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बचपन NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 2
संस्मरण से
प्रश्न 1.
उम्र बढ़ने के साथ-साथ लेखिका में क्या-क्या बदलाव हुए हैं? पाठ से मालूम करके लिखो।
उत्तर:
उम्र के साथ-साथ लेखिका के पहनावे में जमीन आसमान का अंतर आ गया है। बचपन में लेखिका रंग-बिरंगे कपड़े पहनती थी। उन्होंने पिछले दशकों में क्रमशः अनेक प्रकार के पहनावे बदले हैं। लेखिका पहले फ्रॉक उसके बाद निकर-वॉकर, स्कर्ट, लहँगे, गरारे और अब चूड़ीदार पजामी और ऊपर से घेरेदार कुर्ता पहनती हैं।
प्रश्न 2.
लेखिका बचपन में इतवार की सुबह क्या-क्या काम करती थीं?
उत्तर:
लेखिका इतवार की सुबह अपने जूते पॉलिश करके चमकाती थी। लेखिका को जूते पॉलिश करके ब्रश या कपड़े से चमकाना अच्छा लगता था।
प्रश्न 3.
‘तुम्हें बताऊँगी कि हमारे समय और तुम्हारे समय में कितनी दूरी हो चुकी है।’ यह कहकर लेखिका क्या-क्या बताती है?
उत्तर:
लेखिका यह कहकर अपने और आज के युग के अंतर को स्पष्ट करती है। लेखिका के बचपन में कुछ घरों में ग्रामोफोन होता था तब रेडियो और टेलीविज़न नहीं थे। पहले कुलफ़ी होती थी अब आइसक्रीम हो गई। कचौड़ी-समोसा पैटीज़ में। बदल गया है। फाल्से और खसखस के शरबत का स्थान कोक और पेप्सी जैसे शीतल पेयों ने ले लिया है। लेखिका के बचपन में कोक और पेप्सी के स्थान पर लैम्नेड, विमटो मिलती थी। चॉकलेट उस समय भी थी। तब चने और अनारदाने को बड़े चाव से खाया जाता था।
प्रश्न 4.
पाठ से पता करके लिखो कि लेखिका के चश्मा लगाने पर उनका चचेरा भाई उन्हें क्यों छेड़ता था?
उत्तर:
लेखिका चिढ़ती थी इसलिए उनका चचेरा भाई उसे चिढ़ाने के लिए और अधिक छेड़ता था। वह उस पर कविता बनाकर उसे लंगूर जैसी शक्ल की बताकर चिढ़ाता था।
प्रश्न 5.
लेखिका बचपन में कौन-कौन सी चीजें मजा ले-ले कर खाती थी?
उत्तर:
लेखिका बचपन में चॉकलेट को बड़े मजे ले-ले कर खाती थी। उनको सप्ताह में एक बार चॉकलेट खरीदने की छूट थी। लेखिका चॉकलेट को साइडबोर्ड पर रख देती थी फिर बिस्तर में लेटकर मजे से खाती थी।
संस्मरण से आगे
प्रश्न 1.
लेखिका की तरह तुम्हारी उम्र बढ़ने से तुम्हारे पहनने-ओढ़ने में क्या-क्या बदलाव आए हैं? उन्हें याद करके लिखो।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
लेखिका के बचपन में ग्रामोफोन, घुड़सवारी, शोरूम में शिमला-कालका ट्रेन का मॉडल और हवाई जहाज की आवाजें ही आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें थीं। आज क्या-क्या आश्चर्यजनक आधुनिक चीजें तुम्हें आकर्षित करती हैं? उनके नाम लिखो।
उत्तर:
पहले की अपेक्षा आज और अधिक आश्चर्यजनक चीजें हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं-टेप रिकार्डर, सी.डी. प्लेयर, मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि।
प्रश्न 3.
अपने बचपन की किसी मनमोहक घटना के बारे में लिखो?
उत्तर:
मेरे बचपन की मनमोहक घटना यह है कि जब मेरा कम्प्यूटर आया उस समय मैं पाँचवीं कक्षा में था। मेरा उस दिन अंतिम पेपर था। जब मैं घर पहुँचा तो मैंने देखा कि कम्प्यूटर आया रखा है। दरअसल मेरा कम्प्यूटर तो दस दिन पहले ही तैयार हो चुका था परन्तु मेरे पिताजी ने मुझे इसलिए बताया नहीं था कि मैं कभी पढ़ाई में ध्यान न दूँ। कम्प्यूटर आने पर मुझे इतना अच्छा लगा कि मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। रात को मुझे ठीक से नींद भी नहीं आई।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1.
कल्पना करो कि तुम अपने माता-पिता के समान बड़े हो गए हो तो अनुमान करके बताओ कि तुम्हारे पहनने-ओढ़ने में क्या-क्या बदलाव हो सकता है और क्यों? इसे अपने दोस्तों को सुनाओ। उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
इस संस्मरण में लेखिका ने अपने बचपन की घटनाओं, यादों और क्रिया-कलापों को बताने की कोशिश की है। तुम बड़े होकर क्या-क्या कर सकते हो? अनुमान के आधार पर बताओ।
उत्तर:
मैं बड़ा होकर वैज्ञानिक बन सकता हूँ। उसके लिए मुझे बड़ा परिश्रम करना पड़ेगा। परिश्रम ही सफलता की कुंजी है यह मैं जानता हूँ। मेरा स्वप्न हवाई जहाज का पायलट बनना भी है समय आने पर देखा जाएगा क्या होता है। अभी तो कर्म करने हैं।
प्रश्न 3.
