार्ग तय कर लिया हो।
प्रश्न 3.
सीता की आतुरता देखकर राम की क्या प्रतिक्रिया होती है?
उत्तर:
रामचंद्र जी समझ जाते हैं कि सीता थक गई है और वह सीधे न कहकर मेरी सेवा के बहाने विश्राम करना चाहती है। इसलिए राम बैठकर काफी देर तक अपने पैरों से काँटे निकालते रहते हैं।
प्रश्न 4.
राम बैठकर देर तक काँटे क्यों निकालते रहे?
उत्तर:
राम बैठकर इसलिए काँटे निकालते रहे जिससे की सीता अधिक देर तक विश्राम कर ले क्योंकि सीता को पैदल चलने का अभ्यास नहीं था।
प्रश्न 5.
सवैया के आधार पर बताओ कि दो कदम चलने के बाद सीता का ऐसा हाल क्यों हुआ?
उत्तर:
सीता राजमहलों में पली थी। बिना वाहन के वे कहीं भी न जाती थी। अब उनको वन के कठोर रास्ते पर चलना पड़ रहा था इसलिए चलने का अभ्यास न होने के कारण थोड़ी दूर चलकर ही सीता थक गई।
प्रश्न 6.
‘धरि धीर दए’ का आशय क्या है?
उत्तर:
‘धरि धीए दए’ का आशय है कि सीता धैर्य धारण करके वन के मार्ग में चलने लगी क्योंकि इससे पहले वह कभी इस तरह नहीं चली थी।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
अपनी कल्पना से वन मार्ग का वर्णन करो।
उत्तर:
राम और सीता अयोध्या से निकलकर वन के रास्ते जा रहे थे तो रास्ते में दोनों ओर बड़े-बड़े पेड़ थे। लक्ष्मण भी उनके साथ चल रहे थे। वन का मार्ग ऊबड़-खाबड़ व पथरीला था। आस-पास कहीं पीने का पानी भी नहीं था। ऊपर से गर्मी बहुत पड़ रही थी। चलते समय थोड़ी देर में ही शरीर पसीने से लथपथ हो गया। वन मार्ग काँटों से युक्त था।
जगह-जगह काँटेदार पेड़ पौधे भी थे। इस कारण उनके पैरों में भी काँटे चुभ गए थे। रास्ते में कई छोटे-छोटे गाँव भी पड़ते थे। गाँव के लोग इन सुकुमार राजकुमारों को वन मार्ग से जाते हुए देखकर आश्चर्यचकित हो रहे थे। साथ ही उनको दुःख भी था कि किस प्रकार ये इस कठोर रास्ते से आगे जाएंगे।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
लखि – देखकर
धरि – रखकर
पोंछि – पोंछकर
जानि – जानकर
ऊपर लिखे शब्दों और उनके अर्थ को ध्यान से देखो। हिंदी में जिस उद्देश्य के लिए हम क्रिया में ‘कर’ जोड़ते हैं, उसी के लिए अवधी में क्रिया में (इ) को जोड़ा जाता है, जैसे अवधी में बै + ठि = बैठि और हिंदी में बैठ + कर = बैठकर। तुम्हारी भाषा या बोली में क्या होता है? अपनी भाषा के ऐसे छह शब्द लिखो। उन्हें ध्यान से देखो और कक्षा में बताओ।
उत्तर:
हमारी बोली में कुछ इस प्रकार के शब्द प्रयोग होते हैं:
- उधर – उंघ
- किधर – किंघ
- इधर – इंघ/उरअ
- जागना – जागणा
- रोना-धोना – रोणा-धोणा
- कौन-सा – कौण-स