लेखिका ने इस संस्मरण में सरवर के माध्यम से अपनी बात बताने की कोशिश की है, लेकिन सरवर का कोई परिचय नहीं दिया गया है। अनुमान करके बताओ कि सरवर कौन हो सकता है। उत्तर:
सरवर कोई इण्टरव्यू (साक्षात्कार) लेने वाला हो सकता है। या कोई उनका मित्र या रिश्तेदार।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
क्रियाओं से भी भाववाचक संज्ञाएँ बनती हैं। जैसे मारना से मार, काटना से काट, हारना से हार, सीखना से सीख, पलटना से पलट और हड़पना से हड़प आदि भाववाचक संज्ञाएँ बनी हैं। तुम भी इस संस्मरण से कुछ क्रियाओं को छाँट कर लिखो और उनसे भाववाचक संज्ञा बनाओ।
उत्तर:
क्रियाएँ – भाववाचक संज्ञाएँ क्रियाएँ – भाववाचक संज्ञाएँ
चलन – चाल उभरना – उभार
दौड़ना – दौड़ दोहराना – दोहराव
प्रश्न 2.
संस्मरण में आए अंग्रेजी के शब्दों को छाँटकर लिखो और उनके हिन्दी अर्थ जानो।
उत्तर:
प्रश्न 3.
चार दिन, कुछ व्यक्ति, एक लीटर दूध आदि शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दो तो पता चलेगा कि इसमें चार, कुछ और एक लीटर शब्द से संख्या या परिमाण का आभास होता है, क्योंकि ये संख्यावाचक विशेषण हैं। इसमें भी चार दिन से निश्चित संख्या का बोध होता है, इसलिए इसको निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं और कुछ व्यक्ति से अनिश्चित संख्या का बोध होने से इसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। इसी प्रकार एक लीटर दूध से परिमाण का बोध होता है इसलिए इसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। अब तुम नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ो और उनके सामने विशेषण के भेदों को लिखो –
(क) मुझे दो दर्जन केले चाहिए।
(घ) तुम्हारा सारा प्रयत्न बेकार रहा।
(ख) दो किलो अनाज दे दो।
(ङ) सभी लोग हँस रहे थे।
(ग) कुछ बच्चे आ रहे हैं।
(च) तुम्हारा नाम बहुत सुंदर है।
उत्तर:
(क) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
(ख) परिमाणवाचक विशेषण
(ग) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(घ) परिमाणवाचक विशेषण
(ङ) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(च) (सुंदर) गुणवाचक विशेषण है जबकि बहुत प्रविशेषण है।
प्रश्न 4.
कपड़ों में मेरी दिलचस्पियाँ मेरी मौसी जानती थीं।
इस वाक्य में रेखांकित शब्द ‘दिलचस्पियाँ’ और ‘मौसी’ संज्ञाओं की विशेषता बता रहे हैं, इसलिए ये सार्वनामिक विशेषण हैं। सर्वनाम कभी-कभी विशेषण का काम भी करते हैं। पाठ में से ऐसे पाँच उदाहरण छाँटकर लिखो।
उत्तर:
सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- हम बच्चे इतवार की सुबह इसी में लगाते।
- उन दिनों कुछ घरों में ग्रामोफोन थे।
- हमारा घर माल से ज्यादा दूर नहीं था।
- जब वह चाय पीकर चले गए।
- याद आ गया वह टोपा – काले फ्रेम का चश्मा और लंगूर की सूरत!
कुछ करने को
प्रश्न 1.
क्या तुम अपनी पोशाक से खुश हो? अगर तुम्हें अपनी पोशाक बनाने को कहा जाए तो कैसी पोशाक बनाओगे और पोशाक बनाते समय किन बातों का ध्यान रखोगे? अपनी कल्पना से पोशाक का डिज़ाइन बनाओ।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
तीन-तीन के समूह में अपने साथियों के साथ कपड़ों के नमूने इकट्ठा करके कक्षा में बताओ। इन नमूनों को छूकर देखो और अंतर महसूस करो। यह भी पता करो कि कौन-सा कपड़ा किस मौसम में पहनने के लिए अनुकूल
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3.
हथकरघा और मिल के कपड़े बनाने के तरीके के बारे में आसपास के बड़ों से पता करो। संभव हो तो किसी कपड़े के कारखाने में जाकर भी जानकारी इकट्ठी करो।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 4.
भारत विविधताओं का देश है। यहाँ अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं, तरह-तरह के भोजन खाए जाते हैं, तरह-तरह की पोशाकें पहनी जाती हैं। कक्षा के बच्चे और शिक्षक अपने-अपने इलाकों की वेशभूषा के बारे में बातचीत करें। बच्चे इस काम में परिवार की भी मदद लें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।